उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ठाकुर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को BSP सांसद अतुल राय के साथ कथित तौर पर सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बताते चलें कि अमिताभ ठाकुर ने यूपी विधानसभा चुनावों में सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
ठाकुर की गिरफ्तारी का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में दर्जनों पुलिस अधिकारी नजर आ रहे हैं, जो जबरन अमिताभ ठाकुर को पुलिस वाहन में बिठा रहे हैं। इस दौरान ठाकुर लगातार पुलिस का विरोध करते हुए कह रहे हैं कि मैं नहीं जाउंगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बलात्कार की पीड़िता ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्महाद का प्रयास किया था। 24 अगस्त को पीड़िता की मौत हो गई। इस मामले में बीएसपी सांसद अतुल राय पर आरोप लगाए गए हैं। पीड़िता ने आत्महत्या से पहले जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए थे, उनमें अमिताभ ठाकुर भी शामिल हैं।
क्या है मामला: अमिताभ ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में शुक्रवार दोपहर को मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि ठाकुर ने दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाया है। मुकदमा SI दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर दर्ज किया गया है।
नई पार्टी बनाने का ऐलान: उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने शुक्रवार को कहा कि वह जल्द ही एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। ठाकुर को समय से पहले ही सरकार ने कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया था। उन्होंने अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। अमिताभ ठाकुर ने यहां कहा कि अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया है। ठाकुर ने कहा कि पार्टी बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी और उनके नए संगठन का प्रस्तावित नाम ‘अधिकार सेना’ होगा।
गोरखपुर जाने से रोकने का आरोप: पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने पिछले दिनों योगी सरकार पर आरोप लगाया था कि वह गोरखपुर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया। ठाकुर ने आरोप लगाया था कि पहले से ही 21 अगस्त को गोरखपुर जाने का ऐलान किया था और पूरा कार्यक्रम भी उसी के अनुसार जारी किया था। लेकिन लखनऊ के गोमतीनगर सीओ ने उन्हें जाने से रोक दिया था।
अमिताभ ठाकुर का रिटायरमेंट: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए एक फैसले के बाद ठाकुर को 23 मार्च को “जनहित” में कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आदेश में ठाकुर के बारे में कहा गया था कि उन्हें अपनी सेवा के बचे हुए कार्यकाल के लिए बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। ठाकुर का कार्यकाल 2028 में पूरा होने वाला था। उन्होंने 2017 में केंद्र से अपना काडर राज्य बदलने का आग्रह किया था।
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