सर्वे में हुआ खुलासा...वसुंधरा में 5500 भवन अवैध
साहिबाबाद। आवास विकास परिषद की वसुंधरा योजना में हर जगह अवैध निर्माण का जाल बिछा हुआ है। हाल ही में तीन अलग-अलग जनपदों से आई इंजीनियरों की टीम के सर्वे में खुलासा हुआ कि वसुंधरा योजना में 5500 भवन अवैध हैं। यह भवन ऐसे हैं जिनका निर्माण नक्शे के विपरीत है या फिर आवासीय भूखंड पर व्यावसायिक भवन बना दिए गए हैं। सर्वे टीम जल्द ही रिपोर्ट आवास आयुक्त को भेजेगी।
वसुंधरा योजना को आवास विकास परिषद ने 90 के दशक से बसाना शुरू किया था। ग्रुप हाउसिंग के साथ एकल भवन निर्माण और भूखंड विक्रय की शुरुआत हुई। आवास विकास परिषद की यह योजना 10 वर्ष में ही इमारतों से घिर गई और एक घनी आबादी यहां बस गई। दिल्ली के करीब होने से यहां भूखंड खरीदना बिल्डरों को भी फायदे का सौदा लगा। इस बीच बिल्डरों ने आवास विकास के अधिकारियो की मिलीभगत कर नक्शे के विपरीत धड़ल्ले से निर्माण कर लिया। योजना बसने के तीन दशक बाद अब आवास आयुक्त के आदेश पर जो सर्वे हुआ है उसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली है। फिलहाल टीम अभी सर्वे में जुटी हुई है और अवैध निर्माण का वर्गीकरण कर रही है।
वसुंधरा के सेक्टर में है अवैध निर्माण
सर्वे करने वाली टीम में शामिल एक अवर अभियंता ने बताया कि कोई भी सेक्टर ऐसा नहीं जहां अवैध निर्माण न हो। आवास विकास परिषद ने जो एकल भवन बनाकर बेचे थे, अब वह कहीं भी नहीं दिखता। लोगों ने या तो स्वयं कई मंजिला निर्माण कर लिया या फिर बिल्डर के हाथों बेच दिया है। बिल्डर ने भूखंड पर अपने हिसाब से निर्माण कराया जो मानचित्र से विपरीत है। बिल्डरों ने कई आवासीय भूखंड पर व्यावसायिक भवन निर्मित करा दिए हैं।
जांच के दायरे में आएंगे तत्कालीन अधिकारी
सर्वे रिपोर्ट जमा करने के बाद जिन अधिकारियों के कार्यकाल में अवैध निर्माण हुए हैं, वह सभी जांच के दायरे में शामिल किए जाएंगे। अवैध निर्माण के बाद अब विभाग में तैनात अधिकारियों का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा, जिसके बाद उन सभी से जवाब तलब किया जाएगा।
![]() |
राकेश चंद्रा, अधीक्षण अभियंता आवास विकास परिषद |
टीम अपनी सर्वे रिपोर्ट आवास आयुक्त को सौंपेगी। अवैध निर्माण को ढहाने का आदेश लखनऊ से आएगा। जो भी आदेश मिलेंगे उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। - राकेश चंद्रा, अधीक्षण अभियंता आवास विकास परिषद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें