मशहूर मॉल में सेक्स रैकेट का भंडा फोड़ स्पा सेंटर की आड़ में धंधा, 60 युवती और 39 युवक पकड़े
लिंक रोड थाना क्षेत्र की महाराजपुर पुलिस चौकी के पास पैसेफिक मॉल में स्पा सेंटर की आड़ में चल रहे देह व्यापार के मामले में चौकी इंचार्ज शिशुपाल सोलंकी को सस्पेंड कर दिया है।
पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन विवेकचंद यादव ने बताया इस पूरी कार्रवाई से महाराजपुर चौकी के समस्त पुलिसकर्मियों को दूर रखा गया था।
![]() |
इतनी बड़ी संख्या में युवक-युवती पकड़े गए कि उन्हें थाने तक पहुंचाने के लिए पुलिस लाइन से बस मंगवानी पड़ी। |
गाजियाबाद के साहिबाबाद में दिल्ली-यूपी कौशांबी बॉर्डर स्थित मशहूर पैसेफिक मॉल के अंदर स्पा सेंटर की आड़ में हो रहे देह व्यापार पर बुधवार शाम पुलिस ने छापा मार कर 100 युवक-युवतियों को पकड़ा है। जिनमें 60 युवतियां और 39 युवक शामिल हैं। इनमें दिल्ली के तीन अधिवक्ता भी हैं।
कार्रवाई में पुलिस टीम को स्पा सेंटर से आपत्तिजनक चीजें भी बरामद हुईं। मॉल में पुलिस को देखकर स्पा सेंटरों के मालिक भाग गए। छापे के बाद थाने के बाहर युवक-युवतियों के परिजनों की भीड़ देर रात तक लगी रही।
![]() |
डीसीपी ट्रांस हिंडन जोन विवेक चंद्र |
डीसीपी ट्रांस हिंडन जोन विवेक चंद्र ने बताया कि पैसेफिक मॉल के अंदर अलग-अलग हिस्से में स्पा सेंटर चल रहे थे। इनमें एस-2 थैरेपी सेंटर, रॉयल थैरेपी सेंटर, स्वादिका थैरेपी सेंटर, द हैवन थैरेपी सेंटर, राज थैरेपी सेंटर, अरुमा थैरेपी, अरमान थैरेपी व रुद्रा थैरेपी सेंटर थे। सूचना मिली थी कि इन सेंटर में मसाज और ब्यूटी मसाज के बहाने युवतियों से अनैतिक कार्य कराया जाता है।
सूचना को पुख्ता करके देर शाम पुलिस लाइन और ट्रांस हिंडन जोन की एसओजी टीम बनाकर पैसेफिक मॉल में छापे की कार्रवाई की। टीम वहां पहुंची तो युवतियां घबराकर भागने लगीं जबकि युवक टेबल व काउंटर में छुपने का प्रयास करने लगे। टीम ने आठ स्पा सेंटर से 60 युवतियां और 39 युवकों को पकड़ लिया। सभी को पुलिस की वैन और अन्य वाहनों में बैठा कर लिंकरोड थाने लाया गया। वहां पुलिस अधिकारियों ने युवक व युवतियों से पूछताछ शुरू की। उधर, पुलिस की कार्रवाई के दौरान स्पा सेंटर के मालिक वहां से भाग निकले।
अलग-अलग राज्यों के हैं युवक-युवतियां
पुलिस की जांच में सामने आया है कि स्पा सेंटर से पकड़े गए युवक-युवतियां दिल्ली, यूपी और हरियाणा व अन्य राज्यों से हैं। इन सभी को मोबाइल से या फिर सोशल मीडिया के जरिये संपर्क किया जाता था। इतना ही नहीं, युवतियों को 15 से 25 हजार रुपये वेतन देने का भी लालच दिया जाता था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें