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जानकारी देते हुए एडिशनल कमिश्नर दिनेश कुमार |
विदेश में अवैध सामान भेजने के नाम पर सरकारी विभाग की महिला अधिकारी को 3 दिन किया डिजिटल अरेस्ट
गाजियाबाद। वसुंधरा की रहने वाली एक महिला को साइबर ठगों ने उनके नाम पर विदेश में अवैध सामान भेजने का डर दिखाकर दो दिन में कई घंटे डिजिटल अरेस्ट करके रखा। शातिरों ने उनसे 56 लाख रुपये ठग लिए। इसके लिए महिला ने अपनी एफडी भी तोड़ दी। महिला एक सरकारी विभाग में तैनात हैं। मामले में महिला ने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
शिकायत में महिला का कहा कि उनके पास 23 फरवरी को उनके पास एक कॉल आई। कॉलर में खुद को कुरियर कंपनी से बताया। कॉलर ने उन्हें बताया गया कि उनके नाम से एक कुरियर इराक भेजा जा रहा है। जिसमें कुछ एक्सपायर पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड, लैपटॉप और अन्य सामान के साथ एमडीएमए नाम का ड्रग्स भी है। इस मामले में मुंबई नारकोटिक्स को जानकारी देने के बारे में बताया गया। इसके बाद उन्हें एक कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी बताया कर कॉल की। कॉलर ने उन्हें एक प्रोटोकॉल बताते हुए उन्हें मोबाइल से स्काइप कॉल पर जुड़ने के लिए कहा। इस दौरान उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ बताने पर परिवार तक को जेल भेजने की धमकी दी।
जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट
डिजिटल अरेस्ट ठगों का नया हथियार है। हाल ही में कई मामले सामने आए हैं। साइबर अरेस्ट के दौरान ठग कॉल कर व्यक्ति को किसी भी अपराध में संलिप्त होने का आरोप लगाकर फंसाते हैं। जांच के नाम पर उन्हें ऑनलाइन माध्यम से वीडियो कॉल पर बने रहने को मजबूर करते हैं और जेल भिजवाने की धमकी देकर वसूली की जाती है। कैमरे के सामने दबाव बनाकर बैठाए रखने की प्रक्रिया को ही साइबर अपराध में डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।
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