गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-7 में एम्स का सैटेलाइट सेंटर बनने का रास्ता साफ हो गया है। हाल ही में हुई उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में इस परियोजना के लिए 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव पास कर दिया गया है। इस सेंटर के निर्माण पर लगभग 487 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे ट्रांस-हिंडन क्षेत्र के लोगों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मिली गति
गाजियाबाद में एम्स सैटेलाइट सेंटर की स्थापना का विचार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पिछले दौरे के दौरान रखा था। इसके बाद इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया गया। एम्स अधिकारियों ने वसुंधरा, सिद्धार्थ विहार और मंडोला विहार क्षेत्रों में जमीन का निरीक्षण किया, जिसमें वसुंधरा सेक्टर-7 को उपयुक्त स्थान माना गया।
बेहतर कनेक्टिविटी से मरीजों को होगा लाभ
वसुंधरा सेक्टर-7 की लोकेशन इसे आदर्श बनाती है। यह क्षेत्र नमो भारत स्टेशन, एनएच-9, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एलिवेटेड रोड से जुड़ा हुआ है। साथ ही, कौशांबी बस डिपो, आनंद विहार रेलवे स्टेशन और हिंडन एयरपोर्ट भी पास में स्थित हैं, जिससे मरीजों और डॉक्टरों के लिए यहां आना सुगम होगा।
एम्स दिल्ली का भार होगा कम
इस सेंटर के निर्माण से न केवल एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि दिल्ली स्थित एम्स का भार भी कम होगा। ट्रांस-हिंडन क्षेत्र के लोग लंबे समय से सरकारी अस्पताल की मांग कर रहे थे, जिसे यह परियोजना पूरा करेगी।
आगे की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने बताया कि प्रस्ताव पास होने के बाद अब जमीन एम्स को सौंपने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। उत्तर प्रदेश के आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए बेहतरीन जमीन देने के निर्देश दिए थे, जिसके तहत वसुंधरा सेक्टर-7 में जमीन आवंटित की गई है। जल्द ही निर्माण कार्य की अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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