साहिबाबाद। बिहार व यूपी के अधिकारियोें पर रौब झाड़कर अपने और परिचितों के काम कराने वाले फर्जी आईएएस अधिकारी को खोड़ा पुलिस ने आजाद विहार गिरफ्तार किया है। आरोपी अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को खुद को गृहमंत्रालय में तैनात बताकर काम करवाता था। आरोपी युवक के मोबाइल से एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार समेत कई अधिकारियों से बातचीत की रिकॉर्डिंग मिली है। पुलिस ने धोखाधड़ी समेत अन्य कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया।
पुलिस को रविवार को सूचना मिली कि खोड़ा के आजाद विहार में रहने वाला अभिषेक कुमार चौबे खुद को गृह मंत्रालय में तैनात आईएएस अधिकारी बताता है। सूचना पर दरोगा नरपाल सिंह पुलिस टीम के साथ अभिषेक के घर पहुंचे। पुलिस को देखकर वह भागने लगा। पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर अभिषेक को पकड़ लिया। तलाशी में मोबाइल, आईकार्ड और आधार कार्ड मिला। पुलिस ने मोबाइल की जांच की तो उसमें कई पुलिस के अधिकारियों, एसएचओ से बातचीत की रिकार्डिंग मिली। पुलिस आरोपी को पकड़कर थाने ले आई। पूछताछ में आरोपी ने फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर कॉल करने की बात कबूल की। आरोपी अभिषेक ने एडीजी प्रशांत कुमार, एसएसपी संभल, एसएसपी बिजनौर, एसएसपी बिहार गोपालगंज, एसओ नरवशा, सीओ इंदिरापुरम, सीओ सिटी फर्स्ट गाजियाबाद के अलावा दर्जनों एसएचओ को कॉल कर काम कराने का प्रयास किया है।
पूर्व आईएएस के नाम पर करता था कॉल
पूछताछ और मोबाइल से मिली रिकॉर्डिंग के आधार पर पता चला कि आरोपी रिटायर्ड आईएएस आरएन चौबे और गृह मंत्रालय के अपर सचिव अमरेंद्र तिवारी बनकर पुलिस अधिकारियों को कॉल करता था। उसने आरएन चौबे के नाम से व्हाट्सएप पर अकाउंट बनाया हुआ था। उनकी फोटो भी लगाई हुई थी। ट्रूकॉलर पर आरएन चौबे नाम सेव कर रखा था, जिससे किसी के पास कॉल करने के दौरान फर्जी न लगे।
बीएससी पास आरोपी अफसरों पर पड़ा भारी
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह मूलरूप से बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है। आजाद विहार गली नंबर 10 में पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता है। उसने राजस्थान की एक यूनिवर्सिटी से करीब दो साल पूर्व बीएससी गणित से पास की थी। इसके बाद गृहमंत्रालय में संविदा पर ऑफिस ब्वॉय के तौर पर काम किया था। आरोपी ने वहीं से कई अधिकारियों के नाम जाने। इसके बाद उसकी नौकरी छूट गई। करीब एक साल से वह फर्जी आईएएस बनकर कॉल कर अपने और परिचितों के काम करता था।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को कॉल कर फंसा आरोपी
आरोपी ने एडीजी लॉ एंड आर्डर को संभल जिले में अपने एक मकान के विवाद में कॉल कर एसएचओ को फटकार लगवाने की बात कही थी। आरोपी ने खुद को रिटायर्ड आईएएस बताकर एडीजी प्रशांत कुमार को कॉल की थी। बताया कि वह नोएडा में रहता है। संभल में उसके एक मकान पर कुछ विवाद है। एसएचओ सुन नहीं रहा है। वह बिहार के बेटे हैं सोचा कि कॉल कर काम कराएं। एडीजी ने अभिषेक के आईएएस बैच के बारे में पूछा तो उसने एक बार 81 तो दूसरी बार 84 बैच का बताया। इस पर वह शक के दायरे में आ गया। आरोपी के फोन से मिली रिकॉर्डिंग से साफ तौर पर स्पष्ट है कि वह बिना डरे और घबराए अधिकारियों से बात कर अपने काम के लिए कहता था। एडीजी प्रशांत कुमार को आरोपी के फर्जी होने पर शक हुआ तो पूरा मामला खुलकर सामने आया। इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।
क्या कहती हैं सीओ
फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर पुलिस अधिकारियों को कॉल करने वाले आरोपी अभिषेक कुमार चौबे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर मोबाइल, आधार कार्ड और आईकार्ड बरामद किया है।
- अंशु जैन, सीओ, इंदिरापुरम
फर्जी सिपाही से लेकर सीबीआई अधिकारी तक पकड़े गए
सितंबर 2019 : साहिबाबाद पुलिस ने फर्जी एडीएम दबोचा। वह खुद को डीएम का भाई बताता था।
सितंबर 2019 : पुलिस लाइन में रह रही फर्जी महिला दरोगा को कविनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया।
अगस्त 2019 : सिहानी गेट पुलिस ने वॉकीटॉकी के साथ फर्जी सिपाही को गिरफ्तार किया था।
जुलाई 2019 : साहिबाबाद पुलिस ने फर्जी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया था।
जून 2019 : इंदिरापुरम पुलिस ने नेवी का फर्जी कैप्टन गिरफ्तार किया था।
सितंबर 2018 : साहिबाबाद पुलिस ने चार फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर गिरफ्तार किए।
मार्च 2018 : इंदिरापुरम पुलिस ने दो फर्जी एआरटीओ गिरफ्तार किए थे।
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