साहिबाबाद: क्रेडिट और डेबिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का झांसा देकर 11 महीनों में 36 लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले चार शातिर आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इंदिरापुरम के अभयखंड से सोमवार रात इन ठगों को पकड़ा गया। आरोपी बैंक कर्मचारी या कस्टमर केयर अधिकारी बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 22 क्रेडिट और डेबिट कार्ड, 24 चेकबुक, चार स्वाइप मशीन और अन्य सामान बरामद किया है। एसीपी रजनीश उपाध्याय ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 निवासी अजीत उर्फ अरविंद (गिरोह का सरगना), दिल्ली के गोकुलपुर निवासी रोबिन, कानपुर देहात निवासी आलोक और बहराइच निवासी रिजवान शामिल हैं। गिरोह का एक अन्य सदस्य विनीत अभी फरार है।
गिरोह का संचालन और ठगी का तरीका
गिरोह के सरगना अजीत उर्फ अरविंद ने जनवरी 2024 में जेल से छूटने के बाद ठगी की वारदात शुरू की। उसने इंदिरापुरम में फर्जी दस्तावेज के जरिए आरएच इंटरप्राइजेज नाम से फर्म खोली, जहां से गिरोह का संचालन होता था।
आरोपियों ने आधार और पैन कार्ड को एडिट करके फर्जी नाम-पते तैयार किए। इसके जरिए सिम कार्ड खरीदे और बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए। फिर, क्रेडिट और डेबिट कार्ड धारकों को फोन कर रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का लालच देकर एक लिंक भेजते थे। लिंक पर क्लिक करते ही पीड़ित के मोबाइल का कंट्रोल उनके पास चला जाता था, जिससे वे पीड़ित के बैंक खाते से पैसे निकाल लेते थे।
आरोपियों की पृष्ठभूमि
अजीत उर्फ अरविंद और रोबिन स्नातक हैं।
आलोक बीएससी कर चुका है।
रिजवान अशिक्षित है।
अजीत पहले भी 2023 में धोखाधड़ी के आरोप में जेल जा चुका था। जेल से छूटने के बाद उसने नया गिरोह बनाकर ठगी का यह सिलसिला शुरू किया।
बरामदगी और कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों के पास से ठगी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और दस्तावेज बरामद किए हैं। ठगी से जुड़े अन्य आरोपी विनीत की तलाश जारी है। पुलिस का दावा है कि इस गिरोह की गिरफ्तारी से कई और ठगी के मामलों का खुलासा हो सकता है।
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