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बुधवार, 24 जून 2020

पतांजलि की दवाई करोनिल का सच

कोरोना की दवा 'कोरोनिल' बनाने का दावा करने वाली पतंजलि की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. राजस्थान सरकार ने बाबा रामदेव पर केस दर्ज कराने की बात की है तो अब उत्तराखंड सरकार भी पतंजलि को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है. उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग ने नोटिस जारी करके पूछेगा कि दवा लॉन्च करने की परमिशन कहां से मिली?



उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग के लाइसेंसिंग ऑफिसर का कहना है कि पतंजलि के अप्लीकेशन पर हमने लाइसेंस जारी किया. इस अप्लीकेशन में कहीं भी कोरोना वायरस का जिक्र नहीं था. इसमें कहा गया था कि हम इम्युनिटी बढ़ाने, कफ और बुखार की दवा बनाने का लाइसेंस ले रहे हैं. विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस भेजा गया है.


इससे पहले राजस्थान सरकार ने बाबा रामदेव के कोरोना की दवा कोरोनिल खोजने के दावे को फ्रॉड बताया है. राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि महामारी के समय बाबा रामदेव ने इस तरह से कोरोना की दवा बेचने की कोशिश की है, जो अच्छी बात नहीं है.


स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आयुष मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार बाबा रामदेव को आईसीएमआर और राजस्थान सरकार से किसी भी कोरोना की आयुर्वेद दवा की ट्रायल के लिए परमिशन लेनी चाहिए थी, मगर बिना परमिशन के और बिना किसी मापदंड के ट्रायल का दावा किया गया है, जो कि गलत है.


वहीं, केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक  खास बातचीत में कहा कि बाबा रामदेव को अपनी दवाई की घोषणा बिना किसी मंत्रालय से अनुमति लिए मीडिया में नहीं करनी चाहिए थी. हमने उनसे जवाब मांगा है और पूरे मामले को टॉस्क फोर्स को भेजा है. बाबा रामदेव से जो जवाब मांगे गए थे, उन्होंने उसका जवाब दिया है.


गौरतलब है कि कल बाबा रामदेव ने दावा किया था कि पतंजलि ने कोरोना की दवा बना ली है, जिसे नाम दिया गया है कोरोनिल. बाबा रामदेव के दावे पर आयुष मंत्रालय ने सवाल उठा दिए थे. इसके बाद उनसे जवाब तलब किया है. अब बिना सरकार की मंजूरी के बाबा रामदेव कोरोनिल की बिक्री नहीं कर सकते हैं.


इंदर कुमार हुए थे Nepotism का शिकार


नई दिल्‍ली:


बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के निधन के बाद से ही फिल्मी दुनिया में जारी परिवारवाद को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. हाल ही में बॉलीवुड में मौजूद भाई-भतीजावाद को लेकर दिवंगत एक्टर इंदर कुमार (Inder Kumar) की पत्नी पल्लवी कुमार (Pallavi Kumar) ने पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पति भी इसका शिकार हो चुके हैं. इसके साथ ही पल्लवी कुमार ने अपनी पोस्ट में करण जौहर (Karan Johar) और शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) पर आरोप भी लगाए. अपनी पोस्ट में पल्लवी कुमार ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है.



इंदर कुमार (Inder Kumar) की पत्नी पल्लवी कुमार (Pallavi Kumar) ने अपने इंस्टाग्राम पर पति के साथ हुई घटना का जिक्र किया. उन्होंने लिखा, "उनके निधन से पहले मुझे याद है कि वह दो लोगों के पास काम मांगने और मदद के लिए गए थे. रिकॉर्ड के लिए वह उस समय भी छोटे-मोटे प्रोजेक्ट कर रहे थे. लेकिन वह कोई बड़ी फिल्म करना चाहते थे, जैसे उन्होंने शुरुआत में की थी. वह करण जौहर (Karan Johar) के पास गए थे, मैं भी उस समय साथ थी. मेरे सामने ही यह सब हुआ. उन्होंने हमें दो घंटे अपनी वैन के बाहर इंतजार करवाया. फिर उनकी मैनेजर ने आकर कहा कि करण व्यस्त हैं. लेकिन हमने इंतजार किया और जब वह आए तो उन्होंने कहा कि इंदर गरिमा से जुड़े रहना. फिलहाल तुम्हारे लिए यहां कोई काम नहीं है."



पल्लवी कुमार (Pallavi Kumar) ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "इंदर ने यही किया. 15 दिनों बाद करण (Karan Johar) ने फोन उठाया और कहा कि अभी कोई काम नहीं है. इसके बाद इंदर का नंबर ब्लॉक कर दिया गया." पल्लवी कुमार ने शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) से की गई मुलाकात के बारे में भी पोस्ट में जिक्र किया. उन्होंने लिखा, "जीरो के सेट पर वह इंदर से मिले और उन्होंने कहा कि वह एक हफ्ते में कॉल करेंगे, क्योंकि इस समय उनके लिए कोई काम नहीं है. बाद में उन्होंने अपनी मैनेजर पूजा से जुड़े रहने के लिए कहा. क्या कोई विश्वास कर सकता है कि इन दो प्रोडक्शन हाउस में कोई काम नहीं था. करण जौहर ने यह कई बार कहा है कि वह स्टार्स के साथ काम करते हैं. खैर मेरे पति स्टार थे, लोग आज भी उनके काम को जानते हैं."


इंदर कुमार (Inder Kumar) की पत्नी पल्लवी कुमार ने पोस्ट में आगे लिखा, "वह किस चीज से डरते हैं? क्या हम यह कह सकते हैं कि वह बहुत बुरे इंसान हैं, जो अच्छा बनने की कोशिश कर रहे हैं. परिवारवाद को रुकना चाहिए. लोग मर रहे हैं और इन बड़े शॉट्स को अभी भी यह बात समझ में नहीं आ रही और न ही इनपर कोई प्रभाव पड़ रहा है. सरकार को इन लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है." बता दें कि इंदर कुमार ने 1996 में फिल्म मासूम से डेब्यू किया था. इसके बाद वह खिलाड़ियों का खिलाड़ी, तुमको ना भूल पाएंगे, कहीं प्यार न हो जाए जैसी कई फिल्मों में दिखाई दिए.


यूपी के कई शहरों में भारी बारिश

उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच कई जिलों में भारी बारिश ने समस्या पैदा कर दी है. कई इलाकों में सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बन गई है, जिसके चलते कोविड सेंटरों और अस्पतालों में काम कर रहे एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इटावा जिले की एक फोटो सामने आई है, जिसमें दिख रहा है इन परिस्थितियों में लोग कैसे मैनेज कर रहे हैं. 



 


मंगलवार को इटावा में भारी बारिश हुई थी, जिसके बाद यहां कई जगहों पर सड़कों पर जलजमाव हो गया. इस दौरान की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें PPE किट पहने हुए एक शख्स एक अंडरपास के सामने लगभग घुटनों तक बारिश के पानी से भरी हुई सड़क पार करने की कोशिश कर रहा है. यह शख्स एक एंबुलेंस के साथ है, जो फोटो में पीछे पानी में खड़ी हुई दिखाई दे रही है.


उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों में अच्छी-खासी बारिश हुई है. इसके अलावा देश के कई राज्यों- असम बिहार और मध्य प्रदेश में बारिश की वजह से कोरोना के बचाव और इलाज के कामों में दिक्कतें आ रही हैं. असम और बिहार में कई जगहों पर बाढ़ आई हुई है.


अगर उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों की बात करें तो यूपी सबसे ज्यादा पॉजिटिव मामलों के साथ देश में पांचवें नंबर पर है. यहां बुधवार तक कोरोना के कुल 18,893 मामले सामने आए हैं. इनमें से 12,116 लोग ठीक हो चुके हैं, वहीं 6,189 एक्टिव केस हैं. यहां पर अब तक 588 लोगों की मौत हुई है.



दिल्ली में जेल में बंद कैदी की मौत

नई दिल्ली:


Delhi Coronavirus: दिल्ली के मंडोली जेल में 62 साल के एक कैदी कंवर सिंह की कोरोनो से मौत हो गई. कंवर सिंह हत्या के एक मामले में जेल में बंद था. दिल्ली की जेल में कोरोना से किसी कैदी की मौत का यह पहला मामला है. कंवर सिंह की मौत से पहले यह पता नहीं चला कि वह कोरोना संक्रमित है. संदिग्ध मौत के बाद जब टेस्ट कराया गया तो वह कोरोना पॉजिटिव मिला.


तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल के मुताबिक मंडोली जेल में बंद कंवर सिंह 15 जून को सो रहा था लेकिन वह उठा नहीं. पता चला कि उनकी मौत हो गई है. चूंकि उसकी मौत संदिग्ध हालात में हुई थी इसलिए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर उनका कोरोना का टेस्ट कराया गया जो पॉजिटिव निकला. 


कंवर सिंह मंडोली सीनियर सिटीजन जेल नम्बर 14 में 28 दूसरे कैदियों के साथ रह रहा था. इन सभी कैदियों का कोरोना का टेस्ट कराया जा रहा है. कंवर सिंह को दिल्ली के अमन विहार में 2016 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी करार दिया गया था और वह 6 जुलाई 2018 से मंडोली जेल में था. 


दिल्ली की जेलों में अब तक 23 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें से 16 कैदी ठीक हो चुके हैं. वहीं जेलों में तैनात जेल स्टाफ के 45 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें सात लोग ठीक हो चुके हैं.



पेट्रोल-डीजल महंगा होने को लेकर सड़क पर उतरी कांग्रेस

इंदौर :


कोरोना संकट के बीच देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) आसमान छू रहा है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. पूर्व कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी की अगुवाई में इंदौर शहर में कांग्रेस ने एक साइकिल यात्रा का आयोजन किया गया. इस दौरान पूर्व मंत्री पटवारी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कहा था कि डॉलर रुपया एक बराबर होगा. लेकिन आज पेट्रोल डीजल एक बराबर हो गया है.


पूर्व मंत्री ने पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दाम और बढ़ती महंगाई के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और विरोध दर्ज कराने की बात कही. पटवारी ने कहा कि मोदी जी ने कहा कि 'बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार'. प्रधानमंत्री ने रुपये और डॉलर को एक बराबर करने की बात कही थी वो तो नहीं हुआ. पेट्रोल-डीजल एक बार कर दिया. लॉकडाउन और कोरोना के कारण देश की आय घटी, अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. मोदीजी ने महंगाई के थपेड़े डबल कर दिए. इसके खिलाफ कांग्रेस साइकिल यात्रा निकाल रही है.  


उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना को अपने हाल पर छोड़ दिया है. हम सबका फर्ज है कि मिलकर कोरोना को हराएं. मैं जनता से सोशल डिस्टैंसिंग और लॉकडाउन का पालन करने की अपील करता हूं.


उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों को लेकर वाराणसी में कांग्रेस पार्टी ने अनूठा प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को बैल गाड़ी मे बाँध कर उसके सहारे चलाया साथ ही साथ हाथ मे तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. 


भारत की जमीन पर चीन का कोई कब्जा नहीं

नई दिल्ली: चीन के साथ तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत की जमीन पर किसी कब्जा नहीं है और न ही कोई घुसपैठ हुई थी. अब सैटेलाइट तस्वीरें भी इस बात की गवाही दे रही हैं कि भारत की जमीन पर किसी तरह की कोई घुसपैठ नहीं हुई थी.


 


चीनी सेना ने एलएसी के पार बफर जोन या नौ मैंस लैंड में भारत के साथ धोखा जरूर किया जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया. लेकिन एलएसी के इस पार हिंदुस्तान की सरहद में चीनी सेना कभी नहीं आई. गलवान घाटी में भारत की जमीन पूरी तरह से महफूज है.


सूत्रों के हवाले से जो सैटेलाइट की तस्वीरें मिली हैं वो 6 मई से लेकर 18 जून तक के बीच की हैं. हर तस्वीर ये बात साफ हो रही है कि कैसे चीन से साजिश को अंजाम दिया? चीन ने गलवान नदी के पानी को रोका. फिर उसको डायवर्ट किया. इसके बाद जब नदी सूख गई तो उस वैली का इस्तेमाल करते हुए वो एलएसी के नजदीक आने लगा. एलएसी के नजदीक आने के बाद चीन ने वहां पर टेंट लगा दिए. यानी चीनी सेना ने भारत के साथ समझौते का उल्लंघन किया. इस समझौते के तहत एलएसी के पास किसी तरह भी तरह के सैनिक जमावड़े और निर्माण न करने के समझौते का चीन ने उल्लंघन किया.


 


टेंट लगाने के बाद उसने भारी हथियार इकट्ठे कर लिए. चीन ने नियमों का उल्लंघन करते हुए अक्साई चिन (भारत का इलाका जिस पर चीन ने अवैध कब्जा किया हुआ है) में चीन ने अपना बिल्ट अप किया. इसी को रोकने के लिए जब 14 जून की रात साझा सहमति के बाद जब भारत के सैनिक टेंट उखाड़ने पहुंचे थे तब उसके बाद झड़प हुई थी जिसमें 40 चीनी सैनिक मारे गए. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए.


 


चीन ने भारी मशीनरी के जरिए 24 अप्रैल और 18 जून के बीच गलवान नदी का वाटर फ्लो रोक दिया. इसके बाद घाटी सूख गई और चीनी सेना के लिए गलवान नदी के पास एलएसी पहुंचा आसान हो गया.


यमुना एक्सप्रेस-वे पर ट्रकों की टक्कर

नोएडाः यमुना एक्सप्रेस-वे पर बीती देर रात भीषण सड़क हादसा हुआ. हादसा उस वक्त हुआ जब रात के समय सड़क किनारे खराब खड़े ट्रक में पीछे से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी. हादसे में एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए जेवर स्थित कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है.



हादसे के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार देर रात करीब एक बजे यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क किनारे खराब खड़े ट्रक में पीछे से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी. उन्होंने बताया कि इस हादसे में मुन्नालाल, बब्बू और लालू गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि संकेत उर्फ रंजीत यादव की मौके पर ही मौत हो गई, मृतक संकेत फिरोजाबाद जिले का रहने वाला था.


 


राजेश कुमार सिंह ने बताया कि घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है. पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है. अधिकारी के बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर देर रात हुए सड़क हादसे की वजह से वहां पर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा. मौके पर पहुंची पुलिस ने क्रेन की मदद से ट्रकों को हटाया.बता दें कि हाल ही में यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए सड़क हादसे में 4 साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी. हादसा उस वक्त हुआ था जब नौहझील इलाके में यमुना एक्सप्रेस-वे से गुजर रही एक स्विफ्ट कार अचानक पलट गई थी. हादसे में कार में सवार 4 साल की एक बच्ची की जान चली गई थी. जबकि, तीन महिलाओं समेत चार लोग जख्मी हो गए थे. यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे का संज्ञान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया था.


शनिवार, 20 जून 2020

CORONA NEWS :गौतमबुद्ध नगर, आंकड़ा 1300 के पार


यूपी में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले गौतमबुद्ध नगर जिले में सामने आए हैं। जून महीने में जिले में अब तक 846 मामले सामने आए हैं। गौतमबुद्ध नगर के बाद सबसे अधिक मामले आगरा में सामने आए हैं। यहां पर कोरोना वायरस के 584 मामले सामने आए हैं।


कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गुरूवार को गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीआर के अधिकारियों के साथ बैठक की और क्षेत्र में कोरोना वायरस के खिलाफ एक रणनीति बनाने पर जोर दिया। 
जिले में 2 मरीजों की मौत, 89 नए संक्रमित 
जिले में शुक्रवार को कोरोना संक्रमित दो लोगों की मौत होने के साथ ही 89 नए संक्रमित मिले हैं। इन्हें मिलाकर कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1260 तक पहुंच चुका है, वहीं बृहस्पतिवार को दम तोड़ने वाले दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे में कोरोना से मृतकों की संख्या 18 हो चुकी है।


स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शुक्रवार को जिन दो मरीजों की मरीजों की मौत हुई, वो दिल्ली के रहने वाले हैं। इसलिए इनको जनपद के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में नहीं जोड़ा जाएगा। राहत की बात यह है कि शुक्रवार को ही 56 लोग कोरोना से ठीक होकर घर गए हैं। नए संक्रमितों में से 24 की रिपोर्ट निजी लैब से 65 की सरकारी लैब से आई है। जिले में अब तक 660 मरीज ठीक हो चुके हैं। ऐसे में फिलहाल 584 एक्टिव केस हैं।


 सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर सुनील दोहरे ने बताया दिल्ली के सुखदेव विहार में निवासी 77 वर्षीय बुजुर्ग और विकास पुरी में रहने वाली युवती की मौत निजी अस्पताल में हुई है। युवक की मौत का कारण शुगर व हाइपरटेंशन समेत अन्य बीमारी थी। वहीं युवती गर्भवती थी। इन दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।


वहीं, बृहस्पतिवार को दम तोडने वाली 2 महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें एक छिजारसी और दूसरी दादरी की रहने वाली है। नए संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए सभी लोगों की ट्रेसिंग की जा रही है, ताकि उनकी जांच कराई जा सकें। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 89 मरीजों में से 81 मरीजों की सैंपलिंग साधारण फ्लू के लक्षण दिखने पर हुई थी। चार स्वास्थ्य कर्मियों में भी कोरोना की पुष्टि हुई है।


 


सीएमओ कार्यालय सील

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में कार्यरत दो लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में खलबली मच गई है। शनिवार को रिपोर्ट आने के आधे घंटे बाद ही सीएमओ कार्यालय सील कर दिया गया। इतना ही नहीं वहां बैठने वाले अफसरों और काम करने वाले स्टाफ के करीब पचास लोगों के सैंपल लेने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।


सीएमओ डॉ. एन के गुप्ता ने खुद इसकी पुष्टि की है कि दो लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद कार्यालय को सील कर दिया गया है। उनके मुताबिक कार्यालय में कार्यरत एक बाबू और एक वाहन चालक की दो दिन से तबीयत खराब थी। दोनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कार्यालय को सील कर दिया गया है। अब सैनिटाइज कराने के बाद ही कार्यालय की सील खोली जा सकती है। खास बात यह है की रोज राज्य पर्यवेक्षक डॉ. डी के सोनकर भी सीएमओ कार्यालय में ही बैठ रहे थे। कोरोना की रोकथाम को लेकर पूरी योजना यहीं पर बनती है। सीएमओ ने बताया कि दोनों कर्मचारियों को कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच कराई जाएगी। इनमें खुद सीएमओ भी शामिल है। संजयनगर स्थित सीएमओ कार्यालय में रोज कई ठेकेदार एवं भाजपा के नेता भी रोजआते हैं।



Pets के साथ बहुत जुड़े थे Sushant Singh Rajput


नई दिल्ली:
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनकी मौत से फैंस काफी दुखी हैं. जब से सुशांत की मृत्यु हुई है कोई ऐसा दिन नहीं गुजरा जब उनके फैंस ने उन्हें सोशल मीडिया पर याद ना किया हो. इसी बीच सुशांत का एक थ्रोबैक वीड‍ियो इंटरनेट पर छाया हुआ है, जिसमें वे अपने पेट डॉग के बच्चों संग खेलते नजर आ रहे हैं. यह वीडियो बेहद क्यूट है.


इस वीडियो में सुशांत अपने पालतू कुत्ते के बच्चे को अपने पैरों पर लेकर उसके साथ एक्सरसाइज करते दिखाई दे रहे हैं. बता दें यह वीड‍ियो सुशांत के क्रिएट‍िव मैनेजर और दोस्त सिद्धार्थ पिठानी ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. सुशांत सिंह अपने पेट डॉग फज को बच्चों की तरह प्यार करते थे. डॉगी फज के साथ सुशांत के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. फज की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर ऐसी वायरल हो रही हैं, जिसको देखने के बाद आप भी एक पल के लिए इमोशनल हो जाएंगे.



बताते चलें, सुशांत की मौत की जांच मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही है, अब तक रिया चक्रवर्ती के परिवार और करीबी दोस्तों सहित 13 से अधिक लोगों का बयान रिकॉर्ड किया जा चुका है, जिसमें एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती भी शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने यशराज फिल्म्स को एक नोटिस भी भेजा है, जिसमें उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के साथ साइन की गई फिल्मों के कॉन्ट्रैक्ट की मांग की है. खबरों की मानें तो सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती इस साल एक दूसरे से शादी भी करने वाले थे.


Solar Eclipse 2020


Solar Eclipse 2020 Time: सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने के बाद शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. 21 जून की सुबह 10 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगा. सूतक ग्रहण से 12 घंटे पूर्व आरंभ होता है. सूतक काल ग्रहण की समाप्ति के समय ही खत्म होता है. इसलिए इस समय को बहुत की सावधानी के साथ काटना चाहिए.


 


न करें ये कार्य
भोजन: सूर्य ग्रहण का सूतक काल आरंभ होने के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. बीमार और छोटे बच्चों पर सूतक का यह नियम लागू नहीं होता है. वे भोजन कर सकते हैं लेकिन जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ्य उन्हें भोजन नहीं करना चाहिए.


 


गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें
सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इस नियम को गंभीरता से पूरा करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान महिलाओं को गर्भ में पल रहे शिशु को ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए पेट पर गेरू और मिट़्टी का लेप लगाना चाहिए.



किसी भी प्रकार का नशा न करें
सूतक काल में किसी भी प्रकार का नशा न करें. ये घातक हो सकता है. इसलिए इस दिन किसी भी तरह का नशा करने से बचना चाहिए. इस दिन सात्विक दिनचर्या को अपनाना चाहिए.


 


बुराई से बचें
सूर्य ग्रहण का सूतक काल एक तरह से आत्मचिंतन करने का समय भी होता है. इस समय में प्रभु का ध्यान लगाना चाहिए और बुराइयों से बचना चाहिए. सतूक काल में नकारात्मक ऊर्ज अपने चरम पर होती है. इस दशा में कोई भी ऐसा कार्य न करें जो आग में घी का काम करें. इसलिए बुराई और गलत व्यवहार से बचें.


 


क्रोध पर रखें काबू और वाणी मधुर रखें
सूतक काल में ग्रहों की अशुभता तेजी से अपना प्रभाव डालती है. इस दशा में क्रोध पर काबू रखें. क्रोध करने से नुकसान हो सकता है. सूतक काल में वाणी दोष भी उत्पन्न होता है. इसलिए वाणी को मधुर बनाएं और अच्छे बिचार मन में आने दें


शहीद कर्नल संतोष बाबू के परिजनों को पांच करोड़, 19 जवानों के परिवार को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी तेलंगाना सरकार

हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल और 19 अन्य जवानों के परिजन को शुक्रवार को अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा करने वाले बलों को यह संदेश दिया जाना चाहिए कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है.


 


उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार शहीद कर्नल बी संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देगी और बाकी शहीद जवानों के परिजन को 10 - 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगी. बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने सीमा पर जारी गतिरोध के मद्देनजर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी से कहा कि केंद्र और अन्य राज्य सरकारों को भी शहीदों के परिजन की सहायता के लिए आगे आना चाहिए.



बयान के मुताबिक, तेलंगाना के शहीद कर्नल की पत्नी को समूह-1 की सरकारी नौकरी के साथ ही एक आवासीय भूखंड भी दिया जाएगा. राव ने कहा कि 19 शहीद जवानों के परिवारों को दस दस लाख रुपये रक्षा मंत्री के माध्यम से दिए जाएंगे.


जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिया जाना चाहिए- सीएम चंद्रशेखर


 


वहीं सीएम चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पड़ोसी देश चीन से निपटने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति अपनाने का सुझाव दिया. राव ने कहा कि भारत की ओर से इस बारे में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिया जाना चाहिए और देश के हितों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ' जहां तक राष्ट्र की सुरक्षा और इसके हितों का सवाल है, इससे कोई समझौता नहीं करना चाहिए. हमारे मित्रवत देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी करें.'


 


बुधवार, 17 जून 2020

करण, सलमान सहित 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज, कंगना रनौत को बनाया गया गवाह

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर में बॉलीवुड की कई नामी हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मुजफ्फरपुर में सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में कोर्ट में करण जौहर, सलमान खान, एकता कपूर, संजय लीला भंसाली, साजिद नाडियावाला, आदित्य चोपड़ा, भूषण कुमार और दिनेश समेत 8 कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. अधिवक्ता सुधीर ओझा ने बताया कि इन सभी आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगा कर सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज करवाया गया है.



ओझा द्वारा दायर कीए गए शिकायत पत्र में कहा गया है कि करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियाडवाला, सलमान खान, संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, एकता कपूर तथा निर्माता-निर्देशक दिनेश विजान पर आरोप लगाया गया है कि साजिश के तहत ये लोग सुशांत की फिल्में रिलीज नहीं होने दे रहे थे. इनके कारण फिल्म से जुड़े कार्यक्रमों में सुशांत को आमंत्रित नहीं किया जाता था.


एफआईआर में कहा गया है कि इन सभी लोगों के कारण सुशांत को आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा. सुशांत की मौत से बिहार ही नहीं देश के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. ओझा ने बताया कि परिवाद पत्र में भादवि की धारा 306, 109, 504, और 506 के तहत आरोप लगाया गया है.


 


इस पत्र में गवाह के रूप में अभिनेत्री कंगना रनाौत के भी नाम दर्ज है. ओझा ने बताया अदालत ने कि इस मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को मुकर्रर की है. उल्लेखनीय है कि सुशांत ने मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट पर रविवार को आत्महत्या कर ली थी.



पिता ने भी कही इंडस्ट्री से परेशानी की बात


 


सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह ने मुंबई पुलिस को हाल ही में अपना बयान दिया है. अपने इस बयान में उन्होंने सुशांत के डिप्रेशन में होने की बात की जानकारी होने से इंकार किया है. अबतक जो इंडस्ट्री के कुछ लोग कह रहे थे. उनकी मौत के बाद पहली बार सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने भी पुलिस को बताया कि सुशांत इंडस्ट्री में बन रहे हालातों से परेशान थे और ये बात खुद उन्हें सुशांत ने बताई थी.



पिता ने भी कही इंडस्ट्री से परेशानी की बात


 


सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह ने मुंबई पुलिस को हाल ही में अपना बयान दिया है. अपने इस बयान में उन्होंने सुशांत के डिप्रेशन में होने की बात की जानकारी होने से इंकार किया है. अबतक जो इंडस्ट्री के कुछ लोग कह रहे थे. उनकी मौत के बाद पहली बार सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने भी पुलिस को बताया कि सुशांत इंडस्ट्री में बन रहे हालातों से परेशान थे और ये बात खुद उन्हें सुशांत ने बताई थी.


 


सुशांत के पिता ने पुलिस बयान में कहा है, ''पिछले कुछ महीनों में दो तीन बार सुशांत ने मुझसे कहा था कि फ़िल्म इंडस्ट्री में चल रहे टेंशन की वजह से वो लो महसूस करते है.’


शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पहला बयान सामने आया है. राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में जवानों की शहादत को दुखदायी बताया है. उन्होंने कहा, "हम सैनिकों का बलिदान नहीं भूलेंगे. पूरा देश शहीद सैनिकों के साथ खड़ा है."



रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "सैनिकों की शहादत परेशान करने वाली और दुखदायी है. हमारे जवानों ने जबरदस्त बहादुरी दिखाई और देश के लिए शहीद हुए. देश उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. शहीदों के परिवारवालों के साथ पूरा एक साथ खड़ा है."


विपक्ष ने सरकार को घेरा
चीन के साथ हिंसक झड़प के बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 20 जवानों के शहादत से पूरे देश में भारी रोष है. पूरे देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दें भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है.चीनी सेना के इस दुस्साहस पर पीएम और मोदी सरकार ने मौन साध लिया है.


 


सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी व पूरा प्रतिपक्ष पर बार-बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहें कि कुछ बताए कि आखिर बॉर्डर पर परिस्थितियां क्या हैं? चीन की सेना ने हमारी सरहदों में कहां तक कब्ज़ा कर लिया है और हमारी कितनी ज़मीन हड़प ली है.?


 


चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का अंतिम संस्कार कल सुबह किया जाएगा. कर्नल के साथ 20 और सैनिक शहीद हुए हैं. बता दें कि चीन की इस कायराना हरकत के बाद में पूरे देश में गुस्से का माहौल है. हर तरफ से चीन को मुंहतोड़ जहाब देने की मांग उठ रही है.


सैनिकों के बीच झड़प भारत में नहीं, चीनी सीमा में हुई

पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के बीच खूनी झड़प के बाद भारत के साथ-साथ चीन में गर्मागमी है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन का कहना है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प चीनी सीमा में हुई. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि विवाद को कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत से सुलझाने की कोशिश की जा रही है. हम इस विवाद को और नहीं बढ़ाना चाहते हैं.



चीनी प्रवक्ता ने कहा, हम कूटनीतिक और मिलिट्री चैनल के जरिए संवाद कर रहे हैं. इस मामले में सही और गलत बिल्कुल साफ है, ये घटना वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं देना चाहिए.


 


भारतीय रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं. राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. हमें भारत के बहादुरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है.


 


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान में सैनिकों की क्षति परेशान करने वाली और दर्दनाक है. हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया.हम सैनिकों का बलिदान कभी नहीं भूलेंगे, शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है.


गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के पीछे की एक-एक बात


नई दिल्ली:
चीन सीमा पर पिछले पचास सालों की सबसे बड़ी खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल रैंक के कमांडिंग अफसर सहित कुल 20 जवान शहीद हो गए. लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गलवान घाटी में ये घटना सोमवार और मंगलवार की देर रात हुई, जिसमें माना जा रहा है कि चीनी सेना को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है और बड़ी तादाद में चीन के PLA सैनिक हताहत हुए हैं.


 


मंगलवार की देर शाम भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि गलवान घाटी में 14-15 जून की दरमियानी रात को चीनी सैनिकों से हुई झड़प में तीन सैनिकों की मौत हो गई थी. बाद में उन 17 सैनिकों ने भी दम तोड़ दिया जो इस झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए थे.


 


इस तरह, कुल 20 सैनिक कारवाई के दौरान शहीद हो गए. सेना ने मारे गए सैनिकों के लिए ‘किल्ड इन एक्शन’ शब्द का इस्तेमाल किया, जो कि भारतीय सेना किसी भी सैनिक के कर्तव्य निभाते हुए जान चले के दौरान इस्तेमाल करती है.


 


भारतीय सेना ने अपने संक्षिप्त बयान में ये भी कहा कि हालांकि, गलवान घाटी में जिस जगह भारत और चीन के सैनिकों की भिड़ंत हुई थी वहां अब डिसइंगेजमेंट हो चुका है यानी वहां सैनिक पीछे हट गए हैं, लेकिन बयान में साफ तौर से कहा गया कि “सेना अपने देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.”


 


शुरूआत में शहीद हुए सैनिकों की पहचान 16 बिहार के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल बी संतोष बाबू और उनकी ही यूनिट के दो अन्य सैनिकों के तौर पर हुई (देर रात तक हालांकि आधिकारिक तौर से सेना ने शहीद हुए 19 सैनिकों के नाम और फोटो जारी नहीं किए थे.)


 


6 जून की मीटिंग में हुआ था डिसइंगेजमेंट का फैसला


 


दरअसल, 6 जून की मीटिंग में भारत और चीन के कोर कमांडर्स (लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी) इस बात के लिए राजी हो गए थे कि गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) नंबर 14, 15 और 17 पर दोनों देश के सैनिक डिसइंगेज हो जाएंगे, लेकिन इसके लिए दोनों देशों के फील्ड कमांडर्स को बैठक करनी होगी.


 


इसके मद्देनजर सोमवार को पीपी 14 और 17 नंबर पर दोनों देशों के फील्ड कमांडर्स की फ्लैग-मीटिंग हुई. पीपी 14 पर भारतीय सेना का नेतृव किया बिहार रेजीमेंट की 16वीं बटालियन (16 बिहार) के कमांडिंग ऑफिसर, कर्नल बी संतोष बाबू ने. 17 नंबर पेट्रोलिंग प्वाइंट पर भारत की तरफ से एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी ने फ्लैग-मीटिंग में हिस्सा लिया. चीन की तरफ से एक सीनियर कर्नल ने हिस्सा लिया.


 


चीनी सैनिकों के पीछे हटने की तस्दीक के लिए गई टीम


 


जानकारी के मुताबिक, सोमवार को पीपी 14 पर एक लंबी बैठक चली. बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के सैनिक कम से कम ढाई से तीन किलोमीटर पीछे चले जाएंगे, लेकिन रात के बाद भारतीय सेना की एक छोटी पेट्रोलिंग पार्टी इस बात की तस्दीक करने गई कि मीटिंग में जिस बात पर सहमति बनी थी, उसे चीनी सेना मानती है या नहीं.


 


जानकारी के मुताबिक, जैसे ही ये सैनिक उस ऊंची पहाड़ी पर पहुंचे, जहां चीनी सैनिक होने की आशंका थी, चीनी सैनिकों ने घात लगाकर भारत की इस पेट्रोलिंग पार्टी को घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी. माना जा रहा है कि शुरूआत में चीनी सैनिकों की तादाद भारतीयों से ज्यादा थी. जैसे ही कर्नल संतोष बाबू और बाकी सैनिकों को इस झड़प की जानकारी मिली वे तुरंत झड़प वाली जगह पहुंच गए.


 


पहाड़ी से नीचे गलवान नदी में गिरे सैनिक


 


दोनों देशों के बड़े सैन्य कमांडर पहले ही इस बात पर राजी हो चुके थे कि विवादित इलाकों में सैनिक बिना हथियारों के रहेंगे, इसलिए ना तो कर्नल संतोष और ना ही उनकी बाकी पलटन के पास कोई हथियार था. वहां पहुंचते ही चीनी सैनिकों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी. विवाद इतना बढ़ा कि दोनों तरफ के सैनिकों ने लाठी-डंडे और पत्थरों से एक-दूसरे पर हमला बोल दिया.


 


ये झड़प एक पहाड़ी पर हो रही थी, ऐसे में दोनों तरफ के सैनिकों ने एक-दूसरे को पहाड़ से नीचे फेंकना शुरू कर दिया. पहाड़ से नीचे गलवान नदी बह रही थी. उस वक्त गलवान नदी का पानी बर्फ के समान था क्योंकि यहां पर इस मौसम में भी रात के वक्त तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है.


 


बड़ी तादात में दोनों तरफ के सैनिक नदी में गिर गए और बुरी तरह घायल हो गए. कुछ अपुष्ट खबरों के मुताबिक, जिस पहाड़ी पर झड़प हुई वो सैनिकों के भार से टूट कर नदी में आ गिरी जिसके कारण इतनी बड़ी संख्या में दोनों तरफ के सैनिक हताहत हुए.


 


भारतीय सेना ने भी अपने बयान में ‘हाई-ऑल्टिट्यूड’ इलाके और ‘सब-ज़ीरो’ तापमान यानी शून्य से भी नीचे तापमान का जिक्र किया है. सेना के आधिकारिक सूत्रों ने झड़प के दौरान किसी भी तरह से कोई फायरिंग से भी इंकार किया है, क्योंकि सैनिकों के पास किसी भी तरह का हथियार नहीं था.


 


दोनों विदेश मंत्रालयों ने दी प्रतिक्रियाएं


 


इस घटना के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने भी एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कहा कि LAC के संदर्भ में जिस बात के लिए दोनों पक्ष रजामंद थे उसे चीन की सेना ने बदलने की कोशिश की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “15-16 जून की रात को जो हिंसक झड़प हुई वो चीन की तरफ से यथास्थिति यानी जमीनी परिस्थितियों को एक तरफा बदलने के कारण हुई. दोनों ही पक्षों को इस झड़प में नुकसान हुआ है जो कि बचाया जा सकता था अगर उच्च स्तर पर लिए निर्णयों को चीन ने माना होता.”


 


अनुराग श्रीवास्तव ने साफ तौर से कहा कि भारत सीमा पर शांति बनाकर रखना चाहता है लेकिन भारत जो भी कार्य कर रहा है वो अपनी सीमा में कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत चीन से भी यही अपेक्षा करता है.


 


चीन के विदेश मंत्रालय और पीएलए सेना की वेस्टर्न थियेटर कमांड ने बयान देकर भारत पर इस घटना की जिम्मेदारी थोपने की कोशिश की. भारत की पूरी LAC को देखने वाले वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता ने तो पूरी गलवान घाटी क्षेत्र को ही अपना बताते हुए आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने दोनों देशों के सैन्य कमांडर्स के बीच हुए समझौते का उल्लंघन किया है.


 


चीन ने नहीं दी सैन्य नुकसान की जानकारी


 


हालांकि, चीन की तरफ से अपने नुकसान के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा गया, लेकिन चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने ट्वीट कर चीनी सैनिकों के हताहत होने की पुष्टि की.


 


भारतीय इंटरसेप्ट के मुताबिक, चीन के कम से कम 43 सैनिक इस खूनी झड़प में हताहत हुए हैं. ये इंटरसेप्ट भारतीय सेना ने चीन के रेडियो सैट और दूसरे कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट कर प्राप्त किए हैं, क्योंकि चीन की तरफ से अपने सैनिकों के मारे जाने या फिर घायल होने की जानकारी शायद ही कभी सार्वजनिक की जाती है. घटना के बाद चीनी सैनिकों के हेलीकॉप्टर्स की मूवमेंट भी गलवान घाटी में काफी देखी गई जो मारे गए सैनिक और घायलों को ले जाने के लिए यहां उड़ान भर रहे थे.


 


आपको बता दें कि 1967 की नाथूला और चोला दर्रे के खूनी संघर्ष के बाद पहली बार इतनी बड़ी कोई झड़प भारत और चीन सीमा पर देखने को मिली है. 1967 में नाथूला और चोला की लड़ाई में चीन के करीब 400 सैनिकों की जान चली गई थी जबकि भारत के 40 जवान शहीद हुए थे, लेकिन उस वक्त भी चीनी सेना ने अपना आंकड़ा जारी नहीं किया था, जैसा कि गलवान घाटी की घटना के बाद किया है.


 


नई दिल्ली में दिनभर चली बैठकें


 


गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष ने लद्दाख से लेकर सेना के उत्तरी कमान के उधमपुर स्थित मुख्यालय सहित राजधानी दिल्ली में भी हड़कंप मचा दिया. सुबह से ही थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठकें की.


 


दोपहर को रक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे. इसके बाद देर शाम प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग (एलकेएम) पर रक्षा मंत्री, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लंबी बैठक की. ये सभी सीसीएस यानी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी के सदस्य हैं, जिसके प्रमुख खुद पीएम हैं.


 


मई के पहले हफ्ते में शुरू हुआ विवाद


 


आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले डेढ़ महीने से लद्दाख से सटी एलएसी पर तनातनी चल रही है. गलवान घाटी, हॉट-स्प्रिंग्स से सटे गोगरा और पैंगोंग-त्सो लेक से सटे विवादित फिंगर-एरिया में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव चल रहा है. 5-6 मई को फिंगर एरिया में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों तरफ के दर्जनों सैनिकों घायल हुए थे. तब से लगातार सैन्य और राजनयिक स्तर पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है लेकिन सीमा पर तनाव कम नहीं हो रहा है.


 


इस बीच खबर ये भी आई थी कि चीन ने पूरी 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर लद्दाख से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश तक अपनी सेना का बिल्ट-अप कर लिया है. इसको लेकर 6 जून को दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर के सैन्य अधिकारियों के बीच चुशूल-मोलडो में एक लंबी मीटिंग भी हुई थी जिसके बाद थलसेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा था कि स्थिति काबू में है और डिसइंगेजमेंट कि प्रक्रिया कई स्तर पर चल रही है. लेकिन गलवान घाटी की घटना से ऐसा लगता है कि ये कोई लोकल-स्तर की घटना नहीं है बल्कि पूरी एलएसी पर भारत की घेराबंदी की कोशिश है. भारतीय सेना ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.


रविवार, 14 जून 2020

सुशांत सिंह राजपूत ने की आत्महत्या



मुंबई: 
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने आज बांद्रा स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली. उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की है. वह महज अभी 34 साल के थे. यह सबके लिए चौंकने वाली खबर है. सुसाइड की वजह क्या है? अभी इस बात की जानकारी नहीं है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक उनके घर में सुशांत और उनके नौकर ही थे. उनके नौकर ने ही पुलिस को सुसाइड की जानकारी दी है. इस खबर से हर कोई आहत है. बॉलीवुड से लेकर कई बड़ी हस्तियों ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया है.



बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने ट्वीट कर उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा, ''ईमानदारी से कहूं तो इस खबर में मुझे स्तब्ध और नि:शब्द कर दिया है. मुझे याद है कि मैंने सुशांत सिंह राजपूत की छिछोरे देखी थी और अपने दोस्त साजिद जो इसके प्रोड्यूसर थे को कॉल किया था और उसे बताया था कि मैंने फिल्म को काफी एन्जॉय किया. वह बहुत ही प्रतिभाशाली एक्टर थे... ईश्वर उनके परिवार को हिम्मत दे.''


बताया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के घर उनके कुछ दोस्त भी मौजूद थे. रात में वह अपने कमरे में सोने के लिए गए. लेकिन जब सुबह उन्होंने कमरे का दरवाजा नहीं खोला और कुछ जवाब नहीं दिया तो उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा गया और वह फांसी के फंदे पर लटके हुए मिले.


 


बताया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन का इलाज करा रहे थे. उनके घर से कई ऐसे कागजात और दवाई मिली हैं, जिनसे पता चलता है कि उनका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था. फिलहाल उनके घर से अभी कोई सुसाईड नोट बरामद नहीं किया गया है.


शुक्रवार, 12 जून 2020

कोरोना से हुई मौतों की संख्या छुपा रही है दिल्ली सरकार?


नई दिल्ली:
दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus) से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में श्मशान घाटों पर शव दाह करने के लिए लोगों की भारी भीड़ लग रही है. इसे देखते हुए आज दिल्ली के तीनों नगर निगम ने मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें कोरोना से जुड़ी मौतों के आंकड़े रखे गए. ये आंकड़े दिल्ली सरकार के आंकड़ों से काफी ज्यादा हैं.


तीनों एमसीडी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया है कि दिल्ली में कोरोना वायरस से मौतों का आंकड़ा 2098 पहुंच गया है. 


तीनों एमसीडी के मुताबिक 11 जून को दोपहर 3 बजे तक साउथ दिल्ली में 1080, नार्थ दिल्ली में 976 और ईस्ट दिल्ली में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. तीनों एमसीडी दिल्ली के उन श्मशान घाटों के आंकड़ों के आधार पर यह दावा कर रही हैं जहां कोरोना वायरस से जान गंवा चुके लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. 


जबकि दिल्ली सरकार के गणना करने का तरीका अलग है. अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है लेकिन साथ में उसे कोई और गंभीर बीमारी भी है ऐसी बहुत सी मौतों को दिल्ली सरकार कोरोना वायरस से हुई मौतों में नहीं गिनती और दूसरी वजहों में उनकी गणना करती है. ऐसे में लगभग दोगुने का फर्क यह बता रहा है कि दिल्ली में कोरोनावायरस के हालात कितने खतरनाक हैं. 


हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि दिल्ली सरकार ने टेस्ट करने के लिए जो गाइडलाइंस बनाई हैं उसकी वजह से बहुत से ऐसे लोग जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं अपना टेस्ट नहीं करवा पा रहे हैं. अगर ऐसे लोगों की गिनती करने जाएं तो आंकड़ा कहीं भी पहुंच सकता है. 


हालांकि दिल्ली सरकार ने एक डेथ ऑडिट कमेटी बनाई है जिसके तय करने के बाद ही कोरोना मौतों की गिनती होती है. आंकड़े चाहे जो भी हों लेकिन अस्पतालों के बाहर रो रहे बेबस मरीजों की तस्वीरें बता रही हैं कि दिल्ली को लाइफ कमेटी की सख्त जरूरत है.


 


सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई 2 कोल्ड ड्रिंक्स पर बैन की मांग

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोका कोला और थम्स अप जैसे कोल्ड ड्रिंक्स पर पाबंदी की मांग वाली याचिका ठुकरा दी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया. 



सुप्रीम कोर्ट ने खुद को समाज सेवक बताने वाले याचिकाकर्ता उमेद सिंह चावड़ा को लताड़ लगाते हुए कहा कि बिना विषय की जानकारी के याचिका दाखिल की. 


वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए कि सॉफ्ट ड्रिंक्स में केवल 2 ब्रांड का नाम ही क्यों लिया. ऐसे में कोर्ट ने याचिका को ठुकरा दी और कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता पर ही पांच लाख रुपये का जु्र्माना लगा दिया. 


शादी की पहली रात पति ने कर दी पत्नी की हत्या

चेन्नई: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरुवल्लूर जिले में एक नवविवाहित जोड़े के लिए शादी की पहली रात काल बन गई. बुधवार रात नवविवाहित पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और बाद में पास के एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली.


पुलिस के अनुसार, नीतीवासन और संध्या, दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते थे, दोनों ने बुधवार सुबह शादी कर ली.


रात के दौरान रिश्तेदारों ने संध्या की चिल्लाने की आवाज सुन झट उसके कमरे की ओर बढ़े, कमरे में पहुंचने पर उन्होंने संध्या को खून से लथपथ देखा. उसके सर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया था. उसके बाद नीतीवासन घर से भाग गया और बाद में उसे पास के एक पेड़ से लटका पाया गया.


पुलिस हत्या और आत्महत्या के कारण की जांच कर रही है.



EPFO ने दी बड़ी राहत, अब 65 लाख लोगों को मिलेगा सीधा लाभ

नई दिल्ली: पेंशन लेने के लिए जिंदा होने का सर्टिफिकेट देना होता है. इसे जीवन‌ प्रमाण पत्र कहा जाता है. EPFO ने देशभर में पेंशन पाने वाले 65 लाख लोगों को राहत दी है. 
अब पेंशन लेने वाले अपने घर के पास कॉमन सर्विस सेंटर पर ही अपना जीवन प्रमाण बना सकते हैं.


देश भर में 3.65 लाख कॉमन सर्विस सेंटर हैं. EPFO ने इनके साथ टाईअप किया है. कॉमन सर्विस सेंटर पर उनके दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप से लिए जाएंगे.


हालांकि EPFO के रीजनल सेंटर में भी जाकर जीवन प्रमाण पत्र दिया जा सकता है, देशभर में 125 रीजनल सेंटर है, वही 117 जिले हैं जहां पर जिला स्तर के इपीएफओ ऑफिस है, वहां भी यह काम हो सकता है. इसके अलावा जिस बैंक से पेंशन मिलती है वहां भी यह काम किया जा सकता है.


जीवन प्रमाण पत्र 1 साल के लिए वैलिड माना जाएगा, पेंशन लेने वाले कर्मचारी साल में कभी भी ये प्रमाण पत्र जमा करा सकते हैं इससे पहले यह नियम था कि नवंबर में सभी को जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना है. हालांकि जिन लोगों को पुराना प्रमाण पत्र जमा कराना है उनके लिए अंतिम तारीख नवंबर महीने तक ही रहेगी.


EPFO श्रम मंत्रालय के तहत आने वाली संस्था कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा का ख्याल रखने वाली संस्था है.



पीएम मोदी की तारीफ में कही ये बात


नई दिल्ली: 
भारत और नेपाल (India-Nepal Dispute) के संबंधों में तल्खी बरकरार है. इस बीच एक बार फिर से पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) ने भारत के साथ दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया है. नेपाल ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) ने कोरोना (Coronavirus) लॉकडाउन के दौरान भी यह सुनिश्चित किया कि नेपाल में जरूरी चीजों की आपूर्ति की कमी न हो. 


वहीं भारत ने भी नेपाल के साथ सीमा विवाद और कोरोना को फैलने से रोकने के ​​सहयोग पर बात की है. विदेशी मंत्रालय की वीकली मीटिंग में भारत से MEA के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'भारत नेपाल के साथ अपनी सभ्यता, सांस्कृतिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को गहराई से महत्व देता है. हाल के कुछ सालों में हमारी द्विपक्षीय साझेदारी का विस्तार है. जिसके चलते नेपाल की मानवीय, विकास और संपर्क परियोजनाएं में भारत का ध्यान आकर्षित हुआ है.'


वहीं कोरोना संकट काल के बीच काठमांडू विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'भारत ने नेपाल को हर संभव तकनीकी, चिकित्सा और मानवीय सहायता प्रदान की है.' उन्होंने आगे कहा, 'भारत सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लॉकडाउन के बावजूद नेपाल को व्यापार और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कोई कमी न रहे.'


नेपाल ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने नेपाल को पैरासिटामॉल और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन (एचसीक्यू) दवाओं, टेस्टिंग किट और अन्य मेडिकल संबंधी जरूरी चीजों को उलपब्ध कराया. इतना ही नहीं भारत ने विदेशों में फंसे नेपाली नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी कराने में भी मदद की है.


आपको बता दें कि  नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने हाल ही में भारत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि  देश में कोरोना के 85% मामले भारत से आये हैं. नेपाल शुरुआत से ही भारत की वजह से संक्रमितों की संख्या में वृद्धि की बात कहता आ रहा है.  


हाथ चूमकर लोगों का इलाज करता था बाबा, कोरोना वायरस ने ले ली जान


रतलाम:
दुनिया स्वास्थ्य चिकित्सा में इतनी तरक्की करने के वावजूद भी अभी तक कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी महामारी का इलाज नहीं ढूंढ पा रही है. वहीं दूसरी और आज भी कई लोग झाड़फूंक और टोने-टोटके से इलाज कर अंधविश्वास से लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.


मध्य प्रदेश के रतलाम में एक ऐसे ही एक ढोंगी बाबा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक बाबा लोगों का हाथ चूमकर इलाज करने का दावा करता था. इसके अलावा वह पानी में फूंक मारकर मंत्रित कर लोगों का इलाज करने का दावा भी करता था. झाड़फूंक वाले बाबा की मौत के बाद प्रशासन सकते में गया और आनन-फानन में बाबा से इलाज करवाने वालों की लिस्ट निकाली. 


बाबा के कॉन्टेक्ट में आए लोगो की लंबी लिस्ट से प्रशासन के भी हाथ पांव फुल गए हैं. सीएचएमओ रतलाम डॉ. प्रभाकर नानावरे ने बताया कि अब तक मृतक बाबा के संपर्क में आए 7 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है. जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है. 


ऐसे हालात में प्रशासन ने शहर में अंधविश्वास के नाम पर झाड़फूंक करने वाले बाबाओं की जानकारी जुटाई. करीब 37 लोग केवल शहर में ही ऐसे मील गए जो झाड़फूंक और धागा बनाने जैसे अंधविश्वास से लोगों का इलाज करते थे.


प्रशासन ने सभी 37 झाड़फूंक और ताबीज वाले बाबाओं को क्वारंटीन कर दिया है. ये सभी बाबा क्वारंटीन सेंटर में हैं. बाबाओं को क्वारंटीन में रखे जाने पर भी उन्हें आपत्ति है. उनका कहना है कि वे सालों से ऐसे ही इलाज करते आ रहे हैं. लॉकडाउन में इनके पास कोई नहीं आया फिर क्यों बेवजह यहां रखा गया है. 


पुलिस ने वाहन चोर गिरोह का किया पर्दाफाश, 5 बदमाश गिरफ्तार

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 5 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. वाहन चोरों के पास से पुलिस ने 11 मोटरसाइकिल, अवैध असलाह, जिंदा कारतूस बरामद किया है. गिरफ्त में आए शातिर वाहन चोरों का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है.



सहारनपुर में लगातार चोरों पर पुलिस ने शिकंजा कसा हुआ है. इसी कड़ी में थाना गागलहेड़ी पुलिस ने जैन बाग के पास तिवाया रोड से 5 शातिर वाहन चोरों को धर दबोचा है. बरामद मोटरसाइकिल चोरों द्वारा अलग-अलग जिलों से चोरी की गईं थीं. गिरफ्तार में आए बदमाश शातिर चोर हैं. जानकारी के अनुसार चोरों का अपराधिक इतिहास भी रहा है, अन्य जिलों में भी इनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस की गिरफ्त में आए बदमाश थाना गागलहेड़ी क्षेत्र के ही रहने वाले हैं.


पूरे मामले पर सहारनपुर एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि एसओ गागलहेड़ी व उनकी टीम द्वारा 5 वाहन चोरों को गिरफ्तार किया गया है. चोरों के पास से अवैध असलहा भी बरामद किया गया है. चोरी की 11 मोटरसाइकिल में से अब तक छह मोटरसाइकिल की जानकारी मिली है अन्य 5 मोटरसाइकिलों के बार में जानकारी प्राप्त की जा रही है. पुलिस की टीम चोरों से पूछताछ कर रही है. चोरी के कई अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है.


क्या सीमा विवाद में भारत और चीन युद्ध के मुहाने पर पहुंच गए थे, जानिए

नई दिल्ली: क्या हालिया सीमा विवाद के दौरान भारत और चीन की सेनाएं युद्ध के मुहाने पर पहुंच गई थीं? ये सवाल इसलिए क्योंकि सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना ने ना केवल लद्दाख बल्कि उत्तराखंड, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश तक में ‘बिल्ड-अप’ कर लिया था जिसके बाद भारतीय सेना भी अलर्ट हो गई थी और ‘रिज़र्व-फॉरमेशन्स’ को एलएसी की तरफ मूव करना पड़ा था.



लेकिन सूत्रों की मानें तो 6 जून को दोनों देशों के कोर कमांडर्स की हुई बातचीत के बाद ही मामला थोड़ा ठंडा हुआ है. हालांकि फिंगर-एरिया जैसे इलाकों में अभी भी तनाव बरकरार है और भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है.


 


सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना ने भारत की घेराबंदी की तैयारी कर ली थी. जिसके चलते ही चीनी सेना ने 3488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्युचल कंट्रोल (एलएसी) पर ‘बिल्ड-अप’ शुरू कर दिया था. सैन्य भाषा में बिल्ड-अप के मायने ये हैं कि सीमा के थोड़े पीछे अपने सैनिक और दूसरे सैन्य साजो-सामान को इकठ्ठा करना, ताकि जरूरत पड़ने पर सैनिक, टैंक और तोपों को तुरंत मूव कराया जा सके.


 


लद्दाख के फिंगर-एरिया और गैलवान घाटी के साथ साथ उत्तरी-सिक्किम के नाकू-ला दर्रे पर हुई झड़पों को ऐसे में अलग-अलग या फिर लोकल घटनाएं नहीं माना जा सकता है. बता दें कि हाल ही में एबीपी न्यूज़ से बातचीत में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य और चीन मामलों के जानकारी, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) एस एल नरसिम्हन ने भी कहा था कि ये सभी घटनाएं ‘लोकल से ऊपर स्तर की थीं’ यानि किसी सीनियर मिलिट्री कमांडर ने इसके लिए इजाजत दी होगी.


 


बता दें कि हाल ही में चीन की पीप्लुस लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के वेस्टर्न थियेटर कमांड में ग्राउंड फोर्सेज़ के नए कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल शू चिलिंग को आनन-फानन में तैनात किया गया था.


 


ये वही वक्त था जब अमेरिकी राष्ट्रपति, डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच चल रहे टकराव में मध्यस्ता की बात कही थी. हालांकि, भारत ने दोनों देशों के बीच किसी भी मध्यस्ता करने से साफ इंकार कर दिया था.


 


लेकिन सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना भी चीन के इस कदम से पूरी तरह वाकिफ थी और एलएसी पर सैनिकों को तुरंत अलर्ट कर दिया गया था. यही नहीं सेना ने रिजर्व ब्रिगेड्स तक को वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब तैनात कर दिया था. भारतीय सेना के टैंक और तोप भी एलएसी के करीब ही तैनात रहती हैं. सूत्रों की मानें तो 6 जून की मीटिंग के बाद सीमा पर तनाव कम हो गया है. हालांकि, लद्दाख में फिंगर-एरिया अभी भी ऐसा विवादित इलाका है जहां दोनों देशों के बीच टकराव जारी है.


 


इस बीच खबर है कि बुधवार को दोनों देशों के मेजर-जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच हुई बैठक का नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है. ऐसे में ये साफ नहीं हुआ है कि अगामी फील्ड कमांडर्स के बीच होने वाली मीटिंग कब होगी, या होगी भी या नहीं. क्योंकि 6 जून की मीटिंग में दोनो देशों के कोर-कमांर्डस सीमा विवाद शांति-पूर्वक सुलझाने के लिए तैयार हो गए थे.


 


इसके लिए कहा माना जा रहा था कि अगले 8-10 दिनों में मेजर-जनरल और बटालियन कमांडर्स यानि कर्नल रैंक के अधिकारियों के बीच मीटिंग होनी थी ताकि जमीनी स्तर पर पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट हो सके. लेकिन अभी इसपर संस्पेंस बना हुआ है.


 


हालांकि, कई बार ऐसा भी देखने में आया है कि मीटिंग के दो-तीन दिन बाद ही चीन मीटिंग का नतीजा बताने के लिए तैयार होता है क्योंकि मीटिंग के सारी जानकारी ऊपरी कमांड तक भेजने और वहां से मंजूरी मिलने में वक्त लग जाता है.


क्या मज़दूरों को मिलेगा लॉकडाउन के 54 दिनों का पूरा वेतन?

नई दिल्लीः लॉकडाउन की अवधि में कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज फैसला देगा. उद्योगों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश को चुनौती दी है जिसमें कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान का पूरा वेतन नियोक्ता को देना होगा.


 


4 जून को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा था कि मज़दूरों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी करना ज़रूरी था. मज़दूर आर्थिक रूप से समाज के निचले तबके में हैं. बिना औद्योगिक गतिविधि के उन्हें पैसा मिलने में दिक्कत न हो, इसका ध्यान रखा गया. अब गतिविधियों की इजाज़त दे दी गई है. 17 मई से उस आदेश को वापस ले लिया गया है.


 


उद्योग सरकार की इस दलील से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने 29 मार्च से 17 मई के बीच के 54 दिनों का पूरा वेतन देने में असमर्थता जताई. उनकी दलील थी कि सरकार को उद्योगों की मदद करनी चाहिए. गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल किया था कि जिस दौरान उद्योगों में कोई उत्पादन नहीं हुआ, क्या सरकार उस अवधि का वेतन देने में उद्योगों की मदद करेगी?



जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सरकार के अधिकार पर भी सवाल उठाए. कोर्ट का कहना था कि इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट के तहत विवाद की स्थिति में उद्योगों को कर्मचारियों को 50 फीसदी वेतन देने के लिए कहा जा सकता है. लेकिन सरकार ने 100 फीसदी वेतन देने को कह दिया. सरकार की तरफ से एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, "आदेश के पीछे सरकार की नीयत मज़दूरों के हित की है. लेकिन अगर उद्योग और मज़दूर रकम के भुगतान पर आपस में कोई समझौता कर सकते हैं तो इस पर सरकार आपत्ति नहीं करेगी."


बेंच के सदस्य जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, "एक तरफ आप मज़दूरों को पूरा पैसा दिलवाने की बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ मालिक और मज़दूरों में आपसी समझौते की बात कर रहे हैं. इसमें सरकार की क्या भूमिका होगी? उसे दोनों पक्षों में संतुलन के लिए कुछ करना चाहिए."


सुनवाई के दौरान उद्योगों के वकीलों ने कई दलीलें दीं. उनका कहना था कि एम्पलाई स्टेट इंश्योरेंस यानी कर्मचारी राज्य बीमा के खाते में 80 से 90 हजार करोड़ रुपए हैं. सरकार चाहे तो 30 हजार करोड़ रुपए खर्च कर पूरे देश के कर्मचारियों को इस अवधि का वेतन दे सकती है."


कोर्ट ने जब इस पहलू पर एटॉर्नी जनरल से जवाब मांगा, तो उन्होंने कहा, "कर्मचारी राज्य बीमा के खाते में जमा पैसों को कहीं और ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है." सुनवाई में कई मजदूर संगठनों ने भी दलीलें रखीं. उनका कहना था कि सरकार और उद्योग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं. मजदूरों को उनका पूरा पैसा मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए.


 


कोर्ट ने 4 जून को करीब डेढ़ घंटे तक सभी पक्षों को विस्तार से सुना. उसके बाद आदेश सुरक्षित रख लिया. कोर्ट के आदेश से यह तय होगा कि क्या मजदूरों को 54 दिन की अवधि का पूरा वेतन मिलेगा? अगर हां तो इसमें क्या कुछ हिस्सा सरकार भी देगी?


क्या 15 जून के बाद फिर से लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन?


नई दिल्ली:
कोरोना वायरस की वजह से देश में लगे लॉकडाउन की मियाद क्या एक बार फिर बढ़ सकती है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों एक दावा किया जा रहा है. बीते कुछ दिनों से एक मैसेज वायरल हो रहा है कि 15 जून से देश भर में दोबारा लॉकडाउन लग जाएगा. अब इस वायरल मैसेज की सच्चाई क्या है ये हम आपको बताने जा रहे हैं. क्या वाकई देश में एक बार फिर लॉकडाउन लगने जा रहा है. आइये जानते हैं...


क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई


बता दें कि सोशल मीडिया पर लॉकडाउन को लेकर किया जा रहा दावा सरासर गलत है. प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्टचेक इकाई ने इस मैसेज को फर्जी बताया है. पीआईबी ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है.


क्या कहा है पीआईबी ने


पीआईबी ने कहा, ''सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही एक फोटो में दावा किया जा रहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा ट्रेन और हवाई यात्रा पर प्रतिबंध के साथ 15 जून से देश में फिर से पूर्ण लॉकडाउन लागू किया जा सकता है. यह फेक है. फेक न्यूज़ फैलाने वाली ऐसी भ्रामक फोटो से सावधान रहें''


बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील देने के लिए प्लान अनलॉक इंडिया लागू किया. इस वक्त देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहे हैं. कई लोग इस भयंकर महामारी की चपेट में आ गए हैं. गुरुवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 2 लाख 86 हजार 579 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इसमें से 8102 की मौत हो चुकी है, जबकि एक लाख 41 हजार लोग ठीक भी हुए हैं.


बुधवार, 10 जून 2020

Google Maps में जल्द जुड़ने वाला है ये फीचर

नई दिल्ली: गूगल अपने मैप (Google Map) में कोरोना काल में एक खास तरह का फीचर जोड़ने जा रहा है. इस फीचर की मदद से लोगों को कोरोना वायरस (Coronavirus) से संबंधित ट्रैवल प्रतिबंधों की जानकारी मिलेगी. यह एक तरह का अलर्ट फीचर होगा, जो लोगों को भीड़भाड़ वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट और लॉकडाउन की वजह से रोड़ बंद होने का अलर्ट देगा.


जानकारी के मुताबिक यह फीचर यूजर को पर्सनल और पब्लिक व्हीकल से ट्रैवल करने के दौरान ड्राइविंग रूट पर आने वाले Covid-19 चेकप्वाइंट के बारे में जानकारी देगा. साथ ही मास्क पहनने की भी सलाह देगा. इसके अलावा यह ऐप मेडिकल सुविधाओं और कोरोना टेस्टिंग सेंटर्स के बारे में भी जानकारी देगा.


गूगल मैप की ओर से अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, कोलंबिया, फ्रांस, भारत, मैक्सिको, नीदरलैंड, स्पेन, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में अलर्ट की सुविधा शुरू कर दी गई है. कंपनी जल्द ही इसे भारत समेत अन्य देशों में भी लागू कर सकती है.


Google Map के इस लेटेस्ट फीचर की सुविधा एंड्राइड और iOS यूजर्स उठा सकेंगे. Google ने व्हीलचेयर की सहूलियत वाले स्थानों के बारे में जानकारी जोड़ी थी. ताकि लोगों को उनकी यात्रा में मदद और आसानी हो सके.



भतीजी के आरोपों पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई ने दिया रिएक्शन, बोले- उसको उकसाया गया

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई शमस सिद्दीकी ने भतीजी द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. शमस ने एक एंटरटेनमेंट पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'वह हमारे भाई की बेटी है और देहराहदून में रहती है. वह जब नाबालिग थी, तो घर से भाग गई थी और एक लड़के से शादी की. मेरे भाई ने सबंधिंत पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. यह मामला हाइकोर्ट में गया था.'


 


शमस ने कहा, 'यह मामला देहरादून में चल रहा था और बाद में यह हाइकोर्ट में चला गया. उसने स्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट दिखाए जिससे की यह साबित हो सके वो नाबालिग नहीं है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया और उन्होंने इसे वापिस हाइकोर्ट में भेज दिया. यह दो साल पुराना केस है, साल 2018 से रुका हुआ है.' शमस के मुताबिक यह केस उनके बड़े मिनाजुद्दीन के खिलाफ है और इसका नवाजुद्दीन से कोई संबंध नहीं है.



शमस बोले भतीजी को उकसाया गया


 


शमस का कहना है कि उनकी भतीजी को उकसाया गया है. उन्होंने कहा, 'आलिया(नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी) और नवाज भाई पहले से ही विवादों में चल रहे हैं और अब इसे उकसाया जा रहे हैं कानूनी कार्रवाई करने के लिए. उत्तराखंड हाइकोर्ट ने लड़की और उसके पति के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी कि था क्योंकि वे सुनवाई के दिन कोर्ट में मौजूद नहीं हुए. दोनों पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा और उसके पति पर पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया क्योंकि वह नाबालिग थी.'


 


ये सशा सिद्दीकी के आरोप


 


आपको बता दें कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी की भतीजी ने नवाजुद्दीन के बड़े भाई मिनाजुद्दीन सिद्दीकी पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके अंकल उन्हें गलत तरीके से छूते थे, शोषण करते थे और यहां तक जब वह इसका विरोध करती थी, तो उसे मारते थे.


अमिताभ बच्चन ने मजदूरों के फ्लाइट से भेजा घर


 


मुम्बई: लॉकडाउन के दौरान रोजमर्रा की चीजों के लिए संघर्ष कर रहे मजदूरों को पलायन अभी भी जारी है. मजदूर आज भी ट्रेन, बस या अलग-अलग वाहनों की मदद से अपने गृह राज्य जा रहे हैं. अभिनेता सोनू सूद ने बसों, ट्रेनों और फ्लाइट से हजारों मजदूरों को उनके घर पहुंचाया.


अब अमिताभ बच्चन ने भी श्रमिकों को फ्लाइट से उनके गृह राज्य पहुंचाने की कवायद शुरू की है. 10 जून और 11 जून के दिन 6 विशेष फ्लाइट की मदद से हजारों मजदूरों को उनके गृहराज्य पहुचाया जा रहा है. हर फ्लाइट में 180 यात्रियों को उनके घर पहुचाया जा रहा हैं.


 


अमिताभ बच्चन और उनकी टीम द्वारा 'मिशन मिलाप' के बैनर तले फ्लाइट से लोगो को घर भेजा जा रहा है. अमिताभ बच्चन की ओर से को-ऑर्डिनेशन संभालने वाले AB कॉर्प लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश यादव ने बताया की, '10 जून को मुंबई से रवाना होने वाली चार फ्लाइट उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी और बिहार के पटना के लिए रवाना हो रही है, जबकि दो फ्लाइट 11 जून को उत्तर प्रदेश के दो अलग-अलग चलो शहरों के लिए रवाना होगी. एयरपोर्ट टर्मिनल में दाखिल होने से पहले यात्रियों को खाने के सामान, ग्लव्स, मास्क और सैनिटाइजर भी दिए गए है. सभी सुरक्षित अपने घर पहुचे यही प्राथमिकता है.'


 


अमिताभ बच्चन और उनकी टीम इसके पहले भी मजदूरों को बसों की मदद से उनके गांव तक पहुंचा चुकी है इस दौरान यात्रियों के खाने-पीने और आरामदेह यात्रा का पूरा ख्याल रखा गया था. मुम्बई के माहिम दरगाह, हाजीअली दरगाह ट्रस्ट के ट्रस्टी सुहैल खंडवानी ने मार्गदर्शन में मजदूरों को उनके घर तक बिना किसी तकलीफ के पहुचाया जा रहा है.


अरविंद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के अस्पताल में सबका इलाज होगा

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों पर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश को दोहराते हुए कहा है कि अब दिल्ली के अस्पताल में सबका इलाज होगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने बताया है कि 31 जुलाई तक दिल्ली को 1.5 लाख बेड की जरूरत होगी.



दिल्ली में अबतक 900 से ज्यादा लोगों की जान गई


 


सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, ''दिल्ली में अभी कोरोना के लगभग 31 हज़ार मामले हैं. इसमें कुल 12 हज़ार लोग ठीक हो गए हैं. 18 हज़ार एक्टिव केस में 15 हज़ार लोग होम आइसोलेशन में हैं.'' दिल्ली में जानलेवा कोरोना वायरस से अबतक 900 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है.


कोरोना को जन आंदोलन बनाना होगा- केजरीवाल


केजरीवाल ने आगे कहा, ''दिल्ली में आगे कोरोना और तेज़ी से फैलने वाला है. 15 जून तक यहां 44 हज़ार केस होंगे. वहीं 15 जुलाई तक सवा दो लाख केस हो जाएंगे. 31 जुलाई तक पांच लाख से ज्यादा केस होंगे.'' उन्होंने कहा, ''दि्ल्ली में 31 जुलाई तक डेढ़ लाथ बेड की ज़रूरत होगी. कोरोना से हमें अगर बचना हो, तो इस जन आंदोलन बनाना होगा.''



दिल्ली में अब सब का इलाज होगा- केजरीवाल

केजरीवाल ने आगे कहा, ''दिल्ली में एक चुनी हुई सराकर के फैसले पलटे गए. अब केंद्र ने फैसला ले लिया है, तो यह समय असहमति का नहीं है. उपराज्यपाल के आदेश को ही लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार से कोई झगड़ा नहीं करना है. दिल्ली में अब सब का इलाज होगा. यहां 50 प्रतिशत बाहर के लोग इलाज कराते हैं. सभी के लिए कुल डेढ़ लाख बेड की ज़रूरत होगी. 31 जुलाई तक डेढ़ लाख बेड चाहिए होंगे.'' उन्होंने आगे कहा कि स्टेडियम और हॉल को कोरोना के लिए तैयार किया जाएगा. हमारी कोशिशों में कोई कमी नहीं होगी. पड़ोसी राज्य भी अपने-अपने राज्यों में उचित व्यवस्था करें.

पिछले आठ दिन में 1900 मरीज़ों को बेड मिले- केजरीवाल

केजरीवाल ने यह भी बताया कि दिल्ली में पिछले आठ दिनों में 1900 लोगों को बेड मिले. यहां अभी 4,200 बेड खाली हैं. मैं मानता हूं कि 150-200 लोगों को बेड के लिए धक्के खाने पड़े.'' उन्होंने कहा कि अब सभी संस्थाओं को कोरोना के खिलाफ एक होना होगा.


देश में पहली बार एक्टिव केस से ज्यादा हुई ठीक होने वाले मरीज़ों की संख्या

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत देने वाली खबर सामने आई है. अब भारत में कोरोना से ठीक होने वाले मरीज़ों की संख्या एक्टिव केस से ज्यादा हो गई है. ऐसा पहली बार हुआ है. इसका मतलब है कि देश में अब कोरोना मरीज़ों का रिकवरी रेट 50 प्रतिशत के पार हो गया है.


 


देश में कोरोना के आंकड़े


 


देश में फिलहाल कोरोना मरीज़ों की संख्या 2 लाख 76 हज़ार 583 हो गई है. इसमें एक लाख 33 हज़ार 632 एक्टिव केस हैं. जहां अभी तक इस महामारी से 7,745 लोगों की मौत हुई है, वहीं एक लाख 35 हज़ार 205 लोग इस संक्रमण से ठीक भी हुए हैं. वहीं एक मरीज़ देश छोड़कर चला गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।


 


लगातार छठे दिन आए कोरोना के 9,500 से अधिक मामले


 


बुधवार सुबह देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के लगभग 10,000 नए केस सामने आए. भारत में लगातार छठे दिन कोरोना के 9,500 से अधिक मामले सामने आए हैं. वहीं पिछले 24 घंटो में इस संक्रमण के कारण 279 लोगों की मौत हुई.


 


इन आकंड़ो से लोगों को उम्मीद मिलनी चाहिए- डॉ. नीरज गुप्ता


 


दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार देश में अधिक से अधिक मरीज़ स्वस्थ हो रहे हैं, जो कि इस वैश्विक रुख के अनुरूप है कि कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत से अधिक मरीजों में बीमारी के मामूली लक्षण दिखने की संभावना होती है और वे शत-प्रतिशत स्वस्थ हो जाते हैं।


 


उन्होंने आगे कहा कि इन आकंड़ो से भारत के उन लोगों को उम्मीद मिलनी चाहिए, जिन्हें इस संक्रमण के कारण मौत का डर है. लोगों को ज्यादा से ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए.



कोरोना से बुरी तरह प्रभावित होने वाला भारत पांचवां देश


 


जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ो के मुताबिक अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित होने वाला पांचवां देश है.


मंगलवार, 9 जून 2020

अनलॉक-1



नई दिल्ली: 
आज से भारत के लोगों का जीवन अनलॉक हो गया है और इस अनलॉक के दौरान लोगों को पहले से कहीं ज्यादा रियायतें दी गई हैं. वहीं अगर कोरोना की बात करें तो भारत में अब तक 2 लाख 57 हजार से ज्यादा लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, और करीब 7 हजार 200 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है.


पिछले 24 घंटे में करीब 10 हजार लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. भारत इस मामले में इटली और स्पेन को पीछे छोड़ते हुए पांचवे नंबर पर आ गया है. अब सिर्फ अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन भारत से आगे हैं.


ये एक ऐसी रेस है जिसमें भारत हार ही जाए तो अच्छा है, लेकिन हर रोज तेजी से बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि भारत आने वाले दिनों में कहीं कोरोना टैली के टॉप 5 देशों को पीछे ना छोड़ दे.


ऐसे हालात के बीच आज से भारत में पहले से बहुत ज्यादा रियायतें दे दी गई हैं. ज्यादातर शहरों में धार्मिक स्थल खुल गए हैं. शॉपिंग मॉल्स को भी खोल दिया गया है. इसी तरह रेस्टोरेंट और बाजारों को भी खोलने की इजाजत दे दी गई है. लेकिन सबसे पहले आपको तस्वीरों के माध्यम से ये देखना चाहिए कि अनलॉक इंडिया का पहला दिन आखिर कैसा रहा. 


इन तस्वीरों को आप तीन वर्गों में बांट सकते हैं. पहले वर्ग में वो लोग हैं जो काम काज पर जाने के लिए घर से बाहर निकले. दूसरे वर्ग में वो लोग हैं जिन्होंने रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल्स जाने का मन बनाया और तीसरे वर्ग में वो लोग हैं जो आज करीब 75 दिन बाद धार्मिक स्थलों पर पहुंचे.


अगर काम-काज पर जाने वाले लोगों की बात करें, तो मुंबई, दिल्ली, और कोलकाता जैसे शहरों में सुबह सुबह वो लोग अपने घरों से बाहर निकले जो अपने अपने दफ्तर जाना चाहते थे. बस की यात्रा के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग के तमाम नियम बनाए गए हैं, लेकिन मुंबई जैसे शहरों में कुछ ही मिनटों में लोगों का संयम टूट गया और इन नियमों की धज्जियां उड़ गईं.


मुंबई में ये हाल तब है जब कोरोना वायरस से महाराष्ट्र में 83 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और महाराष्ट्र संक्रमितों की संख्या के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ चुका है. 


दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में भी स्थितियां ज्यादा अलग नहीं है.  इन शहरों में भी या तो लोगों को बसों का लंबा इंतजार करना पड़ा या फिर बसों के आने पर लोगों का सोशल डिस्टेन्सिंग वाला संयम टूटने लगा. 


इसके अलावा कई शहरों में आज से ई रिक्शा भी चलने लगे लेकिन ज्यादातर लोगों ने संक्रमण के डर से पैदल चलना ही बेहतर समझा और अधिकतर ई रिक्शा खाली ही नजर आए.


सार्वजनिक परिवहन से चलने वाले लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक लग्जरी की तरह है. क्योंकि जिस देश में इतनी भीड़ है और यातायात के संसाधन इतने कम हैं, वहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना आसान नहीं है. इसलिए गौर से देखा जाए तो भारत में सोशल डिस्टेंसिंग का सही-सही पालन सिर्फ वही लोग कर सकते हैं जो सर्व संपन्न हैं, और इसमें लोग गलत नहीं हैं बल्कि ये कमी सिस्टम की है. 


जब ये लोग किसी तरह अपने अपने दफ्तरों में पहुंचे तो वहां एक बार फिर सबको सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना था. ज्यादातर दफ्तरों में कर्मचारियों की डेस्क को एक दूसरे से दूर कर दिया गया था और ज्यादातर लोगों ने साफ सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ऑफिस में अपना पहला दिन बिताया. 


बहुत सारी कंपनियों ने अपने कई कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का विकल्प भी दिया है ताकि दफ्तरों में भीड़ को कम किया जा सके. 


लेकिन इस दौरान देश के कई शहरों की सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम दिखाई दिया. जो सड़कें पिछले करीब ढाई महीने से खाली पड़ी थीं आज उन सड़कों पर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगी थीं. 


कुल मिलाकर जो लोग काम काज पर लौटने वाले वर्ग में शामिल थे,  उनके लिए आज का दिन वैसा ही रहा जैसा लॉकडाउन से पहले हुआ करता था. बस अंतर इतना था कि आज सबके चेहरे मास्क से ढके हुए थे और दफ्तरों में एक दूसरे के करीब बैठने वाले कर्मचारी एक दूसरे से दूरी बनाए हुए थे. 


अब बात उस वर्ग में शामिल लोगों की जिन्होंने अनलॉक होते ही पहले दिन शॉपिंग मॉल और रेस्टोरेंट जाने का मन बनाया. देश में ज्यादातर शहरों में रेस्टोरेंट कुछ नए नियमों के साथ खोल दिए गए हैं. उन नियमों के साथ अब रेस्टोरेंट में खाना खाने का अनुभव पहले जैसा नहीं रहा. उदाहरण के लिए आप बैंगलुरू के एक रेस्टोरेंट की तस्वीरें देखिए. इस रेस्टोरेंट में खाने की टेबल पर कांच की दीवारें लगाई गई हैं ताकि लोगों का एक दूसरे से संपर्क ना हो. 


इसी तरह कई रेस्टोरेंट में एक टेबल पर दो ही लोगों को बैठने की इजाजत है और वो भी तब जब इनमें बुखार या कोरोना वायरस के लक्षण ना हों. बहुत सारे रेस्टोरेंट में तो कर्मचारी पीपीई किट पहने हुए भी नजर आए.


लेकिन अनलॉक के पहले दिन ऐसे लोगों की संख्या ना के बराबर थी जिन्होंने किसी रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाने का विकल्प चुना, ऐसा ही हाल देश भर के शॉपिंग मॉल्स का भी था. ज्यादातर शहरों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए शॉपिंग मॉल को खोलने की इजाजत दे दी है. कई शॉपिंग मॉल्स में Sterilisation Chambers बनाए गए हैं ताकि मॉल में आने वाले लोगों और उनके सामानों को संक्रमण मुक्त किया जा सके. 


लेकिन ज्यादातर शॉपिंग मॉल्स भी आज सूने ही नजर आए. क्योंकि कई जगह शॉपिंग मॉल्स तो खोल दिए गए हैं लेकिन वहां दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं मिली है. 


इसके अलावा संक्रमण के डर की वजह से भी लोग अभी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. तीसरे वर्ग में वो लोग शामिल थे जिन्होंने लॉकडाउन खुलते ही धार्मिक स्थलों का रुख किया. 


उत्तर से दक्षिण तक और पूर्व से पश्चिम तक के शहरों में आज से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च खोल दिए गए हैं. लेकिन धार्मिक स्थलों पर जाने का लोगों का अनुभव भी पहले से काफी अलग था. नई गाइडलाइंस के मुताबिक एक सीमित संख्या में ही लोग धार्मिक स्थलों में प्रवेश कर सकते हैं और इन लोगों को ना सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा बल्कि सैनिटाइजर से अपने हाथ भी साफ करने होंगे. इसके अलावा मंदिरों में घंटी बजाने और प्रसाद के वितरण पर फिलहाल प्रतिबंध हैं.


यानी लोगों ने आज अपने ईष्ट के दर्शन तो किए , प्रार्थना भी की लेकिन भक्तों और भगवान के बीच सोशल डिस्टेंसिंग वाली दूरी अब भी कायम है. 


कुल मिलाकर सोशल डिस्टेंसिंग अब एक ऐसे नियम की तरह है, जिसका पालन आपको हर कीमत पर करना ही होगा और अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपकी बहुत सारी आजादियां आपसे छीन ली जाएंगी. इसके अलावा अब आपका स्वास्थ्य आपके लिए एक पासपोर्ट की तरह है क्योंकि अगर आप स्वस्थ नहीं हैं तो आपको कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. 


यानी आपका हेल्थ डाटा ही नया ऑयल है, क्योंकि जिस तरह कभी पूरी दुनिया में ऑयल यानी तेल को बेशकीमती माना जाता था, ठीक उसी तरह अब उन लोगों को बेशकीमती माना जाएगा जो स्वस्थ होंगे. 


यानी 21वीं सदी के मशहूर वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के उस सिद्धांत पर पूरी तरह निर्भर हो जाएगी जिसके मुताबिक पृथ्वी पर वही जीव बचते हैं, जो परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं. डार्विन की इस थ्योरी को Survival Of The Fittest कहा जाता है. 


आप इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि अब वही लोग दौड़ में आगे निकल पाएंगे जिनके पास बीमारियों से लड़ने की इम्यूनिटी होगी. यानी जो फिट होगा वही सर्वाइव करेगा. और जो फिट नहीं होगा उसे अपने जीवन स्तर के साथ समझौता करना होगा.


इसके अलावा आपको जीवन में आने वाले कई दूसरे बदलावों के लिए तैयार रहना होगा. पहला बदलाव ये है कि अब आपकी दुनिया पहले जैसी आजाद नहीं रहेगी. पहले आपको कभी भी और कहीं भी आने जाने की आजादी थी, लेकिन अब आपको ये स्वतंत्रता नहीं मिलेगी. आपके घर, मोहल्ले , जिले, शहर और देश में घूमने की आजादी आपको तभी मिलेगी जब आप पूरी तरह स्वस्थ होंगे. 


यानी जिस दुनिया का दायरा लगातार फैलता जा रहा था वो दुनिया अब सिमटना शुरू कर चुकी है. क्योंकि जब तक आप सुरक्षा देने वाली इस फायर वॉल के घेरे में रहेंगे तभी तक आप कोरोना वायरस से बचे रहेंगे. 


इसके अलावा अब हर परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति या वस्तु को छूने से आपको परहेज करना होगा. ये युग आपसी संपर्क का युग माना गया है. बिना एक दूसरे के संपर्क में आए सामान्य जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. चाहे किसी सैलून में जाना हो या किसी सामान की डिलीवरी लेनी हो, इन सबके दौरान आपको किसी ना किसी के संपर्क में आना ही पड़ता है. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा इसके साथ ही गले मिलने और हाथ मिलाने जैसी परंपराएं भी शायद हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगी. 


इसके साथ ही आपको Minima-lism को अपनाना होगा, यानी आपको उतनी ही चीजों का संग्रह करना होगा जितने की आपको जरूरत है. इसे अपरिग्रह भी कहते हैं. Covid 19 की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था संकट में हैं और लाखों लोगों की नौकरियां जा रही हैं. ऐसे में आप जरूरत से ज्यादा सामान इकट्ठा करके अपनी आर्थिक स्थिति को खतरे में नहीं डालना चाहेंगे और इससे बचने का सबसे सरल उपाय यही है कि आप अपने खर्चों में कटौती करें और जिन सुख सुविधाओं की जरूरत अब आपको नहीं है उन्हें अपनी इच्छाओं की सूची से बाहर कर दें. 


इसके अलावा समाज में एक नए प्रकार का वर्ग विभाजन भी दिख रहा है. मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग को अपने स्वास्थ्य की चिंता है और इसलिए इस वर्ग के लोग लंबे लॉकडाउन की पैरवी कर रहे हैं जबकि गरीबों और मजदूरों के लिए संक्रमण से ज्यादा जानलेवा लॉकडाउन है. गरीब और मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट है, इसलिए वो लॉकडाउन में नहीं रहना चाहते, जबकि उच्च और मध्यम वर्ग अपने स्वास्थ्य की परवाह करते हुए लॉकडाउन हटाने के पक्ष में नहीं है. इसलिए इन दोनों वर्गों के बीच संघर्ष बढ़ना भी तय है.


और हम आपको बता चुके हैं कि अब आपके स्वास्थ्य से जुड़ा डाटा ही नया Oil बन गया है. भारत में आरोग्य सेतु APP ये बता सकता है कि आपको संक्रमण का खतरा है या नहीं. इसी तरह दुनिया के अलग अलग देश भी तकनीक की मदद से अपने नागरिकों को हेल्थ सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं. यानी आपके स्वास्थ्य से जुड़ा सारा DATA अब सरकारों के पास होगा और इस DATA का सही इस्तेमाल सरकारों और आपके लिए सफलता की कुंजी बन जाएगा इसीलिए कहा जा रहा है कि Health data is the new oil. जिस व्यक्ति के स्वास्थ्य का DATA गड़बड़ होगा उसे बहुत सारी सेवाओं से वंचित रहना होगा. 


 


72 लाख लोग कोरोना संक्रमित

Coronavirus: कोरोना वायरस दुनियाभर के 213 देशों में अपने पैर पसार चुका है. पिछले 24 घंटे में 1 लाख 7 हजार नए कोरोना के मामले सामने आए और मरने वाले लोगों की संख्या में 3,157 का इजाफा हो गया. वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक करीब 71.89 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 4 लाख 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 35 लाख लोग संक्रमण मुक्त भी हुए हैं. दुनिया के करीब 60 फीसदी कोरोना के मामले सिर्फ 7 देशों से आए हैं. इन देशों में कोरोना पीड़ितों की संख्या 43 लाख है.



दुनिया में कहां कितने केस, कितनी मौतें
कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर अमेरिका में बरपाया है. अमेरिका में 20 लाख लोग अबतक कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. एक लाख से ज्यादा यहां मौतें हो चुकी हैं. लेकिन अब हर दिन ब्राजील में अमेरिका से ज्यादा कोरोना केस और मौतें दर्ज की जा रही हैं. पिछले 24 घंटे में ब्राजील में 18,925 नए केस आए और 813 मौतें हुईं. जबकि अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 19,037 नए केस आए और 586 मौतें हुई. ब्राजील में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ब्राजील के बाद रूस और भारत में संक्रमितों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है.



  • अमेरिका: केस- 2,026,486, मौतें- 113,055

  • ब्राजील: केस- 710,887, मौतें- 37,312

  • रूस: केस- 476,658, मौतें- 5,971

  • स्पेन: केस- 288,797, मौतें- 27,136

  • यूके: केस- 287,399, मौतें- 40,597

  • भारत: केस- 265,928, मौतें- 7,473

  • इटली: केस- 235,278, मौतें- 33,964

  • पेरू: केस- 199,696, मौतें- 5,571

  • जर्मनी: केस- 186,205, मौतें- 8,783

  • इरान: केस- 173,832, मौतें- 8,351


7 देशों में दो लाख से ज्यादा केस
ब्राजील, रूस, स्पेन, यूके, इटली, भारत में कोरोना मामलों की संख्या दो लाख पार हो चुकी है. इनके अलावा नौ देश ऐसे हैं जहां एक लाख से ज्यादा कोरोना केस हैं. छह देश (अमेरिका, स्पेन, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, ब्राजील) ऐसे हैं, जहां 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 1.13 लाख पार जा चुका है. चीन टॉप-17 संक्रमित देशों की लिस्ट से बाहर हो चुका है. वहीं भारत टॉप-6 देशों में शामिल हो गया है.


सोमवार, 8 जून 2020

केजरीवाल की तबीयत खराब, कल SDMA की अहम मीटिंग का जिम्मा मुझे सौंपा: सिसोदिया


  • सीएम केजरीवाल का कल होगा कोरोना टेस्ट

  • दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की बैठक कल


दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब है और उनके गले में कफ है. उनका मंगलवार को कोरोना टेस्ट होना है और वह कोई मीटिंग भी नहीं कर रहे हैं.



उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. कोरोना की स्थिति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की बैठक अपने निर्धारित शेडयूल के अनुसार होगी. मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक न होने के कारण उन्होंने मुझे इस बैठक का जिम्मा सौंपा है.


मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में उप राज्यपाल इसके अध्यक्ष होते हैं और मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते हैं. मंगलवार की बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा होनी है कि कोरोना का दिल्ली में स्टेटस क्या है और क्या कोरोना दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड की स्टेज में पहुंच गया है.


उन्होंने बताया कि चर्चा होनी थी कि अगर दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड हो गया है तो उससे निपटने की क्या रणनीति होगी. इस पर डेटा और एक्सपर्ट के साथ चर्चा होनी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत ठीक नहीं है और उनके गले में कफ है. उनका मंगलवार को कोरोना का टेस्ट होना है और वह कोई मीटिंग भी नहीं कर रहे हैं.


मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऐसे में उपराज्यपाल के साथ मीटिंग में मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की तरफ से शामिल होने के लिए मुझे अधिकृत किया है. मंगलवार की मीटिंग में मुख्यमंत्री शामिल नहीं हो पाएंगे


बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब हो गई है. उन्हें खांसी और बुखार की शिकायत है, जिसके बाद मंगलवार को उनका कोरोना वायरस टेस्ट करवाया जाएगा. सीएम की तबीयत को लेकर जैसे ही जानकारी आई उसके बाद से ही उनके स्वास्थ्य को लेकर कई नेताओं ने चिंता व्यक्त की है. दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता से लेकर पूर्व साथी कुमार विश्वास ने उनके जल्द ठीक होने की कामना की है.


केरल में हथिनी ने गलती से पटाखे से भरा फल खा लिया होगाः पर्यावरण मंत्रालय


  • पर्यावरण मंत्रालय ने की हाथिनी की मौत की प्रारंभिक जांच

  • स्थानीय जंगली सूअरों को रोकने में करते हैं पटाखे का प्रयोग


पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि केरल में एक गर्भवती हाथिनी की मौत की प्रारंभिक जांच पड़ताल में पाया गया है कि उसने गलती से पटाखे से भरा फल खा लिया होगा.




मंत्रालय ने रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया है कि स्थानीय लोग अक्सर बागान के खेतों में जंगली सूअरों को रोकने के लिए विस्फोटकों से भरे फल का इस्तेमाल करते हैं.


बता दें कि केरल में 15 साल की एक हथिनी ने विस्फोटक से भरा फल खा लेने की वजह से जान गंवा बैठी थी. हाथी ने पटाखे से भरा अनानास खा लिया, जो साइलेंट वैली के जंगल में उसके मुंह में फट गया. 27 मई को वेल्लियार नदी में एक सप्ताह बाद हथिनी की मृत्यु हो गई. वह हथिनी गर्भवती थी. हथिनी की मौत पर देशभर में लोगों ने रोष जाहिर किया था.


पर्यावरण मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'प्राथमिक जांच में पता चला है कि हाथिनी ने गलती से ऐसा फल खा लिया होगा. मंत्रालय केरल सरकार के लगातार संपर्क में है और उन्हें दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए विस्तृत सलाह दी है और साथ ही कहा है जिस अधिकारी ने लापरवाही की हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो जिसके कारण हाथी की मौत हुई है.'





मंत्रालय ने आगे कहा,'' अब तक इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है जिन्होंने इस अवैध और पूरी तरह से अमानवीय कृत्य में भाग लिया हो. इस मामले पर अत्यावश्यकता के साथ कार्य करने के लिए वाल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो को भी निर्देशित किया गया है


इस बीच, पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोगों से अनुरोध किया कि वे सोशल मीडिया "अफवाहों" पर विश्वास न करें. वहीं रविवार को मंत्रालय ने मामले में प्रगति पर चर्चा के लिए कई अधिकारियों के साथ बैठक की थी. समीक्षा बैठक संजय कुमार, वन महानिदेशक और मंत्रालय में विशेष सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी ताकि मामले में कार्रवाई पर प्रगति की चर्चा की जा सके.


बहरहाल बता दें कि केरल में एक गर्भवती हथिनी की बारुद भरा अन्ननास खाने से मौत हो गई थी जिससे देश में काफी रोष है. गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है.


दरअसल, केरल के पल्लकड़ जिले के एक गांव में गर्भवती हथिनी पहुंच गई. हथिनी ने पटाखे से भरे फल को खा लिया. बारूद की जलन मिटाने के लिए हथिनी वेलियार नदी में गई. तीन दिन तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही, लेकिन बारूद का जहर इतना बड़ा था कि ना मां बची ना बच्चा.




गाजियाबाद के लाखों लोगों के लिए जरूरी खबर



जिले के होटल और रेस्टोरेंट अब दस जून से खुलेंगे। 11 जून से मॉल्स खोले जाएंगे। हालांकि मंदिर और कार्यालय सोमवार से ही खुलेंगे । अब सभी प्रकार की दुकानें सुबह नौ बजे से रात के नौ बजे तक खुलेंगी। रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में होटल, रेस्टोरेंट और मॉल के संचालकों धर्मगुरुओंं और व्यापारियों के साथ बैठक के बाद डीएम ने यह जानकारी दी। 


डीएम अजय शंकर पांडेय ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी की गईं गाइडलाइनों के मुताबिक ही होटल, रेस्टारेंट, मॉल और धार्मिक स्थलों और दफ्तरों को खोला जाएगा। धार्मिक स्थल सोमवार से खुलेंगे। शारीरिक दूरी अपनाते हुए कोई उसी को प्रवेश मिलेगा जो मास्क लगाकर पहुंचेगा। जनपद में माल्स, होटल, रेस्टोरेंट एवं ढाबों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी नामित कर दिए किए गए हैं।


डीएम ने कहा कि जो मॉल होटल एवं बाजार अपने यहां कोविड-19 के प्रोटोकॉल का आगे बढ़कर अक्षरश से पालन सुनिश्चित करेंगे उन्हें जिला प्रशासन की ओर से कोरोना नियंत्रण पुरस्कार से नवाजा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी माल्स एवं होटल विगत 2 माह से बंद पड़े हुए हैं उन्हें कोविड-19 के प्रोटोकॉल के रूप आरंभ करने के लिए सबकी सहमति के आधार पर माल की तैयारी के लिए 3 दिन का समय निर्धारित किया गया।


जनपद के सभी मॉल कोविड-19 को लेकर 3 दिनों में अपनी तैयारी सुनिश्चित करते हुए 11 जून से खोलने की शुरुआत करेंगे। इसी प्रकार सभी होटल 2 दिनों के भीतर कोविड-19 प्रोटोकॉल को सुनिश्चित करते हुए 10 जून से प्रारंभ होंगे। बैठक में सभी प्रतिनिधियों उन्हें आश्वस्त किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित करने के उद्देश्य से कोविड-19 के प्रोटोकाल का अक्षर से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।


बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जनपद में मॉल खुलने पर वहां कोविड-19 के प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए मनोरंजन कर अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे। डीएम ने सभी नोडल अधिकारी को अपने अपने व्हाट्सप ऐप ग्रुप भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि उन्हें सभी प्रकार की फीडबैक आसानी के साथ प्राप्त हो सके। बैठक में अपर जिला अधिकारी नगर शैलेंद्र कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन संतोष कुमार वैश्य, पुलिस अधीक्षक नगर, संस्थानों के प्रतिनिधि गण तथा धर्म गुरुओं ने भाग लिया।


रोस्टर के तहत ही खुलेंगी दुकानें


जनपद में फल, सब्जी, दूध डेरी, मिष्ठान भंडार एवं ग्रोसरी की दुकानें भी अब सुबह नौ बजे से शाम को नौ बजे तक खुलेंगी। डीएम अजय शंकर पांडेय ने रविवार को पूर्ववत आदेश में कुछ संशोधन करते हुए सभी प्रकार की दुकानों व व्यपारिक संस्थानों को सुबह नौ बजे से रात के नौ बजे तक खोलने की अनुमति दे दी है। साथ ही बाजारों को खोलने के दिवस रोस्टर के तहत ही रहेंगे। बता दें कि दुकानों को अभी शाम को चार बजे तक ही खोलने की अनुमति थी। व्यापारी संगठन रात को नौ बजे तक दुकानों को खोले जाने की प्रशासन से मांग कर रहे थे।


धार्मिक स्थल और दफ्तर आज से खुलेंगे


जिले के सभी धार्मिक स्थल सोमवार से खुलेंगे। साथ ही सभी कार्यालयों को भी सोमवार से खोलने की अनुमति दे दी गई है। दोनों ही जगहों पर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइनों का अनुपालन जरूरी होगा। डीएम अजय शंकर पांडेय की ओर से जारी किए गए आदेश में यह भी निर्देश दिए है कि शारीरिक दूरी का अनुपालन अनिवार्य होगा। धार्मिक स्थलों को खोले जाने से पहले सैनिटाइज कराया जाना जरूरी होगा। कम से कम छह फुट की दूरी पर ही लोग लाइन में लगेंगे।


नोएडा में बुजुर्ग की हत्या का खुलासा

नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में कुछ दिनों पहले हुई बुजुर्ग की हत्या के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने ही अपनी बहन के ससुर को गोली मारकर मौत के घाट उतारा था. पुलिस के मुताबिक, बहन को ससुराल में तंग किए जाने को लेकर आरोपी ने बुजुर्ग को गोली मार दी और फरार हो गया था. आरोपी शख्स का नाम राहुल है. पुलिस ने उसके पास से घटना में इस्तेमाल बाइक व तमंचा बरामद किया है.



बता दें कि राहुल ने नोएडा थाना फेस 3 क्षेत्र के चोखंडी गांव में बुजुर्ग सुखपाल को गोली मार दी थी. कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद सुखपाल की मौत हो गई थी. मामले की तफ्तीश के लिए क्राइम ब्रांच की टीम लगी हुई थी. क्राइम ब्रांच की टीम ने सोमवार को आरोपी राहुल को गिरफ्तार कर लिया.


राहुल ने पूछताछ में बताया कि उसकी बहन को ससुराल में परेशान किया जाताा था. उसका ससुर सुखपाल भी उसे तंग करता था, जिससे नाराज होकर उसने सुखपाल को गोली मार दी थी. राहुल ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया जब सुखपाल मॉर्निंग वॉक निकला था. इस हमले में सुखपाल की जान बच गई थी. गोलियों की आवाज सुनकर पार्क में मौजूद लोग वहां आ गए और सुखपाल को कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया.


अब दिल्ली के बाहर के लोगों का भी अस्पताल में होगा इलाज

नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल में नए सिरे से तकरार शुरू हो सकती है. दरअसल, दिल्ली के एलजी ने केजरीवाल सरकार के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें कहा गया था कि अब दिल्ली के अस्पातालों में केवल दिल्ली वालों का इलाज होगा.



अब उपराज्यपाल ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली के निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी मरीज को इलाज से इनकार नहीं किया जाएगा.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि कोरोना संक्रमण महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों का इलाज करेंगे.


 


केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और यदि दूसरे राज्यों के लोग कुछ विशिष्ट ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं तो उन्हें निजी अस्पतालों में उपचार कराना होगा.


 


मुख्यमंत्री की इस घोषणा से एक दिन पहले आप सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल केवल दिल्लीवालों के उपचार के लिए होना चाहिए.


 


केजरीवाल ने कहा था, ‘‘90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले मरीजों का उपचार करें. इसलिए यह निर्णय किया गया है कि दिल्ली स्थित सरकारी और निजी अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले लोगों का ही इलाज करेंगे.’’


रविवार, 7 जून 2020

CISF रोड पर एक महीने तक बंद रहेगा चौराहा

भूमिगत पाइपलाइन डालने का काम अहिंसाखंड दो स्थित पिनाकल टावर सोसायटी के सामने तक पहुंच गया है। इसके लिए पिनाकल टावर के सामने का चौराहा शनिवार को बंद कर दिया गया। इस कारण दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। जल निगम के अधिकारियों के मुताबिक, पाइपलाइन डालने में एक महीना लगेगा, तब तक यह समस्या रहेगी। लोगों को आने-जाने के लिए टावर के पास पेट्रोल पंप से वैकल्पिक रास्ता देने पर विचार चल रहा है। अभी यहां रहने वाले लोगों को सड़क पार करने के लिए एक किलोमीटर घूमकर आना पड़ेगा।



Bनैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर जल निगम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकले पानी के लिए सीआईएसएफ रोड पर ढाई किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछा रहा है। अब तक 800 मीटर पाइपलाइन डाली जा चुकी है। चौराहा बंद होने से ज्यादा समस्या पिनाकल टावर, अंतरिक्ष और निराला एडन पार्क में रहने वाले लोगों को हो रही है। लोगों के पास 500 मीटर आगे शांतिगोपाल हॉस्पिटल के पास कट से यू-टर्न लेने का विकल्प था, लेकिन दोपहर 12 बजे यहां की पाइपलाइन को मुख्य पाइपलाइन से जोड़ने के लिए जल निगम ने खुदाई कर दी। इससे यह रास्ता भी बंद हो गया।


 


पेट्रोल पंप के पास से लोगों को वैकल्पिक रास्ता दिया जाएगा, ताकि उन्हें परेशानी न हो। एक बार इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने के बाद यह रास्ता लोगों के लिए शुरू किया जाएगा। शिव कुमार, जेई, जल निगम


चक्कर लगते हुए अस्पतालों के गर्भवती महिला का एम्बुलेंस मैं निधन

 गर्भवती महिला और उसका परिवार 13 घंटे तक 8 अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा और रहम की भीख मांगता रहा लेकिन किसी ने भी महिला को भर्ती नहीं किया। कहीं कोरोना के डर से मना किया गया तो कहीं बेड न होने की बात कही गई। आखिरकार ऐंबुलेंस में ही महिला ने दम तोड़ दिया।



  • इलाज के लिए दर-दर भटक रही 8 महीने की गर्भवती महिला को कोरोना के लक्षण होने की वजह से कहीं भर्ती नहीं किया गया

  • 13 घंटों तक 8 महीने की गर्भवती महिला ऐंबुलेंस से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ती रही और उसने दम तोड़ दिया

  • उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई, मामला दिल्ली से सटे नोएडा का है, डीएम सुहास एल वाई ने जांच के आदेश दिए हैं


नोएडा
कोरोना संकट (Coronavirus Distress) के दौर में अस्पतालों की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। इलाज न मिलने के कारण गर्भवती महिला (Pregnant Woman died) की मौत हो गई। इलाज के लिए दर-दर भटक रही 8 महीने की गर्भवती महिला को कोरोना के लक्षण (COVID-19 Symptoms) होने की वजह से कहीं भर्ती नहीं किया गया। 13 घंटों तक 8 महीने की गर्भवती महिला ऐंबुलेंस से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ती रही और आखिरकार इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया। उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। मामला दिल्ली से सटे नोएडा (Noida) का है। डीएम सुहास एल वाई ने जांच के आदेश दिए हैं। 



 


मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने ट्वीट किया, 'यूपी में प्रसव के लिए अस्पताल खोजते-खोजते एक गर्भवती महिला की मृत्यु अति दुखद है। सरकार यह बताए कि अगर वो कोरोना के लिए 1 लाख बेड के इंतज़ाम का दावा करती है तो आनेवाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं रखे। बीजेपी सरकार ये भी बताए कि उसने अब तक कितने अस्पताल बनाए हैं।



 


8 महीने की गर्भवती थी महिला
गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी निवासी नीलम कुमारी 8 महीने की गर्भवती थी। प्रसव दर्द उठने के बाद उसे शुक्रवार सुबह 6 बजे उसे ऑटो से एक अस्पताल ले जाया गया। नीलम के पति बृजेंद्र एक मीडिया फर्म के मेंटिनेंस डिपार्टमेंट में काम करते हैं। उनके भाई शैलेंद्र कुमार ऑटो ड्राइवर हैं। शैलेंद्र और उनकी पत्नी सुषमा अपने ऑटो से नीलम को लेकर नोएडा के सेक्टर 24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल लेकर गए।


कंटेनमेंट जोन से थे, इसलिए भर्ती नहीं किया
नीलम एक वायर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम करती थीं उनके पास ईएसआई कार्ड भी था। उनके जेठ शैलैंद्र ने बताया, 'ईएसआईसी अस्पताल ने उसे कुछ समय के लिए ऑक्सिजन लगाई और फिर उसे सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में रिफर कर दिया गया लेकिन वहां के स्टाफ से उसे भर्ती नहीं किया। स्टाफ ने कहा कि हम खोड़ा से आए जो कंटेनमेंट जोन है इसलिए हमें वापस जाकर वहीं इलाज कराना चाहिए। उन्होंने नीलम को देखा तक नहीं।'

इसके बाद परिवार नीलम को लेकर सेक्टर 51 स्थित शिवालिक अस्पताल लेकर गया जहां कहा गया कि महिला की हालत गंभीर है और उसे किसी बेहतर अस्पताल ले जाया गया। शैलेंद्र ने कहा कि वहां कोई रिफरल स्लिप भी नहीं गई। 11 बजे के करीब नीलम का परिवार उसे लेकर फोर्टिस गया लेकिन वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया।

कोविड-19 अस्पतालों ने भी भर्ती नहीं किया
शैलेंद्र ने कहा, 'स्टाफ ने कहा कि उनके पास बेड और वेंटिलेटर खाली नहीं है। उसे किसी दूसरी जगह ले जाने को कहा। परिवार और नीलम ने अभी भी हिम्मत नहीं हारी और सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल पहुंचे, यहां भी नीलम को भर्ती नहीं किया। नीलम को कोविड-19 लक्षण थे और उसे शारदा अस्पताल या ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स ले जाने को कहा।' दोनों ही कोविड-19 अस्पताल हैं लेकिन परिवार का दावा है कि नीलम को यहां भी भर्ती नहीं किया गया।

4,500 रुपये लिए और टेस्ट भी नहीं हुआ
शैलेंद्र ने कहा, 'हम शारदा अस्पताल गए यह जिम्स अस्पताल के नजदीक स्थित है। यहां हमें कहा गया कि नीलम का कोविड-19 टेस्ट कराया जाए। हमसे 4500 रुपये लिए लेकिन टेस्ट से पहले ही जिम्स रिफर कर दिया गया और कहा गया कि बेड खाली नहीं है। हमने 108 से ऐंबुलेंस बुलाने की कोशिश की लेकिन एक भी नहीं मिला। हमने 5,800 रुपये देकर एक प्राइवेट ऐंबुलेंस बुलाई और उसे ऑक्सिजन सपोर्ट पर जिम्स लेकर गए लेकिन वहां भी खाली बेड नहीं मिले।'

'जो हमारे साथ हुआ किसी और के साथ न हो'
उम्मीद साथ छोड़ने लगी थी लेकिन फिर भी परिवार नीलम को लेकर गाजियाबाद वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल ले गया लेकिन वहां भी भर्ती करने से मना कर दिया गया। वे दोबारा जिम्स लेकर गए लेकिन जैसे ही वे वहां पहुंचे नीलम की ऐंबुलेंस में ही मौत हो गई। शैलेंद्र ने कहा, 'जब उसने कोई रिस्पॉन्स नहीं किया तो हमने स्टाफ से चेक करने को कहा लेकिन साढ़े 7 बजे उसे मृत घोषित किया गया।' शैलेंद्र ने कहा, 'जो हमारे परिवार के साथ हुआ, वह किसी और के साथ न हो। हम मुख्यमंत्री को इस बारे में पत्र लिखेंगे।'

मामले में जांच समिति गठित
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई है। उन्होंने बताया कि खोड़ा कॉलोनी निवासी वीरेंद्र गौतम की पत्नी नौ महीने की गर्भवती थी। जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी को इसकी जांच सौंपी है। जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस प्रकरण में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

दिन भर दौड़ती रही ऐंबुलेंस
सुबह 6 बजे -ईएसआईसी हॉस्पिटल, सेक्टर 24
सुबह 9 बजे- जिला अस्पताल, सेक्टर 30
सुबह 10 बजे- शिवालिक हॉस्पिटल, सेक्टर 51
दोपहर 11 बजे- फोर्टिस हॉस्पिटल, सेक्टर 62
दोपहर 1: 30 बजे- जेपी हॉस्पिटल, सेक्टर 128
दोपहर 2:30 बजे- शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा
दोपहर 3:30 बजे- जिम्स, ग्रेटर नोएडा
शाम 5:30 बजे- मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली
शाम 7 बजे- दोबारा जिम्स पहुंचे

अब पढ़िए, क्या बोले अस्पताल
‘गर्भवती महिला कोरोना संदिग्ध लग रही थी’
जेपी अस्पताल की ओर से कहा गया कि मरीज कोरोना की संदिग्ध लग रही थी, इसलिए उसे जिम्स रेफर कर दिया है। वहीं, मैक्स हॉस्पिटल की ओर से कहा गया कि इमरजेंसी में ऐसे किसी मरीज का रजिस्ट्रेशन नहीं किया है। सेक्टर- 24 ईएसआईसी के डायरेक्टर से पक्ष लेने के लिए कॉल और मेसेज किया गया पर उन्होंने अपना जवाब व पक्ष नहीं दिया। वहीं, शारदा अस्पताल का कहना है कि उन्हें अभी इसकी जानकारी नहीं है। मामले की जांच की जा रही है।

4 जून को महिला की तबीयत ठीक होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। हालांकि 5 जून को जब पीड़िता अस्पताल आई तो उसे ऑक्सिजन सपोर्ट दिया गया, लेकिन स्थिति गंभीर होने के बाद उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। महिला कोरोना की संदिग्ध मरीज लग रही थी।
रवि मोहता, संचालक, शिवालिक अस्पताल, सेक्टर-51

गर्भवती महिला 11 बजे के करीब अस्पताल आई थी। उसकी हालत काफी गंभीर थी। उसे ऑक्सिजन देने के साथ नेबुलाइज भी किया गया। इसके साथ ही पीड़िता के पति को ऐंबुलेंस से दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई।
-फोर्टिस अस्पताल

पीड़िता का पति जिम्स में आया था। उसने बताया नहीं होगा कि महिला की तबीयत गंभीर है। शायद इस वजह से भर्ती नहीं हुई होगी। हालांकि दोबारा मरीज को भर्ती किया, लेकिन उनकी मौत हो गई। -ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता, डायरेक्टर, जिम्स


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