नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Coronavirus) के बीच यूपी में सरकारी कर्मचारियों की कई यूनियनें अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की तैयारी कर रही हैं. वहीं यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश में एस्मा (Esma) कानून लागू कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक सरकार ने राज्य में फिलहाल 6 महीने के लिए एस्मा को लागू किया है. आवश्यतानुसार इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है. वहीं राज्य में अगर हालात सही रहे तो इसे वक्त से पहले भी खत्म किया जा सकता है. बता दें कि इस कानून के राज्य में लागू किए जाने के बाद आवश्यक सेवाओं से संबंधित कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे. सभी कर्मचारियों को इन आदेशों का पालन करना होगा. अति आवश्यक कर्मचारी अगर इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.
बता दें कि इस कानून को संकट के समय में कर्मचारियों व यूनियनों द्वारा किए जा रहे हड़तालों को रोकने के लिए इस कानून को साल 1968 में बनाया गया था. यह कानून भारतीय संसद द्वारा पारित है. बता दें कि इस कानून को अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकात है. इस कानून को लगाए जाने के बाद अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाता है. साथ ही कर्मचारी को बिना वारंट के गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
क्या है एस्मा?
गौरतलब है कि, एस्मा भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम है, जिसे 1968 में लागू किया गया था. संकट की घड़ी में कर्मचारियों के हड़ताल को रोकने के लिए ये कानून बनाया गया था. किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार की तरफ से ये कानून अधिकतम छह महीने के लिए लगाया जा सकता है. इस कानून के लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनका ये कदम अवैध और दंडनीय की श्रेणी में आता है. एस्मा कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है.
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