गाजियाबाद पुलिस ने फर्जी आईपीएस अधिकारी अनिल कटियाल और उसके साथी विनोद कपूर को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर पुलिस अधिकारियों को धमकाने और धोखाधड़ी के मामलों में दबाव बनाने का आरोप है। अनिल कटियाल दिल्ली के जीके फर्स्ट का निवासी है, जबकि विनोद कपूर गुरुग्राम के डीएलएफ फेस-3 का रहने वाला है।
पुलिस पर दबाव बनाने की साजिश
अनिल कटियाल ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर इंदिरापुरम थाने में दर्ज एक धोखाधड़ी के मामले को खत्म कराने के लिए पुलिस आयुक्त कार्यालय के एसआई कृष्ण कुमार शर्मा और डीसीपी ट्रांस हिंडन के पीआरओ नीरज राठौर पर दबाव बनाने की कोशिश की। इसके बदले उसने विनोद कपूर से बड़ी रकम वसूलने की योजना बनाई थी।
अनिल कटियाल का विवादित इतिहास
अनिल कटियाल एक प्रभावशाली पृष्ठभूमि से आता है। उसके पिता चेतराम कटियाल आईआरएस अधिकारी थे। उसने दिल्ली के सेंट कोलंबस और सेंट स्टीफेंस से पढ़ाई की। हालांकि, 1979 में यूपीएससी की परीक्षा में असफल रहने के बाद वह पीएचडी करने के लिए अमेरिका चला गया। लौटने के बाद उसने हिंदुस्तान लीवर और यामाहा जैसी कंपनियों में उच्च पदों पर काम किया।
अधिकारियों को गुमराह कर कई काम कराए
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि अनिल कटियाल ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर विभिन्न विभागों में बड़े कार्य कराए। उसने एक बार के लाइसेंस से लेकर आरटीओ और आबकारी विभाग में कई फर्जी मंजूरियां दिलवाईं। वह विदेश मंत्रालय तक संपर्क साधने का दावा करता था और वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करता रहा।
विदेशी कारोबारियों से भी जुड़े तार
विनोद कपूर, जो कंस्ट्रक्शन का बड़ा कारोबारी है, की दुबई के अरबपति रियल एस्टेट व्यापारी राज साहनी से संबंध थे। राज साहनी पर यूएई में 100 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। अनिल कटियाल ने राज साहनी को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी संपर्क किया था।
शक होने पर हुआ खुलासा
पुलिस आयुक्त अजय मिश्र ने शुरुआत में अनिल कटियाल को वरिष्ठ अधिकारी समझकर सम्मान दिया। लेकिन जब उसने पुलिस आयुक्त के साथ फोटो खिंचवाने की जिद की, तब शक गहरा गया। उसके बैच और सेवा विवरण के बारे में पूछताछ करने पर वह बार-बार अलग-अलग जानकारी देने लगा। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
दो पुलिसकर्मी हुए निलंबित
इस मामले में विनोद कपूर की गिरफ्तारी के दौरान कानूनी प्रक्रिया का पालन न करने पर निरीक्षक कुलदीप कुमार और एसएसआई प्रमोद हुड्डा को निलंबित कर दिया गया है। दोनों ने संबंधित थाने को सूचना दिए बिना विनोद को हिरासत में लिया था।
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