गाजियाबाद में साप्ताहिक बाजारों को हटाने को लेकर चल रहे विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये बाजार पहले की तरह अपने निर्धारित स्थानों पर ही लगते रहेंगे और पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं होगा।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
मामला तब तूल पकड़ा जब पुलिस ने यातायात और आपातकालीन स्थितियों का हवाला देते हुए साप्ताहिक बाजारों को हटाने का प्रयास किया। इस फैसले का विरोध करते हुए लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अनूठे अंदाज में प्रदर्शन किया। उन्होंने न केवल सड़क पर सब्जी बेची, बल्कि नंगे पैर यात्रा की और अन्न त्याग की घोषणा भी कर दी।
विधायक का पक्ष
विधायक गुर्जर का कहना है कि गाजियाबाद में करीब 2 लाख दुकानदार साप्ताहिक बाजारों से अपनी आजीविका चलाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये दुकानदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थक हैं और उनका हक छीना नहीं जा सकता।
क्या होगा आगे?
मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि नगर निगम यदि वैकल्पिक स्थानों की तलाश करना चाहता है, तो यह प्रक्रिया दुकानदारों की सहमति से ही होगी। हालांकि, पुलिस का तर्क था कि साप्ताहिक बाजारों से स्थानीय निवासियों को आवागमन में परेशानी होती है और आपातकालीन स्थितियों में दिक्कतें आती हैं। लेकिन अब मुख्य सचिव के निर्णय के बाद यह बाजार पूर्व की भांति जारी रहेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें