साहिबाबाद। अर्थला झील के पास करीब 77 बीघा जमीन जो पक्षी विहार के नाम से जाना जाता है, आवास विकास की ओर से विकसित किया जाएगा। इस जमीन पर झील बनाने के साथ ही इसके चारों ओर हरियाली विकसित की जाएगी।
पक्षी विहार को जल्द से जल्द विकसित करने के लिए आवास आयुक्त कई बार गाजियाबाद सर्किल के अधिकारी से पत्राचार कर चुके हैं, इसके साथ ही अगले दो माह में इसकी प्रगति रिपोर्ट भी मंगवाई है। इसके बाद से ही अधिकारी इस योजना पर काम शुरू करने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। आवास विकास के अधीक्षण अभियंता राकेश चंद्रा ने बताया कि इस जमीन पर लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर यहां से अतिक्रमण हटाने को कहा गया है। अतिक्रमण हट जाने के बाद आवास विकास इस पर अपना काम शुरू करेगा। अधीक्षण अभियंता का कहना है कि यहां आवास विकास के साथ ही सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग की भी कुछ जमीनें हैं। सभी जमीन को आवास विकास अधिग्रहित कर इस जगह को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेगा।
2015 में स्थानीय लोग गए थे एनजीटी
कड़कड़ मॉडल निवासी सुशील राघव ने वर्ष 2015 में पक्षी विहार विकसित न होने पर एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था। एनजीटी ने इसे संज्ञान में लेते हुए जमीन को विकसित करने के आदेश जारी किए। बावजूद इसके कई वर्षों तक यहां कुछ भी काम नहीं हो सका। शिकायतकर्ता ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर कुछ काम न होने से वह एक बार फिर से रिकॉल केस डालने वाले थे, हालांकि यदि अब काम शुरू हो गया है तो यह कदम स्वागत योग्य है।
झील के किनारे लगाई जाएगी घास और कुर्सियां
पक्षी विहार में झील के साथ ही उसके आसपास इलाके में हरियाली की जाएगी। सभी तरह के पेड़ होंगे। दर्शकों के लिए यहां कुर्सियां एवं कैंटीन की भी व्यवस्था की जाएगी। प्रारंभिक चरण में झील बनाकर आस-पास पेड़ लगाए जाएंगे। प्रवासी पक्षियों के हिसाब से हरियाली विकसित होगी, ताकि मौसम बदलने के साथ प्रवासी पक्षी यहां आकर अपना बसेरा बना सकें। करीब एक दशक पहले तक यहां प्रवासी पक्षियों का तांता लगा रहता था। जैसे जैसे हिंडन मैली होती चली गई उसी हिसाब से पक्षियों का यहां आना कम हो गया।
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