इंदिरापुरम। भाजपा नेता की बेटी के कथित अपहरण की घटना ने पुलिस और इलाके में सनसनी फैला दी थी। लेकिन जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह अपहरण का प्रयास नहीं, बल्कि एक बड़ी गलतफहमी थी। जिस युवक पर अपहरण का आरोप लगा था, वह दरअसल अपनी भतीजी को स्कूल से लाने गया था। लेकिन स्कूल का नाम भूलने की वजह से वह गलती से भाजपा नेता की बेटी के स्कूल पहुंच गया। दोनों बच्चियों का नाम और कक्षा समान होने के कारण यह भ्रम पैदा हो गया।
घटना का पूरा विवरण
29 नवंबर को भाजपा नेता विकास यादव की छोटी बेटी को स्कूल से लाने के लिए एक अनजान व्यक्ति स्कूल पहुंचा था। संदेह के आधार पर बच्ची के अपहरण का आरोप लगाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और वेदांतम ग्लोबल स्कूल के आसपास के 75 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में युवक अजय बाइक पर एक बच्ची को ले जाते हुए दिखाई दिया, जिससे पुलिस को दूसरी बच्ची के अपहरण की आशंका हुई।
पुलिस ने बाइक सवार युवक और बच्ची की पहचान के लिए आगे जांच की। जब पुलिस उस बच्ची के स्कूल पहुंची तो पता चला कि वह मकनपुर निवासी देवेंद्र की बेटी थी। देवेंद्र के परिवार में शादी होने के कारण उनकी पत्नी ने अपने देवर अजय को स्कूल से बच्ची को लाने भेजा था।
गलतफहमी का कारण
अजय को स्कूल का सही नाम याद नहीं था, इसलिए वह पहले भाजपा नेता की बेटी के स्कूल पहुंच गया। वहां से करीब 200 मीटर दूर सही स्कूल में अपनी भतीजी को लेने गया और उसे घर ले आया।
पुलिस की जांच और समाधान
पुलिस ने पूरे मामले की गहनता से जांच की और दोनों परिवारों को थाने बुलाकर बातचीत कराई। एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि यह एक सामान्य गलतफहमी का मामला था। उन्होंने दोनों परिवारों को मामले की सच्चाई से अवगत कराते हुए संतुष्ट किया।
निष्कर्ष
जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि युवक ने कोई अपराध नहीं किया था। यह घटना सिर्फ स्कूल का नाम भूलने और दोनों बच्चियों के नाम व कक्षा समान होने की वजह से हुई गलतफहमी थी। पुलिस ने मामले का निपटारा कर दोनों परिवारों को शांतिपूर्ण समाधान का भरोसा दिलाया।
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