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शनिवार, 29 अगस्त 2020

योगी आदित्यनाथ भारत के chief सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं, 'केवल उत्तर प्रदेश में नहीं हैं


वह इंडिया टुडे के मीडिया समूह के द्वि-वार्षिक the मूड ऑफ द नेशन ’सर्वेक्षण में पिछले तीन संस्करणों के लिए हमें बता रहे हैं, कि उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ को देश में“ सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री ”पाया गया है।


मीडिया समूह अपनी आवाज़ के शीर्ष पर इस खोज को चिल्लाता रहता है। यह लगभग आज की तरह लगता है इंडिया टुडे ने एक खोज की है और यूरेका! हम सभी को इस खोज के बारे में बात करनी चाहिए। मीडिया समूह तब योगी आदित्यनाथ की उपलब्धियों पर चर्चा करने के लिए आगे बढ़ता है, जो जश्न मनाता है। महाशक्तियों ने बहना नहीं छोड़ा। कवर स्टोरीज, फैंसी फोटो शूट, संबंधित चैनलों पर प्राइम टाइम कवरेज, सोशल मीडिया पर रुक-रुक कर पोस्ट जो रिमाइंडर के रूप में काम करती हैं.


योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व के इस उत्साहपूर्ण उत्सव का सुझाव होगा कि उत्तर प्रदेश के लोग अपने मुख्यमंत्री से बहुत खुश हैं। लेकिन क्या वे? जैसा कि इंडिया टुडे के स्वयं के आंकड़ों से पता चलता है, काफी नहीं है।


आशा शर्मा -सड़कों का होगा डिजिटलाइजेशन


कोरोना संकट के बीच गाजियाबाद में सड़कों की पहचान बदलने जा रही है और जल्द ही जिले की सड़कों को स्थायी पहचान संख्या (PIN-CODE) से पहचाना जाएगा. डाक विभाग के पोस्टकोड की तरह, जोन में सड़कों का नंबर नगर निगम द्वारा निर्धारित डिजिटल कोड में जाना जाएगा.


इस डिजिटल संख्या के आधार पर सड़कों को जाना जाएगा और इसका रिकॉर्ड नगर निगम के कंप्यूटर में फीड किया जाएगा. साथ ही नगर निगम के इस प्रयास से सड़क निर्माण कार्य में होने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा भविष्य में यह भी पता लगाना आसान हो जाएगा कि सड़क कब बनी थी और इसे बनाने के लिए कितना खर्च किया गया था.


अब तक, परंपरागत रूप से नगर निगम के निर्माण विभाग में फाइलें रखी जाती थीं, लेकिन अब भविष्य में ऐसा नहीं होगा. हर सड़क को नगरपालिका के दस्तावेज में पिन कोड की तरह चार से पांच अंकों की एक पहचान संख्या दी जाएगी. पहला अंक नगर निगम क्षेत्र का होगा, अगले दो से तीन अंक नगर निगम के वार्ड का होगा. इसके बाद गली नंबर होगा.


इन सभी को जोड़कर जो संख्या (कोड) बनाई जाएगी, उसे उस सड़क की पहचान संख्या कहा जाएगा.


भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगीः नगर आयुक्त 
गाजियाबाद के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि सड़कों को नंबर देने के पीछे उद्देश्य शहर में सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार को रोकना है. यह प्रथा सालों से चली आ रही है कि गलियों में सड़क के निर्माण का प्रस्ताव तथा पहले और अंतिम घर के मालिक का नाम टेंडर में लिखा गया है.


उदाहरण के लिए, एक गली के बाईं ओर पहला घर राकेश का है और आखिरी घर महेश का है, फिर इस गली में सड़क बनाई जाएगी. आधिकारिक फाइल में लिखा जाता था कि राकेश के घर से महेश के घर तक सड़क का निर्माण किया गया.


इसे भी पढ़ें ---उन्होंने कहा कि कई बार यह देखा गया है कि कुछ समय बाद उसी गली के बाईं ओर रहने वाले पहले और आखिरी घर के मालिक का नाम लिखकर सड़क का निर्माण फिर से फाइलों में दिखाया जाता है. लेकिन अब सड़कों की पहचान संख्या देने से भ्रष्टाचार को काफी हद तक रोका जा सकेगा. सड़कों के सीमांकन का निर्धारण करने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाएगा. इसको सीमांकित करना आवश्यक है. सीमांकन पर सड़क की लंबाई निर्धारित की जाएगी. उसका शुरुआती और अंतिम बिंदु तय किया जाएगा. इसके लिए नगर निगम सर्वे करेगा. इस साल सितंबर से सर्वे शुरू किया जाएगा.


सड़कों का कलर कोड
नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि टूटी सड़कों की पहचान करने के लिए नगर निगम सड़कों को रंग कोड (कलर कोड) देगा. इससे निगम के अधिकारियों के लिए यह तय करना आसान हो जाएगा कि धन की उपलब्धता के आधार पर पहले किन सड़कों को दुरुस्त किया जाना चाहिए.


निगम अधिकारियों के अनुसार, टूटी सड़क की मरम्मत होते ही रंग कोड बदल जाएगा. निगम की आंतरिक व्यवस्था के लिए यह पहल की जा रही है. गलियों में रंग कोड लाल होगा. वहीं, जर्जर सड़क जो पांच साल से अधिक पुरानी हैं, वे लाल रंग की होंगी.


पांच साल से अधिक पुरानी अच्छी सड़कें पीले रंग के साथ होंगी. एक से पांच साल तक की जर्जर सड़क को पीला रंग स्टार के साथ दिया जाएगा. जबकि एक साल पहले बनी सड़क को हरा रंग दिया जाएगा. यदि नगर निगम का यह प्रयास सफल होता है, तो यह अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकता है.


दाऊद

न्यूज चैनल की स्क्रीन पर फोनो के जरिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम है और #GrillingDawood के साथ सबसे बड़े एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के नाम पर पत्रकार उससे बड़ी आत्मीयता के साथ सवाल पूछा जा रहा है. बीच-बीच में स्क्रीन पर दाऊद की कुछ पुरानी तस्वीरें भी फ्लैश होती हैं और भारत-पाकिस्तान पर सवालों से होता हुआ इंटरव्यू एक मार्मिक कहानी में तब्दील हो जाता है. ऐसी कहानी जो यह बताती है कि दाऊद किस मजबूरी में ‘दाऊद’ बना. इससे पहले कि आप उस ‘स्क्रीन’ की तलाश में टीवी चैनल खंगालना शुरू करें, स्पष्ट कर देता हूं कि फिलहाल तो यह महज एक स्क्रिप्ट है, लेकिन आने वाले दिनों में इसके हकीकत बनने की पूरी संभावना है.


TRP खुदा नहीं पर खुदा से कम भी नहीं
अब आपको यह भी बता देता हूं कि आखिर इस स्क्रिप्ट को शब्दों में ढालने की जरूरत क्यों महसूस हुई. सुशांत सिंह मामले में जिस तरह का रुख हमारी मीडिया ने अपनाया है, उससे यह साफ हो गया है कि अब मीडिया डिस्कोर्स इतना बदल रहा है कि अब TRP खुदा नहीं पर खुदा से कम भी नहीं है, इस मोड पर आ गई है. कोई सच्चाई से इतर सुशांत की एक अलग ही तस्वीर बयां कर रहा है और कोई रिया चक्रवर्ती को निर्दोष साबित करने में लगा है.


दाऊद के 'कातिल' कृत्य







सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में दाऊद इब्राहिम को साजिशकर्ता माना है. दाऊद भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी है. मुंबई बम धमाके सहित सैंकड़ों आतंकवादी साजिशों को उसने अंजाम दिया है. 1993 में हुए मुंबई में हुए 13 बम धमाकों में ही 350 लोगों की मौत हुई थी और 1200 से ज्यादा घायल हुए थे. 2003 में भारत सरकार ने अमेरिका से मिलकर दाऊद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाया था. 


रिया ने 'खेला' अपना खेल
जब रिया ने इंटरव्यू देने के लिए चैनलों के टाइम स्लॉट बांट दिए, तो ये तय  हो ही गया कि कैसे आज सीबीआई पूछताछ से पहले रिया ने मीडिया के जरिए उसी का मीडिया ट्रायल करते हुए अपना ‘खेल’ खेल लिया है.



मैंने किसी भी चैनल पर वो इंटरव्यू जानबूझकर नहीं देखा और न ही देखने की कोई इच्छा है. निश्चित तौर पर मेरी जैसी सोच रखने वाले भी सैकड़ों लोग होंगे. जब हम मान रहे हैं कि टीवी मीडिया लगातार नैतिकता को कम कर रहा है, तो अब ये हम यानी देश के आमजन को ही तय करना होगा कि टीवी को क्या दिखाना है और क्या नहीं, सिर्फ ‘तमाशे’ के नाम पर कुछ भी टीवी पर प्रसारित कर देना अब इस देश में नहीं चलना चाहिए.



कुछ दाग कभी अच्छे नहीं हो सकते
भारत के संविधान की तरह मैं भी सभी को एक समान समझता हूं. यदि कोई प्रतिद्वंद्वी बेहतर करता है, तो मुझे खुशी होती है और अच्छा करने की प्रेरणा भी मिलती है. लेकिन सुशांत के मामले में मीडिया के रुख ने मुझे बेहद निराश किया है. मैं मानता हूं कि सबको अपनी बात कहने का हक है और हर पक्ष सामने आना चाहिए, मगर इस ‘हक’ की आड़ में इमोशनल कार्ड खेलना, उस व्यक्ति को बेचारा, वक्त का मारा टाइप दिखाना, जो प्राइम सस्पेक्ट हो, कितना उचित है? मेरी नजर में यह महज एक TRP बूस्टर से ज्यादा कुछ नहीं है और इसलिए आने वाले दिनों में यदि हमें दाऊद का ‘प्रायोजित‘ और ‘इमोशनल अत्याचार‘ वाला इंटरव्यू भी देखने को मिले तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. पर हमें ये समझना ही होगा कि कुछ दाग कभी अच्छे नहीं हो सकते, इसी तरह आरोपी का महिमामंडन भी जायज नहीं हो सकता.



दाऊद का ‘इमोशनल अत्याचार‘ वाला इंटरव्यू
दाऊद की जिंदगी वैसे ही मसाले से भरपूर है, हमारे पत्रकार उसे और मसालेदार बनाएंगे. हमें बताया जाएगा कि आखिर दाऊद को किन मजबूरियों में अंडरवर्ल्ड जॉइन करना पड़ा. उसकी मंशा कभी मुंबई को दहलाने की नहीं थी, लेकिन उसे इसके लिए विवश किया गया. वह कभी किसी का खून नहीं बहाना चाहता था, मगर उसे पेट की आग बुझाने के लिए ऐसा करना पड़ा. यह ‘इमोशनल अत्याचार‘ वाला इंटरव्यू भले ही उन आतंकी घटनाओं के शिकार परिवारों के लिए नासूर बन जाए, जिन्हें दाऊद के इशारे पर अंजाम दिया गया. लेकिन TRP तो बढ़ ही जाएगी और यही आज की मीडिया का मुख्य मकसद है.


देश की जनता को तय करना है कि उसे क्या देखना है
अब यह देश की जनता को तय करना है कि उसे क्या देखना है. पत्रकार और मीडिया यह तय नहीं कर सकते. जिस तरह जनता ने देश की राजनीतिक दशा सुधारने के लिए सत्ता परिवर्तन का फैसला लिया, वैसा फैसला उसे आज लेना होगा. दशकों से चली आ रही लुटियन जोन से ओत-प्रोत वाली पत्रकारिता को यदि अब रुखसत नहीं किया गया, तो न जाने हमें अब ये न्यूज चैनल क्या क्या न दिखा जाएं. क्या आप ऐसे प्रायोजित इंटरव्यू देखना चाहेंगे? यह फैसला आपको करना है.


एक साल से जमे 50 दारोगाओं के तबादले


गाजियाबाद में सालभर या इससे अधिक समय से एक ही चौकी पर तैनात 31 चौकी प्रभारियों समेत 50 दारोगा (सब-इंस्पेक्टरों) का एसएसपी कलानिधि नैथानी ने सोमवार को तबादला कर दिया।


एसएसपी ने बताया कि यह सभी तबादले दूसरे सर्किल में किए गए हैं। इनमें से 31 दारोगा एक साल या इससे अधिक समय से एक ही चौकी पर तैनात थे। वहीं नौ दारोगाओं को चौकी प्रभारी से थाने में स्थानातंरण किया है। साथ ही इन चौकियों पर 2015 बैच के नए दारोगाओं को पहली बार चौकी प्रभारी बनाया गया है।


विजय कुमार को नगर कोतवाली की मॉडल टाउन चौकी से नेहरू नगर चौकी प्रभारी, समर बहादुर सिंह को नेहरू नगर चौकी प्रभारी से थाना मोदीनगर, राम मेहर सिंह को चौकी प्रभारी ट्रॉनिका सिटी की पुस्ता चौकी से विजयनगर, एसएसआई लोगेश कुमार को नगर कोतवाली की सिविल लाइन चौकी से मसूरी की डासना चौकी प्रभारी, अमित कुमार मलिक को कविनगर की कचहरी चौकी से मसूरी की जेल चौकी प्रभारी, भुवाल चंद सिंह को नगर कोतवाली की डासना गेट चौकी से मुरादनगर की आईटीएस चौकी प्रभारी, दिनेश पाल सिंह को थाना सिहानी गेट की नंदग्राम चौकी से नगर कोतवाली, एसएसआई श्रीनिवास गौतम को नगर कोतवाली की नया बस अड्डा चौकी से खोड़ा की लोधी चौक चौकी प्रभारी, विनोद कुमार को थाना कविनगर की औद्योगिक क्षेत्र चौकी से नगर कोतवाली की नया बस अड्डा चौकी प्रभारी, मुनेश कुमार को विजय नगर की बाइपास चौकी से इंदिरापुरम की प्रहलादगढ़ी चौकी प्रभारी, विपिन कुमार को कविनगर की बापूधाम चौक से विजयनगर की गौशाला चौकी प्रभारी, शेषम सिंह को विजय नगर की गौशाला चौकी प्रभारी से लिंक रोड की औद्योगिक चौकी प्रभारी से भोजपुर एसएसआई, जय प्रकाश को लिंक रोड की बृज विहार चौकी से कवि नगर की बापूधाम चौकी प्रभारी, विपिन कुमार को खोड़ा की लोधी चौक चौकी से लिंक रोड की बृज विहार चौकी प्रभारी बनाया गया है। 



बुधवार, 26 अगस्त 2020

गाजियाबाद पुलिस ने शुरू किआ ऑपरेशन दस्तक


गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने ऑपरेशन दस्तक शुरू किया है जिसका उद्देश्य जिले के हिस्ट्रीशीटरों या आदतन अपराधियों पर नकेल कसना है। इस ऑपरेशन के तहत, गाजियाबाद पुलिस द्वारा 40 हिस्ट्रीशीटरों को निगरानी में रखा जाएगा।


40 में से 27 अपराधी गाजियाबाद के निवासी हैं और दिल्ली में अपराध करते हैं। इस साल जनवरी से, 380 हिस्ट्रीशीटरों पर जांच शुरू की गई है।


"गाजियाबाद पुलिस के सभी कर्मियों को गाजियाबाद के आदतन अपराधियों और शातिर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है," नैथानी जी  ने कहा।


 


दुखद समाचार :यूपी के एक और पत्रकार की गोली मारकर हत्या


बलिया, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कल रात कथित रूप से एक संपत्ति विवाद को लेकर एक पत्रकार का पीछा करके गोली मारकर हत्या कर दी गई, पुलिस ने कहा कि हमले में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
राज्य की राजधानी लखनऊ से करीब 260 किलोमीटर दूर पूर्वी यूपी के बलिया में अपने घर के पास एक निजी समाचार चैनल के लिए कहानियों का योगदान देने वाले स्थानीय पत्रकार रतन सिंह की सोमवार सुबह करीब 9 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह 42 वर्ष के थे।



श्री सिंह के पिता ने हालांकि, पुलिस द्वारा दावे को खारिज कर दिया है। बिनोद सिंह ने देर रात के बयान में पत्रकारों से कहा, "कोई संपत्ति विवाद नहीं था। कृपया मौके पर जाएं और अपने लिए देखें। पुलिस कहानी को घुमा रही है।"


पुलिस ने कहा कि श्री सिंह जिले के शहरी हिस्से में एक घर में रहते थे। अधिकारियों ने कहा कि उनका परिवार पिछले कुछ वर्षों से अपने गाँव के एक घर पर आरोपियों के साथ एक संपत्ति विवाद में शामिल था।


कल रात, 42 वर्षीय इस मामले को लेकर अपने गाँव गए थे जब उनका पीछा किया गया और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। श्री सिंह अपने हमलावरों से बचने की कोशिश कर रहे थे, जब वह गोलियों में फंस गए।


हमले में कथित रूप से शामिल सभी तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।


"आरोपियों ने संपत्ति के चारों ओर एक दीवार का निर्माण किया था। आरोपियों ने जमीन पर हिस्सेदारी के लिए भी दावा किया था, जिसे पत्रकार ने हटा दिया था। मामले को लेकर झगड़ा हुआ और पत्रकार पर हमला किया गया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।" पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। संपत्ति विवाद और पुरानी दुश्मनी को हमले के पीछे का कारण माना जाता है, "सुभाष दुबे, पुलिस उप महानिरीक्षक, आजमगढ़ रेंज ने संवाददाताओं को बताया।


"मुझे फिर से बताना चाहिए कि हमले का इस तथ्य से कोई लेना-देना नहीं था कि वह व्यक्ति एक पत्रकार था," उन्होंने कहा।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।


मुख्यमंत्री ने एक बयान में आज कहा, "मुख्यमंत्री ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है और यह भी निर्देश दिया है कि आरोपियों के खिलाफ हर संभव कार्रवाई की जाए।"


पिछले महीने यूपी के गाजियाबाद में उनकी दो बेटियों के सामने एक और पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई।


विक्रम जोशी अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल पर यात्रा कर रहे थे जब पुरुषों के एक समूह ने उनके साथ मारपीट की और उन पर गोलियां चला दीं। हमले के चार दिन पहले, उसने पुलिस को अपनी भतीजी को पुरुषों के एक समूह द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत की थी।


ब्याज वसूली पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन काल में बैंकों से कर्ज भुगतान में EMI टालने की रियायत यानी मोरेटोरियम की घोषणा के बावजूद ब्याज पर ब्याज वसूली से नाराजगी जताते हुए केन्द्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे. 


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के प्रति सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि लोन मोरेटोरियम के मामले में वह अपना रुख स्पष्ट करने के लिए जल्द हलफनामा दे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाये नहीं. इस मामले में अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी. 



लोन मोरेटोरियम यानी कर्ज की किश्तें चुकाने के लिए मिली मोहलत के दौरान ब्याज माफी के अनुरोध वाली एक याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चल रहनी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अर्थव्यवस्था में समस्या सरकार के लॉकडाउन की वजह से आई है. 



सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पक्ष से कहा, 'आपने कहा है कि रिजर्व बैंक ने इस बारे में निर्णय लिया है. हमने इस बारे में रिजर्व बैंक का जवाब देखा है. केंद्र सरकार आरबीआई के पीछे छुप रही है.'  


केंद्र पर सख्त टिप्पणी 


सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी नहीं ले सकते. लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा.


याचिकाकर्ता के वकील राजीव दत्त ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की तरफ से सुनवाई को बार-बार टालने की मांग और कोशिश की जा रही है.अभी तक कोई भी हलफनामा नही दाखिल किया गया है. कोर्ट के बार-बार कहने के बावजूद न तो केन्द्र ने, न ही RBI ने हलफनामा दाखिल किया है. 



सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा कोई हल नहीं हो सकता जो एक तरफ से सब पर लागू हो जाए. जस्टिस अशोक भूषण ने कहा, 'सरकार को आपदा प्रबंधन अधिनियम पर अपना रुख हमें बताना होगा. ये स्पष्ट करना होगा कि क्या ब्याज पर ब्याज के हिसाब से वसूली की जाएगी?' जस्टिस भूषण ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि सरकार आरबीआई के पीछे नही छुप सकती. आपको हलफनामा दाखिल कर अपना स्टैंड बताना होगा.



एफिडेविट में देरी क्यों कर रही सरकार 
इस बारे में केंद्र सरकार द्वारा एफीडेविट जमा करने में देरी पर सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने सितंबर के पहले हफ्ते तक इसे जमा करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि इस बारे में हमें एक स्पष्ट टाइमलान दें कि सरकार एफिडेविट कब दे रही है. 



वादी की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल 
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, 'मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त को खत्म हो रही है. 1 सितंबर के बाद इस तरह के कर्ज न चुकाने पर डिफॉल्ट मान लिया जाएगा. ये लोन एनपीए में बदल जाएंगे. यह एक बड़ा मसला है.' 



सिब्बल ने आगे भी मोरेटोरियम जारी रखने का अनुरोध किया 
सिब्बल ने कहा कि जब तक इन मसलों पर निर्णय नहीं हो जाता, मोरेटोरियम जारी रखना चाहिए. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा है कि अगली तिमाही में भी हालत इसी तरह से खराब रहने वाली है. 


 


मार्च में लागू हुआ था मोरेटोरियम
दरअसल, कोरोना संकट की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया. लॉकडाउन की वजह से काम-धंधे बंद थे, बहुत से लोग लोन की EMI नहीं चुकाने की स्थिति में थे. जिसे देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आदेश पर बैंकों से EMI नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत मिल गई. लेकिन अब केंद्रीय बैंक से अपील की जा रही है कि मोरेटोरियम को आगे नहीं बढ़ाया जाए.



कुछ लोग इसे आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वहीं बड़ी संख्या में लोग इसे तुरंत खत्म करने के पक्ष में हैं. खासकर बैंक अब मोरेटोरियम को अगस्त से आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. फिलहाल 31 अगस्त तक लोगों को मोरेटोरियम का लाभ मिल रहा है.


अपराधियों के हौसले बुलंद


बीती 24 तारीख को मोदीनगर थाना क्षेत्र के तिबड़ा रोड स्थित कृष्णा कुंज कालोनी निवासी युवक अक्षय सांगवान की कुछ हत्यारो ने गोलियां बरसा कर हत्या कर दी थी. अक्षय दिप्पन पहलवान नामक युवक की हत्या का आरोपी था. मृतक अक्षय और उसके कुछ साथियों ने मिलकर दिप्पन नामक युवक की गोलियां बरसा कर हत्या की थी. तभी से अक्षय जेल में था और कुछ समय पहले ही जमानत पर जेल से छूटकार अपने घर आ गया था. 


अक्षय की हत्या के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और हत्या के दिन परिजनों ने एनएच 58 पर जाम तक लगा दिया था. हत्या में नामजद सभी 8 आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी है. वहीं अक्षय की हत्या का एक आरोपी सप्पू गुर्जर, घटना के बाद फेसबुक पर पुलिस को चुनौती देने वाला पोस्ट डाला था. ये पोस्ट अब वायरल हो रही है. फरार आरोपी सप्पू गुर्जर अपने फेसबुक अकाउंट पर खुलेआम चुनौती दे रहा है. उसने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया था कि रणभूमि सज चुकी है. स्वागत कर दिया गया है, यह तो अभी ट्रेलर है फिल्म अभी बाकी है आ जाना मैदान में जिसका मन हो. 2 दिन पहले ही मोदीनगर थाना क्षेत्र में खुलेआम बदमाशों ने छह गोली मार अक्षय की निर्मम हत्या कर दी थी. 


आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस


जिसमें मोदीनगर की विधायक मंजू शिवाज के पति देवेंद्र शिवाज सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है. सवाल है कि आखिर क्यों बदमाशों में पुलिस का खौफ बिल्कुल नहीं है. आरोपी सप्पू गुर्जर की पोस्ट अब वायरल हो रही है. जिस पर दोनो ही पक्षों की तरफ से कई भड़काने वाले और धमकी भरे मैसेज किए जा रहे हैं. जिससे आशंका भी जताई जा रही है कि दोनों पक्ष कहीं दोबारा न भिड़ जाएं और कोई खूनी घटना की पुनरावृत्ति न हो जाए.


 


वहीं, पुलिस अब पूरे मामले में फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है. घटना में नामजद किए गए मोदीनगर विधायक मंजू शिवाज के पति देवेंद्र शिवाज की हत्या में संलिप्तता की जांच भी पुलिस कर रही है. जानकारी के अनुसार, अक्षय सांगवान की हत्या के मुख्य आरोपी अश्विनी के साथ घटना में शामिल एक युवक अनुराग त्यागी भी घटना के समय अपने ही साथियों की गोली से घायल हो गया था. जिसे मुख्य आरोपी अश्वनी ने मेरठ के एक अस्पताल में एडमिट कराया है.  घटना के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के घरों पर पुलिस की तैनाती कर दी है और पूरे मामलों में आरोपियों की भूमिका और फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है.


रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी सरकार दे रही लोन, ऐसे करें अप्लाई

कोरोना काल में सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचकर रोज रोटी कमाने वाले दुकानदारों की आजीविका पर काफी असर पड़ा है. ऐसे में सरकार इन ठेले वाले लोगों को दोबारा से अपने कारोबार को खड़ा करने के लिए लोन दे रही है. यह लोन किफायती दरों पर मिल रहा है. सरकार के इस लोन स्कीम का नाम पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) रखा गया है.


सरकार का मकसद है कि सड़क किनारे ठेले लगाकर सामान बेचने वाले ऐसे दुकानदारों को इस स्कीम से लाभ मिले और वो दोबारा अपने छोटे कारोबार को पटरी पर ला सकें. सस्ते दरों पर मिलने वाले इस सरकार लोन की स्कीम को जून 2020 में लॉन्च किया गया. इसकी विशेषता है कि इसके तहत बांटे गए लोन के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है.


इस स्कीम के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जाता है. इससे उन्हें अपने कारोबार को फिर से शुरू करने में मदद मिलती है. इसके तहत ठेले वाले दुकानदार, नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री सेवाओं को समाहित किया गया है. इसमें ठेले पर सब्जी वाले, फल वाले, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़े, दस्तकारी उत्पाद और किताबें/कॉपियां बेचने वाले दुकानदार शामिल हैं.


कोरोना काल में सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचकर रोज रोटी कमाने वाले दुकानदारों की आजीविका पर काफी असर पड़ा है. ऐसे में सरकार इन ठेले वाले लोगों को दोबारा से अपने कारोबार को खड़ा करने के लिए लोन दे रही है. यह लोन किफायती दरों पर मिल रहा है. सरकार के इस लोन स्कीम का नाम पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) रखा गया है.


सरकार का मकसद है कि सड़क किनारे ठेले लगाकर सामान बेचने वाले ऐसे दुकानदारों को इस स्कीम से लाभ मिले और वो दोबारा अपने छोटे कारोबार को पटरी पर ला सकें. सस्ते दरों पर मिलने वाले इस सरकार लोन की स्कीम को जून 2020 में लॉन्च किया गया. इसकी विशेषता है कि इसके तहत बांटे गए लोन के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है.


इस स्कीम के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जाता है. इससे उन्हें अपने कारोबार को फिर से शुरू करने में मदद मिलती है. इसके तहत ठेले वाले दुकानदार, नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री सेवाओं को समाहित किया गया है. इसमें ठेले पर सब्जी वाले, फल वाले, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़े, दस्तकारी उत्पाद और किताबें/कॉपियां बेचने वाले दुकानदार शामिल हैं.




आगे बढ़ने के लिए पेज के नीचे दिए गए 'व्यू मोर' के ऑप्शन पर क्लिक करें


कैसे मिलेगा 10 हजार का लोन?
> दुकानदार को सबसे पहले सरकारी स्कीम की आधिकारिक वेबसाइट http://pmsvanidhi.mohua.gov.in/ पर जाना होगा. 
> वेबसाइट के पहले पेज 'प्‍लानिंग टू अप्‍लाई फॉर लोन?' का ऑप्शन दिखेगा.
> इसे आवेदक को ध्यान से पढ़ना चाहिए. इसके बाद 'व्‍यू मोर' के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. 
> इसके बाद आवेदक को 'व्‍यू/डाउनलोड फॉर्म' पर क्लिक करना होगा, जिसके बाद लोन स्कीम के लिए फॉर्म खुल जाएगा. 
> इसे डाउनलोड करने के बाद इसे भर लें और सभी जरूरी कागजों के साथ इसे सरकार द्वारा अधिकृत दफ्तर में जमा करना होगा.


 



यहां देखें सरकार द्वारा अधिकृत दफ्तरों की सूची


अधिकृत दफ्तर की पूरी सूची आधिकारिक वेबसाइट https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/Home/PreApplication के पेज पर दिए गए'लेंडर्स लिस्‍ट' के ऑप्शन पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं.





 




 


रविवार, 23 अगस्त 2020

गाजियाबाद पुलिस ने किया हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश; 3 गिरफ्तार


गाजियाबाद पुलिस ने मुरादनगर क्षेत्र में हथियारों की तस्करी के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने कथित तौर पर गार्ड को गोली मार दी और उसकी लाइसेंसी बंदूक चुरा ली। अधिकारियों ने तस्करी का गोला-बारूद और एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है।
तीनों आरोपियों की पहचान मनीष, विनीत और मनोज के रूप में हुई है।
एसएसपी कलानिधि नेठानी ने अपराध स्थल का निरीक्षण किया और अन्य अधिकारियों को टीमों का गठन करने और दोषियों की तलाश करने का आदेश दिया।


दोषियों से पूछताछ करते हुए, एक आरोपी ने स्वीकार किया कि 16 अगस्त की रात को उन्होंने गार्ड को गोली मार दी और उसकी बंदूक चुरा ली। हालांकि, भागते समय एक आरोपी भी घायल हो गया।


3 घायल होने के बाद गार्ड की लाइसेंसी बंदूक के साथ भागने के लिए आयोजित


पुलिस ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक पेट्रोल पंप के सुरक्षा गार्ड पर गोलीबारी करने और उसकी लाइसेंसी बंदूक लेकर भागने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।


उन्होंने कहा कि यह घटना 16 और 17 अगस्त की रात को हुई थी जब आरोपियों ने दिल्ली-मेरठ रोड पर बसंत पुर सैंथली गांव के पास एक पेट्रोल पंप के गार्ड से लाइसेंसी डबल बैरल बंदूक लूट ली थी।


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि इस संबंध में मुराद नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 394 (स्वेच्छा से लूट में चोट पहुंचाने) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई।



पुलिस ने कहा कि तीनों लोगों को दुहाई-भीकनपुर गांव की सड़क से रविवार तड़के करीब 3 बजे गिरफ्तार किया गया और उनकी पहचान मनेश, विनीत और मनोज के रूप में हुई है।


एसएसपी ने कहा कि मनीष ने राहुल की पिस्टल से गोलियां दागने के कारण गोली चला दी, जब वे भाग रहे थे।


उन्होंने अपराध कबूल कर लिया है और पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट के साथ लूटी गई 12 बोर डबल बैरल बंदूक, 3 जिंदा कारतूस, एक देसी पिस्तौल और एक मोटरसाइकिल बरामद की है। अपराध के आयोग में इस्तेमाल किया।


राहुल के रूप में पहचाना गया उनका एक साथी फरार है और जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। पीटीआई कोर ई


1 घंटे में दिल्ली से मेरठ!


नई दिल्ली: एक महत्वपूर्ण विकास को बढ़ावा देने में, एशियाई विकास बैंक (ADB) ने हाल ही में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के लिए UDD $ 1 बिलियन के फंडिंग पैकेज को मंजूरी दी। ऋण का उपयोग सिविल कार्यों, रेलवे पटरियों, स्टेशन भवनों, बहु-मोडल हब, रखरखाव डिपो, कर्षण और गलियारे की बिजली आपूर्ति के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा।


ध्यान दें कि यह तीव्र पारगमन परियोजना न केवल दिल्ली के लिए बल्कि सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करके खतरनाक वायु प्रदूषण को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।इस परियोजना के परिणामस्वरूप गतिशीलता में बदलाव होगा


एनसीआर न्यायसंगत, तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित, आरामदायक, कुशल और टिकाऊ पारगमन समाधान प्रदान करके।


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम के तहत आरआरटीएस गलियारा, यात्रियों को दोनों शहरों के बीच 82 किमी की दूरी को केवल 60 मिनट में कवर करने देगा।


दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के बारे में आपको सभी जानकारी होनी चाहिए:


यह आरआरटीएस एक रेल-आधारित, उच्च गति वाली क्षेत्रीय पारगमन प्रणाली है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में कम्यूटर परिवहन का सबसे तेज, सबसे आरामदायक और सबसे सुरक्षित मॉडल होगा।
रैपिड रेल में लगभग 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति होगी और सभी ट्रेनों में अत्याधुनिक डिजाइन होगा। यात्रियों को विमान जैसी बैठने और अन्य आधुनिक सुविधाओं का आनंद मिलेगा।
रैपिड रेल लाइन दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के साथ चलेगी। नीती आयोग के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य सड़क के एक लाख से अधिक निजी वाहनों को लेना है।
परियोजना में नवीन डिजाइनिंग, प्रौद्योगिकी और संस्थागत प्रबंधन शामिल होंगे। आरआरटीएस का उद्देश्य शहरी परिवहन प्रणाली को सुव्यवस्थित करना है जो निजी वाहनों में वृद्धि के कारण तनावग्रस्त है।
कुल 82.15 किमी में से 68.03 किमी ऊंचा होगा, जबकि बाकी 14.12 किलोमीटर भूमिगत होगा।
उल्लेखनीय है कि एनसीआर रीजनल प्लान 2021 के तहत देश के एकीकृत परिवहन नेटवर्क में 82 किलोमीटर रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) नेटवर्क तीन प्राथमिकता वाले रेल गलियारों में से पहला है। यह परियोजना रेलवे पटरियों, स्टेशन भवनों के निर्माण को वित्त प्रदान करेगी, रखरखाव की सुविधा, और कर्षण और बिजली की आपूर्ति।


परियोजना नवीनतम मानकों के आधार पर उन्नत, उच्च प्रौद्योगिकी सिग्नलिंग सिस्टम का उपयोग करेगी और अन्य परिवहन साधनों के साथ चिकनी विनिमय सुनिश्चित करने के लिए मल्टीमॉडल हब होगा। स्टेशनों का डिज़ाइन बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और अलग-अलग तरह की ज़रूरतों पर आधारित होगा।


गाजियाबाद में गनपॉइंट पर कॉलेज ड्रॉप-आउट रॉब साइबर कैफे मालिक


गाजियाबाद: गाजियाबाद में दो इंजीनियरिंग कॉलेज छोड़ने वालों ने बंदूक की नोक पर एक साइबर कैफे के मालिक को पकड़ लिया और उनकी दुकान से 1.25 लाख रुपये लूट लिए। हालांकि, उनमें से एक को नकदी और हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया है, जबकि दूसरा भागने में सफल रहा।
गिरफ्तार आरोपी जिसकी पहचान सचिन के रूप में हुई है और वह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का निवासी है, ने अपराध कबूल कर लिया है।


लूट की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। सचिन को नकदी और हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसका साथी पंकज भागने में सफल रहा, पुलिस अधीक्षक (शहर) अभिषेक वर्मा ने आरटीआई को बताया।


पुलिस ने कहा कि दोनों सहारनपुर के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे थे, लेकिन अपनी परीक्षा में फेल होने के बाद बाहर हो गए।


"आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपराध कबूल कर लिया। दोनों अपनी हाल की परीक्षाओं को मंजूरी नहीं दे पाए और अपनी पढ़ाई छोड़ दी। जल्दी पैसा बनाने के लिए, उन्होंने साइबर कैफे मालिक को लूटने की योजना बनाई। शुक्रवार को, उन्होंने अपने साइबर कैफे में मालिक को बंदूक की नोक पर लूट लिया। नकदी चुरा ली, ”श्री वर्मा ने कहा।


आरोपी के पास से एक देसी पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद किया गया, उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा


जल्‍द शुरू होने वाली है मेट्रो सेवा

नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले 5 महीने से बंद मेट्रो (Metro) सेवा जल्द बहाल हो सकती हैं. दिल्ली में हालात सुधरने पर केजरीवाल (Kejriwal) सरकार ने मेट्रो सेवा शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया है.  फिलहाल केंद्र ने उनके अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वहीं DMRC ने कहा है कि मेट्रो सर्विस बहाल करने के लिए उसकी तैयारियां पूरी हैं. जैसे ही आदेश मिलेगा, वह कोविड प्रोटोकॉल के साथ मेट्रो चला देगी.


बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिल्ली में भी 24 मार्च से ही मेट्रो सेवा बंद कर दी गई थी. शुरुआत में तेजी के साथ बढ़ने के बाद अब दिल्ली में कोरोना संक्रमण काबू में आता दिख रहा है. वर्तमान में दिल्ली में कोरोना के 11594 मामले हैं. जबकि 1 लाख 44 हजार लोग 138 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. दिल्ली में कोरोना से अब तक 4284 मौत हो चुकी हैं. 


दिल्ली में हालात सुधरते देख अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मेट्रो सर्विस बहाल करने की मंजूरी मांगी है. उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और लोगों को आवागमन की सुविधा देने के लिए मेट्रो ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं. 


सीएम के बयान के बाद DMRC ने भी बयान जारी कर कहा कि उसकी तैयारियां पूरी हैं. सरकार जब भी मेट्रो चलाने का आदेश देगी, ट्रेन सर्विस बहाल कर दी जाएगी. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को मेट्रो में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा. 


फर्जी कंपनियों की फ्रेंचाइजी बांटने वाले गैंग का भंडाफोड़


उत्तर प्रदेश के नोएडा में फर्जी कंपनी की फ्रेंचाइजी बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से 10 करोड़ का सामान और कैश बरामद किया गया है. मुख्य अभियुक्त राजेश कुमार अभी फरार है. 


आरोपी साल 2019 से नोएडा से ठगी का धंधा चला रहे थे. इन्होंने बिहार, गुजरात, छत्तीसगढ़, समेत कई राज्यों के लोगों के साथ ठगी की. ये हाइपर मार्ट कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी करते थे. अभी तक 5 फर्जी कंपनियों का पता लगा है. ऐसी तकरीबन 100 फर्जी कंपनी बनाकर ठगी करने की आशंका जताई जा रही है. 


पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है. आरोपियों के पास से 3 किलो 330 ग्राम सोने के बिस्किट और गहने (कीमत करीब 2 करोड़ रुपये) बरामद किए गए हैं. इसके अलावा 242 ग्राम चांदी के सिक्के और 13.54 लाख रुपये कैश भी जब्त किया गया है. यही नहीं आरोपियों के पास से 5 कार, 63 लैपटॉप, 27 मोबाइल, 4 एलईडी टीवी, 4 यूपीएस, 5 प्रिन्टर, 37 बार कोड स्कैनर, 5 डीवीआर, 117 एटीएम कार्ड, 69 पैन कार्ड भी बरामद किए गए हैं. 


पुलिस ने क्या कहा


अतिरिक्त उपायुक्त (सेंट्रल नोएडा) अंकुर अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास कई शिकायतें आईं कि एक कंपनी जो फ्रेंचाइजी देती है, उसके ऑफिस बंद हो गए हैं और कंपनी के मालिक भी नहीं मिल रहे हैं. पुलिस ने जब इन शिकायतों पर जांच शुरू की तो पता चला कि ये सारी कंपनियां फर्जी हैं. इनके मालिक भी बेनामी हैं. इन्होंने कंपनियों की फ्रेंचाइजी खोलने के नाम पर लोगों से 20 से 50 लाख रुपये तक ठगे हैं.  


 


अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि अब तक इस गिरोह के 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एक आरोपी फरार है. इनके पास से 10 करोड़ रुपये का सामान बरामद हुआ है.


पुलिस पर हमला


उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाद अब सीतापुर में पुलिस टीम पर हमले का मामला सामने आया है. सीतापुर में विवाद का निपटारा करने गई पुलिस टीम पर दबंगों ने हमला कर दिया. दबंगों ने दो सिपाहियों पर लाठी, डंडों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया और उन्हें घायल छोड़कर मौके से फरार हो गए.


घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों घायल सिपाहियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर 18 लोगों को हिरासत में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है. गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है. हमले में एक सिपाही का पैर टूट गया है. डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि की है. 


घटना सीतापुर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के फूलपुर गांव की है. इस गांव के भगौती नाम का एक व्यक्ति दीवार का निर्माण करा रहा था. वहीं बगल में पूर्व प्रधान रामआसरे रास्ते की मांग को लेकर दीवार निर्माण का विरोध कर रहा था.


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जानकारी के मुताबिक भगौती ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की. इसी शिकायत की सूचना पर मानपुर थाने के दो सिपाही कर्मवीर और प्रदीप जांच के लिए गांव पहुंचे थे. इसी दौरान दबंगई पर आमादा पूर्व प्रधान रामआसरे अपने आधा दर्जन साथियों के साथ वहां पहुंच गया और पुलिस टीम से ही उलझ गया.


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विवाद का निपटारा करने गई पुलिस टीम कुछ समझ पाती तब तक दबंगों ने सिपाहियों पर लाठी-डंडों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. दबंगों के हमले में दोनों सिपाही घायल हो गए. इसमें एक सिपाही का पैर भी टूट गया. घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दो सिपाहियों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया.


पुलिस का कहना है कि मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार कर केस दर्ज कर लिया गया और गांव में तनाव को देखते हुए पीएसी बल को तैनात कर दिया गया है.


ISIS के संदिग्ध आतंकी के घर छापेमारी


उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में संदिग्ध आतंकी अबू यूसुफ के घर से छापेमारी में बम बनाने का काफी सामान बरामद किया गया है. बम बनाने का बारूद भी बरामद किया गया है. पुलिस ने बम बनाने में इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक, बाल बेयरिंग और कई चीजें बरामद की हैं.


पुलिस के मुताबिक एक जैकेट मिला है जिसमें बम फिट किया जा रहा था वो बरामद हुआ है. इस जैकेट को सुसाइड बॉम्बर जैसे पहन कर अटैक करते हैं. इस जैकेट को उसी तरह तैयार किया जा रहा था ताकि सुसाइड बॉम्बर की तरह विस्फोट किया जा सके


बता दें कि दिल्ली पुलिस ने मुठभेड़ के बाद अबू युसूफ को गिरफ्तार किया था. यूपी के बलरामपुर के रहने वाले इस संदिग्ध आतंकी की निशानदेही पर दिल्ली पुलिस ने उसके पिता समेत तीन अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया है. दिल्ली पुलिस ने अबू युसूफ के पिता मोबिन, उसके चचेरे भाई फारुख और वसीम पुत्र नईम को हिरासत में लिया है. इन सभी से पूछताछ की जा रही है.


जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इन तीनों लोगों को बलरामपुर के उतरौला से हिरासत में लिया. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और उत्तर प्रदेश के आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) की संयुक्त टीम ने उतरौला क्षेत्र स्थित उसके घर पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार संदिग्ध आईएस आतंकी के पिता समेत तीन को हिरासत में ले लिया. इसी दौरान पुलिस ने विस्फोट आदि बरामद किए.


शनिवार, 22 अगस्त 2020

बस हाईजैक करने वाले आरोपियों का एनकाउंटर


आगरा से बस को अगवा करने वाले बदमाशों और पुलिस के बीच गुरुवार तड़के मुठभेड़ हो गई है. थाना फतेहाबाद क्षेत्र में चेकिंग के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है, जबकि एक बदमाश मौके से फरार हो गया.


पुलिस के मुताबिक, घायल बदमाश का नाम प्रदीप गुप्ता बताया जा रहा है. उसका नाम बस हाईजैक के मामले में सामने आ रहा था.पुलिस ने घायल प्रदीप गुप्ता को अस्पताल में भर्ती कराया है. पुलिस के आला अधिकारी और क्राइम ब्रांच की टीम बदमाश से पूछताछ में जुटी है. साथ ही बाकी बदमाशों की तलाश जारी है.


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क्या है पूरा मामला


कल सुबह 3 बजे गुरुग्राम से झांसी के मऊरानीपुर, छतरपुर, पन्ना के लिए 34 यात्रियों को लेकर एक प्राइवेट बस निकली थी. बस जैसे ही आगरा के दक्षिणी बाईपास के आगे पहुंची, तभी बस को कुछ लोगों ने ओवरटेक किया और बताया कि गाड़ी पर फाइनेंस है और किश्त समय से नहीं दिया जा रहा है.


कार सवार लोगों ने कहा कि हम बस को ले जा रहे हैं. इन लोगों ने ड्राइवर और कंडक्टर को अपने साथ जाइलो में बैठा लिया और कार में सवार एक शख्स बस को चलाकर ले जाने लगा. बस में सवार यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं थी. बाद में बस के यात्रियों को उतारकर दूसरी गाड़ी से झांसी भेज दिया गया.


कल ही अगवा की गई बस को इटावा से बरामद कर लिया गया था. इसके साथ ही बदमाशों की तलाश शुरू हो गई थी. आज सुबह फतेहाबाद में कुछ बदमाशों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हो गई. इसमें एक बदमाश को गोली लगी है. बाकी बदमाशों की तलाश जारी है.


 


एक हजार करोड़ की सरकारी जमीन पर हुई धांधली

गाजियाबाद में जिला प्रशासन ने जिला मजिस्ट्रेट (DM) के आदेश पर की गई जांच में करीब एक हजार करोड़ रुपये की कीमत की जमीन पकड़ी है. सदर तहसील के अकबरपुर-बहरामपुर में चारागाह की जमीन को खुर्द-बुर्द कर बेचने को लेकर एफआईआर दर्ज की जाएगी.



कनावनी की बंजर जमीन पर रुद्रा बिल्डर निर्माण कर रहा था. तत्कालीन एसडीएम प्रशांत तिवारी ने बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी की. प्रशासन ने सरकारी जमीन को कब्जे में ले लिया है. बैनामा करने वाले 250 लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमा होगा.


एसडीएम प्रशांत तिवारी गाजियाबाद में 13 अगस्त तक उपजिलाधिकारी के पद पर कार्यरत थे और उन्हें इसी दिन मुरादाबाद के लिए रिलीव कर दिया गया था.


 


हालांकि प्रशांत तिवारी ने मुरादाबाद जाने से पहले विजय नगर और कनावनी क्षेत्र में सरकारी जमीन हथियाने और खरीद-फरोख्त करने के 2 गंभीर मामलों में कार्रवाई करके गए थे. उनकी कार्रवाई की वजह से लगभग 1 हजार करोड़ रुपये की कीमत की जमीन प्रशासन को वापस मिल सकी.


यह जमीन गाजियाबाद के अकबरपुर, बहरामपुर और कनावनी के पॉश इलाके में कई हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है. विजय नगर के अकबरपुर, बहरामपुर क्षेत्र में स्थित जमीन के बारे में जांच करने पर पता चला कि इस क्षेत्र में पिछले 10 सालों में सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त हो रही है. धीरे-धीरे भू-माफियाओं ने अकबरपुर, बहरामपुर के खसरा नंबर 206/5 में 250 से अधिक बैनामे कर दिए हैं.


जांच के बाद पता चला कि यह पूरी जमीन चारागाह की जमीन है जिनके निरस्तीकरण, क्रेता, विक्रेता, बैनामा लेखक और गवाहों के खिलाफ 420, गैंगस्टर, एंटी भू-माफिया और अन्य धाराओं के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने और जमीन पर कब्जा वापस लेने को लेकर प्रशांत तिवारी ने तहसीलदार को पत्र लिखा था. और साथ ही पूरे मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी.


 


इसी तरह नोएडा से गाजियाबाद में आए कनावनी गांव में एक आवेदक करोड़ों की जमीन पर मालिकाना हक का दावा कर रहा था और कब्जा दिलाने का अनुरोध कर रहा था. जांच करने पर पता चला कि यह बंजर जमीन है और इसी कई साल पहले कब्जाने की कोशिश की गई थी. मामला सामने आने पर उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया.


लापता महिला का शव घर से दूर नाले में मिला


नोएडा में इन दिनों सीनियर सिटीजन पर मुसीबत आई हुई है. कुछ दिन पहले नोएडा के सेक्टर-15 में एक सीनियर सिटीजन महिला की हत्या कर दी गई थी. अब सेक्टर-19 से लापता बुजुर्ग महिला का शव एक हफ्ते बाद घर से एक किलोमीटर दूर नाले में मिला है.


पुलिस का दावा है कि महिला पिछले कई साल से अवसादग्रस्त थी. हालांकि पुलिस को महिला के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है ताकि मौत की वजहों का पता चल सके. 


एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि 60 वर्षीय कल्पिता नाथ अपने पति प्रशांता कुमार के साथ सेक्टर-19 में रहती थीं. महिला की एक बेटी अमेरिका में रहती है जबकि दूसरी बेटी गुरुग्राम में नौकरी करती है.


13 अगस्त की सुबह कल्पिता नाथ बिना कुछ बताए घर से चली गई थीं. काफी तलाश करने के बाद जब उनका कोई सुराग नहीं लगा तो उनके पति ने सेक्टर-20 थाने में शिकायत दी.


दिल्ली: 20 साल बड़ा था पति, पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर घोंट दिया गला


जांच के दौरान पुलिस ने कई जगह के सीसीटीवी फुटेज चेक किए. एक फुटेज में महिला घर से करीब एक किलोमीटर दूर नाले के पास जाती दिखाई दी. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो महिला का कुछ पता नहीं चल पाया था. हालांकि अब पुलिस ने शव बरामद कर लिया है.


नीतीश कटारा हत्या केस के गवाह पर हमला


नीतीश कटारा हत्या केस के एकमात्र गवाह अजय कटारा पर हमला किया गया है. इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है. वहीं पुलिस ने अजय कटारा पर हुए हमले के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. 


गाजियाबाद के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड के एकमात्र गवाह अजय कटारा पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है. वहीं इस घटना को लेकर अजय कटारा का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर अपराधी सुभाष यादव ने उसके साथ मारपीट की और धमकी दी. साथ ही कपड़े भी फाड़े.


अजय कटारा ने नीतीश कटारा मर्डर केस के मुख्य आरोपी विकास यादव के पिता और बाहुबली नेता डीपी यादव पर आरोप लगाया है. हिस्ट्रीशीटर सुभाष यादव डीपी यादव गैंग का सरगना और गाजियाबाद का बड़ा भूमाफिया है. अजय ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि सुभाष यादव ने उसे थप्पड़ मारे.


पुलिस को दी शिकायत में अजय ने बताया, 'सुभाष ने मेरा गला पकड़कर थप्पड़ मारे और धमकाते हुए कहा कि तू हमारे नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव के केस में बहुत पैरवी करता है. सुधर जा नहीं तो तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगा. इतनी गोलियां मारूंगा कि पुलिसवाले भी गिनती नहीं कर पाएंगे. इसके बाद मेरे कपड़े फाड़ दिए.' 


वहीं पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 504, 506, 427 के तहत केस दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है.


क्या है नीतीश कटारा केस?
बता दें कि 17 फरवरी, 2002 को गाजियाबाद में नीतीश कटारा अपनी दोस्त की शादी में शामिल होने गए थे. जहां नीतीश का विकास और विशाल ने अपहरण किया था. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.


लूट, जबरन वसूली, हत्याओं के आरोप में गिरफ्तार गाजियाबाद का शख्स


33 वर्षीय व्यक्ति को डकैती, जबरन वसूली और हत्या के कई मामलों में शामिल होने के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने कहा कि आरोपी राजेन्द्र उर्फ ​​हरेंद्र खरखड़ी को दिल्ली के सुंदर नगरी इलाके में रात करीब 9 बजे पकड़ा गया।
पुलिस ने बताया कि उसके कब्जे से तीन जिंदा कारतूस से भरी एक पिस्तौल बरामद की गई।
जांच से पता चला कि आरोपी फरार था और पहले उसे एक अदालत द्वारा 'घोषित अपराधी' (पीओ) घोषित किया गया था।
राजेंद्र गाजियाबाद का रहने वाला है और उसने 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी।



RAJENDER की क्रिमिनल हिस्ट्री



जब राजेंदर 18 साल के थे, तब उन्होंने एक जग्गू पहलवान को ज्वाइन किया था। हालांकि, 2012 में उनके "संरक्षक" की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। पहलवान की हत्या का बदला लेने के लिए राजेंद्र ने तब सीरियल हत्याएं कीं।
2012: राजेंद्र ने गाजियाबाद के लोनी में कथित रूप से एक राशिद खान की गोली मारकर हत्या कर दी
2013: राजेंद्र ने लोनी में ओमी पहलवान की कथित तौर पर हत्या कर दी
2014: राजेंदर ने उत्तर प्रदेश के दनकौर में लोनी और मनमोहन गोयल में कथित तौर पर एक काउंसलर, शॉकिन मलिक की हत्या कर दी।
2015: राजेन्द्र ने कथित तौर पर दूसरे व्यक्ति यतेंद्र सकलपुरा की गोली मारकर हत्या कर दी
2016: उन्होंने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में पूनम श्रीवास्तव की कथित तौर पर हत्या कर दी


गाजियाबाद में मिठाई की दुकान के मालिक की हत्या के आरोप में एक और शख्स गिरफ्तार


पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि गाजियाबाद के चिरोरी इलाके में एक महीने पहले मिठाई की दुकान के मालिक की हत्या के मामले में एक पांचवें व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।


उन्होंने कहा कि आरोपी सुरेंद्र, जिनके पास चिडिया और अजीत हैं, जिले के खड़खड़ी गांव के निवासी हैं।


एक अधिकारी के अनुसार, हत्या 16 जुलाई को हुई थी जब मिठाई की दुकान के मालिक मनोज दास लोनी थाना क्षेत्र के चिरोरी में अपने आउटलेट के अंदर बैठे थे।


एसपी (ग्रामीण क्षेत्र) नीरज कुमार जादौन ने पीटीआई को बताया कि सुरेंद्र को दिल्ली के एक निजी अस्पताल से 20 और 21 अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया था, जहां वह अपने बीमार पिता से मिलने आया था।


पुलिस ने कहा कि सुरेंद्र पर एक व्यक्ति से जबरन वसूली की मांग करने का भी आरोप है।


25 जून को रिस्तल गांव के शिव कुमार ने लोनी के ट्रोनिका सिटी पुलिस स्टेशन में सुरेंद्र के खिलाफ 5 लाख रुपये की जबरन वसूली की मांग करने का मामला दर्ज कराया था।


पुलिस ने कहा कि सुरेंद्र के दो साथी- अनिल पचैरा और दीपक अग्रोला को जबरन वसूली की मांग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।


मिठाई की दुकान के मालिक की हत्या के मामले में एक पिता-पुत्र की जोड़ी सहित चार लोगों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।


एसपी जादौन ने कहा कि सुरेंद्र “अपने स्वयं के गिरोह का आयोजन कर रहा था और युवाओं को अपराध करने के लिए प्रशिक्षित कर रहा था”।


गुरुवार, 20 अगस्त 2020

24 घंटे में 69,752 नए केस, 977 मौतें

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं, ये आंकड़ा 69,652 है. इसी के साथ भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 28 लाख के आंकड़े को पार कर गई है. इससे पहले एक दिन में भारत में कोरोना के इतने मरीज कभी नहीं मिले हैं. वहीं करीब 54 हजार लोग इस महामारी की चपेट में आने के बाद जिंदगी की जंग हार चुके हैं. राहत की बात ये है कि भारत में रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है और अभी तक करीब 21 लाख मरीज ठीक होकर घर पहुंच चुके हैं.


कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र पर टूटा है. यहां कोरोना संकट बेकाबू होता जा रहा है और मरीजों की मौत की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 13,165 नए मामले सामने आए जिसके बाद कोविड-19 महामारी के मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 6,28,642 हो गई.


महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण की लिस्ट में सबसे ऊपर है. यहां कोविड-19 से 346 और मरीजों की मौत हो गई. राज्य में अब तक इस महामारी से 21,033 से लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कोविड-19 के 4,46,881 मरीज ठीक हो चुके हैं. फिलहाल राज्य में कोरोना के 1,60,413 केस एक्टिव हैं.



मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,132 नए मामले सामने आए और 46 मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,31,542 हो गई और मृतकों की संख्या 7,268 पर पहुंच गई. मुंबई में अभी कोविड-19 के 17,914 मरीजों का इलाज चल रहा है. पुणे का आंकड़ा मुंबई को पार कर गया, पिछले 24 घंटे में पुणे शहर में 1,233 नए मामले सामने आए और 38 और मरीजों की मौत हो गई. पुणे में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 82,907 मामले सामने आ चुके हैं और कोविड-19 के 2,169 मरीजों की मौत हो चुकी है.


दक्षिण भारत में भी कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है. कर्नाटक में बुधवार को 8642 नए मरीज सामने आए हैं, इसमें से करीब 2800 मरीज सिर्फ बेंगलुरु से हैं. कर्नाटक में 24 घंटे में 126 मरीजों ने दम तोड़ दिया. वहीं तमिलनाडु में रोजाना नए मरीजों का औसत 6 हजार के आसपास बना हुआ है. तमिलनाडु में कुल मामले 3.5 लाख के पार हो चुके हैं. पश्चिम बंगाल में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. यहां 24 घंटे में राज्य में 3 हजार से ज्यादा मरीज सामने आए हैं.


कोरोना संकट के साए में आज से उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. सत्र से पहले हुई कोरोना जांच में 1 पार्षद, 2 विधायक और 2 मंत्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इससे पहले विधानसभा के 20 स्टाफ भी संक्रमित पाए जा चुके हैं. कोरोना से बचाव के लिए नए नियमों की जानकारी और जागरूकता के लिए स्पीकर ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. तीन दिनों के सत्र के लिए कोरोना के चलते कई बदलाव किए गए हैं. विधायक एक-एक सीट छोड़कर बैठेंगे. इसके अलावा दर्शक दीर्घा में भी विधायकों को बैठाया जाएगा.


गोंडा जिला जेल में कोरोना विस्फोट हुआ है. रैपिड एंटीजन टेस्टिंग में 60 बंदी और एक जेल स्टाफ पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनको अलग बैरक में क्वारनटीन किया गया है. जांच रिपोर्ट से जेल में हड़कंप है. जेल प्रशासन इस बात से हैरान है कि वायरस जेल में पहुंचा कैसे क्योंकि खतरे को देखते हुए जेल में मुलाकात पहले ही बंद कर दी गई थी. एहतियात के तौर पर जेल के सारे कैदियों और स्टाफ की टेस्टिंग करवाई जा रही है.


दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 'पोस्ट कोविड क्लीनिक' की शुरुआत की गई है. यहां पर कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों की सेहत की जांच होगी और आगे होने वाली स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का इलाज किया जाएगा. राजीव गांधी अस्पताल से अबतक करीब 1500 मरीज ठीक होकर जा चुके हैं. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक ठीक हो चुके कई मरीज़ों को सांस लेने, सूखे कफ और बदन दर्द जैसी शिकायतें आई हैं जो आम हैं. इसी कारण इस क्लीनिक की शुरुआत की गई है. यहां ब्लड टेस्ट, एक्सरे, और सीटी स्कैन की सुविधा होगी.


बुधवार, 19 अगस्त 2020

कोरोना संक्रमित महिला की अस्पताल में गिरकर मौत के मामले में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान


प्रयागराज:
संगम नगरी प्रयागराज में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी चिंता जताते हुए अफसरों को रोकथाम व बचाव के सख्त निर्देश दिए हैं. अदालत ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर जल्द ही कोरोना के मामलों को काबू में नहीं किया गया तो यहां आने वाले दिनों में सामुदायिक प्रसार हो सकता है और महामारी फ़ैल सकती है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्रयागराज के डीएम और एसएसपी के साथ ही सीएमओ और नगर आयुक्त समेत कई अफसरों को कोरोना की गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराने को कहा है.


अदालत ने कहा है कि यह अफसरों की ज़िम्मेदारी है कि वह किसी को बिना मास्क के बाहर न निकलने दें. कहीं भी लोगों का जमावड़ा न हो सके और साथ ही बाज़ारों व दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर बेवजह की भीड़ भाड़ न हो. मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने निगरानी के लिए हाईकोर्ट के दो वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है. अदालत ने अफसरों को हफ्ते भर सभी सुविधाएं दुरुस्त करने की हिदायत देते हुए पचीस अगस्त को फिर से इस मामले में सुनवाई करने का फैसला किया है.


अदालत ने प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज द्वारा संचालित स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की सुविधाओं और कोरोना मरीजों व संदिग्धों के साथ वहां के स्टाफ के रवैये पर भी नाराज़गी जताई है. अदालत ने अस्पताल में मेडिकल सुविधाएं व स्टाफ बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं तो साथ ही कोरोना संक्रमित महिला मरीज चुन्नी देवी की मौत पर भी अफसरों से जवाब तलब किया है. चुन्नी देवी शौचालय जाते वक्त फर्श पर गिरकर मौत का शिकार हो गईं थीं. अदालत ने अफसरों से पूछा है कि उनके गिरने के बाद काफी देर तक कोई भी डाक्टर या स्टाफ उनके पास क्यों नहीं गया.


अदालत ने आगरा जिले में भी कोरोना संक्रमितों की देखभाल सही तरीके से न होने पर वहां के प्रशासन से जवाब मांगा है. अदालत ने यह आदेश प्रयागराज में एडवोकेट गौरव गौर व अन्य लोगों द्वारा दाखिल पीआईएल पर सुनवाई करते हुए दिया है. सुनवाई के दौरान अदालत में एडवोकेट एसपीएस चौहान और प्रियंका मिड्ढा ने भी पक्ष रखा. एडवोकेट प्रियंका मिड्ढा ने तो प्रयागराज के अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई किये जाने की अपील की है.


कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल फिर बनें अध्यक्ष

नई दिल्ली: कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को सौंपने की पैरवी किए जाने से जुड़ी प्रियंका गांधी वाद्रा की एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को कहा कि यह टिप्पणी एक साल पुरानी है और पार्टी के हर कार्यकर्ता की यह भावना है कि राहुल गांधी ही एक बार फिर से कांग्रेस की कमान संभालें.


 


पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि प्रियंका गांधी की एक साल पुरानी टिप्पणी को बीजेपी के इशारे पर तूल दिया जा रहा है.


 


दरअसल, हाल ही में आई एक पुस्तक 'इंडिया टुमॉरो' में दावा किया गया है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी की उस बात का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए. इस पुस्तक के अनुसार, प्रियंका गांधी ने यह भी कहा है कि कोई पार्टी अध्यक्ष भले ही गांधी परिवार से नहीं हो, वह उनका 'बॉस' होगा.


 


सुरजेवाला ने इस पर ट्वीट किया, ‘‘नेहरू-गांधी परिवार ने सत्ता के मोह से दूर, सदा सेवाभाव से कांग्रेस को एक सूत्र में बांधे रखा है. 2004 में सोनिया गांधी ने सत्ता के बजाय पार्टी की सेवा चुनी. 2019 में राहुल गांधी ने भी दृढ़ विश्वास के साथ हिम्मत दिखाई और कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया.’’



कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘हम प्रियंका गांधी की एक वर्ष पुरानी टिप्पणी (1 जुलाई, 2019) में अचानक उपजी मीडिया के एक धड़े की रूचि (सत्तारूढ़ बीजेपी के इशारे पर) के खेल को समझते हैं. आज समय ... मोदी-शाह द्वारा भारतीय लोकतंत्र पर किए जा रहे बर्बरतापूर्ण हमले का सामना करने और निडरता से इससे लोहा लेने का है.’’


 


सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के उस अथक संघर्ष व संकल्प के गवाह हैं, जिससे उन्होंने इस लड़ाई का नेतृत्व किया है. न तो उन्होंने विपरीत परिस्थितियों की परवाह की और न ही मोदी सरकार के वीभत्स हमलों की. यही वह निडरता और अदम्य साहस है जिसकी कांग्रेस को ही नहीं, बल्कि देश को सबसे ज़्यादा जरूरत है.’’


 


पुस्तक में किए गए दावे के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ‘‘नेहरू-गांधी परिवार का बड़प्पन है कि उसने हमेशा निजी हितों से ऊपर पार्टी और देश के हित को रखा है. उन्होंने कई मौकों पर बड़े त्याग किए.’’


 


गोहिल ने यह भी कहा कि यूपीए-2 सरकार के समय अस्वस्थता के कारण मनमोहन सिंह ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने की पेशकश की थी, लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सिंह कार्यकाल पूरा करें. उन्होंने कहा, ‘‘आज देश के युवा और कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस का नेतृत्व करें. लेकिन इस बारे में निर्णय लेने का अधिकार कांग्रेस कार्यसमिति और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को है.’’


CBI जांच में मुंबई पुलिस सहयोग करेगी

नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की सीबीआई जांच का अब तक विरोध करती रही महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है.


 


महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. सीबीआई को जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी, हम देंगे. यह मुंबई पुलिस के लिए गर्व की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि उनकी जांच में कोई गलती नहीं मिली है.



हालांकि अनिल देशमुख ने संविधान का हवाला देते हुए यह भी कहा कि संघीय ढ़ांचा को देखने की जरूरत है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से पूछा गया कि क्या मुंबई पुलिस सुशांत सिंह मामले में समानांतर जांच करेगी? उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सोचेगी.''


 


अभिनेता सुशांत सिंह के 14 जून को मुंबई के अपने फ्लैट में संदिग्ध हालात में मृत मिले थे. मामले में मुंबई पुलिस ने दुर्घटना में मौत की शुरुआती जांच के लिए इस्तेमाल होने वाली सीआरपीसी की धारा 174 के तहत जांच की. एफआईआर दर्ज नहीं की.


 


घटना के करीब 40 दिन बाद 25 जुलाई को सुशांत के पिता ने पटना में रिया चक्रवर्ती और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी. इन लोगों पर सुशांत को परेशान करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया. बाद में बिहार सरकार की सिफारिश पर यह जांच सीबीआई को सौंप दी गई.


 


पटना में दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. आज इसी मामले में शीर्ष अदालत ने अभिनेता की मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के आदेश दिए.


मुंबई जाएगी CBI की टीम

नई दिल्ली: सुशांत की मौत का राज तलाशना सीबीआई के लिए लोहे के चने चबाने के बराबर होगा क्योंकि सीबीआई का मानना है की मौका-ए-वारदात से लिए गए फोटो और वास्तविक स्थिति में खासा अंतर होता है. साथ ही इस मामले में आरंभिक तौर से ही अनेक ऐसी लापरवाही दिखाई दे रही हैं जो पूरी जांच में मुश्किलों की पहाड़ खड़ा कर देंगीं.


 


सुशांत की मौत का राज खोलने के लिए अब जांच में जुटी सीबीआई को मुश्किलों के पहाड़ नजर आने भी लगे हैं जो जांच में अनेक सवाल खड़े कर देंगे. सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में मौका-ए-वारदात का क्राइम सीन पूरी तरह से गायब हो चुका है और उसकी जगह केवल जो फोटो लिए गए हैं वही सामने होंगीं.


 



अधिकारी का मानना है कि मौका-ए-वारदात से लिए गए फोटो और सामने मौजूद डेड बॉडी में खासा अंतर होता है. साथ ही कैमरे में कौन सी चीज कहां थी इसका पता करना भी काफी मुश्किल हो जाता है. मसलन सुशांत का बेड कहां और किस स्थिति में था, उसकी बॉडी किस तरह से लटकी हुई थी, किस चीज से लटकी हुई थी और उसके गले पर जो निशान थे वह किसी कपड़े के थे या पट्टे के थे.  फोटो से यह पहचान करना भी खासा मुश्किल है.


सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच में देरी इसलिए भी होगी क्योंकि मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में ही कुछ समय लग जाएगा. साथ ही अपने आप में यह भी बहुत महत्वपूर्ण होगा कि मुंबई पुलिस इस मामले में सीबीआई को कितना सहयोग करती है.


सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में मुंबई पुलिस ने जिन लोगों के बयान दर्ज किए हैं उन लोगों को अब खोज कर बयान दर्ज करना भी अपने आप में एक अहम कार्य होगा. सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी.  ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी.


सुशांत के कमरे की घटना वाले दिन और आज की स्थिति में भी जमीन आसमान का अंतर होगा. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय नहीं लिखा है तो यह पता कर पाना कि उसकी मौत कब हुई थी अपने आप में कठिन काम होगा.


अधिकारी ने कहा कि इस मामले में अभी विसरा रिपोर्ट नहीं आई है लिहाजा सुशांत ने मरने से पहले क्या खाया था यह पता लगने की पूरी संभावना होगी.


सीबीआई के एक आला अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों ने सुशांत की बॉडी को हैंडल किया, जिस डॉक्टर ने पोस्टमार्टम किया और मौके के फोटोग्राफ के आधार पर सुशांत के मौत के राज को खोलने की कोशिश करेंगे.


फिलहाल सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर इस मामले में केवल इतना कहा है कि सुशांत की मौत की जांच जारी है और सीबीआई की एक टीम जल्दी जांच के लिए मुंबई जाएगी.


रविवार, 16 अगस्त 2020

पैसे चुराने के आरोप में खुद को किडनैप करने के आरोप में गाजियाबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार


गाजियाबाद पुलिस ने अपने ही अपहरण के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्टों के अनुसार, दोनों ने 23,78,000 रुपये की वासना में धोखाधड़ी की योजना बनाई, जो तब से बरामद की गई है। SSP कलानिधि नैथानी ऑपरेशन 420 गाजियाबाद की देखरेख में शुरू किया गया था और दोनों दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी।
कथित रूप से अपहृत दो व्यक्तियों में से एक की पत्नी ने अपने लापता पति के बारे में विजय नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस बीच, अंकित विनीत स्टील कंपनी के मालिक विकास जैन ने भी पुलिस को शिकायत की कि उनकी फर्म का एक कर्मचारी फर्म के 23,78,000 रुपये लेकर गायब हो गया है। उसने पुलिस को यह भी बताया कि कर्मचारी का मोबाइल नंबर स्विच ऑफ था।
जांच के बाद पता चला कि दिनेश और पप्पू ने 23 लाख रुपये की बड़ी रकम के लालच में पूर्व के अपहरण की साजिश रची थी।


फर्जी सूचना देने के लिए दोनों दोषियों को गिरफ्तार किया गया है।
जिले की कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए गाजियाबाद पुलिस ने पिछले कुछ हफ्तों में अपराधियों पर शिकंजा कसा है।


 


विक्रम जोशी हत्याकांड :गाजियाबाद में 10 संदिग्धों के खिलाफ चार्जशीट फाइल


गाजियाबाद पुलिस ने शुक्रवार को पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के मामले में चार्जशीट दायर की, जिसकी पिछले महीने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस का दावा है कि मामले में पहले से गिरफ्तार 10 संदिग्धों के खिलाफ सबूत जुटाए गए हैं।


हमलावरों पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश), 34 (एक सामान्य उद्देश्य के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य) और 506 (आपराधिक धमकी) के साथ गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।


जोशी को 20 जुलाई को उनके सिर में गोली लगी थी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।


गाजियाबाद एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार, जिला पुलिस ने घटना के तीन सप्ताह के भीतर मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी कर ली।


जोशी (35) पर 20 जुलाई की रात अपनी बहन की जगह से अपनी बेटी के साथ लौटते समय गुंडों ने हमला किया था।


यह हमला 16 जुलाई को विजय नगर पुलिस स्टेशन में जोशी द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत का नतीजा था जो कुछ लोगों के खिलाफ था जो अपनी भतीजी को परेशान कर रहे थे। पीड़िता ने बदमाशों से व्यक्तिगत रूप से सामना भी किया था।


हमले को आंशिक रूप से सीसीटीवी पर कब्जा कर लिया गया था। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि जोशी अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल पर सवार थे जब पुरुषों के एक समूह ने उनके साथ मारपीट की और उन पर गोलियां चला दीं।


हमलावरों को जोशी को कार की ओर खींचते और भागने से पहले उसे मारते हुए देखा गया था।


फुटेज में जोशी सड़क पर पड़े थे और उनकी बेटी मदद के लिए चिल्लाती हुई उनकी ओर दौड़ती हुई आई। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जोशी के परिवार के लिए 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की थी।


कैमरे पर गलती करते हुए पकड़ना


हमले को आंशिक रूप से सीसीटीवी पर कब्जा कर लिया गया था। विक्रम जोशी 20 जुलाई की रात को अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल पर सवार थे जब पुरुषों के एक समूह ने उनके साथ मारपीट की और उन पर गोलियां चला दीं।


वे जोशी को एक कार की ओर खींचते हैं और भागने से पहले उसे मारते हैं।


धोनी के साथ सुरेश रैना ने भी लिया क्रिकेट से संन्यास


भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धोनी के साथ ही बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना ने भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। दोनों खिलाड़ियों ने इंस्टाग्राम के माध्यम से इस बात की जानकारी दी।


रैना ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर चेन्नई सुपर किंग्स के कपड़े पहने हुए केदार जाधव, धोनी, मोनू सिंह, अंबाती रायडू, और कर्ण शर्मा के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए संन्यास की जानकारी दी।


रैना ने इस तस्वीर के साथ पोस्ट में लिखा, "आपके साथ खेलना काफी शानदार रहा माही (धोनी)। पूरे दिल से गर्व के साथ, मैं आपके इस सफर में शामिल होना चाहता हूं। शुक्रिया भारत। जय हिंद।"


रैना, धोनी की कप्तानी में टी-20 विश्व कप-2007 और वनडे विश्व कप-2011 जीतने वाली भारतीय टीम के हिस्सा रहे हैं।


वह आईपीएल में धोनी की ही कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स के साथ खेलते आए हैं।


 


भारत में कोरोना से मौत का आंकड़ा 50000 के पार


भारत में कोरोना संक्रमण का हाहाकार जारी है। स्वतंत्रता दिवस की शाम देश में कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवानों वालों की संख्या 50000 के पार पहुंच गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार भारत में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 50,018 हो गई। देश में आज अभी तक 964 मौंतें हुई हैं। कोरोना से मौत के मामले में अभी तक महाराष्ट्र सबसे आगे है। यहां शनिवार शाम तक 19,749 लोगों की मौत हो चुकी है। 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 25,26,192 बताई है। इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि 49,036 लोगों की मौत हुई है और उपचार के बाद 18,08,936 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए हैं। राज्यों की बात करें तो राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या शनिवार रात तक बढ़कर 862 हो गयी जबकि 1287 नये मरीज सामने आये। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात साढ़े आठ बजे तक के बीते लगभग 24 घंटे में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से 16 और मरीजों की मौत हुई हैं। इससे राज्य में इस घातक संक्रमण से कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 862 हो गयी है। 


बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब एक लाख पार चले गये और पिछले 24 घंटे के दौरान 15 और मरीजों की मौत हो जाने से इस रोग से मरने वालों की संख्या शनिवार को 515 पहुंच गयी । स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से 15 और लोगों की मौत हुई। छत्तीसगढ़ में शनिवार को 428 नए लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14987 हो गई है। राज्य में शनिवार को कोरोना वायरस से और चार लोगों की मृत्यु भी हुई।


गुरुवार, 13 अगस्त 2020

3 की हत्या, 100 से अधिक गिरफ्तार बेंगलुरु में मोब अटैक्स के बाद कांग्रेस विधायक का सांप्रदायिक पोस्ट पर सदन


कथित रूप से विधायक के भतीजे द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पोस्ट पर कांग्रेस विधायक के घर पर हमला करने के बाद पूर्वी बेंगलुरु में मंगलवार रात को हुई हिंसा में तीन लोग मारे गए थे।
भीड़ ने पुलकेशिनगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर पर हमला किया। नेता के भतीजे और बर्बर पुलिस वाहनों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करते हुए, दंगाई पूर्वी बेंगलुरु के केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के पास भी एकत्र हुए।




एक फेसबुक पोस्ट पर तनाव बढ़ गया जिसने एक समुदाय के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। हालांकि, विधायक के भतीजे ने बाद में पोस्ट किया कि उसका खाता हैक कर लिया गया था और वह शिकायत दर्ज करेगा।
बेंगलुरु में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं। रिजर्व पुलिस के कई प्लाटून लोकेशन पर पहुंचे। मंगलवार रात भीड़ को इकट्ठा करने के लिए सामुदायिक नेताओं को भी बुलाया गया था।
एसडीपीआई नेताओं मुजामिल पाशा और अयाज को हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस आयुक्त, बेंगलुरु सिटी कमल पंत ने कहा कि 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें नवीन, जिन्होंने अपमानजनक पोस्ट साझा किया है।



डीजे होली की घटनाओं के संबंध में, अभियुक्त नवीन को अपमानजनक पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया। पुलिस पर आगजनी, पथराव और मारपीट के लिए कुल 110 आरोपी गिरफ्तार किए गए। पंत ने ट्वीट किया, "मुख्य रूप से हर जगह पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए," पंत ने ट्वीट किया।


कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। "अपराधियों के खिलाफ जारी किए गए निर्देश और सरकार ने स्थिति को रोकने के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं। पत्रकारों, पुलिस और जनता पर हमला अस्वीकार्य है। सरकार इस तरह के उकसावों और अफवाहों को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री के खिलाफ अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई निश्चित है," मुख्यमंत्री। कहा हुआ।
मूर्ति ने भी सोशल मीडिया पर शांत रहने के लिए अपील की।



कुछ बदमाशों की गलती के लिए, हमें आपस में नहीं लड़ना चाहिए। जिसने भी ऐसा किया है, पुलिस और सरकार को कानूनी रूप से कार्रवाई करने दें। मैं यह देखने के लिए भी आपके साथ हूं कि जो कोई भी है, उसे दंडित किया गया है। कृपया शांति बनाए रखें, ”उन्होंने कहा।
कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कानून को अपने हाथों में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। "लूटपाट, दंगा, आगजनी - यह सब आपराधिक है। आप जो भी करना चाहते हैं, आप किन मुद्दों को उठाना चाहते हैं, कृपया कानूनी तौर पर मुद्दों को उठाएं। हमने अतिरिक्त पुलिस बल को नियंत्रण में लाने के लिए जगह भेजी है। पुलिस को कार्रवाई करने के लिए पूरी शक्तियां। जो कोई भी कानून के खिलाफ गया है, हम सख्त कार्रवाई करेंगे। मैं सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा, "मैं कानून को अपने हाथों में लेने के खिलाफ डकैतों को चेतावनी देना चाहता हूं।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हिंसक घटना और सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैं उस हिंसात्मक घटना की निंदा करता हूं, जो कवल बायरसांद्रा में फैली और सोशल मीडिया पोस्ट भी है जिसने भीड़ को उकसाया। मैं विनम्रतापूर्वक इलाके के हिंदुओं और मुसलमानों दोनों से शांति से रहने और शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं।"


ट्वीट्स की एक श्रृंखला में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य सरकार को पूरा समर्थन देती है। सिद्धारमैया ने कहा, "मैंने बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर से बात की है ताकि उन सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जा सके जो घटना में शामिल थे और उन लोगों को भी उकसाया गया था। हम शांति स्थापित करने में कर्नाटक सरकार को अपना पूरा समर्थन देते हैं," सिद्धारमैया ने कहा
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है और कहा कि पार्टी ने इस घटना की निंदा की।
"मैंने आज 12 बजे अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। मैंने अपने सीएलपी नेता सिद्धारमैया से बात की है, हम शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सरकार को पूरा समर्थन देंगे। मैं इस घटना और हमारी पार्टी की कड़ी निंदा करता हूं।" बीती रात जो कुछ भी हुआ उसकी निंदा भी करते हैं। सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति के पोस्ट के कारण ऐसा हुआ। इस बिंदु पर, शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है, "उन्हें समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा कहा गया था।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री सुरेश अंगदी ने दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि हिंसा की ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए राज्य में उत्तर प्रदेश में एक जैसा कानून बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की प्रतिष्ठा को खराब करने का प्रयास था।


 


 


 


कांग्रेस लीडर राजीव त्यागी का निधन


नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और प्रवक्ता राजीव त्यागी का बुधवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वह 52 वर्ष के थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सीने में दर्द की शिकायत के बाद और कुछ समय पहले बेहोश होकर गिर जाने के बाद, श्री त्यागी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अपने निवास से एक टेलीविज़न बहस में भाग लिया था।


श्री त्यागी अपनी पत्नी और दो बेटों से बचे हैं। 3.41 बजे पोस्ट किया गया उनका आखिरी ट्वीट, उनके समर्थकों से उन्हें शाम 5 बजे टीवी पर लाइव देखने का आग्रह करना था।


पीटीआई के मुताबिक, बहस के बाद उन्होंने कुछ चाय मांगी। जब इसे उसके पास लाया गया, तब भी उसने कोई जवाब नहीं दिया। एक स्थानीय डॉक्टर को बुलाया गया था, लेकिन फिर से पुनर्जीवित करने के प्रयासों के बाद, श्री त्यागी को अस्पताल ले जाया गया।


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने श्री त्यागी की पत्नी से अपनी संवेदना व्यक्त करने और पार्टी में उनके योगदान को याद करने के लिए बात की। पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके भाई राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि का नेतृत्व किया।


गांधी गांधी ने ट्वीट किया, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी की असामयिक मृत्यु मेरे लिए व्यक्तिगत दुःख है। हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति हुई है।"


उन्होंने कहा, "राजीव जी एक समर्पित योद्धा थे। सभी यूपी कांग्रेस से परिवार को हार्दिक संवेदना। ईश्वर उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।"


राहुल गांधी ने ट्वीट किया: "कांग्रेस ने आज अपना एक बाघ खो दिया है। कांग्रेस हमेशा पार्टी और संघर्ष के लिए अपने प्यार को याद रखेगी। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं"।


पार्टी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट, केरल के लोकसभा सांसद शशि थरूर और कर्नाटक के प्रमुख डीके शिवकुमार सहित कई वरिष्ठ चेहरों ने भी शोकसभा की।


पार्टी ने कहा, "राजीव त्यागी, एक कट्टर कांग्रेसी और एक सच्चे देशभक्त के अचानक निधन से हम बहुत दुखी हैं। इस दुख की घड़ी में हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।"


श्री राजीव त्यागी के आकस्मिक निधन से हमें गहरा दुख हुआ है। एक कट्टर कांग्रेसी और एक सच्चे देशभक्त। दुःख के इस समय में हमारे विचार और प्रार्थनाएँ उनके परिवारों और दोस्तों के साथ हैं।


25 महीने वेतन लेता रहा सब इंस्पेक्टर.

उत्तराखंड के सरकारी विभागों में फर्जीवाड़े के नित नए केस सामने आ रहे हैं। ताजा मामला उत्तराखंड पुलिस से जुड़ा है। यहां देहरादून के रायवाला में लाइन हजार किया गया विशेष श्रेणी सब-इंस्पेक्टर 25 महीने तक गायब रहा, लेकिन इस बीच लगातार सैलरी लेता रहा। मामले का खुलासा तब हुआ, जब सब-इंस्पेक्टर कई महीने गायब रहने के बाद रिटायर हो गया। मामले में तत्कालीन एसओ और थाने के मुंशी की लापरवाही सामने आई है। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद पुलिस कप्तान की तरफ से सब-इंस्पेक्टर को वेतन वसूली का नोटिस भेजा गया है। लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन एसओ और मुंशी के खिलाफ भी पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, ये भी बताते हैं। आगे पढ़िए


मामला रायवाला थाने से जुड़ा है। 6 दिसंबर 2017 को तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती हरिद्वार से लौट रही थीं। इसी दौरान उन्हें रास्ते में जाम मिला। एसएसपी ने संबंधित अधिकारी के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि मौके पर विशेष श्रेणी दरोगा अशोक कुमार की ड्यूटी थी, लेकिन वो मौके से गायब मिले। तब एसएसपी ने उन्हें आरसी सैट के जरिए लाइन हाजिर होने का आदेश दे दिया। इसके बाद दरोगा अशोक कुमार ना तो थाने पहुंचा और ना ही पुलिस लाइन। वो 6 दिसंबर से पहले से ही अनुपस्थित चल रहा था। लापरवाही का आलम देखिए कि महीनों बीत जाने के बाद भी किसी ने अशोक कुमार की खबर नहीं ली। दरोगा अशोक कुमार की खबर तब ली गई जब अक्टूबर 2019 में उसके बेटे के संबंध में एक मौखिक शिकायत पुलिस कप्तान डीआईजी अरुण मोहन जोशी के पास आई। डीआईजी ने जब अशोक कुमार के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह लाइन हाजिर हो गया था। लेकिन ना तो उसकी थाने में एंट्री हुई और ना ही पुलिस लाइन में। आगे पढ़िए


मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि थाना रायवाला ने अशोक कुमार को अनुपस्थिति में ही रायवाला से पुलिस लाइन जाना दर्शा दिया था। जबकि अशोक कुमार कई महीने तक गायब रहा। बीते 31 जनवरी को अशोक कुमार रिटायर हो गया। इस तरह गायब रहने के दौरान उसने लगभग 25 महीने की सैलरी पुलिस महकमे से उठाई। अब महकमे ने अशोक कुमार से सैलरी की ये रकम वापस लेने का फैसला लिया है। जिला पुलिस ने उसे नो वर्क, नो पे का नोटिस भेजा है। इस रकम की भरपाई अशोक कुमार की ग्रेच्युटी, राशिकरण और उपार्जित अवकाश आदि से की जाएगी। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि विशेष श्रेणी उपनिरीक्षक अशोक कुमार ने पुलिस विभाग से तमाम बातें छुपाई हैं। वह बिना बताए 25 महीने गायब रहा और सैलरी लेता रहा। अब उसे दिए जाने वाली विभिन्न राशि में से यह रकम वापस ली जाएगी। तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महेश जोशी और मुंशी मनोज कुमार के खिलाफ भी पुलिस एक्ट में कार्रवाई की जाएगी।


दिल्ली एचसी ने 16 वर्षीय बलात्कार से बचने के लिए गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी


दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 अगस्त को एक बलात्कार पीड़िता नाबालिग को राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल द्वारा स्थापित एक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद 22 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि आदेश के अधीन है लड़की को कोई अतिरिक्त जोखिम होने पर मूल्यांकन करने के लिए आवश्यक रक्त परीक्षणों की रिपोर्ट।


मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट की धारा 3 के अनुसार, गर्भधारण की अवधि 20 सप्ताह से अधिक होने पर गर्भधारण की अनुमति नहीं है। अधिनियम के एक संशोधन, एक बिल के रूप में, 2 मार्च, 2020 को लोकसभा में पेश किया गया था, जिसमें गर्भ की अवधि को 24 सप्ताह तक बढ़ाया गया था। हालाँकि, यह अभी तक सदन द्वारा पारित नहीं किया गया है।


न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने कहा कि गर्भावस्था को तभी समाप्त किया जाएगा जब कोई जोड़ा जोखिम न हो। इससे पहले, अदालत ने आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को लड़की की जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने और रिपोर्ट करने के लिए निर्देश दिया था कि क्या गर्भावस्था को समाप्त करने से उसे जोखिम होगा।


न्यायमूर्ति बखरू ने कहा, "यह अदालत इसे वर्तमान याचिका की अनुमति देने के लिए अपील करती है और निर्देश देती है कि याचिकाकर्ता (लड़की) को डॉ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया जाए और गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जाएं।"


अदालत ने 16 वर्षीय बलात्कार से बचे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। लड़की ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और दिल्ली सरकार और उसकी गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए एक अस्पताल का निर्देश देने की मांग की।


वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश ने लड़की और उसके पिता के साथ बातचीत की और पाया कि नाबालिग काफी परेशान था और उसके पिता इस बात पर जोर दे रहे थे कि गर्भावस्था को भी समाप्त कर दिया जाए। अदालत ने कहा कि गर्भावस्था को समाप्त करने के जोखिमों को लड़की और उसके पिता को समझाया गया है।


आभासी सुनवाई में शामिल होने वाले डॉक्टरों ने अदालत को बताया था कि लड़की काफी संकट में थी और नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक ने यह भी रिपोर्ट किया था कि भ्रूण को अवधि तक ले जाने से मनोवैज्ञानिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा।


याचिकाकर्ता (लड़की) की रिपोर्ट और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन के मद्देनजर, यह प्रकट होता है कि गर्भावस्था जारी रहने पर उसे मनोवैज्ञानिक जटिलताओं का काफी खतरा है। संबंधित डॉक्टरों ने बताया कि गर्भावस्था को समाप्त करने में कुछ जोखिम हो सकते हैं लेकिन वे इस स्तर पर स्वीकार्य और अपेक्षित से अधिक नहीं हैं।


हिंदू महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पढ़ना


मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक हिंदू महिला के संयुक्त कानूनी वारिस होने और पुरुष उत्तराधिकारियों के बराबर शर्तों पर पैतृक संपत्ति के अधिकार का विस्तार किया।
सत्तारूढ़ क्या है?
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ ने फैसला सुनाया कि पैतृक संपत्ति के लिए एक संयुक्त उत्तराधिकारी होने के लिए एक हिंदू महिला का अधिकार जन्म से है और यह निर्भर नहीं करता है कि 2005 में कानून लागू होने पर उसके पिता जीवित थे या नहीं। उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 ने हिंदू महिलाओं को एक पुरुष वारिस के रूप में उसी तरह से सहकर्मी या संयुक्त कानूनी वारिस होने का अधिकार दिया। "चूंकि कोपरेसेनरी जन्म से होता है, इसलिए यह आवश्यक नहीं है कि पिता कोपरकेनर 9.9.2005 पर ही रहना चाहिए," सत्तारूढ़ ने कहा।


2005 का कानून क्या है?
हिंदू कानून के मितक्षरा स्कूल को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के रूप में संहिताबद्ध किया गया और उत्तराधिकार और संपत्ति की विरासत को नियंत्रित किया गया लेकिन केवल कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में पुरुषों को मान्यता दी गई। कानून उन सभी पर लागू होता है जो धर्म से मुस्लिम, ईसाई, पारसी या यहूदी नहीं हैं। बौद्ध, सिख, जैन और आर्य समाज के अनुयायी, ब्रह्म समाज को भी इस कानून के उद्देश्यों के लिए हिंदू माना जाता है।


एक हिंदू अविभाजित परिवार में, पीढ़ियों के माध्यम से कई कानूनी वारिस संयुक्त रूप से मौजूद हो सकते हैं। परंपरागत रूप से, अपनी माता, पत्नी और अविवाहित बेटियों के साथ एक सामान्य पूर्वज के केवल पुरुष वंशज एक संयुक्त हिंदू परिवार माना जाता है। कानूनी उत्तराधिकारी परिवार की संपत्ति को संयुक्त रूप से रखते हैं।
2005 से उत्पन्न होने वाले विभाजन के लिए महिलाओं को कोपरकेरेन या संयुक्त कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी गई थी। उस वर्ष अधिनियम की धारा 6 में संशोधन किया गया था ताकि एक कोपेरेंसर की बेटी को भी "जन्म के रूप में अपने बेटे के समान अधिकार" में जन्म से एक सहकर्मी बनाया जा सके। कानून ने बेटी को समान अधिकार और देयताएं दीं "कोपरेनरी संपत्ति में, जैसा कि अगर वह एक बेटा होता तो" होता।
कानून पैतृक संपत्ति पर और व्यक्तिगत संपत्ति में उत्तराधिकार को लागू करने के लिए लागू होता है - जहां उत्तराधिकार कानून के अनुसार होता है, न कि एक इच्छा के माध्यम से।
174 वें विधि आयोग की रिपोर्ट ने भी हिंदू उत्तराधिकार कानून में इस सुधार की सिफारिश की थी। 2005 के संशोधन से पहले ही आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने कानून में यह बदलाव कर दिया था और केरल ने 1975 में हिंदू संयुक्त परिवार प्रणाली को समाप्त कर दिया था।


केस कैसे आया?
जबकि 2005 के कानून में महिलाओं को समान अधिकार दिए गए थे, फिर भी कई मामलों में सवाल उठाए गए थे कि क्या कानून पूर्वव्यापी रूप से लागू होता है, और यदि महिलाओं के अधिकार पिता की जीवित स्थिति पर निर्भर करते हैं जिनके माध्यम से वे विरासत में प्राप्त करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय की विभिन्न पीठों ने इस मुद्दे पर परस्पर विरोधी विचार रखे थे। विभिन्न उच्च न्यायालयों ने भी शीर्ष अदालत के विभिन्न विचारों को बाध्यकारी मिसालों के रूप में पालन किया था।
प्रकाश वी। फुलवती (2015) में, न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि 2005 के संशोधन का लाभ केवल 9 सितंबर 2005 को "जीवित कॉपर्सन की बेटियों" को दिया जा सकता है (जब संशोधन किया गया था) प्रभाव में आया)।
फरवरी 2018 में, 2015 के फैसले के विपरीत, न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों वाली बेंच ने कहा कि 2001 में मरने वाले पिता की हिस्सेदारी भी 2005 के कानून के अनुसार संपत्ति के बंटवारे के दौरान उनकी बेटियों को कोपरेकर के रूप में पारित करेगी। ।
फिर उस वर्ष अप्रैल में, फिर भी न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल की अध्यक्षता वाली एक और दो न्यायाधीशों की पीठ ने 2015 में अपना पक्ष दोहराया।
समान शक्ति के बेंच द्वारा इन परस्पर विरोधी विचारों को वर्तमान मामले में तीन-न्यायाधीश बेंच के संदर्भ में लाया गया। सत्तारूढ़ अब 2015 और अप्रैल 2018 से फैसले को पलट देता है। यह कानून 2005 में लागू होता है और 2005 के कानून के इरादे से फैलता है "हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 6 में निहित भेदभाव को दूर करने के लिए, जिसमें बेटियों को समान अधिकार दिए गए हैं।" बेटों के रूप में हिंदू मिताक्षरा सहसंयोजक संपत्ति ”।


कोर्ट ने कैसे तय किया केस?
अदालत ने मिताक्षरा कोपरेनरी के तहत अधिकारों को देखा। चूँकि धारा 6 एक "अविकसित धरोहर" बनाता है या कोपेरनेसर की बेटी के लिए जन्म द्वारा बनाया गया अधिकार है, यह अधिकार सीमित नहीं किया जा सकता है कि क्या कोपर्केनर जीवित है या मृत है जब सही संचालन किया जाता है।
अदालत ने कहा कि 2005 के संशोधन ने एक ऐसे अधिकार को मान्यता दी जो वास्तव में बेटी द्वारा जन्म के समय अर्जित किया गया था। "एक अधिकार का जन्म जन्म से होता है, और अधिकार उसी तरह से दिए जाते हैं जैसे कि कोपर्सेनरी की घटनाओं के साथ एक बेटे के रूप में और वह उसी तरह से सहकर्मी के रूप में व्यवहार किया जाता है जैसे कि वह एक बेटा था जन्म के समय। हालांकि अधिकारों का दावा किया जा सकता है, w.e.f. 9.9.2005, प्रावधान पूर्वव्यापी आवेदन के हैं, वे पूर्ववर्ती घटना के आधार पर लाभ प्रदान करते हैं, और मिताक्षरा कोपरकेनरी को एक बेटी को कोपेरनेसर के रूप में शामिल करने के लिए समझा जाएगा, “सत्तारूढ़ ने कहा।
अदालत ने उच्च न्यायालयों को छह महीने के भीतर इस मामले से जुड़े मामलों को निपटाने का भी निर्देश दिया क्योंकि वे वर्षों से लंबित थे।


 


सरकार का क्या रुख था?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महिलाओं के लिए समान अधिकारों की अनुमति देने के लिए कानून के एक व्यापक पढ़ने के पक्ष में तर्क दिया। उन्होंने 2005 के संशोधन की वस्तुओं और कारणों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "मिताक्षरा सहस्राब्दी कानून ने न केवल लिंग के आधार पर भेदभाव करने में योगदान दिया, बल्कि भारत के संविधान द्वारा गारंटीकृत समानता के मौलिक अधिकार को दमनकारी और नकारा गया।"


CM योगी ने किया अस्पताल का दौरा



गोरखपुर :


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज का दौरा किया और संबद्ध अधिकारियों को 30 अगस्त तक नया 300 बिस्तर का कोविड-19 अस्पताल तैयार करने का निर्देश दिया. योगी ने 500 बिस्तर के निर्माणाधीन बाल चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कोरोना वायरस (Coronavirus) मरीजों की स्थिति और उपचार के बारे में जानकारी ली. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में 70 हजार टीमें कोविड-19 मरीजों का पता लगाने के लिए घर-घर सर्वेक्षण कर रही हैं. हर रोज एक लाख से अधिक नमूने जांचे जा रहे हैं. अधिक संख्या में जांच होने से राज्य में अधिक संख्या में कोविड-19 मरीजों की पहचान आसान हो रही है. 



मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय राज्य में कोविड-19 मरीजों के लिए 1.51 लाख से अधिक बिस्तर उपलब्ध हैं. जिन मरीजों में कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें घर पर पृथकवास में भेजा जा सकता है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि अगर घर पर शौचालय सहित पृथक कमरा नहीं है तो मरीज को कोविड-19 अस्पताल जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों, नेपाल के तराई वाले इलाकों और पश्चिमी बिहार के मरीज इलाज कराने गोरखपुर आते हैं. मरीजों की संभावित संख्या को ध्यान में रखते हुए ''मैंने निर्देश दिया है कि बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल चिकित्सालय में 300 बिस्तर का नया कोविड-19 अस्पताल तैयार किया जाए.'' 


योगी ने कहा कि 100 बिस्तर वाले टीबी चिकित्सालय में एल—2 और एल—3 की सुविधाओं सहित वेंटिलेटर और उपकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस को हराने के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है और उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नये कोविड-19 अस्पतालों और सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ प्रशिक्षण पर भी जोर रहना चाहिए. उन्होंने महाराजगंज, कुशीनगर और देवरिया में कोविड-19 अस्पताल तैयार करने के निर्देश दिये. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के उपचार के लिए सुविधाओं और दवाइयों की कमी नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत ने कोविड-19 महामारी की चुनौती का कुशलता से सामना किया है. सरकार के लिए हर नागरिक का जीवन महत्वपूर्ण है और हम लोगों को कोरोना वायरस महामारी से बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे. 


कौशाम्बी :हमले में दरोगा घायल, छीन ले गए पिस्टल


उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में पुलिस टीम पर हमला हुआ है. ये हमला तब हुआ जब पुलिस दबिश देने गई थी. पुलिस एक आरोपी को पकड़ने के लिए गई थी. हमले में एक सिपाही और एक दारोगा घायल हो गए. ग्रामीण दारोगा की पिस्टल छीनकर फरार हो गए. ये घटना कड़ा धाम के कछुआ गांव की है.


घटना की जानकारी मिलने पर एएसपी मौके पर पहुंचे. पुलिस बुधवार रात करीब आठ बजे सैनी क्षेत्र के कछुआ गांव में चोरी के एक मामले में दबिश देने गई थी. बताया जा रहा है कि दबिश को लेकर पुलिस पार्टी से ग्रामीणों की बहस हो गई. विवाद बढ़ने पर ग्रामीणों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया.


चोरी के आरोपी को पकड़ने गई थी पुलिस


कड़ा धाम कोतवाली क्षेत्र के कई घरों में चोरी की घटनाएं हुई हैं. इन्हीं घटनाओं के खुलासे के लिए पुलिस टीम मुखबिर की सूचना पर सैनी कोतवाली के नरसिंहपुर कछुआ गांव में चोर को पकड़ने के लिए छापेमारी करने पहुंची थी.


छापेमारी के दौरान कड़ा धाम कोतवाली पुलिस ने सिंटू नाम के एक युवक को हिरासत में ले लिया. इसी दौरान हिरासत में लिए गए युवक की मां फूल कली कई महिलाओं और लड़कों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर ईट-पत्थर व लाठी-डंडे से हमला बोल दिया. हमले में एक दारोगा और सिपाही को गंभीर चोटें आई हैं. हमलावरों ने दारोगा की सर्विस रिवाल्वर और मोबाइल भी छीन लिया. दोनों पुलिसकर्मी किसी तरह मौके से भागकर अपनी जान बचाई.




पुलिस अधीक्षक अभिनंदन का दावा है कि दारोगा से छीनी गई रिवाल्वर को बरामद कर लिया गया है. उनका कहना है कि पुलिस टीम पर हमला करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हिरासत में लिए गए हमलावरों के खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.


पुलिस टीम पर हमले की जानकारी होने पर महकमे में हड़कंप मच गया. कई थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. इस दौरान तीन महिला समेत एक युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया है.


बिकरू गांव में पुलिस टीम पर हुआ था हमला


बता दें कि बीते महीने कानपुर के बिकरू गांव में भी पुलिस टीम पर हमला किया था. यहां पर गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला किया गया था, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.


इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी विकास दुबे फरार हो गया था. करीब एक हफ्ते बाद उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था. उज्जैन से कानपुर लाते वक्त यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में उसे मार गिराया था.




भारत में फिर से होगी TikTok की एंट्री???


देश में युवाओं के पसंदीदा चाइनीज ऐप टिकटॉक की एक बार फिर एंट्री हो सकती है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज टिकटॉक के भारतीय कारोबार को खरीद सकती है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस और मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बीच बातचीत चल रही है. हालांकि, दोनों कंपनियां अभी किसी भी सौदे पर नहीं पहुंची हैं. रिलायंस और टिकटॉक की ओर से अब तक मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.


आपको बता दें कि बीते जुलाई महीने में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप को बैन कर दिया था. सरकार ने प्राइवेसी का हवाला देते हुए टिकटॉक समेत अन्य चाइनीज ऐप पर बैन लगाया है.


बैन होने वाले ऐप में भारत में सबसे लोकप्रिय


बैन के वक्त टिकटॉक के 30 फीसदी यूजर भारतीय थे और इसकी करीब 10 फीसदी कमाई भारत से होती थी. अप्रैल 2020 तक गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से टिकटॉक के 2 अरब डाउनलोड किए गए थे. इनमें से करीब 30.3 फीसदी या 61.1 करोड़ डाउनलोड भारत से थे.


मोबाइल इंटेलीजेंस फर्म सेंसर टावर के अनुसार टिकटॉक का डाउनलोड भारत में चीन से भी ज्यादा हो गया है. चीन में टिकटॉक का डाउनलोड सिर्फ 19.66 करोड़ है जो कि उसके कुल डाउनलोड का महज 9.7 फीसदी हिस्सा है.




अमेरिका में भी टिकटॉक बैन


पिछले सप्ताह अमेरिका ने भी चीनी ऐप टिकटॉक पर बैन को मंजूरी दी थी. हालांकि, अमेरिका ने बाइटडांस को टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया है. टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार खरीदने के लिए माइक्रोसॉफ्ट और ट्वीटर रेस में है.




Delhi Weather: भारी बारिश से बेहाल दिल्ली


दिल्ली-एनसीआर में अचानक मौसम के करवट लेने के बाद रातभर मूसलाधार बारिश हुई है. इससे लोगों को उमस भरी गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन दिल्ली की सड़कें दरिया बन गई हैं. कई जगह पानी भर गया है जिसके कारण लोगों को लंबे जाम की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में तेज बारिश का सिलसिला जारी है.


कई जगहों पर बारिश के बाद जलजमाव हुआ है. जलजमाव के बाद कई जगहों पर ट्रैफिक की रफ्तार थम गई है. नार्थ दिल्ली के जखीरा अंडरपास में तो जलभराव से कार वाला डूबने से बाल बाल बचा. समय रहते पानी के अंदर कार में फंसे व्यक्ति को लोगों ने बचा लिया. रात भर हुई बारिश के बाद सुबह जखीरा अंडरपास के नीचे काफी पानी जमा हो गया जिसमें एक डीटीसी की बस, ओटो, ट्रैक्टर और कार जलभराव के बीच फंस गई. कार और ऑटो को तो लोगों ने निकाल दिया, जबकि बस घंटों फंसी रही.


दिल्ली में कहां-कहां जाम और जलभराव


> आईटीओ पर लगा लंबा जाम


> रायसीना रोड पर लगा जाम


> तीन मूर्ति मार्ग और उद्योग भवन के पास भी भरा पानी


> द्वारका अंडर पास में फंसी कार


> जोरदार बारिश के बाद रेलवे स्टेशन के पास जलभराव


> जल भराव से मानेकशॉ रोड का बुरा हाल


आईटीओ पर लंबा जाम लग गया. यहां दूर-दूर तक गाड़ियों की कतारें नजर आईं.


वहीं मौसम विभाग ने अगले दो दिन दिल्ली और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का अनुमान जताया है. अगले कुछ घंटों में दौरान दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, रोहतक, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल, पानीपत और करनाल के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश हो सकती है. बता दें कि इन इलाकों में अभी भी बारिश का दौर जारी है.


दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बारिश इतनी मूसलाधार हुई कि बिजिबिलिटी बेहद कम हो गई. बारिश से जगह-जगह जलजमाव भी हो गया. दिल्ली में बदले मौसम के साथ धीरे-धीरे सड़कों पर पानी भर रहा है. बारिश ऐसे ही जारी रही तो दिल्ली वालों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा.


दिल्ली में भारी बारिश के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास जलभराव हो गया. भारत के मौसम विभाग (IMD) ने आज दिल्ली में भारी बारिश के साथ आसमान में बादल छाए रहने की भविष्यवाणी की है.भारी बारिश के बाद दिल्ली के द्वारका इलाके में भी एक अंडरपास में जलभराव हो गया. हालांकि, नई दिल्ली के मिंटो ब्रिज अंडरपास में जलजमाव नहीं दिखा.


दिल्ली के तुगलकाबाद में अंडरपास का जलभराव में पार करते वक्त हादसा हो गया. लोग गंदे पानी में गिर गए. ये लोग बैलगाड़ी से अंडरपास का जलभराव पार कर रहे थे. इसी दौरान झटका लगने पर आधे यात्री एक दूसरे के ऊपर पानी में गिर गए. मौसम विभाग ने बारिश को लेकर दिल्ली में अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक भारी बारिश के बाद होने वाले जलजमाव से ट्रैफिक की समस्या रहेगी.


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में अगस्त में अब तक सामान्य से 72 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है जो 10 वर्षों में सबसे कम है. राष्ट्रीय राजधानी में पिछले वर्ष अगस्त के पहले 12 दिन में 37.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.


शहर में 2018 में इसी अवधि में 56 मिमी, 2017 में 64 मिमी और 2016 में 41 मिमी बारिश हुई थी. इसी अवधि में 2015 में 110.6 मिमी बारिश हुई थी जबकि 2014 में 120.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. इस साल जुलाई में, दिल्ली में 236.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य 210.6 मिमी से 12 प्रतिशत अधिक थी.


गाजियाबाद में 2450 जगहों पर होलिका दहन: सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस अलर्ट पर

  गाजियाबाद वसुंधरा सेक्टर 2b में होलिका दहन की तैयारी की तस्वीर  गाजियाबाद में होली पूजन और होलिका दहन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए ...