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गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

दो दिन में दूसरा झटका


नई दिल्ली:
बॉलीवुड जगत के लिए लगातार दूसरी सुबह बहुत बुरी खबर लेकर आई है. अभी फैंस इरफान खान के सदमे से उबरे भी नहीं थे कि आज बॉलीवुड के जानी मानी हस्ती ऋषि कपूर ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. ऋषि कपूर कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए. बॉलीवुड को दो दिन में दो बड़े झटके लगे हैं.


 


ऋषि कपूर को कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ने के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. ऋषि कपूर की मौत की जानकारी महानायक अमिताभ बच्चन ने सबसे पहले दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'वो चला गया, ऋषि कपूर, मैं अंदर से टूट गया हूं.'



जानकारी के मुताबिक उन्हें कैंसर की बीमारी की जटिलताओं के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और वो करीब एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती हैं. सूत्रों से यह भी पता चला है इलाज के दौरान उन्हें वेंटिलेटर में उन्हें कई बार रखा और निकाला गया था.


 


इससे पहले कल एक्टर इरफान खान ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. इरफान भी लंबी बीमारी के झूझते हुए जिंदगी की जंग हार गए थे. इरफान के जाने से पूरे देश में शोक की लहर है. बॉलीवुड जगत इरफान के जाने से सकते में हैं. बॉलीवुड के दिग्गजों समेत सभी सितारों ने इरफान को अपने अपने हिसाब से श्रद्धांजलि दी.


 


न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से जंग लड़ रहे बॉलीवुड एक्टर इरफान खान की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान इरफान खान ने अस्पताल में आखिरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया. इरफान की उम्र 54 साल थी.


ऋषि कपूर के निधन से देश में शोक की लहर


उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को मशहूर फ़िल्म अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निधन से कला जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. ऋषि कपूर का मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें अचानक तबीयत खराब होने पर बुधवार को रात में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा, “हिंदी सिनेमा के प्रख्यात कलाकार और वरिष्ठ अभिनेता ऋषि कपूर के असामयिक निधन के दुखद समाचार से स्तब्ध हूं. उन्होंने अपनी बहुमुखी अभिनय प्रतिभा से भारतीय दर्शकों को दशकों तक मंत्रमुग्ध रखा और उन चरित्रों को हमारी स्मृति में अमर कर दिया.” नायडू ने ट्वीट कर कहा “वे एक करिश्माई अभिनेता थे जिन्हें कई पीढ़ियों का स्नेह प्राप्त था. सच्चे कलाकार अपने कृतित्व के माध्यम से, अपने प्रशसंकों के मन मस्तिष्क में सदैव अमर रहते हैं.”


अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट किया- ऋषि कपूर से ज़्यादा ज़िंदादिल, बेबाक़,ज़ोर ज़ोर से ठहाके लगाने वाला,एक बच्चे जैसी जिज्ञासा रखने वाला मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं देखा.भगवान ने उनका साँचा बनाकर तोड़ दिया था. दुख इतना गहरा है, आँसू निकल ही नहीं रहे. न्यू यॉर्क में उनके साथ आख़िरी वीडियो.आप हमेशा रहोगे. हैलो, हैलो, नमस्ते



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऋषि कपूर के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने लिखा- बहुआयामी, प्रिय और जीवंत. ये ऋषि कपूर जी थे. वो प्रतिभा के पावर हाउस थे. मैं हमेशा सोशल मीडिया पर अपनी बातचीत को याद करूंगा. वो फिल्मों और भारत की प्रगति के बारे में भावुक थे. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना.


भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर ने भी आज ऋषि कपूर को याद किया. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा- मैंन आज एक फोटो देखा. इस फोटो में ऋषि कपूर छह महीने के हैं और मेरी गोद मैं हैं. मैं तबसे उनको जानती हूं. जब वो बीमार होकर इलाज के लिए अमेरिका गए तब भी मैं उनसे फोन पर बात करती थी. उन्होंने कहा कि आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं बहुत जल्दी ठीक होकर आऊंगा. फिर जब वो यहां आए तब उन्होंने लगातार फोन और मैसेज किए. उन्होंने कहा कि मैं बहुत छोटा था और आपकी गोद में था. एक बार उन्होंने मुझे कहा था कि आपका कोई भी गाना हो मुझे अच्छा लगता है. उनके और मेरे बहुत अच्छे संबंध थे.


ऋषि कपूर की फिल्म बॉबी को लेकर बेहद रोचक किस्सा वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने बताया. उन्होंने बताया कि बॉबी शोले के बाद 70 के दशक दूसरी सबसे लोकप्रिय फिल्म थी. बॉबी फिल्म का राजनीतिक गलियारे से भी एक अप्रत्यक्ष नाता रहा है. उन्होंने बताया कि जब देश में आपातकाल लगा था. उस वक्त दिल्ली के रामलीला मैदान में जयप्रकाश नारायण की बहुत बड़ी रैली होने वाली थी. कहा जाता कि इंदिरा गांधी ने उस वक्त दूरदर्शन पर बॉबी फिल्म दिखाने के आदेश दिए थे. जिससे लोग घरों में रहकर बॉबी फिल्म देखें और जयप्रकाश नारायण की रैली में ना जाएं. हालांकि जयप्रकाश नारायण ने रामलीला मैदान में ऐतिहासिक रैली की थी.


ऋषि कपूर के परिवार की ओर से संदेश मीडिया के लिए जारी किया गया है. उन्होंने अपने संदेश में लिखा- हमारे प्रिय ऋषि कपूर का ल्यूकेमिया के साथ दो साल की लड़ाई के बाद आज सुबह 8:45 बजे अस्पताल में शांति से निधन हो गया. अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि उन्होंने उन्हें अंतिम समय तक मनोरंजन दिया. परिवार, दोस्त, भोजन और फिल्में उनका फोकस बनी रहीं. इस दौरान उनसे मिलने वाला हर कोई इस बात से हैरान था कि उन्होंने अपनी बीमारी को हावी नहीं होने दिया. वह अपने प्रशंसकों के प्यार के लिए आभारी थे जो दुनिया भर से आए थे. उनके निधन में, वे सभी समझेंगे कि वह एक मुस्कान के साथ याद किया जाना पसंद करेंगे और आँसू के साथ नहीं. व्यक्तिगत नुकसान की इस घड़ी में, हम यह भी समझते हैं कि दुनिया बहुत मुश्किल और परेशान समय से गुजर रही है. आसपास और सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने पर कई प्रतिबंध हैं. हम उनके सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों और परिवार के दोस्तों से अनुरोध करना चाहते हैं कि वे सभी कानूनों का सम्मान करें.




जाने माने कवि कुमार विश्वास ने भी ऋषि कपूर को याद किया है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''देश भर और पूरी दुनिया में बहुत दबाव का समय है. कल का दिन बेहद दुखी करने वाला था, इरफान भाई चले गए. सुबह जब उठकर जब आप ये देखते हैं कि आपकी जवानी के दिनों का सितारा जा रहा है, एक जिंदादिल आदमी जा रहा है तो दुख बहुत होता है. भारतीय सिने इतिहास में जो खानदान हैं, उसमें एक कपूर खान दान की पीढियों के बीच में वो एक सेतु थे. दिग्गजों की परंपरा का भार था और हम जैसे लोगों के लिए तो वो रॉक स्टार हैं. कपूर खानदान के वो पहले शख्स थे जो दुनिया सामने खुलकर बोलते थे.''


बुधवार, 29 अप्रैल 2020

पंजाब में दो हफ्ते लिए कर्फ्यू बढ़ाया गया, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया एलान

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर पंजाब में लगाए गए कर्फ्यू को दो हफ्ते और बढ़ा दिया गया है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस फैसले का एलान किया. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य में सुबह सात बजे से सुबह ग्यारह बजे तक चार घंटे के लिए ढील दी जाएगी.



पंजाब में इससे पहले 30 अप्रैल तक कर्फ्यू लागू किया गया था. जिसे अब बढ़ाने का एलान किया गया है. सीएम ने कहा कि सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक लोग घर से बाहर आ सकते हैं, दुकानें खुली रहेंगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दुकानें खोलना चाहते हैं और इंडस्ट्री चलाना चाहते हैं लेकिन पूरी छूट का अभी टाइम नहीं है. कोरोना वायरस से बचने का फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग ही एक रास्ता है.


 


अपने संबोधन में अमरिंदर सिंह ने कहा कि ये बीमारी इतनी जल्दी रुकने वाली नहीं है. अब कोई भी पंजाब में आएगा तो उसकी स्क्रीनिंग होगी और उन्हें क्वॉरन्टीन किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘’कोरोना की बीमारी की वजह से जो कर्फ्यू और लॉकडाउन पंजाब में लगाया गया था आज उसका 38वां दिन हो गया है. एक दिन, दो दिन करना तो ठीक है पर 38 दिन करना आपकी बहुत बड़ी कुर्बानी है. ये कुर्बानी आपने अपने पंजाब, यहां रहने वाले अपने लोग और रिश्तेदारों के लिए दी है.’’


 


बता दें कि इससे पहले पंजाब सरकार ने राज्य में 30 अप्रैल तक कर्फ्यू बढ़ाने का एलान किया था. बाद में पीएम नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक करने का एलान किया.


 


पंजाब में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति


 


पंजाब के होशियारपुर में नांदेड़ से लौटे तीन और श्रद्धालु पॉजिटिव पाए गए हैं. होशियारपुर में संख्या चार हुई और पंजाब में 24 हुई. पंजाब में अब कुल मरीज़ 358 हो गए हैं राज्य में मरने वाले की संख्या 19 है.


इरफान खान के अंतिम दर्शन के लिए अस्पताल पहुंचे परिवार और करीबी


बॉलीवुड एक्टर इरफान खान काफी समय से बीमारी से जूझ रहे थे. लंबे समय से कैंसर की जंग लड़ रहे बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का आज यानि 29 अप्रैल 2020, सोमवार को निधन हो गया है.



इरफान खान का निधन मुंबई के कोलीलाबेन अस्पताल में हुआ है. लॉकडाउन के कारण बॉडी को घर ले जाने की अनुमति नहीं है. ऐसे में परिवार और रिश्तेदार सभी इरफान खान के अंतिम दर्शन के लिए अस्पताल का रुक कर रहे हैं



इरफान खान की उम्र 54 साल थी. इरफान खान की मौत के बाद पूरा बॉलीवुड शोक में डूब गया है


इरफान ने बुधवार की सुबह 11 बजे के करीब मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आखिरी सांस ली.कुछ ही दिनों पहले इरफान खान की मां का भी निधन हुआ है.परिवार से जुड़े सूत्रों की मानें तो उन्हें सीधा वर्सोवा कब्रिस्तान ले जाया जाएगा, जिसका कारण लॉकडाउन के कारण उनके करीबियों का अंतिम दर्शन के लिए न आ पाना है.


इरफान खान के निधन पर सलमान खान ने कहा- आपकी रूह को सुकून मिले भाई, आप हमारे दिलों में रहोगे


नई दिल्ली:
अभिनेता इरफान खान आज इस दुनिया को अलविदा कह गए. सिर्फ 54 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में सुबह करीब 11 बजे अपनी आंखिरी सांस ली. इरफान के यूं अचानक चले जाने से उनके फैंस के साथ साथ उनके सिनेमाई सितारे भी सदमे में हैं. इस खबर को जानकर कई सितारों की तरह सुपरस्टार सलमान खान को भी दुख पहुंचा है. सलमान ने ट्विटर के ज़रिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है.



सलमान खान ने ट्विटर पर लिखा, "फिल्म इंडस्ट्री, उनके फैंस हम सभी और खासकर उनके परिवार के लिए ये बहुत बड़ी क्षति है. मैं उनके परिवार के लिए दुआ करता हूं कि ऊपर वाला उन्हें ताकत दे. आपकी रूह को सुकून मिले भाई. आप हमेशा याद किए जाओगे और हमारे दिलों में रहोगे."


आपको बता दें कि सलमान से पहले शाहरुख खान ने भी इरफान को भावुक होते हुए याद किया. उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, ""मेरे दोस्त, प्रेरणा और हमारे वक्त के सबसे बेहतरीन अभिनेता. अल्लाह आपकी रूह को आराम दे. हम आपको याद करेंगे और इस बात को संजोकर रखेंगे कि आप हमारी ज़िंदगी का हिस्सा रहे."


 


इसके साथ ही उन्होंने इरफान खान की खास आंखों के लिए मीर तकी मीर का एक शेर भी लिखा, "दुनिया तिरी आंखों को भी क्या क्या न कहे है, दुनिया तिरी आंखों को भी क्या क्या न कहे है."


 


गौरतलब है कि इरफान खान साल 2018 से कैंसर (न्योरोएंडोक्राइन ट्यूमर) से पीड़ित थे. उन्होंने लंदन में अपना इलाज कराया था और फिर पिछले साल ही भारत लौटे थे. यहां आकर उन्होंने 'अंग्रेज़ी मीडियम' फिल्म में काम भी किया, जोकि पिछले महीने ही रिलीज़ हुई.


लंबे समय से कैंसर की जंग लड़ रहे बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का आज यानि 29 अप्रैल 2020, सोमवार को निधन हो गया है. इरफान खान की उम्र 54 साल थी. अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके चलते उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इरफान की तबीयत काफी बिगड़ गई थी जिसके चलते उन्हें अस्पताल के आईसीयू वो आईसीयू में भर्ती थे. जिसके बाद वो जिंदगी की जंग हार गए और इस दुनिया को अलविदा कह दिया.


 


इरफान खान का जन्म 7 जनवरी 1967 को हुआ था. इरफान हिंदी और इंग्लिश फिल्मों के साथ साथ टेलीविजन के भी मशहूर अभिनेता थे. उन्होने द वारियर, मकबूल, हासिल, द नेमसेक, रोग जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय का लोहा मनवाया. हासिल फिल्म के लिये उन्हें साल 2004 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ विलेन पुरस्कार से नवाजा गया था.


राष्ट्रीय पुरस्कार से लेकर फिल्म फेयर अवॉर्ड


 


इरफान खान ने बालीवुड की 3० से ज्यादा फिल्मों मे अभिनय कर चुके हैं. इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम हैं. वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर और द अमेजिंग स्पाइडर मैन फिल्मों मे भी काम कर चुके हैं. 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया. 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया.


 


इरफान का जन्म जयपुर, राजस्थान मे हुआ था. उन्होने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त किया है. 23 फरवरी 1995 को इरफान ने सुतपा सिकदर से शादी की. सुतपा भी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से सम्बन्ध रखती हैं.


मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

चिमटा चोरी पर पड़ी डांट, बुलंदशहर में युवक ने मंदिर में की दो साधुओं की हत्या


  • बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या

  • मंदिर में सो रहे थे दोनों साधु

  • चिमटा उठाने को लेकर हुआ विवाद



महाराष्ट्र के पालघर में संतों की हत्या पर विवाद अभी चल ही रहा था कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से साधुओं की हत्या की वारदात सामने आ गई. आरोप है कि बुलंदशहर में एक शख्स ने मंदिर परिसर में दो साधुओं की धारदार हथियार से हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि हत्या की इस वारदात को जब अंजाम दिया गया उस वक्त दोनों साधु सो रहे थे.


बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के पगोना गांव में एक शिव मंदिर है. शिव मंदिर में रहने वाले 55 वर्षीय साधु जगनदास और 35 वर्षीय साधु सेवादास की सोमवार रात हत्या कर दी गई. मंगलवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर पहुंचे तो साधुओं के शव खून से लथपथ मिले. गांववालों ने आरोपी को पकड़ लिया. इस सूचना के बाद पूरे इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई. पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.


पुलिस ने बताया हत्या का कारण


पुलिस ने दोनों साधुओं की हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को नशा करने वाला बताया जा रहा है. वहीं, शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने हत्या का कारण भी बताया है. बुलंदशहर के SSP संतोष कुमार सिंह ने घटना पर जानकारी देते हुये बताया, 'आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. शुरुआती जांच में पता चला है कि कुछ दिन पहले आरोपी ने साधुओं का चिमटा उठा लिया था, जिसे लेकर साधुओं ने उसे डांट फटकार लगा दी थी. इसके बाद आरोपी ने आज दोनों साधुओं की हत्या कर दी.'


आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही साधुओं के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिये भेज दिया गया है. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान पिछले दो हफ्तों के अंदर साधुओं की हत्या की ये दूसरी घटना है. बुलंदशहर से पहले 16 अप्रैल की रात महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ ने दो साधु और उनके एक ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिस वक्त इन साधुओं की हत्या की गई थी, उस वक्त वहां पुलिस भी मौजूद थी.


इस घटना के बाद पूरे देश में चर्चा हुई और संत समाज में काफी गुस्सा भी देखने को मिला. यहां तक कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को फोन कर इस मसले पर बात की थी. लेकिन अब सीएम योगी के अपने राज्य में ही दो साधुओं की सोते वक्त हत्या कर दी गई है. सीएम योगी ने घटना पर रिपोर्ट तलब की है.


बंगाल: लॉकडाउन में बीच सड़क धरने पर बीजेपी सांसद, पुलिस पर परेशान करने का आरोप


  • बीच सड़क बीजेपी सांसद का प्रदर्शन

  • बंगाल पुलिस पर परेशान करने का आरोप

  • संसदीय क्षेत्र में जाने से रोकने का आरोप



कोरोना लॉकडाउन के बीच एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच टकराव की स्थिति नजर आ रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी दिल्ली से लेकर बंगाल ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुये है. अब बीजेपी के एक सांसद बीच सड़क ही धरने बैठ गये और ममता सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाया.


बंगाल की बलूरघाट लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुकंता मजूमदार मंगलवार को दिनाजपुर में धरने पर बैठ गये. दिलचस्प बात ये है कि सांसद बीच सड़क पर पल्ला बिछाकर ही बैठ गये.


सांसद सुकंता मजूमदार का आरोप है कि जब भी वो अपने संसदीय क्षेत्र में जाते हैं तो उन्हें हर जगह रोका जाता है. सांसद ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा सांसदों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने ये भी दावा किया कि कोरोना महामारी के बीच पुलिस उन्हें अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों की सेवा करने तक का मौका नहीं दे रही है.


सुकंता मजूमदार ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुये बीच सड़क धरने पर बैठने का फैसला तो किया ही, इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन को एक पत्र भेजकर ये भी पूछा कि उन्हें रोकने के कारण बताये जायें.


इससे पहले एक मामला बीजेपी सांसद को हाउस अरेस्ट करने का भी सामने आया है. लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तोड़ने पर बीजेपी सांसद जॉन बारला को हाउस अरेस्ट किया गया है.


रविवार को किया था प्रदर्शन


कोरोना वायरस महामारी के बीच बीजेपी लगातार ममता सरकार पर हमलावर है. रविवार को पार्टी के सांसदों ने दिल्ली से लेकर बंगाल तक प्रदर्शन किया था. बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार केंद्र के दिशा-निर्देशों को मान रही है और न ही मौत के सही आंकड़े बता रही है. बीजेपी का कहना है कि कोरोना से लड़ाई के बीच बंगाल में कुव्यवस्था फैली हुई है. वहीं, ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि उन्हें राशन की बजाय भाषण मिल रहा है.


iPhone यूजर्स 8 लोगों के साथ कर सकेंगे ग्रुप कॉलिंग, WhatsApp ने पेश किया फीचर

नई दिल्ली: हाल ही में Whatsapp ने ग्रुप कॉलिंग के लिए मेंबर्स की संख्या बढ़ाने का ऐलान किया था. वहीं अब कंपनी ने ऑफिशियली ग्रुप कॉल पर 4 से ज़्यादा लोगों को जोड़ने का फीचर पेश कर दिया है. वॉट्सऐप यूजर्स अब एक साथ 8 लोगों के साथ ग्रुप वीडियो और वॉइस कॉल कर सकेंगे. फिलहाल ये फीचर आईफोन यूजर्स के लिए दिया गया है.



iOS के लिए वॉट्सऐप के लेटेस्ट अपडेट में iOS 13 में बदलाव किया है. आईफोन यूज़र्स इस लेटेस्ट वर्जन को ऐप स्टोर में जाकर डाउनलोड कर सकते हैं. इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए ग्रुप के सभी मेंबर्स के पास व्हाट्सऐप का लेटेस्ट वर्जन होना जरूरी है. लेटेस्ट वर्जन नहीं होने पर ग्रुप मेंबर इस फीचर का लाभ नहीं उठा पाएंगे.


 


ऐपल iOS पर वॉट्सऐप का लेटेस्ट वर्जन अपडेट के बाद यूजर्स के साथ आठ लोगों के साथ वीडियो कॉल कर सकते हैं. वॉइस या वीडियो ग्रुप कॉल करने के लिए दो तरीके हैं. पहला तो जिन लोगों से आपको बात करनी हो उन चारों का ग्रुप बनाकर ग्रुप में कॉलिंग पर क्लिक करके कॉल कर सकते हैं. वहीं दूसरा तरीका कॉल टैब पर जाकर, कॉल बटन पर क्लिक करें और फिर जिन्हें ऐड करना हैं, उन्हें एक-एक करके भी ग्रुप कॉलिंग कर सकते हैं.


गर्मी की छुट्टियां 1 मई से और नया सत्र 15 जून से, यूपी स्कूल एजुकेशन डायरेक्टर से सिफारिश


Summer Vacations 2020:
इस साल गर्मी की छुट्टियों की शुरुआत और अवधि को लेकर छात्रों, पैरेट्स और टीचर्स से लेकर स्कूलों में भी स्थिति साफ होती नजर नहीं आ रही है। विद्यालयी शिक्षा से जुड़े विभागों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासनों द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए लगाये गये 3 मई तक के लिए लॉक डाउन के बीच स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों को लेकर दिशा-निर्देश अभी तक जारी नहीं किये गये हैं। इसी बीच गाजियाबाद जिला प्रशासन द्वारा उत्तर प्रदेश विद्यालय शिक्षा निदेशक को गर्मी की छुट्टियों को आगामी 20 मई से नहीं बल्कि 1 मई से आरंभ करने की सिफारिश की गयी है। जिला प्रशासन ने, साथ ही, स्कूलों में नये सेशन की शुरुआत 15 जून से ही करने की भी सिफारिश की है।


समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार गाजियाबाद जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा गर्मियों की छुट्टियों को 1 मई से और स्कूलों में अगले सत्र की शुरुआत 15 जून से करने की सिफारिश विभिन्न पैरेट्स एसोशिएसनों और छात्रों द्वारा किये जा रहे अनुरोधों के आधार पर की गयी है।


जिले के स्कूलों में एकेडेमिक सेशन 1 मई 2020 से आरंभ होने थे, लेकिन 3 मई तक चल रहे लॉक डाउन के कारण इसकी संभावना नजर नहीं आ रही है।


बता दें कि पूरे देश में चल रहे लॉक डाउन के बीच शैक्षणिक सत्र के लिए पर्याप्त समय होने के उद्देश्य से सरकार द्वारा स्कूल एजुकेशन से जुड़े विभिन्न बोर्डों एवं विभागों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 में संशोधन करने की सिफारिश किये जाने की उम्मीद की जा रही थी। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की घोषणा या सिफारिश नहीं की गयी है और कई अभिभावकों द्वारा सीबीएसई और केंद्रीय मानव संसाधान मंत्रालय को गर्मी की छुट्टियों को लेकर अप्रोच किये जाने पर कहा गया कि छुट्टियों के बारे में निर्णय राज्य सरकारें और सम्बन्धित विभाग लेंगे।


एकेडेमिक सेशन 2020-21 की ऑनलाइन क्लासेस शुरु


इस बीच उत्तर प्रदेश समेत लगभग सभी राज्यों में केंद्रीय और राज्य बोर्डों के सरकारी और निजी स्कूलों में एकेडेमिक सेशन 2020-21 के लिए क्लासेस का आयोजन शुरु भी किया चुका है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा ने जहां ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं के आयोजन ने निर्देश दिये हैं तो वहीं, राज्य के विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस के लिए व्हाट्सऐप्प ग्रुप बनाये गये हैं। छात्र व्हाट्सऐप्प ग्रुप में अपने अध्यापकों द्वारा दिये जा रहे ऑनलाइन क्लासेस ज्वाइन कर सकते हैं और अपनी क्वेरीज को पूछ सकते हैं।


सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी का कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पहला मामला

सुप्रीम कोर्ट के एक कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की सोमवार को पुष्टि हुई। सूत्रों ने बताया कि शीर्ष कोर्ट के न्यायिक अनुभाग में कार्यरत यह कर्मचारी 16 अप्रैल को ड्यूटी पर आया था। वह इस दौरान न्यायालय के दो रजिस्ट्रार के संपर्क में भी आया था जिन्हें एहतियातन क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई है।



कोविड-19 की जांच में कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई


सूत्रों ने बताया कि 16 अप्रैल को अदालत आने के बाद दो दिन तक उसे बुखार आया जिसके बाद उसकी कोविड-19 की जांच कराई गई और सोमवार को आई रिपोर्ट में कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। कर्मचारी का सरकारी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। मानक प्रोटोकॉल के तहत संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है।


सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी का कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पहला मामला


उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी का कोरोना वायरस से संक्रमित होने का यह पहला मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के चलते 23 मार्च से अदालत की कार्यवाही को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये केवल अति आवश्यक मामलों की सुनवाई तक सीमित किया है।


जजों को धमकाने के प्रयासों से सख्ती से निपटा जाएगा


सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को फटकारते हुए कहा कि जजों को धमकाने के प्रयासों से सख्ती से निपटा जाएगा। सर्वोच्च अदालत का कहना है कि नागरिकों को फैसले की आलोचना करने का हक है। लेकिन किसी को इस बात का अधिकार नहीं है कि जजों के इरादों, गुणों और प्रमाणिकता पर सवाल खड़े करे। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को दो वकीलों समेत तीन लोगों को अदालत की अवमानना के मामले में दोषी करार दिया। सुप्रीम कोर्ट के दो सिटिंग जजों के खिलाफ इन वकीलों के आरोपों को साजिश करार देते हुए कहा कि उनकी इन हरकतों से वकीलों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं होगी। जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने कहा कि न्यायपालिका समेत किसी भी संस्था की प्रमाणिक और सकारात्मक आलोचना और न्यायपालिका के फैसलों की आलोचना का हमेशा स्वागत है। यह कभी भी अदालत की अवमानना नहीं हो सकता है। लेकिन अगर आरोप आलोचना के दायरे से बाहर चले जाते हैं और उन लिखित शब्दों से कोर्ट की भूमिका पर सवाल उठाए जाते हैं तो वह निश्चित रूप से अवमानना का मामला है।


लॉकडाउन के दौरान वेतन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के सरकारी निर्देश पर केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है। हालांकि कोर्ट ने याचिका पर केन्द्र को कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है। मामले पर दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी।


लुधियाना हैंड टूल्स एसोसिएशन व कुछ अन्य लोगों ने याचिका दाखिल कर निजी कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के केन्द्र सरकार के 29 मार्च के आदेश को चुनौती दी है और कोर्ट से यह आदेश रद करने की मांग की है।


सोमवार को न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में दाखिल कुल तीन याचिकाओं पर सरकार को औपचारिक नोटिस जारी किये बगैर मामले पर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा और सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी।



लुधियाना हैंन्ड टूल्स एसोसिएशन ने याचिका में कहा है कि डिजास्टर मैनेजमेंट कानून के तहत केन्द्र सरकार द्वारा निजी प्रतिष्ठानों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी करना गलत है। इससे संविधान में मिले व्यवसाय करने व बराबरी आदि अधिकारों का हनन होता है। याचिका में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 10(2)(आइ) की वैधानिकता को चुनौती देते हुए कोर्ट से केन्द्र सरकार का गत 29 मार्च का आदेश रद करने की मांग की गई है। इस आदेश में केन्द्र सरकार ने निजी प्रतिष्ठानों को लाकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का आदेश दिया है।


गृह मंत्रालय से 29 मार्च को जारी इस आदेश में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से यह भी कहा गया कि आदेश का उलंलघन करने वालों पर कार्रवाई की जाए। इसके बाद 30 मार्च को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सभी क्षेत्रीय लेबर कमिश्नर को एडवाइजरी जारी की कि लाकडाउन के कारण बंद हो गए प्रतिष्ठानों के सभी कर्मचारी इस दौरान ड्यूटी पर माने जाएंगे। और सभी निजी और सरकारी प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने यहां के कर्मचारियों को न तो नौकरी से निकालेंगे और न ही उनका वेतन काटेंगे। इतना ही नहीं इसमें अस्थाई और संविदा कर्मचारी भी शामिल माने गए।


याचिका में कहा गया है कि सरकार का गत 29 मार्च का आदेश संविधान के तहत प्राप्त बराबरी, व्यवसाय चलाने की आजादी अनुच्छेद 14 व 19(1)(जी) का उल्लंघन करता है। साथ ही यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 265 और 300ए का भी उल्लंघन करता है। याचिका मे कानूनी सवाल उठाते हुए कहा गया है कि क्या डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 केन्द्र सरकार को यह आदेश देने का अधिकार देता है कि वह निजी प्रतिष्ठानों को आपदा के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का आदेश दे। क्या सरकार ने बिना ताकिर्क वर्गीकरण के सोचे समझे बगैर मनमाने ढंग से यह आदेश नहीं जारी कर दिया। क्या डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भारत सरकार निजी प्रतिष्ठानों को पूरा वेतन देने का आदेश दे सकती है? जबकि ऐसी ही स्थिति पर इंडस्टि्रयल डिस्प्यूट एक्ट 1948 में 50 फीसद वेतन देने का प्रावधान किया गया है।


क्या सरकार ने निजी प्रतिष्ठानों की लाकडाउन के दौरान आथिर्क स्थिति पर विचार किये बगैर जल्दबाजी में यह आदेश नही जारी कर दिया। क्या कर्मचारी वर्ग के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार सारा बोझ नियोक्ताओं पर डाल सकती है जबकि नियोक्ता भी लाकडाउन के चलते भारी नुकसान मे चल रहे हों। याचिका में और भी कई कानूनी आधार दिये गए हैं।


इसके अलावा सोमवार को 11 छोटी कंपनियों ने नयी याचिका दाखिल कर पूरा वेतन देने के आदेश को चुनौती दी है। साथ ही वेतन में कमी करने की इजाजत मांगी है। हालांकि यह याचिका अभी सुनवाई पर नहीं आई है।


Lockdown India Update: अगले सप्ताह से कोरोना मुक्त जिलों में खत्म हो सकता है लॉकडाउन

लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से खुलने की तैयारी तो होने लगी है लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो भी आधे से ज्यादा देश संभवत: प्रतिबंध में ही रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा में जहां अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए लाकडाउन बढ़ाने की बात कही। वहीं प्रधानमंत्री ने कोरोना के साथ जंग की तैयारी दुरुस्त रखते हुए अर्थव्यवस्था का पहिया चलाने का संकेत भी दिया और राज्यों से अपने यहां इसका फार्मूला तैयार करने को भी कहा।


सबकुछ ठीक रहा तो भी आधा देश ही खुल पाएगा


उन्होंने परोक्ष रूप से चीन से भाग रही कंपनियों का हवाला देते हुए कहा कि संकट के इस काल को अवसर में बदला जा सकता है। इसकी तैयारी की जानी चाहिए। हालांकि इसके बावजूद यह मानकर चलना चाहिए कि सबकुछ ठीक रहा तो भी आधा देश ही खुल पाएगा। दरअसल यह छूट केवल उन्हीं जिलों में मिलेगी जो कोरोना से मुक्त हैं। औद्योगिक उत्पादन के साथ साथ ई मार्केटिंग को छूट मिलेगी। यह छूट केवल आवश्यक वस्तु तक सीमित नहीं रहेगी। लेकिन हवाई सेवा और रेल सेवा के साथ साथ कोरोना रेड जोन एरिया, माल और सिनेमाघर भी बंद रहेंगे। स्कूल -कालेज को खैर लंबे वक्त तक बंद रहेंगे। आखिरी निर्णय अंतिम दिन तक के नतीजों के बाद ही होगा।



अभी कोरोना रहने वाला है इसीलिए हर स्तर पर सतर्कता जरूरी


सोमवार की वीडियो कांफ्रेसिंग के बाद जो संकेत मिल रहा है उसमें जिलेवार राहत की ही बात उभर रही है। ध्यान रहे कि वर्तमान स्थिति में देश के लगभग सात सौ जिलों में सवा चार सौ कोरोना संक्रमित हैं। हालांकि ऐसे जिलों में लगातार वृद्धि हो रही है जहां पिछले 28 दिनों से कोरोना का मामला नहीं आया है लेकिन कुछ जिलों में एक महीने बाद भी मामले आ रहे हैं। शहरों में ऐसे इलाकों में केस आने शुरू हुए हैं जहां अब तक कोई केस नहीं था। लिहाजा मुख्यमंत्रियों के भी यह चिंता का विषय है। महाराष्ट्र फिलहाल सबसे बड़ी चिंता का विषय है। लेकिन प्रधानमंत्री ने राहत का हाथ फेरते हुए कहा- 'कहीं कहीं ज्यादा मामले आ रहे हैं।


इसका दबाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि पूरा देश इससे जूझ रहा है। लेकिन मुस्तैदी से कदम उठाने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि उस पर लगाम लगे।' प्रधानमंत्री ने यह भी आगाह किया कि अभी कोरोना रहने वाला है इसीलिए हर स्तर पर सतर्कता जरूरी है। लेकिन इसके साथ ही आर्थिक गतिविधि भी शुरू करने का प्लान हर राज्य को हालात के अनुसार बनाना चाहिए।


नीतीश ने की प्रवासियों के लिए नीति बनाने की मांग


बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छोड़कर सभी मुख्यमंत्री मौजूद थे। लेकिन बोलने का अवसर केवल नौ राज्यों को मिला जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के नवीन पटनायक शामिल थे। नीतीश ने प्रवासियों को लेकर नीति बनाने की मांग की। दरअसल जिस तरह राजस्थान के कोटा से कुछ राज्य सरकारें अपने प्रदेश के बच्चों को लेकर जा रही है उसके बाद नीतीश पर राजनीति दबाव है। नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार के वर्तमान दिशानिर्देश को देखते हुए सरकार के लिए यह संभव नहीं है। ऐसे में केंद्र को प्रवासियों को लेकर एक नीति बनानी चाहिए।


कांग्रेस शासित राज्यों की ओर से पैकेज और केंद्रीय सहायता की मांग


वहीं कांग्रेस शासित राज्यों की ओर से मुख्यत: पैकेज और केंद्रीय सहायता की मांग की। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें संकेत दिया है कि आने वाले दिनों मे हालात को लेकर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकारों से पूरा प्लान बनाने को भी कहा है। माना जा रहा है कि संभवत: शनिवार को प्रधानमंत्री की ओर से किसी निर्णय की घोषणा की जा सकती है।


सोमवार, 27 अप्रैल 2020

पीएम मोदी आज मुख्यमंत्रियों से करेंगे बात, लॉकडाउन खुलने के रोडमैप पर हो सकती है चर्चा


नई दिल्ली:
 कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में किस तरह से आगे बढ़ना है इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करेंगे. यह संवाद इन संकेतों के बीच होगा कि यह लागू लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने केंद्रित हो सकता है.


 


देश में कोविड-19 के प्रसार के बाद मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की यह तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंस होगी. केंद्र और राज्य सरकारें आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और लोगों को राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को क्रमिक छूट दे रही हैं. हालांकि कुछ राज्य लॉकडाउन को तीन मई के बाद भी जारी रखने के इच्छुक हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस के मामले नियंत्रण में रहें.


 


मन की बात में बोले मोदी- देश एक युद्ध में है
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक ‘मन की बात’ रेडियो संबोधन में कहा कि देश एक युद्ध में है. उन्होंने इस पर जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है. मोदी द्वारा सावधानी बरतने पर जोर ऐसे समय दिया गया है जब केंद्र सरकार और राज्य आर्थिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने के लिए लॉकडाउन मानदंडों में छूट दे रहे हैं.


 


'सावधनी हटी, दुर्घटना घटी'
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं. आपको अपने अति-उत्साह में यह नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा. कभी भी ऐसी गलती न करें. दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है.’’ मोदी ने अपनी बात समझाने के लिए हिंदी के एक लोकप्रिय मुहावरे ‘सावधनी हटी, दुर्घटना घटी' का उल्लेख किया.


 


लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने दी रियायतें
केंद्र ने अब लॉकडाउन के दौरान शहरी क्षेत्रों में आवासीय परिसरों समेत मुहल्लों की दुकानों को खोलने की अनुमति दी है. हालांकि बाजारों में स्थित दुकानें तीन मई तक बंद रहेंगी. ग्रामीण क्षेत्रों में, शॉपिंग मॉल की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों को खोलने की अनुमति है. शुक्रवार देर रात जारी एक आदेश में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि मॉल अभी बंद रहेंगे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार खुल सकते हैं.


 


हालांकि, कोविड-19 हॉटस्पॉट (संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र) और निषिद्ध क्षेत्रों में स्थित दुकानों को खोलना, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा गैर-जरूरी सामानों की बिक्री और शराब की बिक्री पर रोक जारी है. 11 अप्रैल को पिछले संवाद में कई मुख्यमंत्रियों ने 21-दिवसीय लॉकडाउन को दो सप्ताह तक बढ़ाने की सिफारिश की थी, जो पहले 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला था.


 


इससे पहले भी मुख्यमंत्रियों से बात कर चुके हैं प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल को घोषणा की थी कि लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाया जा रहा है. 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री ने 20 मार्च को मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी. उस दौरान मोदी ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के तरीकों पर चर्चा की थी.


शनिवार, 25 अप्रैल 2020

Amazon के ज़रिए सामान बेचेंगे आपके पड़ोस की किराने की दुकान

Amazon ने भारत में एक प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसका नाम है ‘Local Shops on Amazon'। इस प्रोग्राम के अंतर्गत अमेज़न ने अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए इसे लोकल दुकानदारों से जोड़ लिया है। अमेज़न के इस कदम का उद्देश्य रिलायंस रिटेल के JioMart को टक्कर देना है और इसके जरिए फ्लिपकार्ट की मुश्किलें बढ़ाना है। बता दें, कंपनी पिछले 6 महीने से 5,000 से भी ज्यादा ऑफलाइन रिटेलर्स और दुकानदारों के साथ इस पायलेट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसके अलावा, अमेज़न ने नए छोटे-लोकल दुकानदारों को भी अपने इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। कंपनी अपने इस प्रोग्राम में 10 करोड़ से ज्यादा का निवेश करने वाली है।

ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डर करने की सहूलियत देने और ऑफलाइन दुकानदारों को स्केलेबिल्टी प्रदान करने के लिए अमेज़न ने इस नए प्रोग्राम की शुरुआत की है। कंपनी पहले से ही बड़े शहरों के साथ-साथ tier-1 और tier-2 शहरों के विक्रेताओं के साथ पार्टनरशिप कर चुकी है, जिनमें अहमदाबाद, कोयम्बटूर, दिल्ली, फरीदाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, लखनऊ, मुंबई, पुणे, सहारनपुर, और सूरत जैसे शहर शामिल हैं। यह प्रोग्राम केवल लोकल किराने की दुकान व बिजली की दुकान तक सीमित नहीं है। असल में कंपनी ने देश के 100 से अधिक शहरों में अन्य विक्रेताओं को भी इस प्रोग्राम से जोड़ा है, जिसमें ऑटोमोटिव, बुक्स, फर्नीचर, होम डेकोर, घरेलू उपकरण, स्पोर्ट्स और खिलौने के विक्रेता भी शामिल हैं।

अमेज़न के इस प्रोग्राम में जिन ऑफलाइन रिटेलर्स को शामिल किया जा रहा है, उनसे केवल एक ही शर्त रखी गई है कि वह सामान की डिलीवरी एक दिन या फिर अगले एक दिन तक पूरा कर दें। इसकी मदद से अमेज़न पर भी अपने डिलीवरी एग्जीक्यूटिव की संख्या बढ़ाने का बोझ नहीं पड़ेगा।

इसके अलावा ऑफलाइन रिटेलर्स को एक हाल ही में लॉन्च हुआ Amazon Delivery App प्रदान किया जाएगा, जिसकी मदद से वह अपने ग्राहक को प्रोडक्ट डिलिवरी की अपडेट दे सकेंगे और जिसके द्वारा अमेज़न शीपमेंट को ट्रैक कर सकेगा।

यकीनन अमेज़न का यह लोकल शॉप ऑन अमेज़न प्रोग्राम कंपनी के लिए लाभदायक साबित होगा। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा पूरे देशभर में लॉकडाउन लगाया हुआ है, जिस कारण अमेज़न और अमेज़न की प्रतिद्वंद्वी कंपनी फ्लिपकार्ट बड़ी संख्या में ऑडर्स डिलीवर नहीं कर पा रही। हालांकि, अब लोकल शॉप प्रोग्राम अमेज़न की इस समस्या को दूर करने में मदद करेगा।

लोकल विक्रेता अमेज़न इंडिया की वेबसाइट पर जाकर इस प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं। वेबसाइट पर इस प्रोग्राम के लिए एक पेज बनाया गया है, जो कहता है कि इस पहल में शामिल होने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने का स्टैंडर्ड शुल्क लोकल शॉप सेलर्स पर लागू होगा।


Coronavirus: कोरोना महामारी के बीच कितने तापमान पर चलाएं AC, केंद्र सरकार ने बताया 'क्या करें और क्या न करें'


नई दिल्ली:


केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनोवायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच घर में लगे एयर कंडीशनर (AC) का तापमान 24-30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए. घर और दफ्तरों में AC के इस्तेमाल के संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए केंद्र ने कहा कि इस दौरान नमी 40-70 फीसदी के बीच होनी चाहिए. इंडियन सोसायटी ऑफ हीटिंग रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर कंडीशनर इंजीनियर्स (ISHRAE) द्वारा संकलित दिशा-निर्देशों को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा साझा किया गया है. COVID-19 टास्क फोर्स ने दस्तावेज इन दस्तावेजों को तैयार करने के लिए देश की जलवायु परिस्थितियों से संबंधित जानकारी को निकाला, उसकी जांच और विश्लेषण किया. टीम में शिक्षाविदों, डिजाइनर्स, निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, स्वास्थ्य सुविधा और आंतरिक वायु गुणवत्ता सुरक्षा जैसे विज्ञान से संबंधित विशेषज्ञ शामिल थे. तैयार किए गए दस्तावेजों के अनुसार, कमरे में एयर कंडीशनर चलाते समय खिड़कियां थोड़ी खुली होनी चाहिए.


शुष्क जलवायु में उसके अनुसार नमी 40 प्रतिशत से नीचे नहीं आने दी जानी चाहिए. कमरे में रखे पैन से वाष्पीकरण होने पर पानी की आर्द्रता 40 प्रतिशत से कम हो जाएगी. समूह ने सलाह दी है कि अगर कमरे का AC नहीं भी चल रहा हो तो कमरे में वेंटिलेशन जरूर होना चाहिए. दस्तावेजों में कहा गया है कि पंखा चलाते समय भी खिड़कियां थोड़ी खुली होनी चाहिए. अगर कमरे में एग्जौस्ट फैन लगा है तो वेंटिलेशन के लिए उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.


कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए बताया गया है कि उस जगह पर ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेशन होना चाहिए. क्षेत्र में जरूरी सकारात्मक दबाव बनाए रखने के लिए एग्जौस्ट फैन द्वारा निकाली जा रही हवा, ताजी हवा की मात्रा का 70-80 प्रतिशत होगी. लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर कमर्शियल सेक्टर बंद हैं. इंजीनियरिंग और हेल्थ सेफ्टी के लिए ऐसा किया जाना जरूरी होगा. लंबे समय तक लॉकडाउन के चलते इंडस्ट्रियल सेक्टर में AC का इस्तेमाल नहीं हुआ होगा, लिहाजा उसके आसपास फंगस आदि का खतरा हो सकता है. AC शुरू करने से पहले मशीन व आसपास सफाई बनाए रखें. साथ ही नमी व तापमान का खास ख्याल रखें.


योगी आदित्यनाथ के फैसले पर अनुराग कश्यप ने किया रिएक्ट, Tweet कर बोले- अच्छा कदम...


नई दिल्ली:


बॉलीवुड डायरेक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने योगी आदित्यनाथ की मजदूरों को वापस लाने की पहल को लेकर ट्वीट किया है. बता दें, भारत की कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग जारी है, कुछ राज्यों में राहत जरूर मिली है लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जहां स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. देश में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 23 हजार के पार पहुंच चुकी है. इन सब के बीच जारी लॉकडाउन (Lockdown) में  मजदूरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इधर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने का फैसला किया है. 



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की पहल को लेकर डायरेक्टर अनुराग कश्यप का ट्वीट खूब सुर्खियों में है. उनका ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस ट्वीट में अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने योगी आदित्यनाथ के कदम की सराहना की है. अनुराग कश्यप ने कहा, "अच्छी खबर, अच्छी पहल." अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap Twitter) के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. 


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अधिकारियों से योजना तैयार करने और प्रवासी कामगारों की सूची बनाने का आदेश दिया. उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की सीमा से ही प्रवासियों को घर भेजने के लिए बसों का इस्तेमाल करेगी. कामगार क्वारैन्टाइन सेंटर भेजे जाएंगे, या घरों पर ही क्वारैन्टाइन किए जाएंगे.उन्होंने कहा, ''ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग (जांच) कराने के बाद संबंधित राज्य सरकारों को उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया प्रारम्भ करनी होगी. संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचाए जाने के बाद वहां से इन लोगों को बसों से उनके गृह जिला भेजा जाएगा. ये लोग जिन जनपदों में जाएंगे, वहां इन्हें 14 दिन पृथक-वास में रखने की पूरी व्यवस्था समय से कर ली जाए.'' 


यूपी के एटा में दर्दनाक घटना, घर में मिले परिवार के 5 लोगों के शव

उत्तर प्रदेश के एटा में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. एटा में एक ही परिवार के 5 सदस्यों के शव घर में मिले हैं. इनमें दो बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं. बताया जा रहा है कि 2 बच्चों, दो महिलाओं और एक पुरुष का शव बंद मकान में मिला है. पुलिस ने गेट तोड़ कर शव निकाला है. फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड टीम मौके पर मौजूद है. मौत के कारणों का अभी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है. यह मामला थाना कोतवाली नगर का बताया जा रहा है.



बाइक पर घूम रहे थे लड़के, पुलिस ने 'कोरोना मरीजों' के साथ किया 'लॉक'


https://youtu.be/RKTDLkuI4G4
कोरोना वायरस पर जागरूकता लाने के लिए पुलिस की ओर से कई तरह की मुहिम चलाई जा रही हैं. संक्रमण से बचने के लिए लोगों को समझाया जा रहा है कि घर पर ही रहना कितना ज़रूरी है. इसमें सड़कों पर पेंटिग्स से लेकर लोगों को संदेश वाले हेलमेट तक बांटे जा रहे हैं.


लेकिन तमिलनाडु में तिरुपुर पुलिस ने जिस तरह का अभियान चलाया वो न सिर्फ लोगों को हंसा रहा है बल्कि मजबूत संदेश भी दे रहा है. तिरुपुर पुलिस का ये प्रमोशनल वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. लॉकडाउन की अहमियत लोगों को समझाने के लिए तमिलनाडु पुलिस का ये अनोखा प्रमोशनल वीडियो लोगों को काफी पंसद आ रहा है. साथ ही सभी इसे तिरुपुर पुलिस का अनोखा कदम बता रहे हैं.


तिरुपुर पुलिस की ओर से जारी प्रमोशनल वीडियो में दिखता है कि दो दोपहिया वाहनों पर बेवजह घूम रहे पांच युवकों को पहले तो पुलिस रोकती है. इनमें से अधिकतर ने न मास्क लगा रखा था और न ही सिर पर हेलमेट पहना था. फिर पुलिस ने पांचों को एम्बुलेंस में बैठने के लिए कहा. वहां पर पहले से ही एक 'मरीज'  स्ट्रेचर पर लेटा था. पुलिस ने पांचों युवकों को बताया कि 'मरीज Covid-19  पॉजिटिव'  है. इसके बाद वीडियो में दिखाया जाता है कि पांचों युवकों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई.पांचों ने एम्बुलेंस पर चढ़ने से बचने के लिए हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया. कोई दहाड़े मार मार कर रोने लगा. वीडियो के अंत में महिला पुलिस अधिकारी प्रमोशनल वीडियो के पीछे का मकसद बताती नजर आती है. अधिकारी कहती हैं, 'लोग लॉकडाउन की अहमियत नहीं समझते और घर से बाहर निकल आते हैं...उन्हें ये नहीं पता कि घर से बेवजह बाहर निकलने से वो खुद को कितना खतरे में डालते हैं. नहीं जानते कि बाहर जाने पर वो कैसे और कहां, बीमारी मोल ले लेंगे.. इस वीडियो के जरिए समझाने की कोशिश की गई कि जीवन कितना कीमती है.'


पुलिस ने साफ किया कि ये कोई असली घटना नहीं बल्कि प्रमोशनल वीडियो के लिए लड़के और मरीज बना शख्स सभी अभिनय कर रहे थे. सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर होने के बाद लोगों ने तिरुपुर पुलिस की जमकर तारीफ की. ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए कई लोगों का कहना है कि लोगों को समझाने के लिए ये काफी अच्छा तरीका है.


लॉकडाउन के बीच सरकार ने दी सशर्त दुकानें खोलने की इजाजत, शराब को लेकर हुआ ये फैसला

शराब की दुकानें अभी बंद ही रहेंगी. इसके साथ ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल इत्यादि को भी खोले जाने की इजाजत नहीं दी गई है. इसके साथ ही नेहरू प्लेस, पालिका बाजार, लाजपत नगर जैसे मार्केट भी नहीं खुलेंगे.



  • बंद रहेंगी सभी शराब की दुकानें

  • मल्टी ब्रांड मॉल खोलने की इजाजत नहीं


लॉकडाउन के बीच देशवासियों के लिए राहत की खबर है. शनिवार से देश की सभी दुकानें खुल जाएंगी. हालांकि इसमें कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी हैं. गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में साफ किया कि ये आदेश ग्रीन जोन वाले इलाकों के लिए है. वो इलाके जिन्हें हॉटस्पॉट (कोरोना संक्रमित इलाकों में) घोषित किया गया है ,वहां ये आदेश लागू नहीं होंगे.



साथ ही शराब की दुकानों को भी इस कैटेगरी में नहीं रखा गया है. उन्हें शॉप और एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के बजाए किसी अन्य कैटेगरी में रखा गया है. यानी शराब की दुकानें अभी बंद ही रहेंगी. इसके साथ ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल इत्यादि को भी खोले जाने की इजाजत नहीं दी गई है. इसके साथ ही नेहरू प्लेस, पालिका बाजार, लाजपत नगर जैसे मार्केट भी नहीं खुलेंगे.


उम्मीद की जा रही है कि देश में शनिवार से व्यावसायिक गतिविधियां कुछ रफ्तार पकड़ सकेंगी. जाहिर है लॉकडाउन की वजह से सभी तरह के प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए थे. सिर्फ जरूरी सामान जैसे- सब्जी, फल, दवाई और किराना दुकानों को ही खोलने की इजाजत दी गई थी.


गृह मंत्रालय ने लगाई हैं कुछ शर्तें


गृह मंत्रालय के नए आदेश के मुताबिक, केंद्र सरकार ने आवासीय कॉलोनियों के पास बनी दुकानों और स्टैंड-अलोन दुकानों को ही खोलने की इजाजत दी है. यानी वो दुकानें जो नगरपालिका निगमों और नगर पालिकाओं की सीमा के भीतर आती हों. लेकिन इस इजाजत के साथ गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तें भी लागू की हैं.


शर्तों के मुताबिक सभी दुकानें संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत होनी चाहिए. दुकानों में सिर्फ आधा स्टाफ ही काम कर सकेगा. स्टाफ द्वारा मास्क लगाना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों को भी निभाना होगा.


अमेरिका को मिली राहत, पिछले 24 घंटे में सबसे कम मौतें


  • अमेरिका में कम हुआ मौतों का आंकड़ा

  • 24 घंटे में 1258 लोगों की मौत

  • यूरोप से अमेरिका आया वायरस-गवर्नर


कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए एक अच्छी खबर आई है. ये पॉजिटिव खबर अमेरिका से आई है, जहां पिछले 24 घंटों में पिछले तीन हफ्तों में कोरोना वायरस से सबसे कम मौतें हुई हैं. कोरोना से दुनिया भर में हो रही मौतों पर नजर रखने वाली संस्था जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा है कि शुक्रवार को पिछले 24 घंटों में अमेरिका में मौत का आंकड़ा 1258 रहा है. ये आंकड़ा पिछले तीन सप्ताह में सबसे कम है.



अमेरिका में घटा मौत का आंकड़ा


बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 50000 पार कर गई है. गुरुवार को यहां 24 घंटे में कोरोना वायरस से 3176 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन अगले ही दिन ये आंकड़ा घटकर आधे से भी कम 1258 रह गया है. कई हफ्तों से कोरोना से कराह रहे अमेरिका और दुनिया के लिए ये राहत भरी खबर है.


लगभग 9 लाख अमेरिकी कोरोना से संक्रमित


अमेरिका में रिकॉर्ड किए गए मौत के आंकड़े दुनिया में सबसे ज्यादा हैं. यहां कोरोना वायरस ने लगभग 9 लाख लोगों को संक्रमित किया है.


चीन नहीं यूरोप से अमेरिका में आया कोरोना


इस बीच कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू कुमो ने कहा है कि रिसर्च बताती है कि नोवेल कोरोना वायरस अमेरिका में सबसे पहली बार यूरोप से आया, न कि चीन से. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाया गया ट्रैवल बैन बहुत देर से लिया गया फैसला था और इससे कोरोना का संक्रमण रुकने की संभावना नहीं रही.


एंड्रयू कुमो ने नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि जबतक अमेरिका में एक मार्च को पहले कोरोना केस की पुष्टि हुई तब तक न्यूयॉर्क के लगभग 10000 लोगों के शरीर में कोरोना वायरस प्रवेश कर चुका था.


गवर्नर ने कहा कि ट्रंप ने चीन से लोगों के आने-जाने पर 2 फरवरी को रोक लगाई, लेकिन इससे लगभग एक महीना पहले ही इस बीमारी के चीन में मौजूद होने की खबर मीडिया में आ चुकी थी. इसके अगले महीने अमेरिका ने यूरोप से आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया, तब तक अमेरिका में ये वायरस बड़े पैमाने पर फैल चुका था.


Ramadan 2020: रमज़ान का मुकद्दस महीना शुरू, धर्मगुरुओं ने की घरों में ही इबादत करने की अपील

नई दिल्ली: देश में रमज़ान का मुकद्दस महीना शुरू हो गया है. दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार शाम रमज़ान का चांद नजर आ गया. उलेमा ने कोरोना वायरस को देखते हुए मुस्लिम समुदाय से घरों में ही इबादत करने की अपील की है.


 


रमजान में मस्जिदों में तरावही नहीं होगी


 


जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने आज पहला रोजा होने का एलान किया और मुस्लिम समुदाय को रमजान की मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन इसलिए लागू है ताकि लोग घरों में रहें और जितनी हो सके उतनी एहतियात बरतें. साथ में मस्जिदों से यह भी ऐलान किया कि इस बार रमजान में मस्जिदों में तरावही नहीं होगी और लोग अपने घरों में इबादत करें.



ज्यादा लोग रोज़ा रखें और इबादत करें- दुआ मांगें- मुस्लिम धर्मगुरु


 


मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के सदस्य कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का पालन करें और नमाज़ और तरावीह (रमज़ान में रात में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज़) घरों में ही पढ़ें. उन्होंने कहा कि रोज़ा रखना सबपर फर्ज है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग रोज़ा रखें और इबादत करें और दुआ मांगें.


 


गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन लागू है. इस वजह से लोगों के जमा होने पर पाबंदी है और मस्जिदें बंद हैं. लॉकडाउन की वजह से रमज़ान के महीने की वैसी रौनक नहीं हैं, जैसी हर साल देखने को मिलती हैं. यमुनापार के मुस्लिम बहुल इलाके जाफराबाद में शाम के वक्त लोग जरूरी समान की खरीदारी करने घरों से निकले.


 


मुसलमानों के लिए सबसे पाक महीना होता है रमज़ान


 


रमज़ान मुसलमानों के लिए सबसे पाक महीना होता है. समुदाय के सदस्य पूरे महीने रोज़ा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं. साथ में महीने भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.


आज से देश में खुलेंगी सभी दुकानें, लेकिन शर्तों के साथ सिर्फ 50% स्टाफ ही करेगा काम

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में सरकार का मानना है कि कोरोना संक्रमण की रफ़्तार पर एक तरह का नियंत्रण बना लिया है. लेकिन इस वायरस की वजह से अब तक व्यापार पर काफी असर पड़ा है जहां अभी भी सभी दुकानें बंद हैं. इस बीच कुछ दिन पहले ही कई राज्यों ने छूट जरूरी सामान वाली दुकानों को खोलने की घोषणा की थी जिसमें सब्जी, मेडिकल और दूसरे जरूरी दुकानें शामिल थी. लेकिन अब गृह मंत्रालय ने एक नए आदेश में शुक्रवार को कहा कि सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जरूरी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए 50 प्रतिशत कार्यबल के साथ दुकान और प्रतिष्ठान खोले जा सकते हैं.

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि निगम क्षेत्रों से बाहर वाले इलाके में स्थित बाजार परिसरों की दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है लेकिन इन दुकानों में काम कर रहे कर्मचारियों को मास्क पहनने से लेकर सामाजिक दूरी समेत सभी तय दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा.

हालांकि, इस छूट में बड़ी और एकल ब्रांड की मॉल वाली दुकानें शामिल नहीं हैं. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि नगर निगमों के दायरे और उसके पड़ोस में स्थित सभी एकल दुकानों को बंद के दौरान खोले जाने की अनुमति होगी. हालांकि, नगर निगम के दायरे में स्थित बाजार वाले स्थानों की दुकानें तीन मई तक बंद रहेंगी. यह छूट संक्रमण के अति प्रभावित इलाकों में नहीं दी गई है.



गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दुकान एवं प्रतिष्ठान अध‍िनियम के तहत पंजिकृत दुकानों को 50 फीसदी कार्यबल के साथ खोले जाने की अनुमति दी. साथ ही कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों को सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों का पालन करना होगा. MHA की तरफ से कहा गया है कि यह आदेश कंटेनमेंट जोन में लागू नहीं होगा.

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज बताया कि देश में कोरोना के मामले बढ़कर 23,452 हो गए हैं. पिछले 24 घंटे में 1,752 नए मामले आए और 37 लोगों की मौत हुई. देश में कोरोना से अब तक 723 लोगों की मौत हुई है और 4,814 मरीज ठीक हो चुके हैं.


सोमवार, 20 अप्रैल 2020

सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर BJP नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, जानें किसने क्या कहा

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का आज दिल्ली के एम्स में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. योगी के पिता आंनद बिष्ट वेंटीलेटर पर थे और उन्हें लंबे समय से आंत संबंधी दिक्कतें थीं. उन्हें 14 अप्रैल को एम्स में भर्ती कराया गया था. यूपी की डिप्टी सीएम और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दी श्रद्धांजलि

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्विटर पर लिखा, ''सीएम योगी जी के पिता श्री आनंद सिंह बिष्ट जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें. ॐ शांति ॐ.''



दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान हो- दिनेश शर्मा


यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, ''उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के पिताजी श्री आनंद सिंह बिष्ट जी के दुःखद निधन पर मेरी गहरी संवेदनाए. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें और शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दे.''


रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी दी श्रद्धांजलि

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वविटर पर लिखा, ''यूपी के सीएम योगी जी के पिता जी के देहांत का दुःखद समाचार मिला. ईश्वर उन्हें मोक्ष प्रदान करें, व परिवार को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति दें. मेरी संवेदनायें उनके साथ हैं. ॐ शांतिः''


पिता के निधन की सूचना के वक्त मीटिंग में थे सीएम योगी

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मुख्यमंत्री के पिता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कोरोना वायरस संकट पर अधिकारियों के साथ बैठक में थे, जब उन्हें पिता के निधन की सूचना मिली, लेकिन उन्होंने कोर टीम के अधिकारियों साथ बैठक जारी रखी और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने के बाद ही बैठक से उठे.


कोरोना के लिए संपादक जी का अनुरोध


Dm ने दिआ 24 घंटे का अल्टीमेटम


अधिकारिओ के साथ हुई बैठक


कोरोना वायरस के इलाज की नई उम्मीद ‘डिकॉय प्रोटीन’ रोक सकता है संक्रमण

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Decoy Proteins: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयासरत हैं। कई देशों में इससे लड़ने के लिए दवा और टीके को बनाने की दिशा में काम तेजी से चल रहा है। हालांकि अब कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ वैज्ञानिकों को एक नई जुगत नजर आ रही है। उनके अनुसार, लोगों को डिकॉय प्रोटीन (लुभाने/ फंसाने वाले प्रोटीन) का इंजेक्शन लगाकर इस वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ लिसेस्टर के शोधकर्ताओं ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।


वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड-19 रोग पैदा करने वाला वायरस शरीर में फेफड़ों और वायुमार्ग की कोशिकाओं की सतह पर रिसेप्टर (ग्राही) के द्वारा प्रवेश करता है, जिसे एसीई-2 रिसेप्टर कहते हैं। ये रक्त प्रवाह में प्रवेश द्वार उपलब्ध कराने के साथ संक्रमण को सुगम बनाते हैं। अब वैज्ञानिक चाहते हैं कि वायरस को लुभाने के लिए इसकी ‘नकल’ (फेक) इंजेक्ट की जाए ताकि वायरस फेफड़ों के ऊतकों तक आने के बजाय एक दवा से चिपक जाए।


भ्रमित करने पर आधारित


यूनिवर्सिटी ऑफ लिसेस्टर के शोधकर्ताओं ने ऐसा प्रोटीन विकसित करने की दिशा में काम शुरू किया है, जो न सिर्फ एसीई-2 का नकल हो बल्कि वायरस के लिए और भी ज्यादा आकर्षक हो। डेली मेल के अनुसार इसके पीछे सिद्धांत है कि यदि वायरस शरीर में प्रवेश करेगा तो एसीई-2 की नकल वायरस को भ्रमित कर देगी और यह उसे सोख लेगा, जिससे कोविड-19 के लक्षण विकसित होने की रोकथाम होगी। इस नजरिये को इस विकराल महामारी के खिलाफ उम्मीद की तरह देखा जा रहा है।



क्या है एसीई-2 रिसेप्टर


एसीई-2 रिसेप्टर पूरे शरीर की कोशिकाओं के सतह पर पाये जाते हैं लेकिन फेफड़ों और वायुमार्ग (एयरवेज) में पाये जाने वाले ये रिसेप्टर कोरोना वायरस के खास निशाने पर होते हैं। शरीर के अन्य हिस्सों में पाये जाने वाले ये रिसेप्टर एंजियोटेंसिन कन्वर्टिंग एंजाइम (एसीई) को कंट्रोल कर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के काम आते हैं। यह एंजाइम ह्रदय और रक्त प्रवाह से जुड़ा है। हालांकि फेफड़े के भीतर इसके कार्य को लेकर कोई विशिष्ट जानकारी नहीं है।


संक्रमण क्षमता रोकने की कोशिश


कुछ अन्य वैज्ञानिक यह भी कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस के लिए प्रभावी तौर पर रास्ता ही बंद करने को एसीई-2 से ही छुटकारा पा लिया जाए। लेकिन इसके खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ लिसेस्टर के प्रोफेसर निक ब्रिंडल कहते हैं, ‘हमारा लक्ष्य है कि वायरस को बांधने के लिए एक आकर्षक डिकॉय प्रोटीन बनाकर उसकी संक्रमण क्षमता को रोक दें और कोशिकाओं के सतह पर मौजूद रिसेप्टरों के कार्य को संरक्षित कर दें।’ दरअसल, होता यह है कि फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टरों तथा अन्य ऊतकों को ‘हाइजैक’ कर वायरस पूरे शरीर में फैल जाता है और रोग पैदा करता है। इसलिए यदि यह तरीका कामयाब रहा तो दुनिया भर में फैले इस घातक रोग के नए मामलों को रोकने की संभावना बनेगी।


शोध के सकारात्मक प्रारंभिक परिणाम


स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट तथा कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया (यूबीसी) के शोधकर्ताओं को इस अवधारणा के सकारात्मक प्रारंभिक परिणाम मिले हैं। टीम ने लैब में मानव कोशिकाओं में आनुवंशिक रूप से संवर्धित एसीई-2 का ‘घुलनशील’ रूप भी इस्तेमाल किया है, जिसे एचआरएस एसीई-2 कहा है। यह वायरस को फांस लेता है और एसीई-2 के मार्ग को बाधित कर देता है, जिससे प्रारंभिक चरण में वायरस का बढ़ना रुक जाता है। सेल जर्नल में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि एचआरएस एसीई-2 सार्स-कोविड वायरस-2 की वृद्धि रोक देता है, जो सेल कल्चर में 1,000 से 5,000 गुना तक कम हो सकता है।


कोरोना कैसे करता है शरीर में प्रवेश


वैज्ञानिक जर्नल सेल में मार्च में जर्मन शोधकर्ताओं के आलेख के मुताबिक, कोरोना वायरस मानव शरीर में प्रवेश के लिए रिसेप्टरों पर निर्भर होता है। वैज्ञानिकों ने 2002 के सार्स आउटब्रेक के दौरान भी पाया कि सार्स वायरस के भी मानव शरीर को भेदने में ये रिसेप्टर काफी अहम रहे। उल्लेखनीय है कि सार्स और कोरोना वायरस आपस में बहुत ही करीबी हैं। चूंकि यह बात सामने आई है कि एसीई-2 रिसेप्टर वायरस का एंट्री प्वाइंट है, इसलिए वैज्ञानिक इसे ही वायरस को रोकने के लिए हथियार बनाने के तरीके खोजने के लिए बेचैन हैं।


अलग नजरिये से भी


बढ़े कदम इस बीच, दो अमेरिकी कंपनियोंअलनायलम फार्मास्यूटिकल्स (मैसाचुसेट्स) तथा वीर बॉयोटेक्नोलॉजी (सैन फ्रांसिस्को) ने बहुत ही अलग दृष्टिकोण अपनाया है। ये कंपनियां वायरस को भ्रमित या विचलित करने के लिए ज्यादा एसीई-2 उपलब्ध कराने के बजाय यह कोशिश कर रही हैं कि शरीर में एसीई-2 की मात्रा ही कम कर दिया जाए। वे इस उम्मीद में हैं कि यदि एसीई-2 रिसेप्टर को शांत (साइलेंट) कर दिया जाए तो वायरस लक्षित कोशिकाओं को संक्रमित नहीं कर पाएगा, क्योंकि कोशिकाओं के करीब जाने में सक्षम ही नहीं होगा। लेकिन वैज्ञानिकों में इस पद्धति को लेकर मतभेद है, क्योंकि वे आश्वस्त नहीं हैं कि एसीई-2 रिसेप्टर को ब्लॉक करना ठीक रहेगा या नहीं। 


फंसाने की कोशिश


एंजाइम की कॉपी एचआरएस एसीई-2 वायरस को असली कोशिकाओं के बजाय खुद से चिपकने को आकर्षित करता है। यह कोशिकाओं को उसी क्षमता से संक्रमित करने से भ्रमित करता है, जिसके कारण फेफड़ों और अन्य अंगों में वायरस की वृद्धि कम हो जाती है।


एसीई-2 का स्तर ज्यादा तो खतरा अधिक


पहली नजर में एसीई-2 के स्तर को कम करना अच्छा लग सकता है, क्योंकि सिद्धांतत: इससे वायरस के संक्रमण का खतरा कम होगा। लेकिन यदि किसी व्यक्ति में आनुवंशिक तौर पर एसीई-2 का स्तर ज्यादा है तो वह संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होगा। स्विट्जरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल, बासेल के शोधकर्ताओं ने दावा किया कि जिन लोगों में एसीई-2 का उच्च स्तर होता है, (जैसे कि उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए दवा लेने वाले लोग) उन्हें वायरस संक्रमण का ज्यादा जोखिम होता है।


ड्रग टायल को मिली हरी झंडी


ऑस्ट्रिया की कंपनी एपैरॉन बायोलॉजिक्स को उसकी एक दवा एपीएन001 के ट्रायल की हरी झंडी मिली है। इस दवा में एचआरएस एसीई-2 एक सक्रिय पदार्थ है। फेज-2 ट्रायल का लक्ष्य चीन में कोविड-19 से गंभीर रूप से संक्रमित 200 रोगियों के इलाज का है और पहले रोगी का इलाज जल्द ही किए जाने की उम्मीद है।


 


उम्मीद पर टिकी निगाहें


कुछ अन्य वैज्ञानिक इस दावे को नकारते हुए कहते हैं कि लोगों को अपनी दवाएं लेना बंद नहीं करना चाहिए, क्योंकि उपरोक्त दावे का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। एसीई-2 का स्तर कम करने के अनपेक्षित नतीजे हो सकते हैं, खासकर जब स्वस्थ लोगों में वे दवाएं रक्तचाप नियंत्रित रखने में अहम हों। एसीई-2 - फेफड़े को वायरस जन्य नुकसान से प्रभावी संरक्षण भी देता है। इसलिए कोविड-19 जैसे फेफड़े के संक्रमण वाले रोग में एसीई-2 का स्तर घटाना समस्या पैदा कर सकता है।


इसका उदाहरण 2008 में चूहे पर किया गया एक अध्ययन है। एसीई-2 से ‘मुक्त’ चूहे में सार्स वायरस के संक्रमण से सांस की गंभीर समस्या पैदा हो गई। यहां यह उल्लेखनीय है कि सार्स और कोविड-19 एक जैसे ही हैं। फिलहाल दुनिया भर में कोविड-19 पर सैकड़ों शोध हो रहे हैं और उन्हीं से संभवत: कोई स्पष्ट तस्वीर उभरे। वैसे, यूनिवर्सिटी ऑफ लिसेस्टर के शोधकर्ता अगले 12 सप्ताह में अपने ट्रायल के परिणामों की उम्मीद कर रहे हैं।


आज से इन सेवाओं को मिली कामकाज की अनुमति, पढ़ें क्या रहेगा बंद


कोरोना से लड़ाई के लिए केंद्र सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। हालांकि यह लड़ाई और लंबी हो सकती है। सरकार के सामने देश को कोरोना संकट से निकालने की चुनौती है तो उसे आर्थिक मोर्चे पर भी जूझना पड़ रहा है। देश की आर्थिक गतिविधियों पर इसका असर दिखना भी शुरू हो चुका है।


ऐसे में सरकार आज से कुछ आवश्यक सेवाओं को अनुमति देने जा रही है। इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही कार्यस्थलों, हॉटस्पॉट बन चुके क्षेत्रों के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है। पेश है एक नजर उन सेवाओं पर जिन्हें लॉकडाउन 2.0 के दौरान छूट दी जाएगी।



मालवाहक सेवाएं को छूट



  • माल परिवहन ( आंतरिक और अंतरराज्यीय ) वायु, रेल, भूमि और समुद्री मार्गों द्वारा माल वाहक वाहनों में दो ड्राइवर और एक सहायक, वस्तुओं को लाने-ले जाने के लिए.


आवश्यक सेवाएं



  • आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला, जिसमें मैन्युफेक्चरिंग, होलसेल, रिटेल की दुकानें और गाड़ियां शामिल हाइवे पर ढाबे, ट्रक रिपेयर की दुकानें के साथ आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारियों और श्रमिकों की आवाजाही


आवाजाही की अनुमति



  • मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं में लगे वाहन और इसके लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए चौपहिया वाहन होने पर एक शख्स ड्राइवर के पीछे बैठने की अनुमति। दुपहिया वाहन की स्थिति में सिर्फ एक व्यक्ति को अनुमति


सार्वजनिक उपयोगिता में छूट



  • ऑनलाइन शैक्षिक सेवाएं जिसमें शिक्षण, प्रशिक्षण और कोचिंग शामिल

  • मनरेगा कार्यों में कृषि और जल संरक्षण को प्राथमिकता, श्रमिकों को फेस मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करना होगा

  • ऊर्जा, डाक सेवाएं, पानी, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन के साथ टेलिकॉम और इंटरनेट सेवाएं


 


जारी रहेंगी स्वास्थ्य सेवाएं



  • अस्पताल, नर्सिंग होम, टेलिमेडिसिन सुविधाएं, डिस्पेंसरी

  • मेडिकल रिसर्च, कोविड-19 संबंधी लैब और संग्रह केंद्र, अधिकृत निजी संस्थान

  • सभी चिकित्साकर्मियों की आवाजाही, वैज्ञानिक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टॉफ, लैब टेक्निशियन

  • विनिर्माण इकाइयां, चिकित्सा उपकरण, स्वास्थ्य आधारित संरचना का निर्माण पशु चिकित्सालय, डिस्पेंसरी, क्लिनिक, दवा और टीके की बिक्री और आपूर्ति


वित्तीय क्षेत्र में कामकाज



  • आरबीआइ और आरबीआइ विनियमित वित्तीय बाजार और संबद्ध सेवाएं, बैंक, एटीएम, बैंकिंग गतिविधियों के लिए आइटी से जुड़े लोग

  • सेबी, पूंजी और ऋण बाजार सेवाएं, इरडा और इंश्योरेंस कंपनियां सामाजिक क्षेत्र में छूट

  • बच्चों, दिव्यांगों, बुजुर्गों के लिए घर, जिनमें देखभाल गृह भी शामिल

  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन और ईपीएफओ द्वारा पीएफ की अदायगी, आंगनवाड़ी की गतिविधियां


व्यावसायिक गतिविधियां होंगी शुरू



  • प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आइटी सेवाएं अधिकतम 50 फीसद क्षमता के साथ

  • सरकारी गतिविधियों के लिए डाटा और कॉल सेंटर, पंचायत स्तर पर सीएससी

  • ई-कॉमर्स कंपनियां (जरूरी सामान), कोरियर सेवा, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस

  • क्वारंटाइन सुविधा के लिए स्थापना, स्व-नियोजित सेवाएं जैसे प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन आदि निजी सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन सेवाएं, होटल्स आदि


ऐसे काम करेंगे औद्योगिक प्रतिष्ठान


 



  • ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग, सेज और निर्यात आधारित इकाइयां, औद्योगिक संपदा

  • आवश्यक वस्तुओं के लिए विनिर्माण इकाइयां, आइटी हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, जूट उद्योग

  • कोयला और खनन उत्पादन के साथ तेल और गैस रिफाइनरी, ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट भट्टे

  • निर्माण गतिविधियां जिनमें सड़क व सिंचाई परियोजनाएं, अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं, नगरपालिकाओं में निर्माण परियोजनाएं


कृषि कार्यों को अनुमति



  • खेतों में कृषि कार्यों की अनुमति, एजेंसियों को कृषि उत्पादों की खरीद की अनुमति

  • चाय, रबर और कॉफी का पौधरोपण अधिकतम 50 फीसद श्रमिकों के साथ

  • पशुपालन सहित दुग्ध उत्पादों का वितरण और बिक्री, पशुओं के लिए आश्रय गृह आदि

  • मशीन की दुकानों के साथ ही बीज और उर्वरक संबंधी सेवाएं


सार्वजनिक स्थलों के लिए निर्देश



  • मास्क पहनें और शारीरिक दूरी की आदत डालें।

  • शादी और अंत्येष्टि के लिए डीएम को अधिकार

  • सार्वजनिक स्थल पर 5 लोगों से ज्यादा का जमावड़ा प्रतिबंधित

  • शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री प्रतिबंधित

  • सार्वजनिक स्थल पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय


हॉटस्पॉट के लिए गाइडलाइन


 



  • कोविड-19 हॉटस्पॉट्स या क्लस्टर को स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक नियंत्रित किया जाएगा।

  • हॉटस्पॉट के नियंत्रण क्षेत्रों का सीमांकन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों या जिला प्रबंधन द्वारा किया जाएगा।

  • इन नियंत्रण वाले क्षेत्रों में 20 अप्रैल के बाद भी छूट मान्य नहीं होगी।

  • औद्योगिक व व्यावसायिक गतिविधियां, मेहमाननवाजी से जुड़ी सेवाएं, शैक्षिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान आदि।

  • सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, बार, पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, सभा भवन आदि।

  • सभी सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेल कॉम्पलेक्स, धार्मिक स्थल और अन्य भीड़ भरे कार्यक्रम।


क्या रहेगा बंद


 



  • घरेलू व अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात बंद रहेगा। सुरक्षा और चिकित्सा कारणों को छोड़कर यात्री ट्रेन, बस, मेट्रो, टैक्सी, अंतरराज्यीय परिवहन बंद रहेंगे।

  • आवश्यक सेवाओं को छोड़कर इस क्षेत्र की परिधि में सख्ती से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कोई बिना जांच के आवाजाही न हो।


कार्यस्थलों के लिए निर्देश



  • शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करें। तापमान जांचने और सैनिटाइजर की व्यवस्था हो।

  • दो शिफ्ट के मध्य एक घंटे का अंतर हो। आरोग्य सेतु एप के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करें।

  • 65 साल से अधिक के व्यक्ति व 5 साल से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित करें।

  • दो शिफ्ट के मध्य सभी संस्थान अपने कार्यस्थल को सैनिटाइज करें। बड़ी मीटिंग को रोकें।


क्या रहेगा बंद



  • घरेलू व अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात बंद रहेगा। सुरक्षा और चिकित्सा कारणों को छोड़कर यात्री ट्रेन, बस, मेट्रो, टैक्सी, अंतरराज्यीय परिवहन बंद रहेंगे।

  • औद्योगिक व व्यावसायिक गतिविधियां, मेहमाननवाजी से जुड़ी सेवाएं, शैक्षिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान आदि।

  • सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, बार, पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, सभा भवन आदि।

  • सभी सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेल कॉम्पलेक्स, धार्मिक स्थल और अन्य भीड़ भरे कार्यक्रम।


 


 


AIIMS में भर्ती CM योगी के पिता, एयर एंबुलेंस के जरिये उत्तराखंड ले जाने की तैयारी


नई दिल्ली
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht) को अब उनके पैतृक गांव पंचूर (उत्तराखंड) ले लाया जा रहा है। इसकी तैयारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि सोमवार को ही उन्हें उत्तराखंड ले जाया जाएगा। 


किडनी की बीमारी के चलते चल रहा है डायलिसिस


एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, फिलहाल उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया है और डायलिसिस भी चल रहा है। बता दें कि किडनी जब बेहद कम करने की स्थिति में होती है तो सपोर्ट के लिए डायलिसिस किया जाता है। 


एयर एंबुलेंस से लाए गए थे दिल्ली


मिली जानकारी के मुताबिक, 89 वर्षीय आनंद सिंह बिष्ट की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें उत्तराखंड में पौड़ी जिले के यमकेश्वर के ग्राम पंचूर से एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली के एम्स में लाया गया था। पिछले एक महीने से  एम्स के एबी वॉर्ड में भर्ती योगी के पिता का इलाज गेस्ट्रो विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा की टीम के नेतृत्व में किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि रविवार को उनकी अचानक तबीयत फिर से खराब हो गई। इसके बाद से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। इससे पहली तबीयत खराब होने पर उन्होंने पौढ़ी जिला स्थित जॉलीग्रांट के हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार नहीं होने के बाद एयर ऐंबुलेंस के जरिये दिल्ली ले लाया गया।


 


गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट बतौर फॉरेस्ट रेंजर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। सेवानिवृित्त के बाद से वह अपने पैतृक गांव में रह रहे हैं। 


पुलिस इंस्पेक्टर ने अपने दो बेटों को गोली मारी, एक की मौत, दोनों पुत्रबधुएं भी गंभीर, पीजीआइ रेफर


यहां पुलिस लाइन में तैनात एक इंस्पेक्टर नेे अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से अपने दो बेटों को गोली मार दी। इस दौरान एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना देर रात की है। घटना को अंजाम देने के बाद इंस्पेक्टर सतवीर मौके से फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल दूसरे बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया गया। इस दौरान बीचबचाव के लिए आई दोनों पुत्रबधुएं भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें भी पीजीआइ रेफर किया गया है। मृत बेटे के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


बताया जा रहा है कि गत देर रात लगभग 12 बजे इंस्पेक्टर का किसी बात को लेकर बेटों से विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि इंस्पेक्टर ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर निकाल दी और फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। इसी दौरान दोनों पुत्र बधुएं भी पहुंच गई। वह बीचबचाव करने लगी। बीचबचाव के दौरान वह छत से कूद गई, जिससे वह भी गंभीर रूप से घायल हो गई। 


घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित इंस्पेक्टर मौके सेे फरार हो गया। वहीं, एक पुत्र व दोनों पुत्रवधुओं को गंभीर हालत में रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है। आरोपित पुलिस क्वाटर में रहता था। उसने अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारी। थाना सिविल लाइन के प्रह्लाद सिंह ने इसकी पुष्टि की है। कहा कि घायलोंं के बयान लेने के लिए वह रोहतक पीजीआइ जा रहे हैं। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि इंस्पेक्टर ने ऐसा कदम क्यों उठाया। प्रथम दृष्टया घरेलू कलह का मामला माना जा रहा है। 


Zoom App Unsafe प्लेटफॉर्म है, Use करते हुए इन बातों का रखें ख्याल

Coronavirus के संक्रमण को देखते हुए कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दे रही है. वहीं कंपनी के अधिकारी अपने सहयोगियों के साथ meeting video app Zoom के जरिए कर रहे हैं. इस video calling/conferencing app की खासियत यह है कि एक साथ कई लोग video call पर जुड़ सकते हैं. अब Zoom App को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस एप के जरिए आपकी privacy का हनन हो सकता है.


https://youtu.be/DfDVdgcdu94


1,553 नए केस के साथ देश में 17 हजार के पार पहुंचे संक्रमित मरीज

नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अब इस महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या 17 हजार के पार पहुंच गई है. मंत्रालय के मुताबिक, अबतक 17 हजार 265 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, 543 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 2547 लोग ठीक भी हुए हैं. लेकिन इसमें सबसे दुखद बात ये है कि बीते 24 घंटे में करोना के मरीजों की तादाद में सबसे बड़ा इजाफा देखा गया. रविवार को सबसे अधिक 1,553 नए मामले सामने आए.




किस राज्य में कितनी मौतें हुईं
?


 


स्वास्थय मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में 223, मध्य प्रदेश में 70, गुजरात में 63, दिल्ली में 45, तमिलनाडु में 15, तेलंगाना में 18, आंध्र प्रदेश में 15, कर्नाटक में 16, उत्तर प्रदेश में 17, पंजाब में 16, पश्चिम बंगाल में 12, राजस्थान में 14, जम्मू-कश्मीर में 5, हरियाणा में 3, केरल में 3, झारखंड में 2, बिहार में 2, असम, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में एक-एक मौत हुई है.


कोरोना प्रकोप के बीच लॉकडाउन में छूट


 


बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच आज से केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन्स के तहत देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन में रियायतें मिलेंगी. राज्य सरकार अपने-अपने इलाकों में जरूरत के हिसाब से निर्णय ले सकेंगी. हालांकि हॉटस्पॉट इलाकों में यह गाइडलाइन प्रभावी नहीं होंगी. उत्तर प्रदेश के 56 जिलों में भी आज से छूट मिलेगी. वहीं देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में लॉकडाउन में रियायतें नहीं मिलेंगी. दोनों ही शहरों में लगातार कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं.


गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

SBI ग्राहकों के लिए अच्छी खबर: सभी ATM लेनदेन 30 जून तक मुफ्त, नहीं लगेगा कोई चार्ज


नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा है कि वह SBI के एटीएम से किए गए लेनदेन पर सर्विस चार्ज माफ करेगा। SBI के ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम पर भी 30 जून तक इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। बैंक ने 15 अप्रैल 2020 को अपनी वेबसाइट पर इसके लेकर एक आधिकारिक घोषणा की है।


वेबसाइट पर की गई पोस्ट के मुताबिक, 24 मार्च को वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा को देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक ने एसबीआई के एटीएम और अन्य बैंक में किए गए सभी एटीएम लेनदेन के लिए एटीएम शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है। अगर आपने मुफ्त लेनदेन की संख्या से ज्यादा लेनदेन कर लिया तब भी आपको 30 जून तक यह सुविधा मिलेगी।


गौरतलब है कि 24 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि बैंक के ग्राहक द्वारा किसी भी अन्य बैंक के एटीएम से तीन महीने तक यानी 30 जून तक नकद निकासी पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। डेबिट कार्डधारक किसी भी अन्य बैंकों से मुफ्त में नकदी निकाल सकते हैं। वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए यह फैसला लिया था


SBI ने 15 अप्रैल से बचत जमा खाते पर ब्याज दर घटा दिया है। बचत खाते में जमा पर 2।75% की दर से ब्याज मिलेगा। SBI बचत जमा पर 0।25 फीसद की कटौती की गई है। अब तक बैंक बचत जमा पर 3% की दर से ब्याज दे रहा था।


इसके अलावा स्टेट बैंक ने सभी अवधि के लोन पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में भी 0.35 फीसद की कटौती का ऐलान किया है। 


देश की 6 मेट्रो सिटी 'रेड जोन' में, सभी बड़े शहरों में भी खतरा सबसे ज्‍यादा


 


 


नई दिल्‍ली,भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। अब कोरोना के मरीजों की संख्‍या के आधार पर क्षेत्रों और शहरों को जोन(रेड, आरेंज और ग्रीन) में बांटा गया है। चिंता की बात यह है कि रेड जोन में देश के 170 जिलों को शामिल किया गया है, जिनमें सभी छह महानगर (मेट्रो सिटीज) और बड़े शहर शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 123 जिलों को बड़े केंद्रों के रूप में नोटिस किया है। इनमें दिल्‍ली के 9 जिले शामिल हैं। वहीं, कोलकाता, जयपुर, हैदराबाद, चेन्‍नई, आगरा, बेंगलुरु और मुंबई हॉटस्‍पॉट की सूची में भी शामिल हैं, जहां खतरा बेहद ज्‍यादा है। ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर देशवासियों पर खतरा कम नहीं हुआ है।


बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बिहार का सीवान, दिल्ली के दक्षिणी, दक्षिणी पूर्वी, शाहदरा, पश्चिमी उत्तरी और मध्य दिल्ली, उत्तरप्रदेश के आगरा, नोएडा, मेरठ, लखनऊ गाजियाबाद, शामली, फिरोजाबाद, मोरादाबाद और सहारनपुर रेड जोन में कोरोना आउटब्रेक वाले जिलों में शामिल है। जबकि बिहार का मुंगेर, बेगुसराय और गया, दिल्ली का उत्तरी-पश्चिमी, उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर और उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर, सीतापुर, बस्ती और बागपत रेड जोन के कलस्टर वाले जिलों में है। जहां रेड जोन वाले इलाके में घर-घर सर्वे कर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती है और पूरे इलाके को पूरी तरह सील कर किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाती है। लेकिन बफर जोन में आर्थिक गतिविधियों पर रोक साथ जरूरी सेवाओं को चालू रखने की इजाजत दी जाती है। बफर जोन में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार वाले मरीजों पर विशेष ध्यान रखा जाता है और उनका कोरोना टेस्ट किया जाता है।


भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 12 के पार


देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 12,380 हो गई है। इसमें 10,477 सक्रिय मामले और वहीं, 1489 ऐसे केस हैं, जिनमें संक्रमित व्‍यक्ति पूरी तरह से ठीक होकर अस्‍पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से देशभर में 414 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली और तमिलनाडु ऐसे राज्‍य हैं, जहां तेजी से कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।


टॉप पर महाराष्‍ट्र


देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के सबसे ज्‍यादा मामले महाराष्‍ट्र से सामने आ रहे हैं। यहां संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2916 पहुंच गया है, वहीं 187 लोगों की मौत हो चुकी है। हांलाकि, 295 लोग इस जानलेवा संक्रमण से ठीक भी हो चुके हैं। तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कई हॉटस्‍पॉट क्षेत्रों में पाबंदियां बढ़ा दी हैं। इस बीच देश में भी लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है। ऐसे में आने वाले दिनों में हालात सामान्‍य होने की उम्‍मीद है।


बीमार पिता को गोद में लेकर 1 किलोमीटर दौड़ा बेटा, पुलिसवालों ने नहीं छोड़ा था कोई विकल्‍प


कोल्‍लम,। केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने एक घटना के सिलसिले में 'सू मोटो केस' दर्ज किया है, जहां एक व्यक्ति को अपने 65 वर्षीय बीमार पिता को पैदल ले जाने के लिए मजबूर किया गया। यह शख्‍य अपने बीमार पिता को ऑटोरिक्शा में ले जा रहा था, लेकिन पुलिस ने लॉकडाउन का हवाला देते हुए इन्‍हें रोक लिया। ऐसे में बीमार पिता को गोद में उठाकर शख्‍स को ले जाना पड़ा। पुलिस की इस हरकत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। देशभर में लॉकडाउन के दौरान कई ऐसे दृश्‍य देखने को भी मिल रहे हैं, जिनसे आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं।


दरअसल, कुलथुपुझा के मूल निवासी 65 वर्षीय बीमार व्यक्ति को पुनालुर तालुक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उसे अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई। ऐसे में बेटे द्वारा एक ऑटोरिक्शा में उन्‍हें घर वापस ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्‍ते में पुलिसवाले बैरिकेडिंग करके बैठे हुए थे, जिन्होंने ऑटोरिक्‍शा को रोक लिया। बीमार शख्‍स के बेटे ने पुलिसवालों को अस्‍पताल के दस्‍तावेज भी दिखाए और गुजारिश की कि उन्‍हें ऑटोरिक्‍शा में जाने दिया जाए। लेकिन पुलिसवाले नहीं माने और कहा कि लॉकडाउन के कारण ऑटोरिक्‍शा आगे नहीं जा सकता है।


ऐसे में बेटे के पास कोई विकल्‍प नहीं था। इसलिए वह बीमार पिता को गोद में उठाकर पैदल ही घर की ओर निकल पड़ा। लगभग एक किलोमीटर तक बेटे को बीमार पिता को गोद में लेकर ही जाना पड़ा। इस दौरान कई लोगों ने इस शख्‍स की वीडियो बना ली और सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। यह वीडियो जब राज्‍य के मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में आई, तो उन्‍होंने मामला दर्ज कर पुलिस से जवाब मांगा है।


 


बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार तक केरल में कोविड-19 के 387 मामलों की पुष्टि की गई, जिनमें 211 मरीज ठीक और छुट्टी दे चुके हैं। देशव्यापी लॉकडाउन, जो मूल रूप से 14 अप्रैल तक निर्धारित किया गया था, अब देश भर में कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए 3 मई तक बढ़ा दिया गया है।


लॉकडाउन में आयोजित की बर्थडे पार्टी, दर्ज हुआ मुकदमा Gorakhpur News


गोरखपुर, बेतियाहाता स्थित सर्राफा रेजीडेंसी परिसर में लॉकडाउन का उल्लंघन कर बर्थडे पार्टी मनाने पर कैंट पुलिस ने आयोजक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बुधवार रात बर्थडे पार्टी का वीडियो वायरल होने पर पुलिस को इसका पता चला। देर रात ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के साथ कैंट पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के मुताबिक मैदा कारोबारी अरुण अग्रवाल, सर्राफा रेजीडेंसी के फ्लैट संख्या 608 में परिवार के साथ रहते हैं।


बुधवार को उनके बेटे का जन्मदिन था। इस मौके पर उन्होंने पार्टी का आयोजन किया था। दिलचस्प बात यह कि अपार्टमेंट परिसर में ही पार्टी का आयोजन किया गया लेकिन सोसाइटी के अध्यक्ष ने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। वायरल हो रहा वीडियो दिखाने पर उन्होंने पुराना वीडियो होने का दावा किया।


अपार्टमेंट में रहने वाले लागों से पुलिस ने पूछताछ करने की काफी कोशिश की लेकिन कोई घर से बाहर नहीं निकला। रात होने की वजह से पुलिस टीम खुद किसी के घर में दाखिल नहीं हुई। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के निर्देश पर इस मामले में आयोजक व अन्य कई अज्ञात के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और महामारी अधिनियम के तहत कैंट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।


कैंट इंस्पेक्टर रवि राय ने बताया कि अपार्टमेंट की सोसाइटी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। छानबीन की जा रही है। दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


मास्क न लगाने पर महराजगंज में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। जबकि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में बस्ती में 13 और कुशीनगर में पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं। बस्ती में 39 अन्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है। इसके अलावा संतकबीर नगर में भी लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में सात के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।


 


दौरे पर थे डीआइजी


डीआइजी गोरखपुर रेंज राजेश मोदक बुधवार को महराजगंज दौरे पर थे। रास्ते में उनकी नजर श्यामदेउरवा थानाक्षेत्र के छपिया स्थित बड़ौदा यूपी बैंक पर पड़ी। भीड़ देखकर डीआइजी रुक गए। फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का पालन नहीं होता देख उन्होंने नाराजगी जताई। इसके अलावा वहां बिना मास्क लगाए छह युवक मौजूद मिले। उन सभी को उन्होंने हिरासत में लेने का निर्देश दिया।


Delhi Coronavirus News Update: कोरोना पॉजिटिव मिला Pizza Delivery Boy, 72 परिवार होम क्वारंटाइन


नई दिल्ली, Delhi Coronavirus News Update : दिल्ली में बुधवार को मात्र 17 कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए थे, जिससे दिल्ली सरकार के साथ-साथ करोड़ों लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब एक पिज्जा डिलिवरी ब्वॉय कोरोना पॉजिटिव पाया है। इसके बाद जहां उसे इलाज के लिए अस्पताल में  भर्ती कराया गया है तो वहीं दक्षिण दिल्ली के हौज खास और मालवीय नगर के 72 परिवारों को होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया है, जहां पर इस डिलिवरी ब्वॉय ने पिज्जा दिया था। इसके अलावा, पूछताछ के आधार यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह डिलिवरी ब्वॉय अन्य कितने लोगों के संपर्क आया, ताकि समय रहते ऐसे लोगों को चिह्नित कर उचित कदम उठाए जा सकें। 


यह डिलिवरी ब्वॉय नामी पिज्जा कंपनी से जुड़ा हुआ है। पूछताछ में डिलिवरी ब्वॉय ने बताया है कि कुल 72 लोगों को पिज्जा पहुंचाया है, ऐसे में सभी परिवार को बुधवार को ही होम क्वारंटाइन के लिए कह दिया गया है। 


उधर, दक्षिण दिल्ली जिला के जिलाधिकारी बीएम मिश्रा (BM Mishra, District Magistrate of South Delhi) बुधवार को ही जानकारी दे दी थी कि कोरोना वायरस की चपेट में आया डिलिवरी ब्वॉय नामी पिज्जा कंपनी की चेन से जुड़ा हुआ है। उसका टेस्ट मंगलवार को करवाया गया था, जो कोरोना पॉजिटिव आया है।


अब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी बयान दिया है कि एक पिज्ज़ा डिलिवरी बॉय कोरोना से संक्रमित पाया गया, उसके लिंक में जितने भी लोग थे उनमें से 17 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा गया है और 72 लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा गया है।


 


मार्च के अंतिम सप्ताह में की थी पिज्जा डिलिवरी


मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना पॉजिटिव पाया गया डिलिवरी ब्वॉय ने मार्च के अंतिम सप्ताह तक डिलिवरी की थी। इस दौरान वह एक ऐसे अस्पताल में भी गया था, जहां पर किडनी मरीजों की डायलिसिस होती है। ऐसे में माना जा रहा है कि डिलिवरी ब्वॉय यहीं पर संक्रमित हुआ होगा। बता दें कि लोगों को राहत देने के लिए लॉकडाउन के दौरान भी भोजन की होम डिलिवरी की छूट मिली हुई है।


बुधवार, 15 अप्रैल 2020

लॉकडाउन में क्या रहेगा खुला और क्या रहेगा बंद, पूरी लिस्ट यहां

नई दिल्ली: सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. लॉकडाउन के दौरान सभी तरह के सार्वजनिक यातायात और सार्वजनिक स्थानों को खोलने पर तीन मई तक रोक लगायी है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयों में 20 अप्रैल से काम शुरू करने की अनुमति दी जाएगी.


 


ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करने पर ही काम करने की अनुमति दी जाएगी. गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना एक दंडनीय अपराध बनाया गया है और शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है. बता दें कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी बंद की अवधि बढ़ाकर तीन मई तक कर दी है.



क्या खुला रहेगा?
-आईटी कंपनिया 50 फीसदी कर्माचारियों के साथ काम कर सकती हैं.
-ई-कॉमर्स कंपनियों को भी काम करने की अनुमति होगी.
-कुरियर सेवाओं को काम करने की अनुमति होगी.
-लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए होटल और लॉज खुले रहेंगे.
-इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, बढ़ई द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को 20 अप्रैल से अनुमति दी जाएगी.
-मोटर मैकेनिक और कार पेंटर को भी काम करने की इजाजत होगी.
-SEZ में उघोगों को इजाजत दी जाएगी.
-गावों में सड़क और बिल्डिंग्स बनाने की इजाजत होगी.
-फल, सब्जियों की दुकानें/ठेले, दूध के बूथ, अंडे, मांस और मछली की दुकान खुली रहेंगी.


 


जानें क्या बंद रहेगा?
-पूरे देश में रेल, सड़क और हवाई यातायात पर रोक.
-स्कूल-कॉलेज, फैक्ट्रियां, रेस्त्रां और होटल भी बंद रहेंगे.
-सिनेमा हॉल, मॉल्स और शॉपिंग कॉम्पलेक्स भी बंद रहेंगे.
-दफ्तर और सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को ढकना अनिवार्य होगा.
-राजनीतिक सभाएं, धार्मिक आयोजन भी तीन मई तक नहीं होंगे.
-देश में सभी पूजा स्थल तीन मई तक बंद रहेंगे.
-सड़कों पर थूकने पर जुर्माना और लॉकडाउन के उल्लंघन पर कार्रवाई होगी.
- हॉटस्पॉट क्षेत्रों में केवल जरूरी सामान ही उपलब्ध कराएं जाएंगे.


यमुना किनारे जमा थे सैकड़ों लोग, CM के आदेश के बाद भेजा गया शेल्टर होम


नई दिल्‍ली, 
कोरोना वायरस ने देश दुनिया में तबाही मचा रखी है। कोरोना के कारण दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन है। भारत में भी इस गंभीर बीमारी के कारण दो बार लॉकडाउन किया गया है। पहले लॉकडाउन को पूरा करने के बाद 15 अप्रैल से दूसरी बार इसे सरकार द्वारा लागू कर कोरोना के संक्रमण की चेन को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे समय में लोग अपने घरों में कैद हैं वहीं कुछ लोगों की तस्‍वीर आई है जो बेघर हैं और यमुना के पुल के नीचे फिलहाल दिन काट रहे हैं।



इधर, दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना घाट पर मजदूर इकट्ठा हुए हैं। उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है। उन्हें तुरंत शिफ़्ट करने के आदेश दे दिए हैं।


इधर एएनआइ से सूचना मिली है कि कुछ प्रवासी कामगार जो कश्‍मीरी घाट पर जमा हैं उन्‍हें फल और अन्‍य खाने का सामान देकर शेल्‍टर होम्‍स में शिफ्ट किया जा रहा है। यह लोगों को लॉकडाउन के दौरान शारीरिक दूरी का ख्‍याल रखने के लिए सुरक्षित जगह पर भेजा जा रहा है


बता दें कि दिल्‍ली के कई सरकार स्‍कूलों में शेल्‍टर होम्‍स चल रहे हैं, जहां लोगों को रहने के साथ खाने की व्‍यवस्‍था कर दी है।


मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

जानें दुनिया के उन पांच देशों के बारे में जहां कोरोना से हो चुकी हैं सबसे अधिक मौतें

नई दिल्‍ली। कोरोना से पूरी दुनिया में अब तक 119718 मरीजों की मौत हो चुकी है। अकेले यूरोप में ही इसका आंकड़ा 80000 के करीब पहुंच गया है। कोरोना से मौतों के मामले में सबसे आगे अमेरिका है जहां 23644 जानें इसकी वजह से अब तक जा चुकी हैं। दूसरे नंबर पर इटली है जहां 20465 मरीजों की मौत हो चुकी है। तीसरे नंबर पर स्‍पेन है जहां 17756 मरीजों की मौत कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद हुई है। चौथे नंबर पर फ्रांस है जहां अब तक 14967 लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। पांचवें नंबर पर इस लिस्‍ट में ब्रिटेन है जहां अब तक 11329 लोगों की मौत इस जानलेवा वायरस की वजह से हो चुकी है। ब्रिटेन की ही बात करें तो यहां बीते 24 घंटों में 717 लोगों की मौत हुई है।


कोरोना से हुई मौतों के मामले में अकेले यूरोप में ही चार देश शामिल हैं जहां अब तक 11 हजार से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आने के बाद अपनी जान गंवा चुके हैं। अकेले ब्रिटेन में ही इसके 88621 मरीज अब तक सामने आ चुके हैं। वहीं चीन जहां से ये वायरस शुरू हुआ था मौतों और मरीजों की संख्‍या के मामले में बहुत पीछे है। ब्रिटेन में कल कोरोना से संक्रमण के 4,342 नए मामले सामने आए थे। आपको बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी कोरोना संक्रमित हैं। पिछले दिनों उन्‍हें सांस लेने में तकलीफ के बाद आईसीयू में रखा गया था। करीब दो दिन बाद उन्‍हें आईसीयू से बाहर निकाला गया जिसके बाद उन्‍हें सोमवार को अस्‍पताल से छुट्टी भी दे दी गई।


आपको यहां पर यूरोप के उन देशों की भी जानकारी दे देते हैं जो इस वायरस से बुरी तरह से प्रभावित हैं। इस लिस्‍ट में पहले नंबर पर स्‍पेन है जहां पर अब तक 170099 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दूसरे नंबर पर इटली है जहां 159516 मामले सामने आए हैं। तीसरे नंबर पर फ्रांस है जहां कोरोना के 136779 मामले सामने आ चुके हैं। चौथे नंबर पर शामिल जर्मनी में 130072 मामले अब तक सामने आए हैं। इसके अलावा ब्रिटेन इस लिस्‍ट में पांचवें नंबर पर है। इसके बाद तुर्की में 61049 मामले, बेल्जियम में 30589 मामले, नीदरलैंड में 26551 मामले स्‍विटजरलैंड में 25688 मामले, रूस में 18328 मामले, पुर्तगाल में 16934 मामले आस्ट्रिया में 14041 मामले स्‍वीडन में 10948 मामले आयरलैंड में 10647 मामले अब तक सामने आए हैं।



COVID-19: आर्मी भर्ती परीक्षा स्थगित, उम्मीदवार जानें अब कब होगा एग्जाम

COVID-19: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से सेना भर्ती परीक्षा स्थगित कर दी गई है। यह परीक्षा 26 अप्रैल को लखनऊ के एएमसीए सेंटर के लखनऊ के ग्राउंड में आयोजित होनी थी। लेकिन अब यह परीक्षा 31 मई को आयोजित की जाएगी। यह भर्ती 13 जिलों के लिए की जानी है। बता दें कि 2 से 20 फरवरी के बीच फतेहपुर में सेना भर्ती रैली का आयोजन किया गया था। इस संबंध में आर्मी ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है।


इसके मुताबिक देश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल यह परीक्षा टाल दी गई है। अब यह परीक्षा 31 मई को होनी है। इसके अलावा अन्य तमाम भर्ती परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी है। वहीं तमाम बोर्ड परीक्षाएं भी टाली जा चुकी हैं। इनमें सीबीएसई,आईसीएससी और यूपी बोर्ड परीक्षाएं भी टाली जा चुकी हैं। इसके अलावा संक्रमण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए देश के अधिकतर राज्य सरकारों ने पहली कक्षा से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को बिना फाइनल परीक्षा के पास कर दिया जाएगा। 


इसके अलावा सरकारों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं। इसके तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी, अशोक यूनिवर्सिटी समेत कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेस शुरू की जा चुकी हैं। हालांकि ऑनलाइन कक्षाओं में इंटरनेक्ट कनेक्टविटी एक चुनौती बनकर सामने आ रही है। लेकिन फिर भी कोशिश की जा रही हैं कि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो।  


बता दें कि देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। फिलहाल देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 10,000 पार हो गई है और 324 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं दुनिया भर में मरने वालों लोगों की संख्या हजारों में हो चुकी है। इसके अलावा दुनिया भर में सबसे ज्यादा कहर कोरोना वायरस इस वक्त अमेरिका में बरपा रहा है। 



गाजियाबाद में 2450 जगहों पर होलिका दहन: सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस अलर्ट पर

  गाजियाबाद वसुंधरा सेक्टर 2b में होलिका दहन की तैयारी की तस्वीर  गाजियाबाद में होली पूजन और होलिका दहन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए ...