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शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

थाने में थर्ड डिग्री दी

कभी भ्रष्टाचार तो कभी मुफ्तखोरी के आरोपों से घिरी रहने वाली पुलिस पर अब मामूली सी बात पर कारोबारी को थर्ड डिग्री देने का आरोप लगा है। मामला टीला मोड़ थाना पुलिस से जुड़ा है। जावली निवासी रेस्टोरेंट संचालक दीपक कसाना का आरोप है कि रेस्टोरेंट के सामने से कार हटाने को कहने पर टीला मोड़ थाने में तैनात सिपाही ने उनके साथ ज्यादती की। सिपाही ने साथी पुलिसकर्मियों को भेजकर उन्हें दुकान से गाड़ी में डलवा लिया। पुलिसकर्मी उन्हें पीटते हुए थाने ले गए और फिर वहां ले जाकर थर्ड डिग्री दी। गांव के लोगों ने विरोध जताया तो देर रात उन्हें हवालात से छोड़ा। पीड़ित ने टीला मोड़ थाने में थाने के ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर दी है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। 
जावली निवासी दीपक कसाना का कहना है कि वह टीला मोड़-जावली मोड़ पर रेस्टोरेंट चलाते हैं। बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे दुकान के ऊपर फ्लैट में रहने वाले एक व्यक्ति ने रेस्टोरेंट के सामने कार खड़ी कर दी। उन्होंने कार दुकान से थोड़ा आगे करने को कहा तो उक्त व्यक्ति ने खुद को टीला मोड़ थाने में तैनात सिपाही बताते हुए अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली। दीपक का कहना है कि सिपाही होने का पता लगने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। आरोप है कि शाम करीब साढ़े छह बजे बाइक व जीप लेकर 6-7 पुलिसकर्मी आए और नाम पूछकर गाली-गलौज करने लगे।
वीडियो कॉल कर कराई पहचान
दीपक कसाना का आरोप है कि उक्त पुलिसकर्मियों में संदीप नाम का दरोगा भी था। उसने किसी को वीडियो कॉल करके उनका चेहरा दिखाया और दीपक होने के बारे में तस्दीक किया। दीपक का आरोप है कि उसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें जीप में डाल लिया और पीटते हुए थाने ले गए। वहां करीब 15 मिनट तक पुलिसकर्मियों ने उन्हें थर्ड डिग्री दी और फिर हवालात में बंद कर दिया। सूचना मिलने पर गांव के लोग थाने पहुंचे और पुलिस की मनमानी का विरोध जताया। जिसके बाद रात साढ़े 10 बजे उन्हें छोड़ दिया गया।
रेस्टोरेट-कैंटीन सब करूंगा बंद
पीड़ित दीपक रेस्टोरेंट के अलावा कलक्ट्रेट में कैंटीन भी चलाते हैं। उनका कहना है कि सिर्फ कार आगे-पीछे करने की बात कहने पर ही पुलिस ने उन्हें यातनाएं दीं। दीपक का कहना है कि अब वह अपनी कैंटीन व रेस्टोरेंट सब बंद कर देंगे। पुलिस ने उनके साथ ऐसा बर्ताव किया, जैसे वह कुख्यात अपराधी हों।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ उन्हीं के थाने में तहरीर
दीपक कसाना ने बृहस्पतिवार रात में ही टीला मोड़ थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ उन्हीं के थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। दीपक का कहना है कि अगर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वह धरना-प्रदर्शन करेंगे। एएसपी सेकेंड ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि मामला जानकारी में आया है। जांच कराई जा रही है। जांच में पुलिसकर्मी दोषी मिले तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


 


बीएसपी सांसद मलूक नागर के ठिकानों पर IT की रेड 40 घंटे बाद खत्म


गाजियाबाद
यूपी में बिजनौर से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सांसद मलूक नागर और उनके भाइयों की आवास और व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर हुई रेड में आयकर विभाग को 50 लाख रुपये की नकदी और करीब सवा करोड़ रुपये की जूलरी मिली है। साथ ही टीम को मौके से कंपनी के सुरक्षा प्रीमियम (शेयर) भी बड़ी संख्या में मिले हैं।




जांच में यह पता चला है कि कंपनियों के पास लोगों या बैंक के लोन हैं लेकिन इसके बाद भी ये दूसरों को लोन दे रहीं थीं। कंपनियों की जो बिक्री दिखाई गई वह उनके लोन और एडवांस के अनुरूप नहीं मिला है। सूत्र बताते हैं कि सुरक्षा प्रीमियम के माध्यम से खेल किए जाने की सूचना आयकर विभाग को मिली थी। विभाग इस सूचना पर काफी लंबे समय से काम कर रहा था।

6 बैंक लॉकर भी मिले
कंपनी के शेयरहोल्डर अपनी आय के स्रोत के बारे में जानकारी नहीं दे सके हैं। छापेमारी के दौरान टीम को 6 बैंक लॉकर मिले हैं। आयकर विभाग की टीम इस मामले की आगे की जांच कर रही है। मालूम हो कि 28 अक्टूबर को आयकर विभाग की टीम ने मलूक नागर के नोएडा, हापुड़ और बिजनौर स्थित ठिकानों पर छापा मारा था। यह कार्रवाई 29 अक्टूबर रात को 12 बजे के बाद खत्म हुई। यह कार्रवाई लखनऊ की टीम ने की थी।

एक छत के नीचे चल रही थी 20 कंपनी
आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि एक ही छत के नीचे अलग-अलग नामों से 20 कंपनियों चल रही थीं। इसमें कई कंपनियां डमी पाई गई हैं। उनमें कोई भी ऑपरेशन होता नहीं पाया गया है। इन कंपनियों की कोई वैल्यू नहीं पाई गई जबकि शेयर प्रीमियम का हिस्सा इसमें दिखाया गया है। इन डमी कंपनियों का प्रयोग पैसे को ठिकाने लगाने के लिए किया जा रहा था।

लंदन तक निकला लिंक
जांच में पता चला कि एक ग्रुप मेंबर का वित्तीय हित ब्रिटेन आधारित एक विदेशी कंपनी के साथ था और एक प्रॉपर्टी लंदन में मिली है। आयकर विभाग की टीम इसके स्रोत का पता लगाने में जुट गई है। संपत्तियों में निवेश किए जाने के प्रकरण में बहुत से कागजात आयकर विभाग की टीम ने जांच के लिए जब्त किए हैं। हाथ से लिखे गए कई डॉक्युमेंट्स, भुगतान और प्राप्तियों के कई कागजात को भी टीम अपने साथ ले गई है।

बेनामी संपत्ति का बन सकता है मामला
आयकर विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस जांच में बेनामी संपत्ति का मामला बनने की पूरी संभावना है। क्योंकि आय से अधिक की संपत्तियां मिली है। कई मामले में आय के स्रोत के बारे में कुछ भी नहीं पता चल सका है। जो संपत्ति बेनामी होती है वह भारत सरकार के पास चली जाती है। तीन से सात साल तक जेल का भी नियम है।

 

आगे क्या होगा?
अधिकारी बताते हैं कि रेड के दौरान जो कागजात, पेन ड्राइव, लैपटॉप मिला होगा उसकी जांच की जाएगी। फिर पिछले सात साल का केस खोला जाएगा। देखा जाएगा कि जो आईटीआर फाइल की गई वह रिकॉर्ड के अनुसार सही है या नहीं। यदि यह सही नहीं होगी तो नोटिस देकर उसके बारे में जानकारी पूछी जाएगी। सोने और कैश के स्रोत के बारे में भी पूछताछ की जाएगी।

छापे के पीछे राजनीतिक कारण तो नहीं!
राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा चल रही है कि बसपा सांसद के यहां रेड राजनीतिक प्रतिद्वंदी को खत्म किए जाने के लिए कराई गई है। सपा के एक नेता ने कहा कि इस रेड का असर बीएसपी में दिखना शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में इसका असर और अधिक बढ़ने की संभावना है।

कम्युनिटी शौचालय में भी वसूला जा रहा सुविधा शुल्क


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत की योजना के तहत गाजियाबाद में नगर निगम द्वारा जगह-जगह शौचालय बनाए गए हैं। इन सभी शौचालयों का इस्तेमाल करने वाले लोगों से नगर निगम शुल्क वसूली कर रहा है जबकि इन शौचालयों के इस्तेमाल किए जाने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। मामले को लेकर नगर आयुक्त ने कहा कि कुछ शौचालय ही ऐसे हैं, जहां शुल्क लिया जाता है। इसके अलावा बाकी किसी भी शौचालय पर शुल्क नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कहीं हो रहा है तो इसकी गहन जांच कराई जाएगी।


कम्युनिटी शौचालय में भी वसूला जा रहा सुविधा शुल्क
गाजियाबाद में नगर निगम द्वारा बनाए गए सभी सुलभ शौचालय की सुविधा लेने वाले लोगों के सुविधा शुल्क लिया जा रहा है। इतना ही नहीं बाकायदा सभी शौचालय पर रेट तालिका भी लिखी गई है। नगर निगम के अधिकारी खुद इस बात को मानते हैं कि कुछ शौचालयों में शुल्क लिया जाता है। बताया जा रहा है कि शहर में बने सभी शौचालय के इस्तेमाल पर सुविधा शुल्क वसूला जा रहा है। जब इस पूरे मामले की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को दी गई तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।

जनता शौचालय में सुविधा शुल्क वसूला जाता है कम्युनिटी शौचालय में नहीं
इस मामले में गाजियाबाद के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नगर निगम द्वारा जो शौचालय बनाए गए हैं, वह दो तरह के होते हैं। इनमें कुछ शौचालय कम्युनिटी शौचालय होते हैं और कुछ शौचालय जनता शौचालय होते हैं। कम्युनिटी शौचालय में सुविधा शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए और जनता शौचालय में सुविधा शुल्क वसूला जाता है। यदि दोनों तरह की ही शौचालय में सुविधा शुल्क लिया जा रहा है तो इसकी गहन जांच कराई जाएगी और जांच के बाद सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।


चौकी इंचार्ज व सिपाही से हाथापाई


गाजियाबाद। सिहानी गेट थाने की दयानंद नगर पुलिस चौकी में घुसकर चौकी इंचार्ज व सिपाही के साथ हाथापाई व गाली-गलौच करने का मामला सामने आया है। चौकी इंचार्ज गौरव कुमार की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी पुलकित और उसके साले को गिरफ्तार कर लिया है। चौकी इंचार्ज के मुताबिक रोडरेज में मारपीट के मामले में दोनों पक्षों को चौकी लाया गया था। इसी बीच फॉर्च्यूनर कार से आए पांच युवकों ने पुलिस से गाली-गलौज शुरू कर दी। आरोपियों ने बाजार बंद कराने व आग लगवाने की धमकी देते हुए मारपीट की और नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी दी। पुलिस ने रोडरेज की घटना के मामले में पीड़ित युवक की तहरीर पर भी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। 
विवेकानंद नगर निवासी मोहित सिंघल का कहना है कि वह 18 अक्तूबर की रात करीब 10 बजे दोस्त संदीप रंजन के साथ साइकिल से जा रहा था। अशोक नगर में स्विफ्ट कार सवार ने साइकिल में टक्कर मार दी। विरोध करने पर कार सवार चार युवकों ने उनके साथ मारपीट की। मोहित ने पुलिस को सूचना दी। दयानंदनगर चौकी इंचार्ज गौरव कुमार के मुताबिक पुलिस दोनों पक्षों को चौकी ले आई। इसी बीच फॉर्च्यूनर कार में चार-पांच लोग आए और चौकी में घुसकर हंगामा शुरू कर दिया। इनमें से एक खुद को पुलकित गर्ग बता रहा था। आरोप है कि पुलकित गर्ग व उसके साथियों ने चौकी प्रभारी व अन्य पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कराने की धमकी दी। पुलकित ने कहा कि वह व्यापार मंडल से जुड़ा है। अगर उसके पक्ष के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तो वह बाजार बंद कराकर आग लगवा देगा। पुलिस के मुताबिक विरोध करने पर पुलकित व उसके साथियों ने चौकी प्रभारी व अन्य पुलिस कर्मियों के साथ हाथापाई की। जिसके बाद पुलिस ने पुलकित व उसके साले को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य हमलावर फरार हो गए। सिहानी गेट एसएचओ कृष्ण गोपाल शर्मा का कहना है कि घटना 18 अक्तूबर की रात की है। सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट व धमकी का केस दर्ज कर दो आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। बाकी की तलाश जारी है। रोडरेज की घटना के पीड़ित मोहित सिंघल की तहरीर पर भी आरोपियों के खिलाफ दूसरा केस दर्ज किया गया है।


 


बुधवार, 28 अक्टूबर 2020

अफसरों पर रौब झाड़कर अपने काम कराने वाला फर्जी आईएएस गिरफ्तार

साहिबाबाद। बिहार व यूपी के अधिकारियोें पर रौब झाड़कर अपने और परिचितों के काम कराने वाले फर्जी आईएएस अधिकारी को खोड़ा पुलिस ने आजाद विहार गिरफ्तार किया है। आरोपी अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को खुद को गृहमंत्रालय में तैनात बताकर काम करवाता था। आरोपी युवक के मोबाइल से एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार समेत कई अधिकारियों से बातचीत की रिकॉर्डिंग मिली है। पुलिस ने धोखाधड़ी समेत अन्य कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया। 
पुलिस को रविवार को सूचना मिली कि खोड़ा के आजाद विहार में रहने वाला अभिषेक कुमार चौबे खुद को गृह मंत्रालय में तैनात आईएएस अधिकारी बताता है। सूचना पर दरोगा नरपाल सिंह पुलिस टीम के साथ अभिषेक के घर पहुंचे। पुलिस को देखकर वह भागने लगा। पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर अभिषेक को पकड़ लिया। तलाशी में मोबाइल, आईकार्ड और आधार कार्ड मिला। पुलिस ने मोबाइल की जांच की तो उसमें कई पुलिस के अधिकारियों, एसएचओ से बातचीत की रिकार्डिंग मिली। पुलिस आरोपी को पकड़कर थाने ले आई। पूछताछ में आरोपी ने फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर कॉल करने की बात कबूल की। आरोपी अभिषेक ने एडीजी प्रशांत कुमार, एसएसपी संभल, एसएसपी बिजनौर, एसएसपी बिहार गोपालगंज, एसओ नरवशा, सीओ इंदिरापुरम, सीओ सिटी फर्स्ट गाजियाबाद के अलावा दर्जनों एसएचओ को कॉल कर काम कराने का प्रयास किया है।
पूर्व आईएएस के नाम पर करता था कॉल
पूछताछ और मोबाइल से मिली रिकॉर्डिंग के आधार पर पता चला कि आरोपी रिटायर्ड आईएएस आरएन चौबे और गृह मंत्रालय के अपर सचिव अमरेंद्र तिवारी बनकर पुलिस अधिकारियों को कॉल करता था। उसने आरएन चौबे के नाम से व्हाट्सएप पर अकाउंट बनाया हुआ था। उनकी फोटो भी लगाई हुई थी। ट्रूकॉलर पर आरएन चौबे नाम सेव कर रखा था, जिससे किसी के पास कॉल करने के दौरान फर्जी न लगे। 
बीएससी पास आरोपी अफसरों पर पड़ा भारी
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह मूलरूप से बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है। आजाद विहार गली नंबर 10 में पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता है। उसने राजस्थान की एक यूनिवर्सिटी से करीब दो साल पूर्व बीएससी गणित से पास की थी। इसके बाद गृहमंत्रालय में संविदा पर ऑफिस ब्वॉय के तौर पर काम किया था। आरोपी ने वहीं से कई अधिकारियों के नाम जाने। इसके बाद उसकी नौकरी छूट गई। करीब एक साल से वह फर्जी आईएएस बनकर कॉल कर अपने और परिचितों के काम करता था। 


 


एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को कॉल कर फंसा आरोपी
आरोपी ने एडीजी लॉ एंड आर्डर को संभल जिले में अपने एक मकान के विवाद में कॉल कर एसएचओ को फटकार लगवाने की बात कही थी। आरोपी ने खुद को रिटायर्ड आईएएस बताकर एडीजी प्रशांत कुमार को कॉल की थी। बताया कि वह नोएडा में रहता है। संभल में उसके एक मकान पर कुछ विवाद है। एसएचओ सुन नहीं रहा है। वह बिहार के बेटे हैं सोचा कि कॉल कर काम कराएं। एडीजी ने अभिषेक के आईएएस बैच के बारे में पूछा तो उसने एक बार 81 तो दूसरी बार 84 बैच का बताया। इस पर वह शक के दायरे में आ गया। आरोपी के फोन से मिली रिकॉर्डिंग से साफ तौर पर स्पष्ट है कि वह बिना डरे और घबराए अधिकारियों से बात कर अपने काम के लिए कहता था। एडीजी प्रशांत कुमार को आरोपी के फर्जी होने पर शक हुआ तो पूरा मामला खुलकर सामने आया। इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।
क्या कहती हैं सीओ
फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर पुलिस अधिकारियों को कॉल करने वाले आरोपी अभिषेक कुमार चौबे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर मोबाइल, आधार कार्ड और आईकार्ड बरामद किया है। 
- अंशु जैन, सीओ, इंदिरापुरम
फर्जी सिपाही से लेकर सीबीआई अधिकारी तक पकड़े गए
सितंबर 2019 : साहिबाबाद पुलिस ने फर्जी एडीएम दबोचा। वह खुद को डीएम का भाई बताता था।
सितंबर 2019 : पुलिस लाइन में रह रही फर्जी महिला दरोगा को कविनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया।
अगस्त 2019 : सिहानी गेट पुलिस ने वॉकीटॉकी के साथ फर्जी सिपाही को गिरफ्तार किया था।
जुलाई 2019 : साहिबाबाद पुलिस ने फर्जी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया था।
जून 2019 : इंदिरापुरम पुलिस ने नेवी का फर्जी कैप्टन गिरफ्तार किया था।
सितंबर 2018 : साहिबाबाद पुलिस ने चार फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर गिरफ्तार किए।
मार्च 2018 : इंदिरापुरम पुलिस ने दो फर्जी एआरटीओ गिरफ्तार किए थे।


दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का प्रकोप जारी


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के शहर गाजियाबाद, फरीदाबाद और गौतमबुद्ध नगर में मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही और प्रदूषित हवा के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी एवं आंखों में जलन की शिकायत हुई।
नोएडा क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गौतमबुद्ध नगर जिले में 351, फरीदाबाद में 318 और गाजियाबाद में 330 और दिल्ली में 332 दर्ज किया गया। बल्लभगढ़ में एक्यूआई 342, बागपत में 304, बहादुरगढ़ में 332 और गुरुग्राम में 327 दर्ज किया गया। बुलंदशहर में एक्यूआई 351 दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण विभाग, गौतमबुद्ध नगर प्रशासन तथा नोएडा प्राधिकरण लगातार काम कर रहा है और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ एक विशेष अभियान के तहत ग्रेटर नोएडा में नौ बिल्डरों, एक आईटी कंपनी तथा विभिन्न जगहों पर नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कुल एक करोड़ आठ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
पुलिस आयुक्त के प्रवक्ता ने बताया कि नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में कूड़ा तथा पराली जलाने वालों लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। 
उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।
एनपीसीएल, बिल्डरों, आईटी कंपनी पर लगाया जुर्माना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण की रोकथाम संबंधी चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (ग्रैप) का पालन नहीं करने पर नौ बिल्डरों, एक आईटी कंपनी और नोएडा पॉवर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) पर जुर्माना लगाया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नरेंद्र भूषण ने नौ विभिन्न बिल्डरों एवं डेवलपरों पर 45 लाख रुपये, एक आईटी/आईटीएस कंपनी पर 50 लाख रुपये तथा एनपीसीएल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
नरेंद्र भूषण ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निरीक्षण के दौरान राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के तहत प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रैप का कड़ाई से अनुपालन कराने के भी निर्देश दिए। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने शारदा विश्वविद्यालय और बालक इंटर कॉलेज का भी निरीक्षण किया।


बुधवार, 21 अक्टूबर 2020

प्रसिद्ध हिंदी कवि कुमार विश्वास के लिए एक अच्छी खबर


प्रसिद्ध हिंदी कवि कुमार विश्वास के लिए एक अच्छी खबर में, गाजियाबाद पुलिस ने 15 फरवरी, 2019 को गाजियाबाद के वसुंधरा में उनके निवास से चोरी हुई उनकी फॉरच्यूनर कार को बरामद करने में सफलता प्राप्त की है।


पुलिस ने कुमार विश्वास की कार बरामद करने में कामयाबी हासिल करने के बाद उन चार लोगों को गिरफ्तार किया, जो हाई-एंड लग्जरी कारों को चोरी करने में शामिल थे। गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान मोहम्मद कल्लू, काला, कामिल और नसीबुद्दीन के रूप में हुई है, चोरी करने के बाद वाहनों के चेसिस नंबर बदल देते थे और फिर वे चोरी के वाहनों को बेच देते थे।


पुलिस ने आरोपियों के पास से एक फॉरच्यूनर और एक मारुति स्विफ्ट कार बरामद की है। पता चला है कि इन कारसेवकों के पास से अवैध रूप से बनाई गई पिस्तौल, लव कारतूस और चार मोबाइल फोन भी जब्त किए गए थे। मीडिया से बात करते हुए, गाजियाबाद के एसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि ये आरोपी वाहनों को बाजार में बेचने से पहले चेसिस, पंजीकरण और इंजन नंबर को बदलते थे। उन्होंने कहा कि इन कार चालकों को वाहन चोरी करने में लगभग 5-7 मिनट लगते थे।


इंदिरापुरम थाना प्रभारी संजीव शर्मा ने कहा कि चार आरोपियों को टिपऑफ के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान, अभियुक्तों ने ग़ाज़ीबाद पुलिस को बताया कि सुक्का नाम का उनका एक दोस्त पुराने वाहनों की आरसी अपने व्हाट्सएप नंबर पर भेजता था और वही जानकारी वे चोरी के वाहनों पर डालते थे।



 


मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

गाजियाबाद मे ढाई साल की नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में 30 वर्षीय व्यक्ति गिरफ्तार


गाजियाबाद के कवि नगर इलाके में सोमवार देर रात एक ढाई साल की बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिसमें पुलिस बुकिंग और एक 30 वर्षीय व्यक्ति को एक शिकायत के आधार पर मामले में प्रमुख संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार कर लिया गया। 


जांचकर्ताओं ने संदिग्ध की पहचान चंदन पांडे के रूप में की, जो नाबालिग के पिता के साथ कारखाने में काम करता था। पुलिस ने दावा किया कि नाबालिग के पिता, पांडे और एक अन्य व्यक्ति घटना से पहले शराब का सेवन कर रहे थे, जिसके बाद संदिग्ध व्यक्ति पीड़ित के घर गया।


“वह आदमी हमारे घर आया और ऊपर चला गया। फिर वह मेरी भतीजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर 8.51 बजे (यह एक सीसीटीवी में कैद हुआ था) नीचे आया। फिर उसने लड़की को यह कहते हुए बाहर निकाला कि वह उसे किसी स्थानीय दुकान से कुछ ट्रीट खरीदना चाहती थी। बाद में, जब वे कुछ घंटों के लिए वापस जाने में विफल रहे, तो परिवार ने एक खोज शुरू की। थोड़ी देर तक उनकी तलाश करने के बाद हमने पुलिस को सूचित किया। देर रात खोज के दौरान, मेरी मां ने आखिरकार एक दुकान में बिस्तर पर पड़े आदमी को देखा, ”नाबालिग के चचेरे भाई ने कहा।


परिजनों ने तुरंत संदिग्ध को दबोच लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया।


“हम उससे लड़की के ठिकाने के बारे में पूछते रहे, लेकिन उसने जवाब देने से इनकार कर दिया। फिर उसे पुलिस ने दबोच लिया। मंगलवार को सुबह लगभग 11.30 बजे, पुलिस ने उसे यह कहकर रोक लिया कि अगर उसने उन्हें लड़की के ठिकाने के बारे में बताया तो उसे छोड़ दिया जाएगा। इस पर, उसने पुलिस को बताया कि उसने लड़की को पास के औद्योगिक क्षेत्र में एक जंगल वाले इलाके में छोड़ दिया था, “उसने कहा।


फैमिली ने कहा कि फैक्ट्रियों में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाली लोहे की बड़ी-बड़ी चादरों का एक गुच्छा था, जो औद्योगिक क्षेत्र में सड़क के किनारे खड़े थे, जहां संदिग्ध ने नाबालिग का कथित तौर पर उल्लंघन किया था। अपराध स्थल नाबालिग के घर से लगभग एक किलोमीटर दूर है।


संदिग्ध लड़की को मौके पर ले गया और वहां कथित रूप से बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। इस स्थान को राहगीरों के टकटकी से अलग और ढाल दिया जाता है, इस क्षेत्र में खड़ी लोहे की चादरों के लिए धन्यवाद। नाबालिग के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, ”पीड़िता के चाचा ने कहा।


जांचकर्ताओं ने कहा कि उन्हें नमकीन के तीन पैकेट और कुछ मुद्रा के सिक्के मिले, जिसके साथ पांडे ने कथित तौर पर नाबालिग को लालच दिया था। संदिग्ध मेरे बहनोई (लड़की के पिता) का एक सहयोगी है और दोनों ने एक ही कारखाने में पिछले 12-12 वर्षों से एक साथ काम किया है। पांडे अक्सर हमारे घर आते थे और लड़की को जानते थे।


पुलिस ने कहा कि परिवार द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर, उन्होंने आईपीसी की धारा 376ab (बारह साल से कम उम्र की महिला के साथ बलात्कार) और 302 (हत्या) के तहत यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की। कवि नगर पुलिस स्टेशन में POCSO) अधिनियम।


जांचकर्ताओं को संदेह है कि बलात्कार, हत्या को उस परिवर्तन से जोड़ा जा सकता है, जो उस व्यक्ति के पास दो साल पहले नाबालिग के पिता के साथ था।


“हमने परिवार द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की है और पीड़ित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा, हमने संदिग्ध और तैनात टीमों को फोरेंसिक सबूतों के संग्रह के लिए गिरफ्तार किया है।


लड़की बुलंद शहर के औद्योगिक क्षेत्र में आरटीओ कार्यालय के पास रहती थी। इस बीच पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिटी अभिषेक वर्मा ने कहा कि चंदन पांडे का अपने बड़े भाई के साथ विवाद हुआ था जिसके बाद उसने लड़की की हत्या कर दी।


सड़क किनारे मिला युवक का शव


इंदिरापुरम थाना क्षेत्र स्थित वैशाली सेक्टर-छह पुलिया के पास हिंडन नहर रोड पर बृहस्पतिवार सुबह युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू की। युवक की शिनाख्त हो चुकी है। मामले में पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली। पुलिस मान रही है कि किसी अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से युवक की मौत हुई है। हालांकि हत्या सहित अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।
बृहस्पतिवार सुबह करीब6  बजे लोगों ने इंदिरापुरम क्षेत्र में वैशाली सेक्टर-छह पुलिया के पास हिंडन नहर रोड पर अज्ञात युवक का शव देखा। इसकी पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की छानबीन शुरू की। युवक के शव के पास बैग, पर्स और मोबाइल मिला। पर्स में 11710  रुपये व आधार कार्ड, पैन कार्ड मिला। आधार कार्ड से युवक की शिनाख्त 30 वर्षीय गोल्डी पुत्र सुभाष निवासी खरक कला निकट दादी सती मंदिर भिवानी हरियाणा के रूप में हुई है। वह यहां शक्ति खंड-तीन में किराये के मकान में रहते थे। पुलिस ने युवक के मोबाइल का लाक खुलवाकर उसके स्वजन से संपर्क किया। दोपहर में उनके छोटे भाई निखिल इंदिरापुरम पहुंचे। उन्होंने भी शव की शिनाख्त की। पुलिस को बताया कि गोल्डी करीब सात-आठ साल से अलग रह रहे थे। उन्होंने पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी। पोस्टमार्टम के बाद शव को गृह जनपद लेकर चले गए।

दुर्घटना मान रही पुलिस: गोल्डी के दाएं पैर में गंभीर चोट के निशान थे। पुलिस का कहना है कि किसी वाहन की टक्कर लगने से इस तरह की चोट आती है। लग रहा है कि किसी वाहन की टक्कर लगने से उनकी मौत हुई है। फिर भी पुलिस अन्य बिंदुओं पर मामले की जांच कर रही है। युवक के शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंप दिया गया है। कोई शिकायत नहीं मिली है। अब तक की छानबीन से लग रहा है कि किसी वाहन की टक्कर लगने से युवक की मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर मौत के सही कारणों का पता चलेगा।
-अंशु जैन, पुलिस क्षेत्राधिकारी, इंदिरापुरम।


रविवार, 18 अक्टूबर 2020

केबल फैक्ट्री मालिक के मर्डर केस में थ्री-व्हीलर ड्राइवर हेल्ड


एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि साहिबाबाद पुलिस ने एक तीन पहिया वाहन चालक को गिरफ्तार किया है, जिसका वाहन कथित तौर पर एक केबल कारखाने के मालिक के शव को डंप करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
लाल कुआं इलाके के निवासी इकबाल को बुधवार रात एक चेकिंग के दौरान मोहन नगर के त्रिशूल से गिरफ्तार किया गया था। उनके वाहन को भी जब्त कर लिया गया, एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा।
कथित तौर पर केबल फैक्ट्री के मालिक अजय पांचाल के शरीर को डंप करने के लिए वाहन का इस्तेमाल किया गया था। 12 अक्टूबर को उनकी गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। अगले दिन उनका शव बरामद किया गया था। एक महिला, जो उसके साथ रिश्ते में थी, बुधवार को आयोजित की गई थी, एसएसपी ने कहा।



अधिकारी ने कहा कि महिला के पति, उसके दोस्त और तिपहिया चालक ने शव को आगे के इलाके में लाने में मदद की थी। बुधवार को महिला और टेम्पो चालक को पकड़ लिया गया था, जबकि अन्य दो आरोपी अभी भी बड़े स्तर पर हैं। एसएसपी के अनुसार, आरोपी ने समझौता करने की स्थिति में उसका वीडियो रिकॉर्ड करके पांचाल से पैसा निकालने की योजना बनाई थी। अधिकारी ने कहा कि जब पांचाल ने उनका विरोध किया, तो उन्होंने उसकी पिटाई की और गुस्से में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उनकी कार उनके द्वारा हज हाउस के पास एक प्लॉट में छोड़ दी गई थी और शव साहिबाबाद के एक औद्योगिक क्षेत्र में फेंक दिया गया था।



खोड़ा ठाणे के चौकी इंचार्ज रिश्वत लेते गए पकड़े एसएसपी ने किआ निलंबित

साहिबाबाद। खोड़ा थाना क्षेत्र के नेहरू गार्डन चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह का रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। एक वकील ने रिश्वत देते हुए यह वीडियो बनाया है। मामला संज्ञान में आते ही एसएसपी ने चौकी इंचार्ज को निलंबित कर जांच सीओ इंदिरापुरम को सौंप दी है। वह पूरे मामले की जांच कर एसएसपी को रिपोर्ट सौंपेंगी। 
बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर दो वीडियो तेजी से वायरल हुए। पहले वीडियो में एक व्यक्ति खोड़ा थाना क्षेत्र के नेहरू गार्डन चौकी में रुपये गिनते हुए दिख रहा है। जबकि दूसरे वीडियो में रुपये दरोगा के हाथ में देते हुए दिख रहा है। इस संबंध में अधिवक्ता उमाशंकर शर्मा ने बताया कि नेहरू गार्डन क्षेत्र में एक महिला ने वर्ष 2003 में 150 गज के मकान का बैनामा कराया था। इस बीच उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया। आरोप है कि धोखाधड़ी कर उस मकान का आरोपी ने अपनी मौसी के बेटे के नाम पावर ऑफ अटार्नी करा दिया और उसे किराए पर दे दिया। अधिवक्ता का कहना है कि उन्होंने महिला की ओर से इसकी खोड़ा थाने में शिकायत दी। आरोप है कि नेहरू गार्डन चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करने के नाम पर रिश्वत मांगी। दरोगा ने सीओ और एसएचओ को भी रुपये देने की बात कही थी। अधिवक्ता का आरोप है कि उन्होंने कई बार में कुल 40 हजार रुपये दिए, लेकिन रिपोर्ट नहीं दर्ज हुई। इस पर उन्होंने दरोगा के रिश्वत लेते हुए वीडियो के साथ मामले की सीएम, डीजीपी और एसएसपी गाजियाबाद को शिकायत की। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले में चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह को निलंबित कर पूरे मामले की जांच सीओ इंदिरापुरम को सौंप दी है। सीओ इंदिरापुरम अंशु जैन ने बताया कि वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है। वीडियो में रुपये लेते दिख रहे दरोगा की जांच की जा रही है। जल्द जांच के बाद रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी जाएगी।
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क्या कहते हैं दरोगा 
दरोगा गजेंद्र सिंह ने रिश्वत लेने की बात से इंकार किया है। उनका कहना है कि उनको बुखार था। वह अपनी चौकी में लेटे हुए थे। उन्होंने बुखार की दवा मंगाई थी। वह दवा लाने के बाद मेरे द्वारा दिए गए रुपये मुझे लौटा रहे थे। उन्हें फंसाने के लिए यह सब किया जा रहा है।
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इन मामलों ने कराई गाजियाबाद पुलिस की किरकिरी
- बरामदगी के 70 लाख डकारने का मामला : लिंक रोड थाना पुलिस ने पिछले साल बरामदगी की रकम में से 70 लाख रुपये डकारने के मामले में तत्कालीन एसएचओ लक्ष्मी चौहान समेत सात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। सभी पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित हुआ था।
- रिवत लेकर जुआरियों को छोड़ने का मामला : इंदिरापुरम पुलिस पर पिछले वर्ष रिश्वत लेकर जुआरियों को होटल से छोड़ने का मामला सामने आया था। इसमें तत्कालीन एसएचओ दीपक शर्मा व दो दरोगा सचिन शर्मा व संदीप कुमार पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। तीनों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित हुआ था।
- ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के आरोप का मामला : पिछले वर्ष एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के पीआरओ पंकज कुमार ने व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज वायरल किए थे। इसमें उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। आरोप था कि थानों और चौकियों पर पोस्टिंग के नाम पर खुलेआम सौदा किया जाता है।
- दीपावली पर मुफ्त में मिठाई देने का मामला : पिछले वर्ष दीपावली के बाद पुलिस पर मुफ्तखोरी का आरोप लगा था। व्यापारी नेता ने सोशल मीडिया पर पत्र वायरल करके पुलिस के बारे में कहा था पुलिस दबंगई दिखाते हुए लाखों रुपये की मिठाई मुफ्त में खा गई।
- दरोगा द्वारा ऑनलाइन रिश्वत लेने का मामला : हाल में शास्त्रीनगर चौकी इंचार्ज द्वारा झगड़े के मामले में हिरासत में दो पक्षों को हिरासत में लिया था। जेल भेजने की धमकी देकर चौकी इंचार्ज ने रिश्वत के 10 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराए थे।
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16 सितंबर : सिहानी गेट क्षेत्र में फोटो खींचने का कारण पूछने पर रात भर हवालात में रखा युवक, सुबह रिश्वत लेकर छोड़ा। 
21 फरवरी : एसएसपी कलानिधि नैथानी ने भ्रष्टाचार के आरोप में सिहानी चुंगी पुलिस चौकी के इंचार्ज प्रजंत त्यागी को लाइन हाजिर कर दिया। जांच एसपी सिटी को सौंपी है।


किरायदारों की होगी वेरिफिकेशन


गाजियाबाद: किराए पर रहने वाले ठिकानों की तलाश करने वाले अपराधियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से, गाजियाबाद पुलिस ने जिले में रहने वाले सभी किरायेदारों का सत्यापन अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। पुलिस ने कहा कि पुलिस किरायेदारों के सत्यापन के लिए शहर के हर घर में फॉर्म वितरित करेगी, जबकि घर के मालिक को फॉर्म भरना होगा और सभी आवश्यक विवरणों के साथ निकटतम पुलिस स्टेशन में जमा करना होगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने पाया कि कई अपराधी जिले में किराए के मकानों में रह रहे थे और सक्रिय रूप से अपराध कर रहे हैं। "ड्राइव को कई चरणों में किया जाएगा, और शुरुआत में हम केवल शहर क्षेत्र में 3 लाख फॉर्म वितरित करेंगे। लगभग 550 बीट अधिकारियों को फॉर्म वितरित करने का काम सौंपा गया है और हमें उम्मीद है कि अगले दो से तीन महीनों में, हम वितरित करेंगे।" जिले के हर घर में फॉर्म भरते हैं, "कलानिधि नैथानी ने कहा कि गाजियाबाद पुलिस के एस.एस.पी.


एसएसपी ने आगे कहा कि अगर पुलिस को पता चला कि एक मकान मालिक किरायेदार की जानकारी छिपाने की कोशिश कर रहा है, तो उन्हें पुलिस द्वारा बुक किया जाएगा। एसएसपी ने कहा, "मकान मालिक को आईपीसी की धारा 216 के तहत दर्ज किया जाएगा (जो कि हिरासत से भाग गया है या जिसकी आशंका से बच गया है) और 120 बी (आपराधिक साजिश की सजा) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।" गाजियाबाद में किराए के मकान और फ्लैट में तेजी देखी जा रही है, लेकिन इनमें से ज्यादातर मकान किराएदारों को बिना पुलिस सत्यापन के दिए गए हैं। अतीत में, पुलिस ने कई आपराधिक गतिविधियों में पाया, ज्यादातर आरोपी शहर में किराए के घर पर रह रहे थे। प्रत्येक आपराधिक गतिविधि के बाद, पुलिस निवासियों से अपील करती है कि वे किरायेदारों को पुलिस के साथ पंजीकृत करवाएं।


 


Rs 100 Coin: पीएम मोदी ने जारी किया 100 रुपये का सिक्का

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए 100 रुपये का स्मृति सिक्का (Rs 100 Coin) जारी किया है. पीएम मोदी द्वारा यह सिक्का विजया राजे सिंधिया (Vijaya Raje Scindia) के सम्मान में जारी किया गया है. विजया राजे सिंधिया को ग्वालियर के राजमाता के रूप में जाना जाता है. 100 रुपये का यह सिक्का​ विजया राजे सिंधिया के जन्म शताब्दी के मौके पर जारी किया गया है. 100 रुपये के इस स्मृति सिक्के को वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा तैयार किया गया है. पीएम की ओर इस सिक्के के जारी किए जाने के अवसर पर पारिवार के सदस्यों के साथ-साथ देश के अन्य भागों से लोग हिस्सा लिया.


वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए 100 रुपये के इस सिक्के के दोनों तरफ को खासतौर से डिजाइन किया गया है. इस सिक्के के एक तरफ राजमाता विजयाराजे सिंधिया की तस्वीर है. इसी तरफ ऊपरी हिस्से हिंदी में 'श्रीमती विजया राजे सिंधिया की जन्म शताब्दी' लिखा है. नीचे की ओर यह अंग्रेजी में लिखा हुआ है. सिक्के के इसी तरफ उनके जन्म का साल 1919 को और जन्त शताब्दी 2019 लिखा हुआ है.इस सिक्के के दूसरी ओर हिंदी और अंग्रेजी में भारत लिखा हुआ है. सिक्के के दूसरी ओर ही अशोक स्तंभ का चिन्ह बना हुआ है. इसी ओर नीचे 100 रुपये लिखा हुआ है.



बुधवार, 7 अक्टूबर 2020

एक करोड़ रुपये मूल्य की 650 किलोग्राम गांजा जब्त


गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए, गाजियाबाद पुलिस ने सोमवार को छह क्विंटल भांग ले जा रहे एक कैंटर को जब्त किया।
गाजियाबाद एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार, कैंटर (OD02AK4199) कवि नगर इलाके से जब्त किया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस को एक कैन्टर ट्रांसपोर्टिंग कैनबिस के बारे में टिप दी गई थी। केवी नगर इलाके में घुसते ही ट्रक पर सवार लोगों ने उसे रोक लिया।
कलानिधि ने कहा कि जब्त की गई भांग का वजन 650 किलोग्राम है। जब्त दवा का बाजार मूल्य लगभग 1 करोड़ रुपये बताया गया है।


कलानिधि  ने कहा कि सब्जियों और केले के अंदर भांग के 25 बैग छिपे हुए थे।
पूछताछ के दौरान, ड्राइवर ने कहा कि जब्त खेप ओडिशा से बुक की गई थी। जिस व्यक्ति ने खेप बुक की थी, वह ट्रक के साथ अपनी निजी कार में यात्रा कर रहा था।
पुलिस ने बताया कि कार एक फर्जी नंबर प्लेट (SX4DL2973) थी।


बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल खत्म

प्रदेश के बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं का सोमवार से शुरू हुआ प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार मंगलवार शाम को समाप्त हो गया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और प्रदेश सरकार की वित्त मंत्री सुरेश खन्ना व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की कैबिनेट उप समिति के बीच वार्ता में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के  निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की सहमति बन जाने के बाद कार्य बहिष्कार समाप्त करने का एलान किया गया। दोनों मंत्रियों और मुख्य सचिव आर. के. तिवारी की मौजूदगी में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व पावर कार्पोरेशन प्रबंधन के बीच समझौते पर दस्तख किए गए।



शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कार्पोरेशन केअध्यक्ष अरविंद कुमार, राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक सैंथिल पांडियन व निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) ए.के. पुरवार ने समझौते पर दस्तखत किए। समझौते में कहा गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का प्रस्ताव राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। इसके अलावा पूर्वांचल निगम के संबंध में  किसी अन्य व्यवस्था का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। 
बीती देर रात तक वार्ता में भी लगभग इन्हीं मुद्दों पर सहमति बन गई लेकिन अरविंद कुमार के समझौते पर दस्तखत करने से इन्कार कर देने की वजह से टकराव बढ़ गया था। सोमवार रात में मेें वार्ता विफल हो जाने के बाद कार्य बहिष्कार का व्यापक असर नजर आने लगा था। मंगलवार को राजधानी समेत पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति अस्त-व्यस्त रही। इसी बीच पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने भी कार्य बहिष्कार में शामिल होने का एलान कर दिया जिससे हालात और बिगड़ गए। दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री व शासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की।
इसके बाद कैबिनेट उप समिति को संघर्ष समिति से वार्ता करके गतिरोध समाप्त करने का जिम्मा सौंपा गया। कैबिनेट उप समिति के साथ वार्ता में फिलहाल पूर्वांचल निगम का निजीकरण न करने पर सहमति हो गई। समझौते में कहा गया है कि प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही बिजली सुधार के लिए कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना प्रदेश में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।


यह भी सहमति हुई है कि वितरण क्षेत्र को भ्रष्टाचार को मुक्त करने, बिलिंग व वसूली का लक्ष्य प्राप्त करने तथा उपभोक्ताओं को पूर्णत: संतुष्ट करते हुए विद्युत उपकेंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने में संघर्ष समिति प्रबंधन का पूरा सहयोग करेगी। सुधार की इस कार्यवाही की 15 जनवरी 2021 तक ऊर्जा मंत्री, प्रबंधन व संघर्ष समिति द्वारा मासिक समीक्षा की जाएगी। समझौते में स्पष्ट लिखा गया है कि वर्तमान आंदोलन के कारण किसी भी संविदा कर्मी, बिजली कर्मचारी, अवर अभियंता एवं अभियंता के विरुद्ध किसी प्रकार की उत्पीड़न की कार्रवाई नहीं की जाएगी।


आंदोलन के दौरान जिन भी स्थानों पर बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियंताओं अथवा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज हुए मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाएगा। संघर्ष समिति की ओर से संयोजक शैलेंद्र दुबे, अखिलेश कुमार सिंह, वीपी सिंह, प्रभात सिंह, गोपाल बल्लभ पटेल, जय प्रकाश, माया शंकर तिवारी, सुहेल आबिद, परशुराम, प्रेमनाथ राय, डी.के. मिश्रा आदि ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
राजधानी समेत प्रदेश तमाम इलाके अंधेरे में


बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार का दूसरे दिन व्यापक असर दिखाई दिया। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ा गई। सोमवार से शुरू हुए कार्य बहिष्कार में मंगलवार को पावर आफिसर्स एसोसिएशन के भी शामिल हो जाने से विद्युत उपकेंद्रों पर कामकाज लगभग ठप सा हो गया है। फाल्ट आदि ठीक करने का काम बंद रहा जिससे लोगों को घंटों अंधेरे में रहना पड़ा। राजधानी में गोमतीनगर का बड़ा हिस्सा शाम से अंधेरे में डूबा था।


वीवीआइपी इलाकों समेत राजधानी के बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में किसी न किसी रूप में बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा। ट्रांसमिशन व वितरण लाइनों में गड़बड़ी, ट्रांसफार्मर की खराबी, केबल फाल्ट व अन्य तकनीकी वजहों से बंद हुई आपूर्ति दुरुस्त नहीं हो पाई। शासन की ओर से किए जा रहे वैकल्पिक इंतजाम के दावे धरे के धरे रह गए। कार्य बहिष्कार समाप्त होने से सरकार के साथ-साथ उपभोक्ताओं ने भी राहत की सांस ली है।


 


निजीकरण के विरोध में सड़कों पर उतरे बिजली विभाग के कर्मचारी


लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर आज राज्य में 15 लाख से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर है. साथ ही बीते कल विफल हुई वार्ता के कारण राज्य के अलग अलग जिलों में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने आंदोलन करने का फैसला किया है. इस कारण अलग अलग जिलों में 25-25 हजार कर्मचारी आंदोलन करेंगे. बता देंकि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अधिकारियों की बीते कल उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा संग बैठक हुई थी. इस बैठक में उर्जा मंत्री ने निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा करते हुए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया. लेकिन UPPCL के विद्युत कर्मचारियों के बीच अभी सहमति नहीं बन पाई है.


बता दें कि राज्य में बीते सोमवार बिजली कर्मचारियों के हड़ताल ने रात भर लोगों का जीना मुहाल कर दिया. क्योंकि बिजली कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के कारण सूबे में करोड़ों लोगों को बिजली से वंचित रहना पड़ा है. इस दौरान सिर्फ आमजन ही नहीं बल्कि कई अधिकारियों के घर की बत्ती भी रातभर गुल रही. कई मंत्री और विधायकों के घरों में भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो सकी. इस कारण लोगों के पास पानी की समस्या भी उठ खड़ी हुई और लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा है


बता देंकि यूपी के कई शहर जैसे- देवरिया, आजमगढ़, बाराबंकी, गाजीपुर, मऊ, गोरखपुर, मिर्जापुर इत्यादि कई जिलों में बिजली ठप्प पड़ गई और ये शहर अंधेरे में डूब गए. कई जगहों पर तो बिजली कर्मचारियों ने सोमवार की सुबह से ही हड़ताल शुरू कर दिया. इस कारण सुबह से ही कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति न हो सकी और लोगों को हो रही समस्या के बाद कोई बिजली विभाग में फोन न कर सके. इस कारण दीवारों पर लिखे गए बिजली अधिकारियों के फोन नंबर तक को मिटा दिया गया.


हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रहीहै. इस कारण सरकार ने बिजली विभाग में निजीकरण करने का फैसला किया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि साल 2018 में हुए समझौते का सरकार को पालन करना चाहिए. बता दें कि 5 अप्रैल 2018 को बिजली विभाग के कर्मचारियों और सरकार के बीच एक उर्जा प्रबंधन के साथ समझौता किया गया था. इसमें कहा गया था कि सरकार बिजली विभाग में निजीकरण के किसी भी फैसले को लेने से पहले बिजली विभाग के कर्मचारियों को विश्वास में लेकर ही कोई फैसला करेगी.


Mirzapur 2 Trailer


नई दिल्ली:
लोगों को बीते साल से बेसब्री से अगर किसी सीरीज के दूसरे सीजन का इंतजार है तो वह है 'मिर्जापुर 2 ( Mirzapur 2)'. एक्शन और इमोशन से भरपूर इस सीरीज में जहां एक ओर पंकज त्रिपाठी, अली फजल, रसिका दुग्गल जैसे दमदार कलाकार हैं वहीं अब इसके दूसरे भाग में कई और नए चेहरे नजर आने वाले हैं. सीरीज का मोस्ट अवेडेट ट्रेलर (Mirzapur 2 Trailer out) रिलीज कर दिया गया है. रिलीज होते ही यह ट्रेलर धूम मचा रहा है. 


सीरीज के दूसरा भाग का ट्रेलर देखकर पहले की तुलना में ज्यादा खतरनाक नजर आ रहा है. जाहिर है गुड्डू के अंदर बदले की आग जल रही है. तो वहीं गोलू भी अपनी बहन की मौत का बदला लेने के लिए एक पढ़ाकू लड़की से गैंगस्टर गर्ल के अवतार में नजर आ रही है. मुन्ना भैया का दम खम भी पहले से ज्यादा है.वेब सीरीज 'मिर्ज़ापुर 2' के ट्रेलर में एक बार फिर पंकज त्रिपाठी को कालीन भैया, अली फजल को गुड्डू के रूप में, दिव्येंदु शर्मा को मुन्ना भैया और श्वेता त्रिपाठी को गोलू के किरदार में देखकर लोग इमोशनल हो रहे हैं. ट्रेलर आते ही सोशल मीडिया (Social Media) पर ट्रेंड करने लगा है. #Mirzapur2Trailer के साथ लोग इसे शेयर कर रहे हैं. यह सीरीज अमेजन प्राइम पर 23 अक्टूबर को प्रसारित की जाएगी.


https://youtu.be/xMKzdQrC5TI


शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला


नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में हुए प्रदर्शन पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला दिया और कहा कि कोई भी व्यक्ति या समूह सार्वजिनक स्थानों को ब्लॉक नहीं कर सकता है. ज़ी न्यूज़ की मुहिम पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता.


जस्टिस एसके कौल ने कहा कि CAA के विरोध में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे और रास्ते को ब्लॉक कर दिया था. हालांकि CAA के खिलाफ कई याचिकाएं कोर्ट में दाखिल हुए, जो अभी लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से अलग-अलग फैसला दिया गया.


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन पर कहा कि आवागमन का अधिकार अनिश्चित काल तक रोका नहीं जा सकता. संविधान विरोध करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए. सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन उन्हें निर्दिष्ट क्षेत्रों में होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि शाहीन बाग में मध्यस्थता के प्रयास सफल नहीं हुए, लेकिन हमें कोई पछतावा नहीं है.


बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में 100 से ज्यादा दिन तक धरना-प्रदर्शन चला था और लोगों ने सड़क को ब्लॉक कर दिया था. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली में लगाए गए धारा 144 के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया. शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने और सड़क को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई थी, क्योंकि इस कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.


शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020

हाथरस केस : जानिये, मौत से पहले पीड़िता ने क्या क्या कहा

लखनऊ. हाथरस मामले में यूपी सरकार लगातार मुश्किलों में फंसती नजर आ रही है. इस दुष्कर्म के मामले में पुलिस का बयान चौंकाने वाला है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का कहना है कि पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन पीड़िता के बयान का एक वीडियो सामने आया है, जो इस बयान पर सवाल उठा रहा है. इस वीडियो में पीड़िता साफतौर पर कह रही है कि मेरे साथ रेप हुआ है.



दुष्कर्म पीड़िता का पूरा बयान इस तरह है


 


इसे वीडियो में पीड़िता कह रही है कि ''एक महीना पहले भी मेरा रेप करने की कोशिश की. तब मैं बच गई. रवि (आरोपी) फोन पर कह रहा था, कुछ हुआ नहीं. तब भाग गया था. उस दिन रेप हुआ. वही दोनों थे. बाकी सब मम्मी को देखकर भाग गए थे. थोड़ा होश था. मम्मी ने मुंह में पानी डाला पूछा क्या हुआ? रेप हुआ.


 


एडीजी का बयान-नहीं हुआ था दुष्कर्म


 


इस बयान के बाद यूपी पुलिस सवालों के कटघरे में है, यही नहीं, एडीजी प्रशांत कुमार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा था कि रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के ये बयान यूपी पुलिस की विश्वसनीयता पर भी सलाविया निशान लगा रहा है.


हाथरस के डीएम, एसपी निलंबित किया गया


हाथरस की घटना के बाद देशभर में लोगों में गुस्सा है. जहां आरोपियों को फांसी देने की मांग की जा रही है तो वहीं इस पूरे मामले में पुलिस प्रसाशन पर भी सवाल उठ रहे हैं. एबीपी न्यूज़ लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है. एबीपी न्यूज़ सवाल कर रहा है कि आखिर किस कानून के तहत मीडिया को पीड़ित परिवार से नहीं मिलने दिया जा रहा है. अब बीजेपी नेता उमा भारती ने भी यही सवाल उठाया है. उमा भारती ने कहा,' वह एक दलित परिवार की बिटिया थी. बड़ी जल्दबाज़ी में पुलिस ने उसकी अंत्येष्टि की और अब परिवार एवं गाव की पुलिस के द्वारा घेराबंदी कर दी गयी है. मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नही है की एसआइटी जाँच में परिवार किसी से मिल भी ना पाये. इससे तो एसाईटी की जाँच ही संदेह के दायरे में आ जायेगी.''
इस बीच कुछ मीडियाकर्मियों ने दावा किया है कि सादे वर्दी में पुलिसवाले ने उनके साथ मारपीट की है. अब वहां बताया जा रहा है कि महिला मीडिया कर्मी से भी पुलिस मारपीट कर रहे हैं.



 


हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए Sachcha yug  न्यूज़ ग्राउंड पर उतरा हुआ है.  देश से इंसाफ की आवाज उट रही है. पुलिस का भारी पहरा हाथरस में हैं, लेकिन इंसाफ के लिए हमारी टीम डटी हुई है.


हाथरस पीड़िता के परिवार को इंसाफ दिलाने की साथ पूरा देश आ गया है. दिल्ली, मुंबई, भोपाल, पटना, आरा, जम्मू समेत देश के कई हिस्सों में लोग घर से बाहर निकल आए हैं. लोग कैंडल जलाकर और पोस्टर लेकर इंसाफ की मांग कर रहे हैं.रेप पीड़िता के पूरे गांव के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनाती कर दी गई है. हर रास्ते को बंद कर दिया गया है और मीडिया समेत किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव के अंदर जाने की अनुमति नहीं है.


हाथरस की घटना पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, जो इस लड़की के साथ हुआ, जो उसके परिवार के साथ हो रहा है, उन पर अन्याय पर अन्याय हो रहा है. इसके खिलाफ इस देश की एक-एक महिला और एक-एक पुरुष की आवाज़ उठनी चाहिए. जो भी उस लड़की के साथ किया गया उसको झेलते हुए भी सरकार की कोई मदद नहीं मिली.


हाथरस पुलिस में ओवर हालिंग की तैयारी. DM, SP से लेकर नीचे तक के कईं पुलिस प्रशासनिक अफसरों पर गिर सकती है गाज. कार्रवाई को लेकर गृह विभाग में हो रहा है मंथन. आज शाम तक बड़ी कार्रवाई सम्भव.


एडिशनल एसपी प्रकाश कुमार ने कहा, ''SIT की जांच तक मीडिया पर रोक है. एसआईटी कह देगी हमारी जांच पूरी हो गई है तो मीडिया को जाने दिया जाएगा. हमें दो बातें कहने का निर्देश दिया गया है. जब तक एसआईटी यहां काम कर रही है. अधिकारियों का बयान नोट किया जा रहा है. जांच प्रभावित नहीं हो इसलिए रोक लगाई गई है. राजनीतिक लोगों को भी आने की इजाजत नहीं है.''


हाथरस की घटना को लेकर पूरे देश में रोष व्याप्त है. जगह-जगह घटना के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं.. चितास्थल से मृतका की अस्थियां तक अभी चुनी नहीं गईं हैं और हैंड सेनिटाइजर की बोतल भी वहीं पड़ी हुई है.


हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है. इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा. आपकी उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है. यह हमारा संकल्प है-वचन है.


हाथरस पीड़िता का भाई पुलिस से छिपकर मीडिया के सामने आ गया. उसने कहा- पुलिसवाले गांव के चप्पे-चप्पे पर हैं. घरवालों को डराया जा रहा है, हमें बंधक बनाया है.


गाजियाबाद में 2450 जगहों पर होलिका दहन: सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस अलर्ट पर

  गाजियाबाद वसुंधरा सेक्टर 2b में होलिका दहन की तैयारी की तस्वीर  गाजियाबाद में होली पूजन और होलिका दहन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए ...