गाजियाबाद वसुंधरा : ब्रिज बिहार निवासी इंद्रपाल पाठक प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। 25 मार्च 2013 की शाम घर से निकले थे,लेकिन वापस नहीं आए। इंद्रपाल पाठक प्रॉपर्टी डीलिंग के बेटे शैलेश पाठक ने लिंक रोड थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट उसी रात दर्ज कराई थी।
अगले दिन उनके परिचित ने बताया कि इंद्रपाल पाठक 25 अप्रैल को शाम 7:15 बजे सेक्टर -4 वसुंधरा की रेड लाइट पर कार से जाते हुए दिखाई दिए थे। संजय सक्सेना कार चला रहा था, जबकि लोकेश पांडे पीछे की सीट पर इंद्रपाल के साथ बैठा था। दोनों दोषी प्रॉपर्टी डीलर के साथ काम करते थे। प्रॉपर्टी के विवाद में इंद्रपाल पाठक की हत्या को अंजाम देने की योजना बनाई गयी थी।
इंदिरापुरम थाने में सूचना मिली कि सेक्टर एक वसुंधरा नाले में कोई लावारिस शव मिला है,शैलेश ने मोर्चरी पर जाकर शव की शिनाख्त की तो पता चला की उनके पिता इंद्रपाल पाठक है। सेक्टर एक वसुंधरा पार्क के सामने नाले में शव पड़े होने की सूचना इंदिरापुरम थाने में एक दुकानदार ने दी। बाद में मृतक के बेटे ने संजय सक्सेना और लोकेश पांडे के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई।
अदालत के न्यायाधीश रामचंद्र यादव ने दोनों दोषियों पर 35- 35 हजार का अर्थदंड भी लगाया है, और आजीवन कारावास की सजा सुनाई ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें