गाजियाबाद नगर निगम में डीजल चोरी का बड़ा मामला सामने आया है। वार्ड-27 के पूर्व पार्षद ललित कश्यप ने नगर निगम के एक वाहन को नोएडा में डीजल बेचते हुए पकड़ लिया। इस मामले में महापौर सुनीता दयाल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया, जबकि दो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही, पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।
कैसे हुआ डीजल चोरी का खुलासा?
पूर्व पार्षद ललित कश्यप ने देखा कि नगर निगम का वाहन पिछले कुछ दिनों से लगातार नोएडा जा रहा था। संदेह होने पर उन्होंने रविवार को वाहन का पीछा किया और नोएडा के गौड़ सिटी इलाके के पास उसे रुकवा लिया।
जब उन्होंने चालक से पूछताछ की, तो उसने तीन मूर्ति नामक स्थान पर डीजल बेचने की बात कबूल की। इसके बाद, महापौर को सूचना दी गई, जिन्होंने नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक से चर्चा कर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
सुपरवाइजर निलंबित, दो कर्मचारी बर्खास्त
नगर निगम के वाहनों को नंदग्राम स्थित सरकारी पेट्रोल पंप से डीजल आपूर्ति की जाती है। लेकिन रविवार को 2,000 लीटर डीजल से भरा एक वाहन चोरी कर बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। पूछताछ में चालक ने संजय नामक कर्मचारी का नाम लिया, जो डीजल चोरी और बिक्री में शामिल था।
इसके बाद,
सुपरवाइजर संजय (स्थायी कर्मचारी) को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
दो आउटसोर्स कर्मचारी, सत्येंद्र तोमर और सत्येंद्र पोद्दार, को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
जोनल सेनेटरी ऑफिसर और संबंधित बाबू को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया।
भविष्य में चोरी रोकने के लिए कदम
1. नगर निगम के पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
2. पेट्रोल पंप का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।
3. पेट्रोल पंप की बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी, ताकि चोरी पर नियंत्रण रखा जा सके।
4. नगर निगम के वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
आगे की कार्रवाई
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