गाजियाबाद पुलिस अब जनता से 'तुम-तू' नहीं, 'आप' कहकर करेगी संवाद: CP जे. रविंदर गोड का सख्त आदेश
गाजियाबाद पुलिस अब आम जनता से संवाद करते समय 'तुम' या 'तू' जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करेगी। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गोड ने निर्देश दिए हैं कि सभी पुलिसकर्मी शिष्टाचार के साथ 'आप' शब्द का इस्तेमाल करें। यदि कोई पुलिसकर्मी पीड़ित से ऊंची आवाज में या अशिष्ट व्यवहार करता है तो संबंधित थाना प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
शिष्टाचार संवाद नीति लागू
कमिश्नर ने गाजियाबाद में ‘शिष्टाचार संवाद नीति’ लागू करते हुए सख्त हिदायत दी है कि पुलिसकर्मी जनता से संयमित और सम्मानजनक भाषा में बात करें। आक्रामकता और व्यंग्य से बचें। इसके साथ ही दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं, बच्चे और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के प्रति भी विशेष सम्मान बरतने के निर्देश दिए गए हैं। किसी विकलांग व्यक्ति को 'विकलांग' नहीं बल्कि 'दिव्यांग जन' कहा जाएगा।
महिलाओं की गोपनीयता का विशेष ध्यान
महिला पीड़ितों की सुनवाई केवल महिला पुलिसकर्मी करेंगी और उनकी गोपनीयता पूरी तरह सुरक्षित रखी जाएगी। महिला हेल्प डेस्क पर मामले का निस्तारण अनिवार्य रहेगा। बातचीत में संयमित भाषा का उपयोग किया जाएगा, चाहे वह सरकारी मोबाइल पर हो या निजी मोबाइल पर।
थानों में सुविधाएं सुनिश्चित
थाने पर आने वाले हर व्यक्ति को बैठने के लिए कुर्सी और पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। किसी पीड़ित को अनावश्यक रूप से थाना या चौकी पर नहीं रोका जाएगा। एफआईआर दर्ज कर आरोपी को हवालात में रखा जाएगा। किसी भी महिला को सूर्यास्त के बाद थाने नहीं बुलाया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- पुलिसकर्मी बिना नेमप्लेट या कैप के नहीं दिखेंगे।
- पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर रील्स नहीं बना सकेंगे।
- थाने या चौकी में अगर कोई पुलिसकर्मी अभद्रता करता है तो जनता हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायत कर सकती है।
पुलिस कमिश्नर गोड ने स्पष्ट किया है कि इन आदेशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनका उद्देश्य गाजियाबाद पुलिस की छवि को बेहतर बनाना और जनता का भरोसा फिर से जीतना है।
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