गाजियाबाद में वकीलों की हड़ताल के बावजूद अदालतों का कामकाज सुचारू रूप से जारी है। आम तौर पर ऐसी स्थिति में न्यायालय का काम ठप हो जाता है, लेकिन गाजियाबाद की अदालतों ने नई मिसाल कायम की है। पिछले आठ दिनों में विभिन्न अदालतों ने 2756 मामलों का निपटारा किया।
वादकारियों ने खुद रखा पक्ष
इन मामलों में शासकीय अधिवक्ताओं और वादकारियों के परिजनों ने अदालत में बहस की। इसके अलावा, इस दौरान 370 नए मुकदमे भी दर्ज हुए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुमार मिताक्षर के अनुसार, किसी भी वादकारी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है। जिन मामलों में वादकारी खुद को असमर्थ समझते हैं, वहां अधिवक्ता की आवश्यकता होती है।
उन्होंने बताया कि वकीलों की अनुपस्थिति में प्राधिकरण द्वारा डिफेंस काउंसिल को पैरवी के लिए नियुक्त किया जाता है। आठ दिनों में निस्तारित अधिकांश मामलों में वादकारियों ने स्वयं अपना पक्ष रखा।
सामान्य स्थिति में 3,500 केसों का होता है निपटारा
सामान्य परिस्थितियों में गाजियाबाद की अदालतों में प्रतिदिन चार से पांच हजार मामले सुने जाते हैं और 500-600 का निस्तारण होता है। हड़ताल से पहले 21 से 28 अक्तूबर के बीच 3,570 मामलों का निपटारा हुआ था। लेकिन 29 अक्तूबर को हुए लाठीचार्ज के बाद से वकीलों ने अदालतों में जाना बंद कर दिया। नवंबर में वकीलों ने वादकारियों को भी अदालत में प्रवेश नहीं करने दिया था।
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