उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को मशहूर फ़िल्म अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निधन से कला जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. ऋषि कपूर का मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें अचानक तबीयत खराब होने पर बुधवार को रात में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा, “हिंदी सिनेमा के प्रख्यात कलाकार और वरिष्ठ अभिनेता ऋषि कपूर के असामयिक निधन के दुखद समाचार से स्तब्ध हूं. उन्होंने अपनी बहुमुखी अभिनय प्रतिभा से भारतीय दर्शकों को दशकों तक मंत्रमुग्ध रखा और उन चरित्रों को हमारी स्मृति में अमर कर दिया.” नायडू ने ट्वीट कर कहा “वे एक करिश्माई अभिनेता थे जिन्हें कई पीढ़ियों का स्नेह प्राप्त था. सच्चे कलाकार अपने कृतित्व के माध्यम से, अपने प्रशसंकों के मन मस्तिष्क में सदैव अमर रहते हैं.”
अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट किया- ऋषि कपूर से ज़्यादा ज़िंदादिल, बेबाक़,ज़ोर ज़ोर से ठहाके लगाने वाला,एक बच्चे जैसी जिज्ञासा रखने वाला मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं देखा.भगवान ने उनका साँचा बनाकर तोड़ दिया था. दुख इतना गहरा है, आँसू निकल ही नहीं रहे. न्यू यॉर्क में उनके साथ आख़िरी वीडियो.आप हमेशा रहोगे. हैलो, हैलो, नमस्ते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऋषि कपूर के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने लिखा- बहुआयामी, प्रिय और जीवंत. ये ऋषि कपूर जी थे. वो प्रतिभा के पावर हाउस थे. मैं हमेशा सोशल मीडिया पर अपनी बातचीत को याद करूंगा. वो फिल्मों और भारत की प्रगति के बारे में भावुक थे. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना.
भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर ने भी आज ऋषि कपूर को याद किया. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा- मैंन आज एक फोटो देखा. इस फोटो में ऋषि कपूर छह महीने के हैं और मेरी गोद मैं हैं. मैं तबसे उनको जानती हूं. जब वो बीमार होकर इलाज के लिए अमेरिका गए तब भी मैं उनसे फोन पर बात करती थी. उन्होंने कहा कि आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं बहुत जल्दी ठीक होकर आऊंगा. फिर जब वो यहां आए तब उन्होंने लगातार फोन और मैसेज किए. उन्होंने कहा कि मैं बहुत छोटा था और आपकी गोद में था. एक बार उन्होंने मुझे कहा था कि आपका कोई भी गाना हो मुझे अच्छा लगता है. उनके और मेरे बहुत अच्छे संबंध थे.
ऋषि कपूर की फिल्म बॉबी को लेकर बेहद रोचक किस्सा वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने बताया. उन्होंने बताया कि बॉबी शोले के बाद 70 के दशक दूसरी सबसे लोकप्रिय फिल्म थी. बॉबी फिल्म का राजनीतिक गलियारे से भी एक अप्रत्यक्ष नाता रहा है. उन्होंने बताया कि जब देश में आपातकाल लगा था. उस वक्त दिल्ली के रामलीला मैदान में जयप्रकाश नारायण की बहुत बड़ी रैली होने वाली थी. कहा जाता कि इंदिरा गांधी ने उस वक्त दूरदर्शन पर बॉबी फिल्म दिखाने के आदेश दिए थे. जिससे लोग घरों में रहकर बॉबी फिल्म देखें और जयप्रकाश नारायण की रैली में ना जाएं. हालांकि जयप्रकाश नारायण ने रामलीला मैदान में ऐतिहासिक रैली की थी.
ऋषि कपूर के परिवार की ओर से संदेश मीडिया के लिए जारी किया गया है. उन्होंने अपने संदेश में लिखा- हमारे प्रिय ऋषि कपूर का ल्यूकेमिया के साथ दो साल की लड़ाई के बाद आज सुबह 8:45 बजे अस्पताल में शांति से निधन हो गया. अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि उन्होंने उन्हें अंतिम समय तक मनोरंजन दिया. परिवार, दोस्त, भोजन और फिल्में उनका फोकस बनी रहीं. इस दौरान उनसे मिलने वाला हर कोई इस बात से हैरान था कि उन्होंने अपनी बीमारी को हावी नहीं होने दिया. वह अपने प्रशंसकों के प्यार के लिए आभारी थे जो दुनिया भर से आए थे. उनके निधन में, वे सभी समझेंगे कि वह एक मुस्कान के साथ याद किया जाना पसंद करेंगे और आँसू के साथ नहीं. व्यक्तिगत नुकसान की इस घड़ी में, हम यह भी समझते हैं कि दुनिया बहुत मुश्किल और परेशान समय से गुजर रही है. आसपास और सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने पर कई प्रतिबंध हैं. हम उनके सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों और परिवार के दोस्तों से अनुरोध करना चाहते हैं कि वे सभी कानूनों का सम्मान करें.
जाने माने कवि कुमार विश्वास ने भी ऋषि कपूर को याद किया है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''देश भर और पूरी दुनिया में बहुत दबाव का समय है. कल का दिन बेहद दुखी करने वाला था, इरफान भाई चले गए. सुबह जब उठकर जब आप ये देखते हैं कि आपकी जवानी के दिनों का सितारा जा रहा है, एक जिंदादिल आदमी जा रहा है तो दुख बहुत होता है. भारतीय सिने इतिहास में जो खानदान हैं, उसमें एक कपूर खान दान की पीढियों के बीच में वो एक सेतु थे. दिग्गजों की परंपरा का भार था और हम जैसे लोगों के लिए तो वो रॉक स्टार हैं. कपूर खानदान के वो पहले शख्स थे जो दुनिया सामने खुलकर बोलते थे.''
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