दारोगा पर रिश्वत का मुकदमा दर्ज: कोर्ट के आदेश पर हुआ मुकदमा
गाजियाबाद, मोदीनगर में एक दारोगा पर गोवंश मांस तस्करी के मुकदमे से नाम हटाने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। पीड़ित युवक सबलू का कहना है कि दारोगा ने उससे दो लाख रुपये की मांग की थी। 70 हजार रुपये एडवांस देने के बावजूद उसका नाम मुकदमे से नहीं हटाया गया। जब सबलू ने अपने पैसे वापस मांगे, तो दारोगा ने धमकाकर भगा दिया और झूठे केस में फंसाने की चेतावनी दी।
2022 का मामला:
यह मामला 2022 में भोजपुर थाने में दर्ज हुआ था। उस समय दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर मांस से भरा मिनी ट्रक पकड़ा गया था, जिसकी शिकायत हिंदू संगठनों ने की थी। पुलिस ने मेरठ के फलावदा निवासी सबलू को भी इस मामले में आरोपित किया। सबलू का दावा है कि उसका इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन विवेचना कर रहे दारोगा विपिन कुमार ने नाम हटाने के लिए दो लाख रुपये की मांग की।
रिश्वत और धमकी:
सबलू ने गवाहों की मौजूदगी में 70 हजार रुपये दारोगा को दिए, लेकिन बाकी 1.30 लाख रुपये देने में देरी होने पर दारोगा ने नाम नहीं हटाया। इसके विपरीत, दारोगा ने दबाव बनाने के लिए वर्दी की हनक और झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी दी।
उच्च अधिकारियों से शिकायत और कोर्ट का सहारा:
अपनी शिकायत लेकर सबलू पुलिस उच्चाधिकारियों के पास गया, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर उसने कोर्ट का रुख किया। कोर्ट के आदेश पर भोजपुर थाने में तैनात दारोगा विपिन कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच के आदेश:
मामले की जांच एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय को सौंपी गई है। फिलहाल आरोपी दारोगा की तैनाती आगरा में है। एसीपी ने कहा है कि जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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