उत्तराखंड के सरकारी विभागों में फर्जीवाड़े के नित नए केस सामने आ रहे हैं। ताजा मामला उत्तराखंड पुलिस से जुड़ा है। यहां देहरादून के रायवाला में लाइन हजार किया गया विशेष श्रेणी सब-इंस्पेक्टर 25 महीने तक गायब रहा, लेकिन इस बीच लगातार सैलरी लेता रहा। मामले का खुलासा तब हुआ, जब सब-इंस्पेक्टर कई महीने गायब रहने के बाद रिटायर हो गया। मामले में तत्कालीन एसओ और थाने के मुंशी की लापरवाही सामने आई है। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद पुलिस कप्तान की तरफ से सब-इंस्पेक्टर को वेतन वसूली का नोटिस भेजा गया है। लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन एसओ और मुंशी के खिलाफ भी पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, ये भी बताते हैं। आगे पढ़िए
मामला रायवाला थाने से जुड़ा है। 6 दिसंबर 2017 को तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती हरिद्वार से लौट रही थीं। इसी दौरान उन्हें रास्ते में जाम मिला। एसएसपी ने संबंधित अधिकारी के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि मौके पर विशेष श्रेणी दरोगा अशोक कुमार की ड्यूटी थी, लेकिन वो मौके से गायब मिले। तब एसएसपी ने उन्हें आरसी सैट के जरिए लाइन हाजिर होने का आदेश दे दिया। इसके बाद दरोगा अशोक कुमार ना तो थाने पहुंचा और ना ही पुलिस लाइन। वो 6 दिसंबर से पहले से ही अनुपस्थित चल रहा था। लापरवाही का आलम देखिए कि महीनों बीत जाने के बाद भी किसी ने अशोक कुमार की खबर नहीं ली। दरोगा अशोक कुमार की खबर तब ली गई जब अक्टूबर 2019 में उसके बेटे के संबंध में एक मौखिक शिकायत पुलिस कप्तान डीआईजी अरुण मोहन जोशी के पास आई। डीआईजी ने जब अशोक कुमार के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह लाइन हाजिर हो गया था। लेकिन ना तो उसकी थाने में एंट्री हुई और ना ही पुलिस लाइन में। आगे पढ़िए
मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि थाना रायवाला ने अशोक कुमार को अनुपस्थिति में ही रायवाला से पुलिस लाइन जाना दर्शा दिया था। जबकि अशोक कुमार कई महीने तक गायब रहा। बीते 31 जनवरी को अशोक कुमार रिटायर हो गया। इस तरह गायब रहने के दौरान उसने लगभग 25 महीने की सैलरी पुलिस महकमे से उठाई। अब महकमे ने अशोक कुमार से सैलरी की ये रकम वापस लेने का फैसला लिया है। जिला पुलिस ने उसे नो वर्क, नो पे का नोटिस भेजा है। इस रकम की भरपाई अशोक कुमार की ग्रेच्युटी, राशिकरण और उपार्जित अवकाश आदि से की जाएगी। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि विशेष श्रेणी उपनिरीक्षक अशोक कुमार ने पुलिस विभाग से तमाम बातें छुपाई हैं। वह बिना बताए 25 महीने गायब रहा और सैलरी लेता रहा। अब उसे दिए जाने वाली विभिन्न राशि में से यह रकम वापस ली जाएगी। तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महेश जोशी और मुंशी मनोज कुमार के खिलाफ भी पुलिस एक्ट में कार्रवाई की जाएगी।
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