गाजियाबाद साइबर क्राइम टीम ने तीन ऐसे साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने देशभर के विभिन्न राज्यों में साइबर धोखाधड़ी की 31 वारदातों को अंजाम दिया। इन घटनाओं में उन्होंने कुल ₹4.5 करोड़ की ठगी की थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गैंग का लीडर पश्चिम बंगाल का निवासी है, जिसने एमएससी कंप्यूटर साइंस किया है। वहीं, दूसरा आरोपी बीएससी पास है।
पकड़े गए आरोपी:
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद राय के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में पश्चिम बंगाल के निवासी अमित राय, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के विवेक, और दिल्ली के राहुल शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, इस गैंग ने सुनियोजित तरीके से देश के अलग-अलग शहरों में साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया।
गैंग का तरीका:
अमित राय, जो गैंग का लीडर है, मेट्रो शहरों में अपने साथियों के साथ ठहरता और पहले बैंकों की रेकी करता था। इसके बाद, वह उन बैंकों को निशाना बनाता जहां बड़े अमाउंट के चेक जमा किए जाते थे। वह बैंक के कर्मचारी या गार्ड से झूठ बोलकर ड्रॉप बॉक्स से चेक निकालता और फिर केमिकल का उपयोग कर पेयर के नाम को मिटाकर अपने या अन्य खातों में जमा करवा देता। इसके लिए उन्होंने गरीब लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवाए, जिनके बदले उन्हें ₹5,000-₹7,000 प्रति खाता दिए जाते थे।
प्रमुख घटनाएं:
गुजरात के राजकोट में ऋद्धि शाह के साथ ₹3.66 करोड़ की ठगी।
अहमदाबाद के जिग्नेश भाई के साथ ₹44 लाख की धोखाधड़ी।
आनंद निवासी किशोर भाई से ₹39,000 की ठगी।
अन्य आरोपी फरार:
पुलिस अभी गैंग के अन्य सदस्यों – उत्तम दा, मुकेश चौहान, विक्की यादव, और राहुल – की तलाश कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इनकी गिरफ्तारी से और भी वारदातों का खुलासा हो सकेगा।
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