गाजियाबाद। सौरव दीक्षित(समाचार संपादक)गुरुवार को लोनी में राम कथा से पहले निकाली गई कलश यात्रा को पुलिस द्वारा रोकने की कोशिश की गई, जिससे हालात बिगड़ गए। लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर और उनके समर्थकों की पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई, जो धक्का-मुक्की में बदल गई। इस दौरान विधायक के कपड़े फट गए, और लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी हरेंद्र मलिक के साथ भी अभद्रता की गई। विरोधस्वरूप विधायक अपने समर्थकों के साथ सड़क पर धरने पर बैठ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आखिरकार यात्रा को जाने देना पड़ा।
घटना का पूरा विवरण
लोनी दो नंबर में 18 से 28 मार्च तक राम कथा का आयोजन हो रहा है। कथा से पहले गुरुवार दोपहर करीब 3:45 बजे, विधायक के नेतृत्व में 500 से अधिक श्रद्धालुओं के साथ कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा जैसे ही संगम विहार इलाके में पहुंची, वहां पहले से तैनात थाना प्रभारी हरेंद्र मलिक और पुलिस टीम ने उसे रोक लिया। पुलिस ने तर्क दिया कि यात्रा के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके चलते इसे आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा।
विवाद और हंगामा
पुलिस के इस कदम से विधायक के समर्थकों में नाराजगी बढ़ गई। पहले कहासुनी हुई, फिर धक्का-मुक्की होने लगी। इस दौरान विधायक नंद किशोर गुर्जर के कपड़े फट गए। पुलिस के रवैये से गुस्साए विधायक वहीं धरने पर बैठ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
स्थिति बिगड़ती देख मौके पर एसीपी भी पहुंचे और हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन हंगामा 20 मिनट तक जारी रहा। अंततः पुलिस को झुकना पड़ा और यात्रा को आगे बढ़ने की अनुमति दे दी गई।
विधायक के गंभीर आरोप
कलश यात्रा कथा स्थल तक पहुंचने के बाद, विधायक ने मंच से कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने लोनी एसडीएम को अनुमति के लिए पत्र दिया था, लेकिन कलश यात्रा के लिए अलग से अनुमति की जरूरत नहीं होती। उन्होंने पुलिस कमिश्नर और लखनऊ के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, यहां तक कि नोएडा के एक मामले में करोड़ों रुपये लेने का दावा भी किया।
विधायक ने मंच से ऐलान किया कि 28 मार्च तक कथा में रहेंगे और फिर लखनऊ जाकर मुख्य सचिव कार्यालय के बाहर आत्मबलिदान करेंगे। उन्होंने कहा, "अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर को जेल नहीं भेजा, तो मैं अन्न-जल त्याग दूंगा, फटे कपड़ों में रहूंगा, चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए।"
पुलिस पर मारपीट और अभद्रता के आरोप
विधायक ने पुलिस पर अपने बेटे नागेश के दोनों पैर तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस ने समर्थकों और महिलाओं के साथ मारपीट की। उन्होंने यहां तक कहा कि पुलिसकर्मी नशे में थे और उन्होंने शराब पी रखी थी।
पुलिस का पक्ष
इस मामले में एसीपी अंकुर विहार अजय कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि कलश यात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने बुधवार रात हितेश गुर्जर (विधायक के बेटे) और उनके समर्थकों से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। गुरुवार सुबह 7:52 बजे थाना प्रभारी ने हितेश से, और फिर 7:56 और 8:20 बजे विधायक नंद किशोर गुर्जर से बात करके यात्रा न निकालने को कहा, लेकिन इसके बावजूद यात्रा निकाली गई।
उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की की गई, और अब इस मामले में जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
यह पूरा मामला कानूनी अनुमति, धार्मिक आयोजन और राजनीतिक तनाव से जुड़ा हुआ है। पुलिस अपनी कार्रवाई को सही ठहरा रही है, जबकि विधायक इसे साजिश बता रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि इस विवाद में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।