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शनिवार, 21 दिसंबर 2019

यूपी में फिर भड़की हिंसा, कानपुर बवाल में दो पुलिसकर्मियों को लगी गोली, अबतक 16 लोगों की मौत

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहा उग्र विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 15 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है। जानकारी के अनुसार मेरठ में चार, बिजनौर, कानपुर, संभल में दो-दो, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व वाराणसी में एक-एक की जान गई है। हालांकि आईजी कानून व्यवस्था ने आठ की मौत की पुष्टि की है। आज स्कूल कॉलेज बंद हैं। कई जिलों में इंटरनेट ठप है। 


कानपुर: दो पुलिसकर्मियों को लगी गोली


कानपुर में भड़की हिंसा में दो पुलिस वालों को गोली लगी है। उपद्रवियों के बीच फंसे सिपाहियों को पुलिस कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल कर ले आई। घायल पुलिस वालों को हैलट लाया जा रहा है।

 

कानपुर में फिर भड़का बवाल
शाम होते-होते इलाके में फिर से माहौल बिगड़ गया। यतीमखाना में जुलूस निकाला गया। इस दौरान भारी संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इसमें 12 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी है। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने छतों से पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।

सैकड़ों लोगों ने बाबू पुरवा कोतवाली घेर ली। विधायक इरफान सोलंकी, अमिताभ बाजपेई के साथ सैकड़ों लोगों ने कोतवाली पहुंचकर गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई न करने का पुलिस पर दबाव बनाया। शहर काजी और मौलाना भी पहुंचे। कोतवाली में मौजूद एसएसपी और डीएम ने लोगों को समझाकर शांत कराया। 

 

पहले दिए फूल, फिर मारे पत्थर
कानपुर के यतीमखाना पर पहले तो पुलिसवालों को गुलाब के फूल दिए गए। इसके थोड़ी देर बाद ही उन पर पथराव शुरू हो गया। राहगीर जान बचाकर भागे। पुलिस उन्हें बचाने के बजाय खुद बचने के लिए भागती नजर आई। नमाज अदा होने से पहले 1:20 बजे एडीजी फोर्स के  साथ मार्च करते हुए यतीमखाना मस्जिद की तरफ जायजा लेने पहुंचे। नमाज के बाद एसपी पूर्वी यतीमखाना की तरफ आए, तो उनके पीछे कुछ लोग गुलाब के फूलों से भरा थैला लेकर आए। उन लोगों ने पुलिसवालों को गुलाब के फूल देकर अमन और शांति का भरोसा दिलाया। थोड़ी ही देर में हजारों की भीड़ सड़क पर उतर आई और पथराव शुरू हो गया। कानपुर में हुई हिंसा के साजिशकर्ताओं ने बच्चों को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने बच्चों को ढाल बनाया और उनके पीछे रहकर पथराव कर आगजनी की। यही वजह रही कि पुलिस को कार्रवाई करने में थोड़ी मुश्किल हुई। जब बच्चे किसी तरह से हटे तब पुलिस ने लाठी भांजी, आंसू गैस के गोले दागे।

 

मुजफ्फरनगर में दो पक्षों के बीच पथराव
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में कच्ची सड़क के पास केवलपुरी में शनिवार को दो पक्षों के बीच पथराव हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से पथराव किया गया। वहीं घटना की जानकारी लगते ही पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को वहां से खदेड़ दिया। तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बताया गया कि एक वर्ग के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए जा रहे थे इसी दौरान संघर्ष हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ।

 

रामपुर में एक की मौत, पुलिस जीप समेत कई गाड़ियां फूंकी
रामपुर में प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद उलेमाओं ने बंद बुलाया। इस दौरान हजारों की संख्या में नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए। इदगाह के पास इकट्ठा होकर लोगों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस और भीड़ बिल्कुल आमने सामने हो गई। प्रदर्शन के दौरान भीड़ इतनी उग्र हो गई कि उन्होंने एक पुलिस जीप के अलावा आठ अन्य वाहनों को भी फूंक दिया। इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत हो गई। 

हालांकि पुलिस ने यह दावा किया है कि उनके तरफ से किसी तरह की फायरिंग नहीं की गई है, इसलिए मौत के लिए उपद्रवी खुड जिम्मेदार हैं, न कि पुलिस। वहीं उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठियां भांजी। काफी देर तक भीड़ और पुलिस के बीच झड़प चलती रही। भीड़ ने बैरीकेडिंग तोड़ दी, वहीं पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग भी की। इस दौरान भीड़ लगातार सरकार और एनआरसी विरोधी नारे लगाती रही। 


 

गाजियाबाद: 3600 लोगों पर केस दर्ज
वहीं, गाजियाबाद जिले के पांच थानों में 3600 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने हंगामा करने के आरोप में इन लोगों पर केस दर्ज किया है। 400 से ज्यादा लोग नामजद भी इनमें शामिल हैं। पुलिस ने 65 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। 

 


यूपी में फिर भड़की हिंसा, कानपुर बवाल में दो पुलिसकर्मियों को लगी गोली, अबतक 16 लोगों की मौत


नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहा उग्र विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है। जानकारी के अनुसार मेरठ में चार, बिजनौर, कानपुर, संभल में दो-दो, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व वाराणसी में एक-एक की जान गई है। हालांकि आईजी कानून व्यवस्था ने आठ की मौत की पुष्टि की है। वहीं दिनभर यूपी के गोरखपुर, अलीगढ़, संभल, बिजनौर, शामली, सहारनपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन हुए। यूपी में आज सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद कर दिया गया है। भारी उपद्रव के चलते यूपी टीईटी की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गईं हैं।

मेरठ में हुए हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इस दौरान बिजनौर, संभल और कानपुर में दो-दो प्रदर्शनकारी की मौत हुई। वहीं, वाराणसी में आठ साल के बच्चे की मौत हो गई। कानपुर में हुई फायरिंग में 13 लोग घायल हो गए। बवाल के चलते 22 दिसंबर को होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द कर दी गई है। यूपी के सभी शिक्षण संस्थान शनिवार को बंद कर दिए गए हैं।

कानपुर में बाबूपुरवा ईदगाह मैदान के पास प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की तीन जेब्रा बाइक समेत चार गाड़ियां फूंक दीं। पथराव के साथ ही पुलिस पर फायरिंग की और हथगोले फेंके। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 13 प्रदर्शनकारियों को गोली लगी। वहीं, दो सीओ, इंस्पेक्टर, दरोगा समेत एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों को भी चोट आई है। पुलिस ने 36 लोगों को गिरफ्तार किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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