उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में रविवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। एक मकान के शौचालय के पाइप में छह महीने का इंसानी भ्रूण मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मकान मालिक देवेंद्र उर्फ देवा ने पाइप तोड़कर भ्रूण को बाहर निकाला और तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी।
पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है। भ्रूण को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में मकान में रहने वाले किरायेदारों पर शक जताया जा रहा है, और मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने डीएनए जांच कराने की योजना बनाई है।
डीएनए जांच से सच का पता लगाने की उम्मीद
सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह के अनुसार, घर में रहने वाले सभी किरायेदारों के डीएनए का परीक्षण किया जाएगा। भ्रूण के डीएनए से उसका मिलान कर यह पता लगाया जाएगा कि वह किससे संबंधित है। इस जांच के आधार पर अपराधी की पहचान करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
डीएनए जांच कैसे करती है काम?
डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) हर इंसान के शरीर में एक अनोखा हिस्सा होता है, जिससे व्यक्ति की पहचान की जा सकती है। हर इंसान का डीएनए उसके माता-पिता से जुड़ा होता है। जांच के दौरान भ्रूण के डीएनए को किरायेदारों के डीएनए से मिलाकर यह पता लगाया जाएगा कि उसके माता-पिता कौन हैं।
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