गाज़िआबाद की सभी खबरे,ग़ज़िआबाद मैं बढ़ता अपराध ,अपराध के खिलाफ आवाज़ ,सच लिखने वाला चैनल ,ग़ज़िआबाद की सभी खबरे,पुलिस प्रशासन से जुडी सभी खबरे,Ghaziabad news,up police,Ghaziabad police ,ghaziabad News 📰

गुरुवार, 9 जनवरी 2020

निलंबित हुए नोएडा के SSP वैभव कृष्ण



  • नोएडा के SSP वैभव कृष्ण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

  • आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन

  • कई IPS अफसरों पर लगाए थे गंभीर आरोप


उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस वैभव कृष्ण को किरकिरी होने के बाद आखिरकार योगी सरकार ने निलंबित कर दिया. साथ ही उन अधिकारियों के भी तबादले कर दिए गए, जिन पर वैभव कृष्ण ने कुछ दिन पहले गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद यूपी के कुछ आईपीएस अफसर दो खेमों में बंटते नजर आए. यह मामला वैभव कृष्ण का एक अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद सुर्खियों में आया था.


वैभव कृष्ण जब जिला गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा के एसएसपी बनाए गए थे, तभी से उन्होंने कथित तौर पर कुछ भ्रष्ट नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ अभियान शुरू किया था. विवाद तब खड़ा हुआ, जब कुछ पत्रकारों के भ्रष्टाचार और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाकर नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया.


गिरफ्तारी के तरीके से नोएडा पुलिस पर उठे सवाल


गिरफ्तारी का जो तरीका अपनाया गया था, उसे लेकर नोएडा पुलिस सवालों के घेरे में आ गई थी. उस प्रकरण के चलते सियासी गलियारों में भी आलोचना का दौर शुरू हुआ. मामला अभी तक ठंडा भी नहीं हुआ था कि बीते साल के आखरी माह में अचानक सोशल मीडिया में नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण का एक अश्लील वीडियो वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद जब पुलिस के संज्ञान में पहुंचा तो महकमे में हड़कंप मच गया.


जब तक पुलिस मामले को संभाल पाती, तब वीडियो लखनऊ तक जा पहुंचा. नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण इस मामले में घिर गए. खुद घिरता देख वो सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आ गए. वैभव ने उनका अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा पर ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाने और षडयंत्र के तहत उनकी मॉर्फ वीडियो बनाने के आरोप लगाए


एसएसपी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दी थी. उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया पर मेरा ‘मॉर्फ्ड वीडियो' पोस्ट किया गया है. इस वीडियो में उनकी तस्वीर के साथ एक महिला की आपत्तिजनक आवाज थी. एसएसपी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को फर्जी और साजिश का हिस्सा बताया था.


वैभव कृष्ण ने क्या कहा था?


तब वैभव कृष्ण ने कहा, 'मैंने बीते एक साल में संगठित अपराध और रंगदारी मांगने वाले रैकेट्स के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है, जिसके चलते अब वो लोग मेरा नाम खराब करने के लिए साजिश रचकर ऐसा कर रहे हैं. मैंने खुद भी वायरल वीडियो को देखा है. आपराधिक तत्वों ने मेरी छवि खराब करने के लिए जान बूझकर ऐसी साजिश रची है.'


फिर वैभव कृष्ण ने ‘फर्जी वीडियो' सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में थाना सेक्टर 20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. मामला प्रकाश में आने के बाद यूपी पुलिस की खासी किरकिरी हुई. तब यूपी के पुलिस प्रमुख ओ.पी. सिंह को सामने आना पड़ा.


वायरल वीडियो के मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने जांच के आदेश दिए. इस मामले की जांच हापुड़ के एसपी संजीव सुमन को दी गई. उस पर भी सवाल खड़े हो गए. क्योंकि संजीव सुमन नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण से 4 बैच जूनियर हैं. हालांकि डीजीपी ने इस मामले का सुपर विजन एडीजी आलोक सिंह को सौंपा.


डीजीपी ने दी थी ये सफाई


डीजीपी ओपी सिंह और गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के अश्लील वीडियो के वायरल होने के मामले में सफाई पेश की. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि मीडिया में जिस तरह से इस मुद्दे को लेकर खबरें सामने आ रही हैं, उस पर पुलिस ने यह साफ किया है कि वैभव कृष्ण कुछ भ्रष्टाचार में लिप्त पत्रकारों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे.


हालांकि ये भी कहा गया कि वैभव ने पुलिस सर्विस कोड का उल्लंघन किया है. इसके बारे में एक गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी, जिसकी विवेचना चल रही है और उस रिपोर्ट का कई लोगों पर उल्टा असर पड़ना था.


उधर, इस मामले में वायरल वीडियो को जांच के लिए गुजरात की एक विशेष फोरेंसिक लैब में भेजा गया. अब बताया जा रहा है कि गुजरात भेजे गए वीडियो की रिपोर्ट आने के बाद ही योगी सरकार ने आईपीएस वैभव कृष्ण को सस्पेंड किया है. बता दें कि आईपीएस वैभव कृष्ण विवादों के चलते ही सपा सरकार के शासनकाल में भी बुलंदशहर से निलंबित हुए थेhttps://youtu.be/yg5y7Oabehg


एक सांप की कीमत 1.25 करोड़ रुपये, तस्करों से मध्य प्रदेश पुलिस ने बरामद किया

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश पुलिस ने पांच तस्करों से दुर्लभ सांप को बरामद करने में सफलता हासिल की है. अंर्तराष्ट्रीय बाजार में इस दुर्लभ सांप की कीमत लगभग 1.25 करोड़ रुपये बताई जा रही है. पकड़े गए तस्करों में तीन नाबलिग बताए जा रहे हैं. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.


देश में पाए जाने वाले दो मुंहा सांप जिसे रेड सैंड बोआ भी कहा जाता है उसकी विदेशों में काफी मांग है. जिस कारण सांप की इस प्रजाति पर खतरा मंडराने लगा है. पुलिस ने इन सांपों को रविवार को बरामद किया था. पुलिस पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही है. मध्यप्रदेश के राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में पुलिस ने पांच तस्करों को पकड़ा था. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग दुर्लभ सांप को पकड़कर बेचने की कोशिश कर रहे हैं, तभी पुलिस ने धरदबोचा.



पकड़े गए पांचों तस्करों में तीन नाबालिग हैं. नरसिंहगढ़ थाना पुलिस के मुताबिक तस्करों ने इस सांप को इन तस्करों ने सीहोर जिले से खरीदा था और अपने साथियों के साथ नरसिंहगढ़ में इसे बेचने के लिए आए थे. पुलिस अब उस व्यक्ति का पता लगाने में जुट गई है जिसे ये सांप देने आए थे.


इस सांप को लेकर लोगों का अंध विश्वास है कि यह सांप लोगों को धनवान बनाता है. वहीं, इस सांप की विदेशों में भी काफी मांग है. लोग इसका उपयोग दवा के रूप में भी करते हैं वहीं इससे बैग भी बनाए जाते हैं जिनकी कीमत लाखों में होती है. पुलिस ने पकड़े गए लोगों के खिलाफ वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के मुकदमा दर्ज कर लिया है.



अवैध संबंधों के चलते पत्नी ने अपने ही प्रेमी साथ मिलकर की पति की हत्या


रेवाड़ी:
पुलिस ने सुधराना इलाके में हुई लड़के की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. पुलिस का कहना है कि लड़के की हत्या में उसी की पत्नी और उसके साथियों का हाथ था. सोमवार को पुलिस ने पत्नी और उसके प्रेमी साहित चार लोगों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. जहां से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया है.


जानकारी के अनुसार मृतक सुरेंद्र नुंह अदालत में क्लर्क के पद पर कार्यरत था. उसकी पत्नी के जींद जिले के पांडूपिंडारा गांव में रहने वाले एक लड़के के साथ अवैध संबंध थे. पति को रास्ते से हटाने के लिए उसकी पत्नी ने हत्या का प्लान बनाया. पुलिस का कहना है कि 22 दिसंबर की रात लगभग 11 बजे दो-तीन लोगों ने घर में घुसकर सुरेंद्र की हत्या कर दी और फरार हो गए. बाद में पत्नी ने तीन-चार अज्ञात लोगों पर पति की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कोसली थाने में मुकदमा दर्ज कराया.



बताया जा रहा है कि मृतक लड़के और उसकी पत्नी की शादी 2007 में हुई थी. साथ ही उसे एक 11 साल का लड़का भी है. शादी से पहले मृतक लड़के की पत्नी अपने मामा के गांव में रह रही थी. जहां उसकी मुलाकात पड़ोस में रहने वाले अपने प्रेमी से हुई. धीरे-धीरे उनकी मुलाकात प्यार में बदल गई. आरोपी पत्नी आईटीआई से कोर्स कर रही थी. वहां उसका प्रेमी उससे मिलता रहता था, लेकिन शादी के बाद उसका अपने प्रेमी से मिलना बंद हो गया.  2015 में जब आरोपी पत्नी अपने मामा के गांव गई तो उसके प्रेमी ने दोबारा उसके साथ मुलाकात की.


बताया जा रहा है कि मृतक की पत्नी अपने पति से खुश नहीं थी. आरोपी पत्नी अपने पति से तलाक लेना चाहती थी लेकिन उसके पति ने उसे तलाक देने से मना कर दिया. जिसके बाद उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी.कोसली थाना प्रभारी जगबीर सिंह ने बताया कि जब मृतक लड़के की पत्नी से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह अपने मोबाइल से लगातार अपने प्रेमी से बात कर रही थी. इसे आधार बनाकर जब पुलिस ने लड़की के प्रेमी से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ.



निर्भया के गुनहगारों की मौत की तारीख, 22 जनवरी सुबह 7 बजे दी जाएगी फांसी

नई दिल्लीः देश को स्तब्ध कर देने वाले निर्भया कांड के दोषियों के लिए सजा पर आखिरकार मुहर लग गई है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों को डेथ वॉरंट जारी कर दिया है और तिहाड़ जेल में 22 जनवरी सुबह 7 बजे उन सब को फांसी दी जाएगी. दोषियों को सभी विकल्पों के इस्तेमाल के लिए 14 दिनों का वक्त दिया गया है.



एडिशनल सेशन जेज सतीश कुमार अरोड़ा के सामने इस अहम मामले पर फैसला देने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आज चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह का पक्ष सुना. सुनवाई के दौरान जज ने चारों दोषियों से पूछा कि क्या आपको जेल की तरफ से नोटिस मिल गया है? दोषियों ने कहा कि हां नोटिस मिल गया है और हमने उसका जवाब भी दिया और जो भी कानूनी विकल्प है, हम उसका इस्तेमाल करेंगे. इससे पहले निर्भया मामले की सुनवाई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पूरी हो गई थी.



बता दें कि 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने निर्भया कांड के चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट निर्भया दोषियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट जुलाई 2018 में ही खारिज कर चुका है और इनके पास क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने के लिए डेढ़ साल का वक्त था लेकिन तब उन्होंने ऐसा नहीं किया. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से चारों दोषियों को नोटिस जारी कर उनके पास मौजूद विकल्प पर उनका जवाब लेने को कहा था.


16 दिसंबर 2012 को हुआ था निर्भया के साथ गैंगरेप
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर, 2012 की रात अपने दोस्त के साथ एक खाली प्राइवेट बस में चढ़ी 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने मिलकर चलती बस में गैंगरेप किया और लोहेकी रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया. बाद में दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया. पीड़िता का इलाज पहले सफदंरजग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया. जुल्म के 13वें दिन 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई. इस मामले के एक दोषी की मौत हो चुकी है और एक नाबालिग है. चार दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग करते हुए निर्भया की मां ने याचिका दाखिल की है.


इस केस में बाकी चारों दोषियों को फांसी की सजा हो चुकी है, लेकिन अभी सभी गुनहगार तिहाड़ जेल में ही बंद हैं. बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में 6 लोगों को दोषी पाया गया था, जिनमें से एक नाबालिग था. नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने तीन साल की सज़ा सुनाई थी. इसके अलावा मुख्य आरोपी राम सिंह ने 2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.  इस केस में बाकी चारों दोषियों को फांसी की सजा हो चुकी है. लेकिन अभी सभी गुनहगार तिहाड़ जेल में ही बंद हैं.



निर्भया के गुनहगारों की फांसी की खबर से याद आईं देश की छह सबसे चर्चित फांसी की सजा


नई दिल्ली:
निर्भया मामले में दोषियों को सजा-ए- मौत की खबर सुनाए जाने के बाद पूरे देश में अदालत के इस फैसले की सराहना की जा रही है. नई सदी की इस पहली फांसी का पूरा देश बीते सात सालों से इंतजार कर रहा था. देश में इससे पहले भी फांसी की सजा सुनाई गई हैं. आइए जानते हैं कि ऐसी फांसी की वो सजा जो जिनकी चर्चा आज भी देश में की जाती है-


चर्चित फांसी नंबर एक 



1993 मुंबई बम धमाके के अपराधी याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाकर एक कड़ा संदेश दिया गया था. मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में याकूब का हाथ था. 22 साल बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए याकूब को फांसी की सजा सुनाई थी. 30 जुलाई 2015 को नागपुर जेल में याकूब मेमन को सुबह 7 बजे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.




चर्चित फांसी नंबर दो


आतंकियों ने लोकतंत्र के सबसे पवित्र मंदिर संसद पर वर्ष 2001 में हमला बोल दिया था. इस हमले में हमारे 8 जांबाज सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और 9 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इस पूरे मामले का दोषी अफजल गुरु था. जो एक कश्मीरी था. अफजल ने ही इस हमले की साजिश रची थी. अफजल को 9 फरवरी 2013 को नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी.


चर्चित फांसी नंबर तीन


मुंबई पर आतंकियों ने हमलाकर एक चुनौती दी थी. मुठभेड़ में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी अजमल कसाब 2008 में मुंबई अटैक का दोषी पाया गया था. कसाब अपने 9 साथियों के साथ समुद्र के रास्ते मुंबई में दाखिल हुआ था इसने अपने साथियों के साथ छपत्रति शिवाजी टर्मिनल में अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत फैला दी थी. वहीं कई अन्य जगहों पर भी धमाके किए. पूरे देश में इस कार्रवाई के होते ही हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था. एक होटल में घुस कर इन आतंकियों ने सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया. इस हमले में कुल 150 लोगों की जानें गईं थी जबकि 600 लोग घायल हुए. पुलिस ने कार्रवाई के दौरान कसाब को जिंदा पकड़ लिया था. इसके बाद 21 नवंबर 2012 को महाराष्ट्र में पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी पर लटका दिया गया था.




चर्चित फांसी नंबर चार




धनंजय चटर्जी कोलकाता के एक अपार्टमेंट में सिक्योरिटी गॉर्ड की नौकरी करता था. धनंजय ने 18 साल की लड़की के साथ रेप किया और बाद में उस लड़की की हत्या कर दी. इस घटना को उसने साल 1990 में अंजाम दिया था. घटना के 14 साल बाद 2004 को कोलकाता की अलीपोर जेल में उसे फांसी दे दी गई थी.




चर्चित फांसी नंबर पांच




6 लोगों को जलाकर मारकर पूरे चेन्नई में दहशत फैलाने वाले शंकर को लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं. इसे ऑटो शंकर के नाम से जाना जाता है. शंकर ने वर्ष 1987 से 1988 के बीच 6 लोगों को घर में जलाकर मार डाला था. ये खूंखार अपराधी था. कोर्ट ने इसे मौत की सजा सुनाई थी. 27 अप्रैल 1995 को तमिलनाडु की सलीम सेंट्रल जेल में उसे फांसी पर लटका दिया गया था.




चर्चित फांसी नंबर छह




1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार का बदला लेने के लिए हरजिंदर सिंह जिंदा और सुखदेव सिंह सुखा ने इस ऑपरेशन के दौरान सेना प्रमुख रहे अरुण वैद्य की हत्या कर दी थी. इसके अलावा इन दोनों ने 1985 में कांग्रेज लीडर ललित माकन और अर्जन दास की हत्या की भी हत्या कर दी थी. 9 अक्टूबर 1992 को पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी दे दी गई.




निर्भया मामले में हुआ फांसी का एलान




नई सदी की पहली फांसी की सजा 7 जनवरी 2020 को सुनाई गई. निर्भया मामले में सुनाई गई इस सजा का पूरा देश बीते सात सालों से इंतजार कर रहा था. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने निर्भया कांड के चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी. डेथ वॉरंट को मंजूरी मिलने के बाद सभी दोषियों को तिहाड़ जेल में 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी.



2018 में 50 लाख से अधिक अपराध हुए दर्ज, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले भी बढ़े

सरकारें और पुलिस अपनी ओर से चाहे जितनी कोशिशें करें लेकिन अपराधियों के हौसले पस्त नहीं हो रहे हैं. NCRB के आंकड़े तो यही कह रहे हैं. एनसीआरबी यानि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2018 में हुए अपराधों का आंकडा जारी किया. इसके मुताबिक 2018 में 504634 अपराध हुए. 2017 में 5007044 अपराध हुए थे. इस नए आंकडे के मुताबिक 2017 की तुलना में 2018 में अपराध में 1.3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. 2017 में अपराध प्रति लाख जनसंख्या पर 388.6 था वहीं 2018 में घट कर प्रति लाख जनसंख्या पर 383.5 हो गया.



एनसीआरबी ने कहा- 5074634 अपराध साल 2018 में दर्ज किए गए जिनमें से 3132954 आईपीसी के तहत दर्ज किए गए जबकि 1941680 स्पेशल और लोकल लॉ के तहत रजिस्टर किए गए. 2017 की अपेक्षा इसमें 1.3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन जनसंख्या घनत्व के हिसाब से इसमें कमी आई है.



 


UPDATES: कई नए फीचर्स लॉन्च करने वाला है व्हाट्सएप, जानिए इन फीचर्स के बारे में




2018 में कत्ल के 29017 मामले दर्ज किए गए जबकि 2017 में कत्ल की संख्या 28653 थी. यानि इसमें 1.3 फीसद की बढ़त देखी गई. इन आंकडों के मुताबिक व्यक्तिगत दुश्मनी हत्याओं का सबसे बड़ा कारण बनी. इसके अलावा 2018 में किडनैपिंग के 105734 केस दर्ज किए गए जो 2017 में दर्ज हुए 95893 केस से 10.3 फीसदी ज्यादा हैं.


फ्लिपकार्ट पर चल रही एपल डेज सेल, आईफोन पर मिल रहा भारी भरकम डिस्काउंट


आपको बता दें कि 105536 अपहरणों के मामलों में से 80871 मामले लड़कियों के अपहरण के थे. इनमें से भी 48106 मामले बच्चियों के अपहरण के थे. गौरतलब है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 31.9 प्रतिशत अपराधों में पति और उसके परिवार के लोग शामिल थे. 22.5 प्रतिशत अपराध अपहरण के थे और 10.3 फीसदी बलात्कार के मामले थे.


2018 में क्राइम रेट प्रति लाख महिलाओं पर 58.8 था जबकि 2017 में 57.9 था. यानि महिलाओं पर होने वाले अपराधों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.



मार्शल की मौजूदगी में डीटीसी बस में महिला पत्रकार के साथ छेड़छाड़

नई दिल्ली: नोएडा में करीब 8 बजे ऑफिस के बाद दिल्ली जाने के लिए निकली महिला पत्रकार के साथ डीटीसी बस में छेड़छाड़ हुई. खचाखच भरी बस में कुछ देर खड़े होने के बाद एक स्टॉप पर बस रुकी, जहां से 5 टिकट चेक करने वाले डीटीसी कर्मचारी बस में चढ़े. लड़की का आरोप है कि इन कर्मचारियों में से एक ने उस से टिकट मांगते समय आपत्तिजनक तरह से छुआ.


 


लड़की ने इसका विरोध जाहिर किया तो टिकट चेकर ने धमकी भरे अंदाज में बोला," मुझसे मत उलझ." लड़की ने कंडक्टर और ड्राइवर को बोला कि बस का दरवाजा ना खोला जाए लेकिन कंडक्टर के कहने पर बस का दरवाजा खोल दिया गया. लड़की ने मार्शल से भी मदद मांगी लेकिन भीड़ होने की वजह से मार्शल को लड़की की मदद के लिए पहुंचने में समय लग गया. लड़की ने पुलिस से शिकायत करने की धमकी दी तो कंडक्टर द्वारा उसे बोला गया कि आप यहीं उतर जाइए और जिसे चाहें शिकायत कीजिए. बहादुर महिला ने तब तक बस से उतरने को माना कर दिया जब तक उसे पास के थाने नहीं ले जाया गया. महिला ने नोएडा के एसएसपी को ट्वीट कर ये जानकारी दी ,जिसके बाद पुलिस हरकत में आयी.



 




बस के मार्शल अनिल ने एबीपी न्यूज़ को बताया "किसी भी पैसेंजर के साथ दुर्व्यवहार ना हो, ये सुनिश्चित करना मेरा काम है. मेरा आज रूट नंबर 33 था. सेक्टर तैतालीस से भजनपुरा तक मैं बस में था. पीछे का दरवाजा खुला तो वो लोग पीछे के दरवाजे से निकल गए. पीछे एक आपातकालीन लाल रंग का बटन लगा होता है जिस से कोई भी दरवाजा खोल सकता है." मार्शल ने यह अफसोस भी जताया कि उनके पास डंडा या कोई और हथियार नहीं होता है ,जिस वजह से वो किसी भी तरह की मदद करने में सक्षम नहीं होते हैं, लेकिन महिला पत्रकार ने कहा कि मार्शल चाहता तो बस के रुकने पर टिकट चेकर को आगे वाले दरवाजे से उतर कर पकड़ लेता लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.




महिला पत्रकार पिंक टिकट से सफर कर रही थीं. उन्होंने बताया कि महिलाओं को सिर्फ फ्री बस का सफर देने से कुछ नहीं होगा. जरूरी है कि इन जैसे ड्राइवर, कंडक्टर और मार्शल को दुरुस्त किया जाए. फिलहाल नोएडा सेक्टर ,24 के थाने में पांच टिकट चैकर, मार्शल , ड्राइवर, कंडक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में ये भी सामने आया कि बस में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था. डीटीसी की हर बस में सीसीटीवी कैमरा लगवाने का दावा दिल्ली सरकार बीते पांच साल से कर रही है लेकिन अब भी इस तरह के वाहन सुरक्षा में चूक बन सकते हैं साथ ही आगामी चुनाव में विरोधी पार्टियों को मौजूदा सरकार के खिलाफ सवाल उठाने का मौका भी से सकते हैं.



बुधवार, 8 जनवरी 2020

WhatsApp QR Code स्कैन से हो सकती है आपके साथ ठगी

नई दिल्ली: Whatsapp का यूज करते हैं तो सावधान हो जाएं. भूलकर भी किसी के कहने पर अपने व्हाट्सएप से क्यूआर कोड स्कैन न करें. ऐसा करते ही दूर बैठे ठग आपके बैंक अकाउंट को एक पल में खाली कर सकते हैं. हाल ही में कई ऐसे मामले समाने आए हैं जिसमें व्हाट्सएप के जरिए फ्रॉड किया गया है. ऐसे मामले समाने आने के बाद विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि व्हाट्सएप के जरिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल रुपये के लेने के लिए नहीं होता है, लेकिन कुछ भोले-भाले लोग ठगों के झांसे में आ जाते हैं और अपने मेहनत की गाढ़ी कमाई गवां बैठते हैं.


इस तरह से आता है मैसेज



फ्रॉड करने वाले लॉटरी या अन्य कोई लालच के जरिए यूजर्स को फंसाने की कोशिश करते हैं, उन्हें जैसे ही किसी यूजर्स की ओर से रिस्पॉन्स मिलने लगता है वैसे ही फ्रॉड सक्रिय हो जाते हैं. इसके बाद वे कई तरह की प्रक्रिया को कराते हैं जब यूजर्स पूरी तरह से फ्रॉड के झांसे में आ जाता है तो अंत में व्हाट्सएप के जरिए क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहते हैं, जैसे ही कोई क्यूआर कोड को स्कैन करता है उसके अकाउंट से रकम गायब हो जाती है.


क्यूआर कोड का इस्तेमाल रूपये देने के लिए करते हैं




साइबर क्राइम एक्सपर्ट की मानें तो क्यूआर कोड का प्रयोग हमेशा रुपये लेने के लिए किया जाता है न कि रुपये देने के लिए. इस बात की जानकारी न होने के कारण कुछ लोग फ्रॉड के चक्कर में आकर रूपये लेने के लालच में क्यूआर कोड को स्कैन करा देते हैं इसके बाद ऐसे लोग हाथ मलते रह जाते हैं.


इस तरह बोले तो न करें क्यूआर कोड स्कैन


ये भी देखने में आया है कि कुछ फ्रॉड पार्किग जोन, एयर पोर्ट या फिर भीड़भाड़ वाले इलाके में घूमते रहते हैं और ये बहाना बनाते हैं कि उनक फोन काम नहीं कर रहा है, इंटरनेंट भी बंद है. वे आपसे विनती करेंगे कि क्यूआर कोड स्कैन कर दें इसके बदले में वो आपको नकद दे देंगे. ऐसा भूलकर भी न करें. क्योंकि ऐसे फ्रॉड आपके मोबाइल फोन में मैलवेयर का अटैक करते हैं. एकबार ये मैलवेयर आपके फोन में प्रवेश कर गया तो वे पूरी जानकारी भी चुरा सकते हैं.



गाजियाबाद में 2450 जगहों पर होलिका दहन: सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस अलर्ट पर

  गाजियाबाद वसुंधरा सेक्टर 2b में होलिका दहन की तैयारी की तस्वीर  गाजियाबाद में होली पूजन और होलिका दहन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए ...