जीडीए कार्यालय और अफसरों के आवास होंगे आसपास
- पांच एकड़ जमीन पर बनेगा जीडीए का नया कार्यालय
- मधुबन-बापूधाम में आठ मंजिला कार्यालय बनाने को निविदाएं मांगी गई जागरण संवाददाता सौरव दीक्षित , गाजियाबाद : जीडीए में तैनात अफसर, अभियंता, कर्मचारी और चपरासी तक के घर के पास ही अब कार्यालय होगा। पैदल ही कार्यालय जा सकेंगे। वाहन की जरूरत नहीं होगी। जीडीए कार्यालय के साथ ही सभी के लिए आवास बनाने का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। जीडीए की मंशा है कि मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना को नया गाजियाबाद के रूप में विकसित किया जाए। इसी को ध्यान में रखकर कार्यालय का निर्माण इस योजना में बनाने की तैयारी है। नया कार्यालय जल्द ही मधुबन-बापूधाम योजना में बनाया जाएगा। जीडीए की ओर से इसके निर्माण के लिए निविदाएं मांगी गई है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि कार्यालय का निर्माण ग्रीन बिल्डिग की तर्ज पर होगा। पांच एकड़ जमीन पर बनाए जाने वाले कार्यालय का डिजायन तैयार हो गया है। आगंतुकों के लिए बैठने के लिए सुविधाओं से युक्त वेटिग रूम बनाया जाएगा। खान-पान के लिए बढि़या कैंटीन बनाई जाएगी। मधुबन-बापूधाम योजना में सुरक्षित माहौल के लिए थाने का निर्माण किया जा रहा है।
नया गाजियाबाद बनाना अहम लक्ष्य
जीडीए की मंशा है कि मधुबन-बापूधाम योजना को नया गाजियाबाद के रूप में विकसित किया जाए। इसी को ध्यान में रखकर बेहतर एवं अत्याधुनिक स्तर की बुनियादी सुविधाओं का ढांचा तैयार किया जा रहा है। आरडीसी की तर्ज पर एमडीसी विकसित किया जा रहा है। आरओबी का निर्माण किया जा रहा है। सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। 1234 एकड़ जमीन पर एक लाख से अधिक लोगों के रहने का इंतजाम किया जा रहा है।
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एक हजार लोगों के आवास बनेंगे
जीडीए कार्यालय परिसर में ही अफसर, अभियंता, कर्मचारी, चपरासी और सुरक्षा कर्मियों के आवास बनाए जाएंगे। इससे सभी के कार्यालय आने और फिर घर जाने के बीच का समय बचेगा। अलग आवास होने से कई नुकसान होते हैं। फोकस किया जा रहा है कि एनसीआर में सबसे बेहतर कार्यालय का निर्माण ही नहीं आवासीय योजना नंबर एक की हो जाए। किसानों के विरोध के बीच साइट पर दिन-रात कार्य चल रहा है।
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