उत्तर प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया है. कोरोना के कारण पेट्रोल की कीमतों में 2 रुपये और डीजल की कीमतों में एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने बुधवार को पास कर दिया और नई कीमतें तुरंत लागू भी कर दी गई हैं.
केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ा दिया है. पेट्रोल पर प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में 10 रुपये की और डीजल पर 13 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ ही अब पंप मिलने वाले पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़कर 69 फीसदी हो गया है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.
भारत के अलावा सिर्फ फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन में ही ईंधन पर टैक्स 60 फीसदी से ज्यादा है. सरकार ने मंगलवार रात को ही डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 13 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर की भारी बढ़ोतरी की है.
मंगलवार रात एक अधिसूचना जारी कर बताया गया कि डीजल एवं पेट्रोल दोनों पर रोड एवं इन्फ्रा सेस बढ़ाकर 8 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इसे अलावा डीजल पर 5 रुपये लीटर का अतिरिक्त एक्साइज और पेट्रोल पर 2 रुपये लीटर का अतिरिक्त एक्साइज टैक्स लगाया गया है. यह भारत में ईंधन पर एक दिन में टैक्स की हुई सबसे बड़ी बढ़त है.
और देशों में कितना है टैक्स
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने भी डीजल पर वैट 7.1 रुपये लीटर और पेट्रोल पर 1.6 रुपये लीटर बढ़ा दियाहै. यानी अब दिल्ली में जो पेट्रोल 71.26 रुपये लीटर बिक रहा है, उस पर जनता 49.42 रुपये का टैक्स और 69.39 रुपये लीटर बिकने वाले डीजल पर 48.09 रुपये का टैक्स दे रही है. इतना टैक्स दुनिया के किसी भी देश में नहीं है.
क्या कहा सरकार ने
हालांकि सरकार ने कहा है कि एक्साइड ड्यूटी में बढ़त का ग्राहकों पर असर नहीं होगा, क्योंकि इस साल कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हैं और इसलिए रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे.
इस साल भारतीय बास्केट के क्रूड का रेट करीब 64 फीसदी तक टूट गया है. दिसंबर 2019 में इंडियन बास्केट क्रूड का रेट 65.5 डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन सोमवार को यह सिर्फ 23.38 डॉलर प्रति बैरल तक रह गया. अप्रैल महीने में यह 19.9 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था.
कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद पेट्रोल एवं डीजल की खुदरा कीमतों में कोई कमी नहीं आ रही. पिछले पूरे महीने में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 69.87 रुपये और डीजल की कीमत 62.58 रुपये लीटर पर टिकी रही.
खजाना भरने के लिए टैक्स का सहारा
असल में केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारें अपने खजाने की भरपाई के लिए तेल पर टैक्स लगाने का सहारा ले रही हैं. केंद्र सरकार ने इसके पहले मार्च महीने में ही पेट्रोल-डीजल पर 3 रुपये लीटर तक टैक्स बढ़ा दिया था, एक बार फिर इसे बढ़ाया गया है और ताकि कच्चे तेल की घटी कीमत का फायदा उठाया जा सके.
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