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मंगलवार, 30 जुलाई 2024

अब लव जिहाद करने वालों की खैर नहीं होगी उम्र कैद

 

योगी सरकार में अब लव जिहाद करने वालों की खैर नहीं होगी उम्र कैद 


❗योगी सरकार ने विधानसभा से कराया पास

❗धर्मांतरण रोकने के लिए लिया फैसला, जुर्माना भी बढ़ाया


उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाद विरोधी संशोधन विधेयक पास हो गया है। बिल को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक नाम दिया गया है। योगी सरकार ने विधेयक सोमवार को सदन में रखा था। आज, मंगलवार को चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया।


विधेयक में धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि और जुर्माने को बढ़ा दिया गया है। अब आजीवन कारावास और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, धर्म परिवर्तन के लिए विदेशों से होने वाली फंडिंग के खिलाफ अंकुश के लिए सजा को सख्त किया गया है।


धर्म परिवर्तन और धोखे से शादी करना पड़ेगा महंगा, जिंदगी भर काटनी पड़ सकती है जेल

पहले धोखे से या बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन और शादी कराने पर पहले एक से पांच साल की जेल और 15 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था। अब इस अपराध के लिए 3 से दस साल की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।


नए कानून में क्या-क्या प्रावधान


1. नए कानून में दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है.


2. अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है.


3. पहले मामले में सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी थी.

4. लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी.

5. लव जिहाद के मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा.

6. इसमें सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है. 


2020 में बनाया गया था पहला कानून

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ पहला कानून 2020 में बनाया था. इसके बाद यूपी सरकार ने विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया. इस विधेयक में 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था. इस विधेयक में यह प्रावधान था कि सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य माना जाएगा.


पहले 10 साल की सजा का था प्रावधान

यूपी में बने पुराने कानून के मुताबिक झूठ बोलकर, धोखा देकर धर्म परिवर्तन कराना अपराध माना जाएगा. अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे 2 महीने पहले मजिस्ट्रेट को बताना होगा. विधेयक के मुताबिक जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 15 हजार रुपए जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान था. इस मामले में भी यदि केस दलित लड़की से जुड़ा होता था तो उस मामले में 25 हजार रुपए जुर्माने के साथ 3 से लेकर 10 साल तक की जेल का प्रावधान था.

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