आगरा : जैसे देश के सीमा पर फ़ौज तैनात रहती है और हमे आंतकवादियों, दहसतगर्दो से बचाती है। उसी प्रकार पुलिस हमारे समाज में अहम भूमिका निभाती है। देश के अंदर की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की देख रेख, पुलिस करती है। समाज में किसी भी प्रकार के अपराध को रोकना पुलिस का कर्त्तव्य है। लोग कभी भी अपनी सुरक्षा या किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या के खिलाफ शिकायत पुलिस से कर सकती है। आम जनता पुलिस से अपने बचाव के लिए मदद मांग सकती है और रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है। नागरिको की सुरक्षा करना पुलिस का परम कर्त्तव्य है।
और अगर आपकी सुरक्षा करने वाले ही आपके सुख शांति के दुश्मन बन जाए तो क्या कीजियेगा ??
ऐसा ही एक मामला हुआ आगरा के एत्माद्दौला की आरबी पुरम कॉलोनी में रविवार दोपहर को,
लॉकडाउन के दौरान खुली दुकान को बंद कराने पर दुकानदार और उसके परिवार के लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। पहले दरोगा पर पथराव किया, बाद में थाने से फोर्स पहुंची तो पुलिसकर्मियों पर लाठी-डंडे से हमला बोल दिया। इन पर भी ईंट-पत्थर फेंके। हमले में महिला दरोगा सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने छह लोगों को मौके से पकड़ लिया। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
ऐसा आपको खबरों मैं पढ़ने को मिला होगा आइये बताते है की उस दिन हुआ क्या
किसी अज्ञात की सूचना पे फाउंड्री नगर चौकी प्रभारी विनीत राणा और दरोगा योगेश कुमार गश्त करते हुए कॉलोनी में पहुंचे दूकान पर प्रमोद उपाध्याय मौजूद थे। उनकी दी हुई जानकारी पर पता लगा की विनीत राणा ने उनसे रिश्वत के तोर पे पैसे मांगे जब प्रमोद उपाध्याय ने इसका विरोध किआ तो दरोगा ने प्रमोद जी के गाल पर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा। आवाज़ सुनकर जब सभी घर के लोगो ने इसका विरोध किआ जिसमे उसके बेटे पंकज, हरि गोपाल, पत्नी किरन देवी, बहू ज्योति मौजूद थे। जब बेटो के आगे बाप से बतमीज़ी हुई तो पूरा परिवार विरोध करने लगा। घटना रविवार दोपहर 12 बजे की है।
प्रमोद जी का और वहा मौजूद लोगो ने बताया की विनीत राणा ने शराब भी पी हुई थी। जो की वीडियो मैं भी देखा जा सकता है। परिवार के सभी लोगो ने मास्क पहना हुआ था।
12 फर्जी धाराओं में दर्ज किआ मुकदमा
मामले में चौकी प्रभारी विनीत राणा ने बलवा, मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा, जानलेवा हमला, पथराव करने, सात सीएलए एक्ट और महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें प्रमोद उपाध्याय, पंकज, हरि गोपाल, किरन देवी, ज्योति और वर्षा को नामजद किया है।
लेकिन कहावत है अच्छे इंसानो के साथ अच्छा होता है। पूरा ब्राह्मण समाज जब एक हुआ और धरने पे बैठा तो प्रशाशन भी सोचने पर मजबूर हुआ और उपाध्याय परिवार को बैल ग्रांट की। ब्रामण समाज मैं ख़ुशी की लेहेर है।
पुलिस हर एक केस को सोच समझ कर और निडर होकर उसे सुलझाती है। कई बार भ्रष्ट पुलिस अफसर अपने जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाते है। ऐसे में कुछ भ्रष्ट पुलिस अफसर गुनाहगारो को बचाने के लिए उनसे पैसे लेती है, जो सरासर गलत है। अगर पुलिस के कुछ सिपाही भ्रष्ट निकलते है तो कहीं ना कहीं पूरे पुलिस फाॅर्स को बदनाम कर देते है। ऐसे अफसर जैसे ही पकड़े जाते है, तो उन्हें सीधे निलंबित किया जाता है। लोग पुलिस पर विश्वास करते है। इस विश्वास को कायम रखना पुलिस का कर्त्तव्य है। लोगो की जान, माल की रक्षा करना पुलिसवालो का धर्म है।