गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। श्मशान घाट परिसर में निर्माणाधीन पानी की टंकी की शटरिंग अचानक गिर गई, जिससे 50 फीट ऊंचाई पर काम कर रहे 8 मजदूर नीचे आ गिरे और मलबे में दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां एक मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा?
मुरादनगर के उखलारसी गांव स्थित श्मशान घाट में पिछले 4 महीनों से पानी की टंकी का निर्माण कार्य चल रहा था। रविवार सुबह 14 मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से 8 मजदूर शटरिंग पर थे और बाकी नीचे सप्लाई का काम संभाल रहे थे। तभी अचानक 50 फीट ऊंची शटरिंग भरभराकर गिर गई। मजदूर मिट्टी और बांस-बल्ली के बीच फंस गए। शटरिंग गिरने की तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने में मदद की।
राहत कार्य और घायलों की स्थिति
सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। नगर पालिका और जल निगम के अधिकारी भी राहत कार्य में जुट गए। सभी घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने एक मजदूर की हालत गंभीर बताई, जबकि बाकी खतरे से बाहर हैं।
घायलों की सूची:
1. विनोद (23) – निवासी पटपड़ागंज, बरेली
2. सत्येंद्र (28) – निवासी पटपड़ागंज, बरेली
3. राहुल (22) – निवासी सैजनी, बदायूं
4. दिनेश (26) – निवासी सानडी, बदायूं
5. रिंकू (24) – निवासी सैजनी, बदायूं
6. वीरेश (22) – निवासी बंदिया, बरेली
7. आदेश (20) – निवासी सैजनी, बदायूं
8. सूरजपाल (25) – निवासी गोविंदपुर, शाहजहांपुर
जांच के आदेश, तीन सदस्यीय कमेटी गठित
हादसे के कारणों की जांच के लिए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी शामिल हैं। जल निगम के अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है और तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
अमृत योजना के तहत हो रहा था निर्माण
नगर पालिका के ईओ डॉ. शैलेंद्र कुमार के अनुसार, यह निर्माण प्रधानमंत्री अमृत योजना के तहत हो रहा था। इस परियोजना के तहत मुरादनगर में 8 नए ओवरहेड टैंक और 50 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जानी है। प्रत्येक टंकी का निर्माण 2.5 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
अधिकारियों की नजर हादसे के कारणों पर
फिलहाल प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि हादसा तकनीकी खामी की वजह से हुआ या फिर इसमें लापरवाही बरती गई थी। जल निगम और ठेकेदार की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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