अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ और मुश्किल
1. गाजियाबाद में खुलेगा पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीसी)
गाजियाबाद में 16 जनवरी से संभागीय परिवहन विभाग का पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीसी) शुरू होगा। यहां ड्राइविंग टेस्ट अत्याधुनिक तरीके से लिया जाएगा, जिसमें 108 कैमरे और सिम्युलेटर का उपयोग किया जाएगा।
2. नई प्रक्रिया: सख्त नियमों के तहत होगा टेस्ट
अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों को सिम्युलेटर टेस्ट और 108 कैमरों की निगरानी में टेस्ट पास करना होगा। हर गतिविधि रिकॉर्ड होगी, जिसे देखकर पास या फेल का फैसला किया जाएगा।
3. फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
नए नियमों के लागू होने से ड्राइविंग टेस्ट में फर्जीवाड़ा रुकने की संभावना है। टेस्टिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
4. पुरानी व्यवस्था के अंत
पहले मैनुअल तरीके से ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता था, जिसमें कई बार बिना योग्यता वाले लोग भी पास हो जाते थे। अब तकनीक के उपयोग से ऐसी खामियां खत्म होंगी।
5. दलालों की गतिविधियों पर लगेगा अंकुश
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर दलालों की गतिविधियां सीमित होंगी। डीटीसी में रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी जाएगी, जिसे भविष्य में भी जांचा जा सकेगा।
6. सड़क हादसों में कमी की उम्मीद
योग्य ड्राइवरों को लाइसेंस मिलने से सड़क हादसे कम होंगे। अधिकारियों का दावा है कि यह कदम सड़क सुरक्षा को मजबूत करेगा।
7. वेटिंग हो सकती है बढ़ी
नए नियमों के कारण टेस्ट की संख्या 50% तक कम हो सकती है, जिससे वेटिंग बढ़ने की संभावना है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि प्रक्रिया को सुचारू रखने की कोशिश की जाएगी।
8. क्या है सिम्युलेटर?
सिम्युलेटर वाहन चलाने का अभ्यास कराने वाली एक तकनीक है, जिसमें स्टेयरिंग, ब्रेक, गियर और अन्य उपकरण होते हैं। यह वाहन चलाने के व्यवहार और नियमों की जानकारी का परीक्षण करता है।
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