साहिबाबाद: वसुंधरा में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनने की संभावना बढ़ गई है। एम्स अधिकारियों को जो तीन स्थान दिखाए गए थे, उनमें से वसुंधरा की जमीन को प्राथमिकता दी गई है। आवास विकास परिषद से इस विषय पर चर्चा हुई है और जल्द ही फाइल शासन के पास भेजी जा सकती है।
एम्स अधिकारियों की टीम ने हाल ही में इन तीन स्थानों—वसुंधरा, मंडोला, और सिद्धार्थ विहार—का निरीक्षण किया था। परिषद के अधीक्षण अभियंता अजय कुमार मित्तल के अनुसार, मंडोला और सिद्धार्थ विहार की जमीनों को खारिज कर दिया गया है, जबकि वसुंधरा की जमीन को उपयुक्त पाया गया है। टीम ने इसे एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए उपयुक्त स्थान माना है।
वसुंधरा की जमीन क्यों पसंद आई?
मित्तल ने बताया कि वसुंधरा की जमीन को पसंद किए जाने का कारण केवल दिल्ली के नजदीक होना नहीं है, क्योंकि मंडोला और सिद्धार्थ विहार भी दूरी के मामले में समान हैं। एम्स अधिकारियों ने कई अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि सेंटर के लिए कितनी जमीन की आवश्यकता होगी।
वसुंधरा में खाली है कई हेक्टेयर जमीन
आवास विकास परिषद के अनुसार, वसुंधरा योजना में सेक्टर-2, 5, 7 और 8 में काफी जमीन खाली है। इनमें से सेक्टर-7 और 8 में टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) योजना पहले से प्रस्तावित है। हाल ही में परिषद ने आठ हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई है और अन्य क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने का काम जारी है। आवश्यकता के अनुसार, विभाग अपनी जमीन सेटेलाइट सेंटर के लिए उपलब्ध करा सकता है।
सीएम योगी ने की थी घोषणा
गाजियाबाद में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनाए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा उपचुनाव के पहले एक कार्यक्रम में की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार इस परियोजना को लेकर गंभीर है। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जा चुका है, और जल्द ही काम शुरू होगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ही एम्स अधिकारियों ने जमीन का निरीक्षण किया था।
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