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शनिवार, 28 दिसंबर 2019

सीबीआई प्रमुख बनकर फोन पर अधिकारियों को देते थे धमकी, दो जालसाज गिरफ्तार

नई दिल्ली: राजधानी में नकली सीबीआई अधिकारी बनकर वरिष्ठ अधिकारियों को धमकाने का मामला सामने आया है. ये जालसाज सीबीआई प्रमुख आर के शुक्ला बनकर कथित रूप से सीमा शुल्क के वरिष्ठ अधिकारियों को धमकाते थे. शुक्रवार को अधिकारियों ने खुद इस बात की जानकारी दी.



एफआईआर के मुताबिक ये जालसाजों ने एक नंबर सेव किया था जो स्पैम फिल्टर ऐप में आर के शुक्ला के नंबर के तौर पर सेव था. जब इस नंबर से फोन किया जाता था तो सामने वाले के पास यह सीबीआई निदेशक के नंबर के तौर पर दिखता था. ये आरोपी दिल्ली की होटल में रह रहे थे जहां से सीबीआई के अधिकारियों ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है.



 




सीबीआई प्रवक्ता नितिन वाकांकर ने कहा, "एक त्वरित अभियान में सीबीआई ने जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर खुद को पेश करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में छापेमारी की गई और आगे की जांच जारी है." अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने हरिद्वार निवासी दक्ष अग्रवाल और फिरोजशाह रोड स्थित सिल्वर ऑर्क अपार्टमेंट के निवासी पुनीत पारीख को गिरफ्तार किया है. इन पर कथित रूप से सीमा शुल्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके खिलाफ सीबीआई जांच के नाम पर धमकाने का आरोप है.




दो महीनों के अंदर यह इस तरह का दूसरा मामला है. इससे पहले जालसाजों के एक अन्य समूह ने सीबीआई अधिकारी बनकर मुंबई की एक महिला कारोबारी को उसके खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में सीबीआई के ईमेल एड्रेस को हैक कर के धमकी दी थी.



बिहार: कांग्रेस नेता राकेश यादव की गोली मारकर हत्या


वैशाली:
बिहार के वैशाली जिले में कांग्रेस नेता राकेश यादव की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी है. बाइक पर सवार होकर आए इन बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया. घटना से आक्रोशित लोगों ने एसपी की गाड़ी का घेराव कर उस पर पथराव किया.


जानकारी के मुताबिक राकेश जिम जा रहे थे तभी सिनेमा रोड के पास बाइक सवार बदमाशों ने राकेश को गोली मार दी जिससे राकेश की मौत हो गई. घटना से गुस्साए लोगों ने कांग्रेस नेता के शव को लेकर प्रदर्शन किया. इसके बाद एसपी की गाड़ी जैसे ही अस्पताल पहुंची तो उनकी गाड़ी पर पथराव भी किया गया.



कांग्रेस नेता की मौत के बाद शहर में कई जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. घटना से आक्रोशित लोगों ने कई जगह आगजनी की और सड़क को जाम कर दिया. बाद में कुछ लोग राकेश यादव का शव लेकर एसपी के घर पहुंचे और अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.


बताया जा रहा है कि राकेश यादव सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते थे और हमेशा बढ़ते अपराधों के खिलाफ आवाज उठाते थे. जिसके बाद आज सिनेमा रोड पर जिम के पास उनकी हत्या कर दी गई. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच में जुट गई है. पुलिस ने अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है.



दाउद इब्राहिम का बर्थडे मनाने वालों को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया, फेसबुक पर शेयर की थीं तस्वीरें

मुंबई पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. इन लोगों ने ना केवल अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम का जन्मदिन मनाया बल्कि इस सेलिब्रेशन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर दीं.



मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच अब इन लोगों से पूछताछ कर रही है. शेरा चिकना नाम के एक फेसबुक यूजर ने इन तस्वीरों को शेयर किया था और 'हैप्पी बर्थडे बॉस' लिखा था.



मुंबई पुलिस के कमिश्नर संजय बर्वे ने इस बात की पुष्टि की है. आपको बता दें कि मुंबई के डोंगरी इलाके में 26 दिसंबर को दाउद इब्राहिम पैदा हुआ था.



भारत के लिए मोस्ट वान्डेड है दाउद


आपको बता दें कि भारत के लिए दाउद इब्राहिम मोस्ट वान्टेड है. उस पर मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके कराने का आरोप है. इन धमाकों के तुरंत बाद वो देश छोड़ कर भाग गया था. तभी से भारत की एजेंसियां उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही हैं.


इस वक्त पाकिस्तान में है दाउद


जानकारी के मुताबिक दाउद इब्राहिम पाकिस्तान में है. हालांकि पाकिस्तान की सरकार ने इस आरोप से हमेशा इंकार किया है लेकिन ऐसा दावा किया जाता रहा है कि दाउद ना केवल कराची में रहता है बल्कि उसे आईएसआई की ओर से सुरक्षा भी मिली हुई है.


मामूली अपराधी ऐसे बना डॉन


दाउद एक वक्त मामूली अपराधी था लेकिन धीरे धीरे वो आतंकवादियों के संपर्क में आता चला गया. ऐसा भी कहा जाता है कि आतंक के आका कहे जाने वाले ओसामा बिन लादेन तक के साथ उसके संपर्क थे.


उसको भारत में बम धमाकों की जिम्मेदारी दी गई थी और उसने ये काम किया भी. उसने मुंबई को दहला दिया और फिर दुबई को अपना ठिकाना बनाया लेकिन जल्द ही वो पाकिस्तान पहुंच गया.


अभी भी जिंदा है डी कंपनी


ऐसा माना जाता है कि कराची से डॉन दाउद इब्राहिम अपना कारोबार कर रहा है और सउदी समेत कई देशों में अलग अलग कारोबारों में उसने पैसा लगा रखा है. भारत की एजेंसियां अभी भी उसको गिरफ्तार करने के लिए प्रयास कर रही हैं.



मेरठ एसपी के 'पाकिस्तान जाओ' वाले वीडियो पर विवाद, ओवैसी ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मेरठ में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुस्लिमों के समूह को मेरठ के एसपी सिटी द्वारा पाकिस्तान चले जाने के लिए कहने वाले वीडियो पर विवाद पैदा हो गया है. इस मामले को लगातार पार्टी और नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसी कड़ी में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा हमला बोला है.



असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, ''मैंने भारत के मुसलमानों में कट्टरता रोकने के लिए अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है. यह अधिकारी मेरे सभी प्रयासों को निष्फल कर रहा है.''


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को मेरठ के अफसरों के विवादित बोल का वीडियो जारी करके भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता का जहर इस कदर घोला है कि अफसरों में संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर सांप्रदायिकता का जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है."


कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस भी अधिकारी ने इस तरह की बात कही है उसे बर्खास्त ही नहीं गिरफ्तार भी किया जाना चाहिए. वहीं तारिक अनवर का कहना है कि अगर पुलिस का कोई सीनियर अधिकारी इस तरह की बातें कर रहा है तो समझ लीजिए देश कहां जा रहा है.


क्या है पूरा मामला?


वायरल वीडियो में मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण उपद्रवियों को खदेड़ते हुए उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं. एसपी सिटी के साथ एडीएम सिटी भी मौजूद हैं. एसपी सिटी दंगाइयों को कह रहे हैं कि काली पट्टी बांध रहे हो तो तुम्हारी जिंदगी भी काली हो जाएगी. खाते यहां का हो और गाते कहीं और का हो. यह वीडियो 20 दिसंबर का है.


वीडियो अखिलेश नारायण सिंह को कहते हुए सुना जा सकता है कि ''जो काली पट्टी बांध रहे हों, बता रहा हूं. वो पाकिस्तान चले जाएं. फ़्यूचर काला होने में सेकेंड भर लगेगा, एक सेकेंड में सब काला हो जाएगा. जिंदगी भी काली हो जाएगी. देश में नहीं रहने का मन है तो चले जाओ. खाओगे यहां, गाओगे कहीं और का. उसके बाद उन्होंने कहा कि इस गली को मैं और गली मुझे याद हो गई है, याद रखना मुझे याद हो जाता है तो मैं नानी तक पहुंचता हूं. सबकी फोटो ले ली गई है. याद रखना. अगर कुछ हुआ तो तुम लोग भी क़ीमत चुकाओगे.''


एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने क्या कहा?


इस मामले पर एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि कुछ लड़के हिंसा भड़काने की तैयारी में हैं. हमलोग जैसे वहां पहुंचे लड़के पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. इसलिए उन्हें ऐसा कहा गया. उन लड़कों की पहचान भी कर ली गई है और मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी.


दिल्ली हाईकोर्ट ने सलमान रुश्दी के घर की कीमत 130 करोड़ रुपये आंकी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने लेखक सलमान रुश्दी के दिल्ली के सिविल लाइंस में स्थित घर की कीमत 130 करोड़ रुपये लगाई है. बता दें सलमान रुश्दी के पिता अनीस अहमद रुश्दी ने कांग्रेस नेता भीकूराम जैन को 1970 में घर बेचने के लिए करार किया था. विवाद के कारण ये सौदा नहीं हो पाया था. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.



सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिसंबर, 2012 को भीकूराम जैन के पक्ष में फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने रुश्दी को कोर्ट के अंतिम आदेश के दिन तक बाजार मूल्य के हिसाब से मकान को जैन के हवाले करने को कहा. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बाजार मूल्य से मकान की कीमत तय करने की जिम्मेदारी दिल्ली हाईकोर्ट को दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने मकान की कीमत 130 करोड़ रुपये आंकी है. जस्टिस राजीव साही एंडलॉ ने बताया कि अगर जैन इस समय संपत्ति को नहीं खरीद सकते तो रुश्दी को 130 करोड़ में वह मकान छह महीने के अंदर किसी और को बेचना होगा.



हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर सलमान रुश्दी तय समय में मकान को 130 करोड़ में नहीं बेच पाते तो ऐसी स्थिति में जैन 60 दिनों के अंदर संपत्ति को 75 करोड़ रुपये में खरीद सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर जैन तय सीमा में 75 करोड़ में संपत्ति नहीं खरीदते हैं, तो  रुश्दी को 1970 में संपत्ति पर हुए करार से राहत मिल जाएगी.


क्या था पूरा मामला-


बता दें सलमान  रुश्दी के पिता अनीस अहमद  रुश्दी ने भीकूराम जैन को 3.75 लाख रुपये में घर बचने का सौदा किया था. जिस पर भीकूराम जैन ने  रुश्दी को 50,000 रुपये पेशगी दी थी. साथ ही कहा था कि आयकर अधिकारियों से कर प्रमाणपत्र मिलने के बाद बाकी की रकम भी चुका दी जाएगी, लेकिन करार में हुई शर्तों को लेकर दोनों परिवारों के बीच विवाद हो गया और मामला कोर्ट में चला गया.


भीकूराम जैन ने 1977 में मामले को लेकर केस दर्ज करवाया. जिस पर 1983 में ट्रायल कोर्ट ने जैन के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 3.25 लाख रुपये चुकाने के बाद जैन को संपत्ति दे दी जाए. इस फैसले के खिलाफ  रुश्दी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने  रुश्दी के पक्ष में फैसला सुनाया. जिस पर जैन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भीकूराम जैन के हक में फैसला सुनाया.



राहुल गांधी बोले- असम को RSS की चड्डी वाले नहीं चलाएंगे, जनता चलाएगी

गुवाहाटी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि असम को नागपुर (आरएसएस मुख्यालय) नहीं चलाएगा, असम को आरएसएस के चड्डी वाले नहीं चलाएंगे. कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी की रैली में राहुल गांधी ने कहा, ''हम बीजेपी और आरएसएस को असम की हिस्ट्री (इतिहास), भाषा, संस्कृति पर आक्रमण नहीं करने देंगे. असम को नागपुर नहीं चलाएगा, असम को आरएसएस के चड्डी वाले नहीं चलाएंगे. असम को असम की जनता चलाएगी.''



राहुल गांधी के बयान पर राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचार राकेश सिन्हा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''राहुल गांधी देश की राजनीति के विमर्श और संस्कृति और भाषा  को न्यूनतम स्तर पर ले जा रहे हैं. वे गाली गलौज वाली भाषा का उपयोग कर राजनीति के स्तर को गिरा रहे हैं. आरएसएस पर उनका बयान इसका ताजा उदाहरण है.''



राहुल गांधी ने कहा, ''असम समझौते की भावना को समाप्त नहीं किया जाना चाहिए, जिस कारण शांति आई है.'' कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे आशंका है कि बीजेपी की नीतियों के कारण असम हिंसा के रास्ते पर लौट रहा है.


उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में हुए प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ''बीजेपी जहां भी जाती है, नफरत फैलाती है. असम में युवा विरोध कर रहे हैं, अन्य राज्यों में भी विरोध हो रहा है. आप उन्हें क्यों मार रहे हैं? बीजेपी लोगों की आवाज नहीं सुनना चाहती.''


इससे पहले राहुल ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह नोटबंदी से बड़ा झटका होगा जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा.


पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से अलग राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कहा, ''ये (एनआरसी और एनपीआर) नोटबन्दी नंबर 2 है. इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है. नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा. इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं. लेकिन उनके जो 15 दोस्त हैं उनको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. "



शनिवार, 21 दिसंबर 2019

दोबारा चेक कर लें अपना फेसबुक अकाउंट, आप पर हो सकती है अगली कार्रवाई, 300 आईडी हो चुकी है ब्लॉक

नागरिकता कानून को लेकर होने वाले बवाल के बीच सोशल मीडिया की निगरानी कर रही पुलिस ने भड़काऊ पोस्ट वाली 300 फेसबुक आईडी ब्लॉक कर दी हैं। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी हो रही है। पुलिस की साइबर और सर्विलांस टीम को अब तक जो जानकारी हुई है उसके मुताबिक फर्जी नाम-पते से फेसबुक एकाउंट बनाकर जहरीले मैसेज भेजे जा रहे हैं। 
 

कुछ लोगों की पहचान भी कर ली गई है, जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लाइक और कमेंट्स करने वाले भी जांच के घेरे में होंगे। प्रदेश में बढ़ते बवाल को देखते हुए हालांकि कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, लेकिन जिन जिलों में इंटरनेट चल रहा है वहां सोशल मीडिया पर खूब भड़काऊ मैसेज दौड़ रहे हैं। झांसी, ललितपुर, महोबा समेत बुंदेलखंड के जिलों में कई ऐसे मैसेज पुलिस की आईटी सेल ने चिन्हित किए हैं जो माहौल खराब कर सकते हैं। 

इन मैसेज के जरिए धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है। पुलिस ने फिलहाल ऐसी फेसबुक आईडी को ब्लॉक कराना शुरू कर दिया है। एक-एक मैसेज को आईटी टीम बारीकी के साथ पढ़ रही है। करीब 300 फेसबुक आईडी ब्लॉक कर दी गईं हैं। एसएसपी डा. ओपी सिंह ने बताया कि माहौल खराब करने वाले संदेशों से बचें। भड़काऊ संदेश करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। 

आरोपियों पर धारा 153 (ए) (धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश) के तहत करवाई की जा रही है। थाना सीपरी बाजार क्षेत्र में भी धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। नंदनपुरा निवासी इरशाद मंसूरी ने फेसबुक पर भड़काऊ संदेश पोस्ट कर दिया, जिसकी शिकायत मिलते ही सतर्क हुई पुलिस ने आरोपी पर एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि इरशाद मंसूरी लगातार कुछ इस तरह के मैसेज फेसबुक पर डाल रहा था जिससे माहौल बिगड़ रहा था। कुछ लोगों ने उसकी शिकायत की थी। पुलिस ने जांच के बाद मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। 




क्या है धारा 153(ए)


आईपीसी की धारा 153, 7(ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। धारा 153 (ए) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। अगर ये अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान



  • सोशल मीडिया पर किसी अफवाह पर ध्यान न दें।

  • किसी धर्म समुदाय से जुड़ी तस्वीरों को कोई अप्रिय टिप्पणी न करें।

  • किसी ग्रुप में ऐसी हरकत होने पर तत्काल उसे डिलीट करें

  • फेसबुक पेज पर ऐसे लोगों से कतई दोस्ती न करें।

  • किसी भी विवादित मसले पर टिप्पणी से बचें।




एक चिंगारी से भड़की ज्वाला, सब्जी मंडी की सात दुकानें जलकर राख, लाखों का नुकसान


आगरा के एत्मादपुर कस्बा में रामलीला मैदान स्थित सब्जी मंडी में शुक्रवार की रात आग लग गई। आग की चपेट में आने से सात दुकानें और एक मोटरसाइकिल जल गई। आग से करीब 14 लाख रुपये से अधिक के सामान जलने का अनुमान है। मंडी के लोगों का मानना है कि शुक्रवार रात को कुछ लोग अलाव ताप रहे थे। उसी की चिंगारी से आग लगी होगी।



शुक्रवार की रात करीब 11 बजे रामलीला मैदान स्थित सब्जी मंडी में सत्ता निवासी राजेंद्र कुशवाहा की दुकान में अचानक आग लगी। इसकी सूचना पर सबसे पहले रहीश खां अपने साथियों के साथ वहां पहुंचे, लेकिन तब तक आग ने कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया था। देखते ही देखते आग विकराल रूप ले चुकी थी। 

रहीश खां ने पड़ोसियों की सबमर्सिबल पंप चलाकर अपने बच्चों और वहां मौजूद अन्य दुकानदारों के साथ मिलकर आग बुझाना शुरू किया। घटना की सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी दी। घना कोहरा होने के कारण फायर बिग्रेड करीब एक घंटे बाद पहुंची, लेकिन तब तक लोगों ने आग पर काबू पा लिया था। इस बीच सात दुकानें जल कर राख हो चुकी थीं। 
 
जानकारी होने के बाद पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने पीड़ित दुकानदारों से मुलाकात की। शासन से पीड़ितों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की मांग की। इधर, विधायक राम प्रताप चौहान ने मौके पर पहुंच कर पीड़ित दुकानदारों को सांत्वना दी। एसडीएम से पीड़ितों के नुकसान का आकलन कराकर जल्द रिपोर्ट भेज कर मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए। 


यूपी में फिर भड़की हिंसा, कानपुर बवाल में दो पुलिसकर्मियों को लगी गोली, अबतक 16 लोगों की मौत

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहा उग्र विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 15 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है। जानकारी के अनुसार मेरठ में चार, बिजनौर, कानपुर, संभल में दो-दो, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व वाराणसी में एक-एक की जान गई है। हालांकि आईजी कानून व्यवस्था ने आठ की मौत की पुष्टि की है। आज स्कूल कॉलेज बंद हैं। कई जिलों में इंटरनेट ठप है। 


कानपुर: दो पुलिसकर्मियों को लगी गोली


कानपुर में भड़की हिंसा में दो पुलिस वालों को गोली लगी है। उपद्रवियों के बीच फंसे सिपाहियों को पुलिस कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल कर ले आई। घायल पुलिस वालों को हैलट लाया जा रहा है।

 

कानपुर में फिर भड़का बवाल
शाम होते-होते इलाके में फिर से माहौल बिगड़ गया। यतीमखाना में जुलूस निकाला गया। इस दौरान भारी संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इसमें 12 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी है। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने छतों से पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।

सैकड़ों लोगों ने बाबू पुरवा कोतवाली घेर ली। विधायक इरफान सोलंकी, अमिताभ बाजपेई के साथ सैकड़ों लोगों ने कोतवाली पहुंचकर गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई न करने का पुलिस पर दबाव बनाया। शहर काजी और मौलाना भी पहुंचे। कोतवाली में मौजूद एसएसपी और डीएम ने लोगों को समझाकर शांत कराया। 

 

पहले दिए फूल, फिर मारे पत्थर
कानपुर के यतीमखाना पर पहले तो पुलिसवालों को गुलाब के फूल दिए गए। इसके थोड़ी देर बाद ही उन पर पथराव शुरू हो गया। राहगीर जान बचाकर भागे। पुलिस उन्हें बचाने के बजाय खुद बचने के लिए भागती नजर आई। नमाज अदा होने से पहले 1:20 बजे एडीजी फोर्स के  साथ मार्च करते हुए यतीमखाना मस्जिद की तरफ जायजा लेने पहुंचे। नमाज के बाद एसपी पूर्वी यतीमखाना की तरफ आए, तो उनके पीछे कुछ लोग गुलाब के फूलों से भरा थैला लेकर आए। उन लोगों ने पुलिसवालों को गुलाब के फूल देकर अमन और शांति का भरोसा दिलाया। थोड़ी ही देर में हजारों की भीड़ सड़क पर उतर आई और पथराव शुरू हो गया। कानपुर में हुई हिंसा के साजिशकर्ताओं ने बच्चों को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने बच्चों को ढाल बनाया और उनके पीछे रहकर पथराव कर आगजनी की। यही वजह रही कि पुलिस को कार्रवाई करने में थोड़ी मुश्किल हुई। जब बच्चे किसी तरह से हटे तब पुलिस ने लाठी भांजी, आंसू गैस के गोले दागे।

 

मुजफ्फरनगर में दो पक्षों के बीच पथराव
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में कच्ची सड़क के पास केवलपुरी में शनिवार को दो पक्षों के बीच पथराव हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से पथराव किया गया। वहीं घटना की जानकारी लगते ही पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को वहां से खदेड़ दिया। तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बताया गया कि एक वर्ग के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए जा रहे थे इसी दौरान संघर्ष हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ।

 

रामपुर में एक की मौत, पुलिस जीप समेत कई गाड़ियां फूंकी
रामपुर में प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद उलेमाओं ने बंद बुलाया। इस दौरान हजारों की संख्या में नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए। इदगाह के पास इकट्ठा होकर लोगों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस और भीड़ बिल्कुल आमने सामने हो गई। प्रदर्शन के दौरान भीड़ इतनी उग्र हो गई कि उन्होंने एक पुलिस जीप के अलावा आठ अन्य वाहनों को भी फूंक दिया। इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत हो गई। 

हालांकि पुलिस ने यह दावा किया है कि उनके तरफ से किसी तरह की फायरिंग नहीं की गई है, इसलिए मौत के लिए उपद्रवी खुड जिम्मेदार हैं, न कि पुलिस। वहीं उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठियां भांजी। काफी देर तक भीड़ और पुलिस के बीच झड़प चलती रही। भीड़ ने बैरीकेडिंग तोड़ दी, वहीं पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग भी की। इस दौरान भीड़ लगातार सरकार और एनआरसी विरोधी नारे लगाती रही। 


 

गाजियाबाद: 3600 लोगों पर केस दर्ज
वहीं, गाजियाबाद जिले के पांच थानों में 3600 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने हंगामा करने के आरोप में इन लोगों पर केस दर्ज किया है। 400 से ज्यादा लोग नामजद भी इनमें शामिल हैं। पुलिस ने 65 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। 

 


यूपी में फिर भड़की हिंसा, कानपुर बवाल में दो पुलिसकर्मियों को लगी गोली, अबतक 16 लोगों की मौत


नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहा उग्र विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है। जानकारी के अनुसार मेरठ में चार, बिजनौर, कानपुर, संभल में दो-दो, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व वाराणसी में एक-एक की जान गई है। हालांकि आईजी कानून व्यवस्था ने आठ की मौत की पुष्टि की है। वहीं दिनभर यूपी के गोरखपुर, अलीगढ़, संभल, बिजनौर, शामली, सहारनपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन हुए। यूपी में आज सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद कर दिया गया है। भारी उपद्रव के चलते यूपी टीईटी की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गईं हैं।

मेरठ में हुए हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इस दौरान बिजनौर, संभल और कानपुर में दो-दो प्रदर्शनकारी की मौत हुई। वहीं, वाराणसी में आठ साल के बच्चे की मौत हो गई। कानपुर में हुई फायरिंग में 13 लोग घायल हो गए। बवाल के चलते 22 दिसंबर को होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द कर दी गई है। यूपी के सभी शिक्षण संस्थान शनिवार को बंद कर दिए गए हैं।

कानपुर में बाबूपुरवा ईदगाह मैदान के पास प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की तीन जेब्रा बाइक समेत चार गाड़ियां फूंक दीं। पथराव के साथ ही पुलिस पर फायरिंग की और हथगोले फेंके। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 13 प्रदर्शनकारियों को गोली लगी। वहीं, दो सीओ, इंस्पेक्टर, दरोगा समेत एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों को भी चोट आई है। पुलिस ने 36 लोगों को गिरफ्तार किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

दिल्ली गेट पर हुई हिंसा में भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर गिरफ्तार, 14 दिन की हिरासत में भेजा


दरियागंज में हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि दरियागंज में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की है।


बता दें कि शनिवार तड़के पुलिस ने जामा मस्जिद से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया। बाद में पुलिस ने चंद्रशेखर पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, लोगों को उकसाने और दंगा भड़काने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर उसे शनिवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया।

चंद्रशेखर के अलावा पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच कर बलवे में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।

हिंसा के दौरान हुए पथराव में 49 लोग घायल हुए जिसमें 13 पुलिसकर्मी शामिल हैं। दो लोगों के सिर में गंभीर चोट लगी है जबकि एक व्यक्ति का पैर टूट गया। तीनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि अन्य लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 


शनिवार सुबह से जामा मस्जिद इलाके में शांति बनी हुई है। शांति बनाए रखने के लिए शनिवार को सीआरपी के जवान ने इलाके में फ्लैग मार्च किया। भीम आर्मी के आह्वान पर शुक्रवार को जामा मस्जिद पर सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किया गया।




प्रदर्शन के दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पुलिस को चकमा देकर वहां से गायब हो गया। लेकिन शाम में एक बार फिर चंद्रशेखर जामा मस्जिद में मौजूद अपने समर्थकों के बीच पहुंच गया और नारेबाजी शुरू कर दी। देर रात तक वहां नारेबाजी होती रही।

उधर शाम में दिल्ली गेट पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया और दरियागंज थाने के बाहर खड़ी एक कार में आग लगा दी। पथराव में 13 पुलिसकर्मियों सहित 49 लोग घायल हो गये। 

रात करीब साढ़े तीन बजे चंद्रशेखर जामा मस्जिद से बाहर निकला, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दिल्ली गेट पर हुए हिंसा में करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया था। इसके बाद दिल्ली के कई विश्वविद्यालय के छात्रों ने पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर लोगों को रिहा करने की मांग करने लगे।

बाद में पुलिस ने हिरासत में लिए गए 16 नाबालिगों को छोड़ दिया। पुलिस ने घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिंसा में संलिप्ता पाए जाने पर 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

 

 

 

 



मुंबई: तीन दोस्त करते थे आपस में पत्नियों की अदला-बदली, फिर एक दिन...

विवाह को समाज मे सबसे पवित्र रस्म और पति-पत्नी के रिश्ते को पवित्र माना जाता है, लेकिन समाज में बढ़ती विकृति ने इस रिश्ते को भी शमर्सार कर दिया है. मुम्बई में एक ऐसे सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है जिसमें न पैसे का लेन देन और जिस्मफरोशी का धंधा ही नहीं होता बल्कि इसमें पति अपनी पत्नियों की अदला बदली यानी वाइफ स्वैपिंग भी करते थे.



दरअसल ये मामला कांदिवली पूर्व के समता नगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत ठाकुर काम्प्लेक्स इलाके का बताया जा रहा है. जहां तीन दोस्तों पर पत्नियों को आपस में बदलने की सनक थी. इनमें से एक दोस्त की पत्नी ने अपने पति और उसके दोस्तों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.



पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कांदिवली पूर्व में रहने वाला आरोपी अपने परिवार के साथ रहता है. जिसकी 16 साल पहले शादी हुई थी. शेयर मार्केट में नौकरी करने वाले आरोपी के दो दोस्त हैं. जो नीजि कंपनियों में नौकरी करते हैं. आरोपी की पत्नी का आरोप है कि तीन दिन पहले उसका पति अपने दोस्तों को घर लाया. पति ने उन दोनों दोस्तों और अपनी पत्नी के बीच शारीरिक संबंध बनवाए. यही नहीं उसके पति ने इस दौरान वीडियो भी बनाई.


पत्नी ने जब अपने पति से इसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि "वह भी अपने बाकी दोस्तों की बीवियों के साथ ऐसा कर चुका है और हम सब दोस्त मिलकर एक दूसरे की पत्नियों को शेयर करते हैं. इसमे कोई गलत बात नहीं है." इसके बाद उसकी पत्नी ने समता नगर पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज कराया. पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में आरोपी और उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया है.


वहीं पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सामने आए मामले में पुरुष दोस्तों के अलावा महिला दोस्त के शामिल होने की आशंका है. क्योंकि पूरे घटना में महिला दोस्त ने बाकी दोस्तों की पत्नियों को बैड शेयर करने के लिए तैयार किया. पुलिस का कहना है कि इस मामले में सिर्फ 3 लोग शामिल नहीं हैं बल्कि पूरा रैकेट है जिसका जल्द खुलासा होने की आशंका है.



बिजनौर की CJM अदालत में गोलीबारी, हत्या के आरोपी शख्स की मौत, दो पुलिसकर्मी घायल


बिजनौर (यूपी):
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में गोलीबारी हुई है. गोली कई मामलों में आरोपी शहनवाज अंसारी और जब्बार को लगी. शहनवाज ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. वहीं जब्बार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


 


शहनवाज पर बीएसपी नेता हाजी एहसान और उसके भांजे की हत्या का आरोप था. हाजी एहसान के बेटे साहिल ने अपने चार साथियों के साथ सीजेएम की अदालत में गोलीबारी की. शहनवाज और दानिश को दिल्ली पुलिस पेशी के लिए अदालत में लाई थी.



पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने बताया कि हत्या मामले के दो आरोपियों को सीजेएम की अदालत में पेशी पर लाया गया था. उन्होंने बताया कि अचानक तीन शार्प शूटरों ने गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. त्यागी ने बताया कि एक आरोपी की गोली लगने से अदालत कक्ष में ही मौत हो गयी जबकि दो पुलिसकर्मी घायल हो गये. उन्होंने बताया कि सीजेएम सुरक्षित बच गये. हमलावरों का पीछा कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.


पुलिस के अनुसार लगभग छह माह पहले थाना नजीबाबाद में प्रापर्टी डीलर हाजी एहसान और उसके भांजे की ऑफिस में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. मुख्य आरोपी शाहनवाज ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था.


पुलिस ने बताया कि शाहनवाज और उसके साथी सहअभियुक्त जब्बार को तिहाड़ जेल से यहां सीजेएम योगेश कुमार की अदालत में पेश किया जा रहा था कि इसी दौरान तीन हमलावर अदालत में घुस गये और उन्होंने शाहनवाज की गोली मारकर हत्या कर दी.




बिजनौर में कोर्ट रूम में गोलीबारी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार ने कानून के राज को अपराध राज में तब्दील कर दिया है. अब अपराधी सीधे कोर्ट में घुसकर गोली मार रहे हैं और जज को अपनी जान बचानी पड़ रही है. पता नहीं जो लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को हर रोज "अपराधमुक्त प्रदेश" होने के तमगे देते हैं उनकी आँखों में कौन सी धूल झोंकी गई है. असलियत ये है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था अपराधियों के हाथ में है.''



मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

हमने न फायरिंग की और न ही जामिया के घायल प्रदर्शनकारियों को सफदरजंग में भर्ती कराया: दिल्ली पुलिस


खास बातें






  1. जामिया के दो प्रदर्शनकारी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती

  2. सफदरजंग अस्पताल के एमएस ने NDTV को दी जानकारी

  3. पुलिस गोली चलने के दावों से करती रही है इनकार


 


 




नई दिल्ली:

नागरिकता कानून (Citizenship Act) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) में रविवार को हुए प्रदर्शन के दौरान गोलियां चलने और दो छात्रों के इसमें घायल होने की  खबरों के बीच दिल्ली पुलिस का बयान आ गया है. पुलिस की ओर से ये साफ कर दिया गया है कि प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह की गोलीबारी नहीं की गई न ही सफदरजंग अस्पताल में उसने दो घायल छात्रों को भर्ती करवाया है. पुलिस प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा, ''हमारी तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई. हमारा रेफरल हॉस्पिटल एम्स है और इन लोगों को हमने भर्ती नहीं कराया.  ये सफदरजंग कैसे पहुंचे, नेचर और इंजरी क्या है. हम इसका पता लगा रहे हैं. हो सकता है टियर सेल्स लगी हों.'' उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान लाठियां चलीं और आंसू गैस के गोले जरूर दागे गए लेकिन गोलियां नहीं चलीं. 


इससे पहले सफदरजंग अस्पताल के एमएस ने NDTV को यह जानकारी दी थी कि गोली से घायल जामिया के दो प्रदर्शनकारियों को सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में भर्ती कराया गया है. हालांकि उनकी पहचान उजागर नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि गोली से घायल दो प्रदर्शनकारियों को यहां लाया गया है


.https://youtu.be/FziwlCyzdkE


 


जामिया के छात्रों ने उठाई CBI जांच की मांग
जामिया के सैकड़ों छात्र एक दिन पहले उनके सहपाठियों पर की गई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को सर्दी के बावजूद परिसर के बाहर सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों में विभिन्न राज्यों से आई छात्राएं भी शामिल थीं. स्थानीय लोग और कुछ परिजन भी प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में सामने आए. छात्रों का एक समूह हाड़ कंपाने वाली ठंड में सुबह कमीज उतारकर विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वारों के बाहर खड़ा हो गया. अन्य ने 'पुलिस बर्बरता' के खिलाफ विरोध जताने के लिए बड़ी संख्या में मानव श्रृंखला बनाई.


 


जामिया और AMU के छात्रों के साथ आए तीन IITs के छात्र
तीन प्रतिष्ठित IIT के छात्रों ने जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का सोमवार को विरोध किया. आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे अक्सर प्रदर्शनों में शामिल नहीं होते और इनसे दूर ही रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है. आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा लगाए गए एक पोस्टर में लिखा है, 'उन्होंने यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन पर कार्रवाई की. हम कुछ नहीं बोले. उन्होंने एमटेक का शुल्क बढ़ा दिया, हम कुछ नहीं बोले. उन्होंने जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) में छात्र प्रदर्शनकारियों को पीटा, हम कुछ नहीं बोले. और अब जेएमआई (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) और एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) के साथ यह हुआ. यदि हम अब भी कुछ नहीं बोले तो छात्र समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल खड़ा होगा.


 


 


 



छात्रों के खिलाफ कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक, 'सड़कों पर जाना है तो हमारे पास मत आइए'

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जामिया व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के मसले पर मंगलवार को सुनवाई करने का निर्णय किया है। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने कहा, पहले हम यह आश्वस्त होना चाहते हैं कि शांति कायम रहे। अगर आप इसे सड़क पर ले जाना चाहते हैं तो आप करें, ऐसे में आप लोग हमारे पास मत आइए। शांति बहाल होने पर ही हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं।
 

सीजेआई बोबडे ने कहा, महज इसलिए कि किसी को कैंपस छोड़ने के लिए कहा गया, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। बसों को आग के हवाले कर दिया गया। यह हर हालत में रुकना चाहिए। वास्तव में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, कॉलिन गोंसाल्विस समेत अन्य वकीलों ने चीफ जस्टिस बोबडे से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की गुहार की थी।

वकीलों ने कहा कि रिटायर्ड जजों की एक टीम को विश्वविद्यालय परिसर में भेजना चाहिए, तभी हालात काबू में होंगे। जयसिंह ने कहा, देशभर में मानवाधिकार की स्थिति गंभीर है। इस पर पीठ ने कहा अदालत यह नहीं कह रही है कि कौन कसूरवार है और कौन कसूरवार नहीं।

हम यह नहीं कर रहे हैं कि छात्र जिम्मेदार है और पुलिस बेकसूर। हमें मालूम हैं उनके क्या अधिकार हैं। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा, मुझे नहीं लगता कि इसमें अदालत ज्यादा कुछ कर सकती है। यह कानून-व्यवस्था की समस्या है। पुलिस को इससे निपटना होगा। पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी थे।


जयसिंह बोलीं, छात्रों के खिलाफ हुई गंभीर हिंसा



जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि छात्रों के खिलाफ गंभीर हिंसा की गई। उनमें से कई के हाथ और पैर भी टूट गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच भिड़ंत का हवाला देते हुए कहा, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किए थे।

उन्होंने कहा, कोई भी प्रदर्शनों को रोक नहीं सकता। हम किसी भी तरह की हिंसा नहीं चाहते हैं। ये दंगे जानबूझकर छात्रों के खिलाफ कराए गए। वहीं, गोंसाल्विस ने बताया कि वह अस्पताल और लॉकअप गए थे, जहां पुलिस ने छात्रों को रखा था।

बेंच के सामने याचिकाकर्ता ने पुलिस द्वारा हिंसा का कथित वीडियो होने की भी बात कही। जवाब में सीजेआई ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कोर्ट रूम है, यहां शांति से अपनी बात रखनी होगी।




हाईकोर्ट का जामिया हिंसा पर तुरंत सुनवाई से इनकार



वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता ने जामिया में हुई हिंसा की न्यायिक जांच करने की मांग की। साथ ही कहा कि हिरासत में लिए गए घायल छात्रों को मेडिकल सुविधा और मुआवजा दिया जाए।

हालांकि, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे कोर्ट तक रजिस्ट्री के माध्यम से ही पहुंचें।

नागरिकता कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कल


इस बीच, नागरिकता कानून को चुनौती देने संबंधी कांग्रेस समेत सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। जिन लोगों ने याचिका दी है, उनमें त्रिपुरा के पूर्व महाराजा प्रद्योत किशोर देब बर्मन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी हैं।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने कहा, इन याचिकाओं को दूसरे मामलों के साथ 18 दिसंबर को सुना जाएगा। इस बीच, अभिनेता और नेता कमल हासन की पार्टी एमएनएम ने भी नए नागरिकता कानून के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है।



जामिया हिंसा को लेकर जावेद अख्तर के ट्वीट पर दिया IPS ने ये जवाब

दिल्ली के जामिया इलाके में नागरिकता कानून को लेकर जारी प्रदर्शन रविवार को हिंसक हो गया था. हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई लोग घायल भी हो गए थे. रविवार को स्टूडेंट्स सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन भी किया.



अब लोग सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इस मुद्दे पर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर की प्रतिक्रिया आई है. दरअसल जावेद अख्तर का ट्वीट एक ट्वीट का जवाब था, जिसमें उन्हें टैग किया गया था.


जावेद अख्तर को टैग कर किसी ने लिखा, 'जामिया के छात्र मीडिया पर अटैक कर रहे हैं..उस मीडिया पर जो उन्हें उनके द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण विरोध का आईना दिखा रहे हैं. लेकिन ऐंटी-नैशनल और सेक्युलर लोग इसकी निंदा नहीं करेंगे. ये शहरी आतंकवादी हैं.'


IPS अधिकारी ने क्या दिया जावेद अख्तर को जवाब?


इस ट्वीट में टैग होने के बाद जावेद ने जवाब दिया, 'लॉ ऑफ लैंड के मुताबिक, किसी भी परिस्थिति में पुलिस किसी भी यूनिवर्सिटी के कैंपस में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की इजाजत के बिना नहीं घुस सकती. जामिया कैंपस में बिना इजाजत घुसकर पुलिस ने एक ऐसी मिसाल कायम की है जो हर यूनिवर्सिटी के लिए एक खतरा है.'


पुलिस पर उंगली खड़ी होने के बाद IPS संदीप मित्तल भी इसमें उतर आए हैं. संदीप ने जावेद अख्तर को जवाब देते हुए लिखा, 'प्रिय कानूनी विशेषज्ञ, प्लीज लॉ ऑफ लैंड, अनुभाग संख्या और अधिनियम आदि के नाम को थोड़ा विस्तार से समझाएं ताकि हम भी प्रबुद्ध हों.


बता दें, रविवार को दक्षिण दिल्ली में नाराज भीड़ ने पुलिसकर्मियों, आम नागरिकों व मीडिया को निशाना बनाया था. भीड़ ने दक्षिणी दिल्ली को कब्जे में ले लिया. प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने व पुलिस के साथ झड़प के पांच घंटे बाद पुलिस ने जामिया नगर में फ्लैग मार्च किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे. हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों की बड़ी टुकड़ी से संघर्ष किया और मीडिया पर भी पथराव किया.


नागरिकता संशोधन कानून: दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन के बाद NCR में भी बढ़ाई गई सुरक्षा, खुफिया एजेंसियों को अलर्ट किया


नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली एनसीआर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संदिग्ध और अराजकतत्वों पर नजर रखने के लिए खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है. रविवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया, जिसके बाद कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं.


 


रविवार को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन ने बड़ा रूप ले लिया है. प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पथराव और सरकारी संपति को भी नुकसान पहुंचाया गया. आगजनी की घटनाएं भी हुई जिसके बाद दहशत फैल गई. पुलिस को भी प्रर्दशनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले चलाने पड़े और लाठियां भांजनी पड़ी.




प्रदर्शन प्रभावित इलाकों में पुलिस बल गश्त कर रही है. सीनियर अधिकारियों को क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग करने और स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा गया है. मौके पर अधिकारी कैंप कर रहे हैं ताकि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके. माहौल बिगाड़ने वालों को चिन्हित किया जा रहा है इसके लिए खुफिया विभाग को लगाया गया है.



उधर दिल्ली में हुए प्रदर्शन को देखते हुए एनसीआर में सुरक्षा और काननू व्यवस्था को लेकर सर्तकता बढ़ा दी गई है. सीमाओं पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया है. कंट्रोल रूम को और अधिक एक्टिव बने रहने के निर्देश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि पुलिस प्रर्दशनकारियों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है. माहौल खराब करने वाले और पुलिस पर पथराव करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी है. इसके लिए पुलिस फुटेज और वीडियो को खंगाल रही है.


इन स्थानों पर हुई हिंसा


 


राजधानी में मथुरा रोड,न्यू फ्रेंडस कालोनी, होली फैमिली, जामिया,बटला हादस और कालिंदीं कुंज इलाके में प्रर्दशन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के बाद अतिरिक्त पुल तैनात किया गया है, वहीं सुरक्षा को देखते हुए 5 मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है.


वजन घटाना चाहते हैं तो ऐसे करें अदरक का इस्तेमाल, होगा फायदा

वजन कम करना आसान नहीं होता है. बहुत से लोग वजन घटाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं, लेकिन बीच रास्ते में ही हार मान लेते हैं. वजन घटाने के लिए समर्पण, कड़ी मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है. जो लोग वजन घटाने के लिए सही आहार, व्यायाम और एक निर्धारित जीवन शैली का पालन करते हैं वह ऐसा करने में कामयाब हो जाते हैं.


 


वजन घटाने में कुछ अन्य चीजें भी आपकी भी मदद करती हैं और ऐसी ही एक चीज है अदरक. जब वजन कम करने की बात आती है, तो बहुत से लोग इस महत्व को याद नहीं रखते कि वह क्या खाते हैं. यदि आप वजन घटाने वाली चीजों को अपने आहार में शामिल कर लें तो आप वजन कंट्रोल कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कि अदरक कैसे आपके वजन को कम करने में मदद कर सकती है.


वजन कम करने के लिए अदरक का पानी कैसे बनाएं


एक गिलास पानी उबालें और इसमें आधा चम्मच पिसा हुआ अदरक मिलाएं. कम से कम 10-12 मिनट तक उबालें. एक गिलास में मिश्रण डालने के लिए एक झरनी का उपयोग करें. यदि आपको सादे अदरक के पानी का विचार पसंद नहीं है, तो आप स्वाद और स्वास्थ्य लाभ के लिए आप इसमें नींबू का रस डाल सकते हैं.


 


पाचन तंत्र को ठीक रखता है


एक स्वस्थ पाचन तंत्र एक स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. जब आप सुबह सबसे पहले अदरक का पानी पीते हैं, तो यह आपके चयापचय को किकस्टार्ट करने में मदद कर सकता है और आपके पाचन को दुरुस्त रख सकता है.


 


रक्त में शर्करा को नियंत्रित करता है


 


अदरक की चाय का सेवन cravings में मदद करता है और रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है.


नागरिकता कानून को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, बुधवार को सुनवाई


नई दिल्ली: देशभर में नागरिकता कानून पर जारी विरोध के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जयराम रमेश की याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी. जयराम ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से इस नये कानून को चुनौती दी है. उन्होंने 13 दिसंबर को यह याचिका दायर की थी.


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ''जल्दबाजी में लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के कारण पैदा हुई अत्यंत कठिन स्थिति को देखते हुए, मैंने माननीय उच्चतम न्यायालय का रुख किया है ताकि मेरे विषय में त्वरित सुनवाई हो.''




 



जयराम ने कहा, ''माननीय न्यायाधीशों ने इस मामले में मेरी याचिका पर सुनवाई बुधवार को करने की सहमति जताई है.'' अपनी याचिका में रमेश ने अदालत से आग्रह किया है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित करने के लिए उचित आदेश पारित किया जाए.कांग्रेस नेता ने यह भी मांग की कि अदालत उचित फैसला देते हुए यह घोषित करे कि संशोधित कानून 1985 के असम समझौते और भारत के संविधान को विपरीत है. रमेश ने यह भी घोषित करने की मांग की कि यह संशोधित अधिनियम अंतरराष्ट्रीय कानून एवं दायित्व का उल्लंघन करता है.


 


उद्धव ठाकरे का दावा- नहीं बदली है शिवसेना की विचारधारा


नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना हिंदुत्ववादी बने रहने की बात कही है. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने साफ किया है कि शिवसेना की विचारधारा में कोई बदलाव नहीं आया है. बता दें कि राज्य में हाल ही में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है. कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने पर बीजेपी ने शिवसेना पर विचारधारा बदलने के आरोप लगाए थे.


 


ठाकरे ने बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर नागरिकता कानून को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के पास कोई आइडिया नहीं है कि कहां और कैसे हिंदुओं और अन्य प्रवासियों को बसाया जाए, जो नये कानून (नागरिकता संशोधन कानून) के तहत भारतीय नागरिकता पाने वाले हैं.


उन्होंने कहा, ''हम बेशक हमेशा से हिंदुत्ववादी हैं. मैंने ऐसा विधानसभा में भी कहा था.'' ठाकरे ने यह भी कहा कि शिवसेना देश में अशांति पैदा करने के लिए हिंदुत्व का मुद्दा उठाने की इजाजत नहीं देगी. शिवसेना ने नागरिकता कानून में हुए संशोधन में लोकसभा में बीजेपी के पक्ष में वोटिंग की थी. हालांकि राज्यसभा में शिवसेना ने अपना स्टैंड बदलते हुए वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.


उन्नाव रेप कांड: कुलदीप सेंगर की सजा पर आज कोर्ट में होगी बहस


नई दिल्ली: यूपी के उन्नाव में 2017 में नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के मामले में दोषी ठहराये गये बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर आज बहस होगी. सुनवाई दोपहर 12.30 बजे होगी. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को सेंगर को इस मामले में दोषी ठहराया. जिला जज धर्मेश शर्मा ने हालांकि मामले में एक अन्य आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया.


सेंगर को आईपीसी के तहत रेप और पोक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है. जिन धाराओं के तहत कुलदीप सिंह सिंगर को दोषी करार दिया गया है उसमें कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.




तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया. कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं. कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?



मामले में दर्ज हैं पांच एफआईआर


सेंगर ने 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था. उस समय युवती नाबालिग थी. उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था.


गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

प्रदूषण फैलाने वाली 39 फैक्ट्रियों को किया सील

संवाद सहयोगी, लोनी: जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने शहर के लोनी बॉर्डर क्षेत्र स्थित आर्य नगर औद्योगिक क्षेत्र और कृष्णा विहार आवासीय परिसर में चलाई जा रही प्रदूषण फैलाने वाली 39 फैक्ट्रियों को सील कर विद्युत कनेक्शन काटे गए। कार्रवाई के दौरान हजारों रुपयों का जुर्माना वसूला गया। इस दौरान फैक्ट्री संचालकों में हड़कंप मचा रहा।


बुधवार को उपजिलाधिकारी खालिद अंजुमन के नेतृत्व में सेवाधाम चौकी क्षेत्र की कृष्णा विहार कॉलोनी स्थित आवासीय परिसर में औद्योगिक गतिविधियों पर कार्रवाई की गई। साथ ही आर्य नगर औद्योगिक क्षेत्र में जल प्रदूषण फैलाने वाली अवैध फैक्ट्रियों पर भी एक्शन लिया गया। तहसीलदार प्रकाश सिंह ने बताया कि कार्रवाई के दौरान आर्य नगर औद्योगिक क्षेत्र में बिना कागजात, बगैर मानकों के 13 जींस रंगाई की फैक्ट्रियां संचालित होती मिली। अधिकारियों ने इन फैक्ट्रियों को सील कर इनके विद्युत कनेक्शन काट दिए। कार्रवाई के दौरान एक फैक्ट्री से 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। दूसरी ओर कृष्णा नगर कॉलोनी में कार्रवाई के दौरान नायाब तहसीलदार आलोक चौहान और अन्य अधिकारियों ने आवासीय परिसर में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने पर 26 फैक्ट्रियों को सील किया। कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री संचालकों में हड़कंप मचा रहा। अधिकारियों ने आगे भी कार्रवाई जारी रखने की बात कही है।



नागरिक संशोधन बिल पास होने से बौखलाया पाकिस्तान, इमरान खान ने की PM मोदी की आलोचना


पाकिस्तान हर तरह से भारत की आलोचना करना के लिए मौकों की तलाश करता रहता है। नागरिक संशोधन बिल पर पाकिस्तान की पोल खुलने के बाद से ही वह बौखलाया हुआ है। अब इमरान खान ने ट्वीट कर भारत पर निशाना साधा है। खान ने लिखा कि भारत मोदी के अधीन, अपने हिंदू सुप्रीमो के एजेंडे के साथ व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रहा है। आगे लिखा कि गुलाम कश्मीर की अवैध घेराबंदी और निरंतर घेराबंदी के साथ असम में 2 मिलियन भारतीय मुस्लिमों की नागरिकता छिनकर, नजरबंदी कैंप स्थापित कर और अब नागरिकता संशोधन कानून पारित कर अपने एजेंड़ें को पूरा कर रहे हैं। 


भतीजी की हत्या, ड्रम में सीमेंट कंक्रीट भर नदी में फेंका; आरोपी चाचा फरार


मुंबई, मिड डे। मुंबई से एक नाबालिग बच्ची की हत्या की बेहद दर्दनाक घटना सामने आयी है। उत्तान सागरी पुलिस ने बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की भी आशंका जाहिर की है। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 38 वर्षीय, मुख्य आरोपी जिसने बच्ची को छह माह पहले गोद लिया है वो फिलहाल फरार है। आरोपी रिश्ते में बच्ची का चाचा बताया जा रहा है। पुलिस ने कसारा घाट से लड़की का शव सीमेंट से ढके हुए लोहे के ड्रम के अंदर से बरामद किया है। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी ने छह माह पहले इस बच्ची को अच्छी शिक्षा और परवरिश का वादा कर  उसकी मां से गोद लिया था। 


क्या है मामला


औरंगाबाद की रहने वाली हिना चौहान के पति की एक साल पहले मौत हो गई थी। हिना अपनी तीन बेटियों और एक बेटे के साथ ससुराल में रह रही थी और जैसे तैसे अपना जीवनयापन कर रही थी। जून 2019 में हिना के पति का एक चचेरा भाई प्रकाश राठौड़ (38) उनके घर आया और उसने कहा कि वह हिना की बड़ी बेटी को गोद लेना चाहता है और उसे अपने साथ ठाणे ले जाएगा और अच्छी परवरिश और शिक्षा की सारी जिम्मेदारी अब उसकी ही होगी। 


प्रकाश नौ साल की बच्ची को अपने साथ ठाणे ले आया, एक माह तक बच्ची की मां हिना के संपर्क में रहा और बच्ची की खैर खबर की सूचना उसकी मां तक पहुंचती रही, लेकिन उसके बाद अचानक उसके फोन आने बंद हो गये। बच्ची से कोई संपर्क न होने के बाद मां विचलित होने लगी चिंतित मां अपने परिवार के साथ कन्नाड ग्रामीण पुलिस स्टेशन पहुंची। 


पुलिस ने उन्हें उत्तान सागरी जाने के लिए कहा । 4 दिसंबर को हिना अपने परिवार के साथ उत्तान पहुंची उसने देखा कि राठौड़ के घर पर ताला लगा हुआ था। घबरायी मां ने राठौड़ के खिलाफ केस दर्ज करवाया। पुलिस की जांच में पता चला कि राठौड़ कुछ दिनों से बाहर गया हुआ है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरु कर दी। जांच के दौरान प्रकाश की पत्नी ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले एक टैम्पो किराये पर लिया था। उसके बाद पुलिस ने टैम्पो चालक को ढूंढा, चालक ने बताया कि प्रकाश अपने साथ एक लोहे का ड्रम लाया था जिसे उसने कसारा घाट में फेंक दिया था। 


 


ठाणे (ग्रामीण) के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजय कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि कसारा घाट से एक लोहे का ड्रम बरामद किया है जिसमें एक लड़की का कंकाल और उसके कपड़े सीमेंट के मिश्रण के साथ मिले थे। पुलिस ने इस मामले में टैंपो चालक और प्रकाश राठौड़ की पत्नी को हिरासत में ले लिया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी फरार है। 


बुधवार, 11 दिसंबर 2019

नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में भी पास, पक्ष में पड़े 125, विपक्ष में 105 वोट


नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019)राज्यसभा में भी पास हो गया है. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 125 वोट और विपक्ष में 105 वोट पड़े. इससे पहले चर्चा के दौरान कुछ सांसदों ने इस बिल को सलेक्ट समिति में भेजने की मांगी की. इसके लिए भी वोटिंग कराई गई. सलेक्ट समिति में भेजने के पक्ष में 99 और भेजने के खिलाफ 124 वोट पड़े. यह प्रस्ताव टीएमएसी सांसद डेरेक ओब्रायन लेकर आए थे, जो गिर गया. शिवसेना वोटिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हुई. राज्यसभा में बिल में संशोधन के लिए 14 प्रस्ताव दिए गए.


राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर वोटिंग में शिवसेना के सांसद शामिल नहीं हुए. इसके अलावा बहुमजन समाज पार्टी (बीएसपी) के दो सांसद भी वोटिंग में शामि नहीं हुए.


लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है CAB
नागरिकता संशोधन बिल 2019 लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है. लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े थे. खास बात यह है कि इस बिल के पक्ष में बीजेपी की पुरानी सहेयागी शिवसेना ने भी सहयोग किया था. हालांकि राज्यसभा में वोटिंग के दौरान शिवसेना ने खुद को अलग कर लिया.


Nirbhaya के दोषियों की फांसी का काउंटडाउन शुरू! जल्लाद ने भी किया अहम खुलासा

2012 Delhi Nirbhaya case : आगामी पांच दिन बाद यानी 16 दिसंबर, 2019 को देश-दुनिया को हिला देने वाले निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले को सात साल पूरे हो जाएंगे। इस बीच सजा पाए चारों दोषियों (विनय शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन और मुकेश) को फांसी देने को लेकर चर्चा गरम है।


16 दिसंबर को दी जा सकती है फांसी !


मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आगामी 16 दिसंबर को सभी चारों दोषियों को फांसी लगा दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा देने की तैयारी जोरों पर है, वैसे वर्तमान में निर्भया के चारों दोषियों को मिलाकर कुल 17 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जिस पर अमल होने का इंतजार है। यह बात अलग है कि अभी फांसी से पूर्व की कई अदालती व अन्य प्रक्रिया पूरी होनी बाकी है। 



जल्लाद पवन के पास आया फोन


निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने की संभावित तारीख 16 दिसंबर के पक्ष में यह बात भी जा रही है कि मेरठ के रहने वाले यूपी के दूसरे जल्लाद पवन के पास इस बाबत फोन भी आया है। कहा जा रहा है कि जल्लाद पवन के पास चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने को लेकर फोन भी आया है, इसकी पुष्टि खुद पवन ने की है। फोन कहां से आया और किसने किया? इसका खुलासा जल्लाद पवन ने नहीं किया है। वहीं, पवन काफी पहले ही यह दावा कर चुके हैं कि अगर निर्भया केस में चारों दोषियों को फांसी दे गई होती तो हैदराबाद में दरिंदगी नहीं होती। बता दें कि पवन के दादा परदादा भी जल्लाद रह चुके हैं और दशकों से दोषियों को फांसी पर चढ़ाते आ रहे हैं।


एक जल्लाद की तबीयत खराब


वहीं, अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की फांसी को लेकर जेल प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। दूसरी ओर देश में फांसी देने वाले जल्लादों की संख्या पहले से ही कम है तो वहीं उत्तर प्रदेश में वर्तमान में सिर्फ दो जल्लाद इलियास और पवन हैं। इनमें इलियास की तबीयत खराब है तो पवन ने कहा है कि वह तीन दिन पूर्व की सूचना पर फांसी देने की प्रक्रिया पूरी कर देगा।


तीन दोषी जेल नंबर 2 में बंद


यहां पर बता दें कि पवन को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल लाकर जेल नंबर-2 में रखा गया है। यहां पर अन्य दोषी मुकेश और अक्षय पहले से ही बंद हैं, जबकि चौथा दोषी तिहाड़ जेल की नंबर 4 में बंद है। फिलहाल चारों दोषी तिहाड़ की जेल में हैं।


चारों दोषियों को मिली है फांसी की सजा


निर्भया के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद सभी आरोपितों को लेकर केस फास्ट ट्रैक में चला। वर्ष, 2013 में निचली अदालत ने चारों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके दिल्ली हाई कोर्ट ने भी 13 मार्च, 2014 को फांसी की सजा को बरकरार रखा था। वहीं, 13 मार्च, 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी।


एक आरोपित पहले ही कर चुका है आत्महत्या


16 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में कुल छह आरोपित थे। इनमें से जेल में बंद आरोपित राम सिंह आत्महत्या कर चुका है वहीं, एक आरोपित नाबालिग था, जो बाल सुधार गृह में अपनी तीन साल की सजा पूरी कर चुका है। 


 


सभी दोषी लाए गए तिहाड़


निर्भया के सभी दोषियों को 16 दिसंबर को फांसी देने को इस बात से भी बल मिल रहा है कि सभी चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में लाया गया है। बता दें कि पहले एक दोषी पवन दिल्ली की मंडोली जेल में रखा गया था, जिसे सोमवार को ही तिहाड़ जेल शिफ्ट दिया गया है। तिहाड़ जेल के महानिदेशक (जेल) संदीप गोयल के मुताबिक, पवन कुमार गुप्ता को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया गया है। 


 


राजस्थान: महिला के साथ दुष्कर्म करने के बाद शव को पेड़ पर लटकाया


भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर में सोमवार को संदिग्ध हालत में नीम के पेड़ से विवाहिता का शव लटका हुआ मिला. पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म कर लूटपाट करने का मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनसे पूछताछ जारी है.


मामला कामां थाना इलाके के रोशियाका गांव का है. जहां सोमवार सुबह संदिग्ध हालत में नीम के पेड़ से विवाहिता का शव लटका हुआ मिला. जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. मृतका के मायके से आए लोगों ने शव को पहचान लिया. पुलिस ने मामले को लेकर 31 घंटे बाद हथियार के बल पर सामूहिक दुष्कर्म कर लूटपाट करने का मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि वारदात के दिन मृतका शौच के लिए बाहर गई थी. रास्ते में बंदूक की नोक पर मूवीन, उन्नस और बाबला उसे जंगल में ले गए. जहां इनके अन्य साथी अमर सिंह, बन्नो, बालू भी पहुंच गए और इन्होंने मृतका के साथ दुष्कर्म किया.दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने मृतका के जेवरात और मोबाइल लूट लिया और उसकी हत्या कर शव को जंगल में ही पेड़ से लटका दिया. मृतका के परिजनों ने आरोपियों को फांसी की सजा की मांग की है. शव मिलने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कामां अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर शव मृतका के परिजनों को दे दिया है


मुर्गी-बकरी चोरी केस में आज़म को फिर मिली हाईकोर्ट से राहत, गिरफ्तारी पर रोक सात जनवरी तक बढ़ी


प्रयागराज: मुर्गी और बकरी चोरी समेत बीजेपी नेत्री व फिल्म एक्ट्रेस जयाप्रदा के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी के मामले में रामपुर के सपा सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज एक बार फिर बड़ी राहत मिल गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन दोनों मामलों समेत 13 मुकदमों में आज़म को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को सात जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है. अदालत ने आज इन मामलों में यूपी सरकार द्वारा दिए जवाब से असंतुष्टि जताई है और उसे चार हफ्ते के अंदर नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है.


अदालत इस मामले में सात जनवरी को फ़िर से सुनवाई करेगी. अदालत ने यूपी सरकार से इस बात पर ख़ास तौर पर जवाब देने को कहा है कि आखिर कई मामलों में चार साल बाद केस क्यों दर्ज किया गया. मामले की सुनवाई जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच में हुई.




आज़म खान की तरफ से आज अदालत में एक बार फ़िर से यह दलील दी गई कि उनके खिलाफ दर्ज मुक़दमे सियासी बदले की भावना से दर्ज किये गए हैं और हकीकत से इनका कोई लेना देना नहीं है. आज़म खान के जिन 13 मुकदमों में आज हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक बढ़ाई है, उनमें सात रामपुर के यतीमखाने से जुड़े हैं. इन्ही में से एक मामला मुर्गी और बकरी चोरी का है, जबकि कुछ मामले लोकसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के हैं. इनमें से एक मामला चुनाव के दौरान जयाप्रदा के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी से भी जुड़ा हुआ है. आज़म खान से जुड़े हुए तीन मामलों में आज हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी.



राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी सही पाईं जया बच्चन की शिकायतें, कहा- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सुरक्षित नहीं हैं छात्राएं


प्रयागराज:सपा सांसद जया बच्चन द्वारा इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल्स की सुरक्षा का मुद्दा उठाए जाने के बाद हकीकत परखने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम आज प्रयागराज पहुंची. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ राजुल बिंद देसाई की अगुवाई में एक टीम ने आज यूनिवर्सिटी कैम्पस के सभी छह महिला हॉस्टल्स का निरीक्षण किया और तमाम छात्राओं के बयान दर्ज किये. महिला आयोग की टीम ने जया बच्चन द्वारा उठाए गए सभी सवालों और छात्राओं द्वारा की गई सभी शिकायतों को सही पाया.


महिला आयोग की टीम ने कहा कि हॉस्टल में छात्राएं कतई सुरक्षित नहीं हैं. वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. छह हॉस्टल्स के कैम्पस में एक भी महिला गार्ड नहीं है. इसके साथ ही मेस और पानी के उचित इंतजाम नहीं हैं. न तो कोई डिस्पेंसरी है और न ही काउंसलर. इसकी वजह से तमाम लड़कियों में हीमोग्लोबिन की कमी है. हॉस्टल्स में सीसीटीवी कैमरे कम हैं और जो हैं वह भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. सफाई और शौचालय की भी उचित व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा रात तक बाहरी पुरुषों की आवाजाही भी वहां रहती है. इससे छात्राएं भयभीत रहती हैं.




यूनिवर्सिटी में छात्राओं की समस्याएं सुनकर उसे दूर करने के लिए इंटरनल कमेटी भी हाल ही में गठित की गई है. यहां वाइस चांसलर से लेकर कई टीचर्स पर महिलाओं द्वारा आरोप लगाए गए हैं. महिला आयोग की टीम ने इन खामियों पर सख्त नाराज़गी जताई और यूनिवर्सिटी को एक महीने के अंदर सभी सुविधाएं दुरुस्त करने की सख्त हिदायत दी. आयोग की सदस्य डॉ राजुल बिंद देसाई ने यूनिवर्सिटी को सात या फिर नौ सदस्यीय टीम गठित करने को भी कहा है. ये टीम हर महीने यूनिवर्सिटी कैम्पस और महिला हॉस्टल्स का निरीक्षण और छात्राओं के बयान दर्ज कर आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजेगी.



टीम में राज्य महिला आयोग की दो सदस्य और राष्ट्रीय महिला आयोग की लीगल एडवाइजर प्रियंका मिड्ढा को भी रखे जाने के आदेश दिए. आयोग की टीम ने वाइस चांसलर प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के नहीं मिलने, उनके वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी बात नहीं करने और यूनिवर्सिटी के पीआरओ व दूसरे ज़िम्मेदार लोगों के रवैये पर भी नाराज़गी जताई. आयोग की टीम ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई की सिफारिश भी की जाएगी. टीम में राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता सचान और अनीता सिंह भी शामिल थीं. टीम ने पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और शिकायतकर्ता ऋचा सिंह का बयान भी दर्ज किया. छात्राओं ने कहा है कि आयोग के दखल के बाद अब उन्हें इंसाफ मिलने की आस जगी है.


अयोध्या फैसले पर दोबारा विचार की मांग पर SC कल लेगा फैसला, तय होगा कि क्या खुली अदालत में फिर होगी सुनवाई

नई दिल्ली: अयोध्या फैसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल विचार करेगा. 5 जज बंद चैंबर में याचिकाओं को देखकर तय करेंगे कि इन पर खुली अदालत में सुनवाई करनी है या नहीं. अगर जज इसे खुली अदालत में सुनवाई लायक नहीं मानेंगे तो पुनर्विचार अर्ज़ियां खारिज हो जाएंगी. अगर जज इसे सुनवाई के लायक मानते हैं तो वकीलों को खुली अदालत में जिरह करने का मौका मिलेगा.



क्या था फैसला




9 नवंबर को दिए ऐतिहासिक फैसले में कोर्ट ने पूरी 2.77 एकड़ जमीन रामलला को दी थी. कोर्ट ने मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट बनाने के लिए कहा था. 5 जजों का यह एकमत फैसला उपलब्ध तथ्यों के हिसाब से विवादित ज़मीन पर मुसलमानों की तुलना में ज़्यादा मज़बूत हिंदू दावे के चलते दिया गया था. फिर भी कोर्ट ने माना था कि 1857 से लेकर 1949 तक मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ी. 1949 इमारत में मूर्ति रख कर मुसलमानों को जबरन वहां से भगाया गया. 1992 मस्ज़िद को तोड़ दिया गया. इसलिए, कोर्ट ने पूरा इंसाफ करने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही किसी वैकल्पिक जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया.



कुल 18 पुनर्विचार याचिकाएं


9 नवंबर को अयोध्या मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कुल 18 पुनर्विचार याचिकाएं विचार के लिए जजों के सामने लगी हैं. 9 याचिकाएं पक्षकारों की हैं. जबकि, 9 ऐसे लोगों या संगठनों की हैं जो मुख्य मामले में पक्ष नहीं थे.


याचिका दाखिल करने वाले 9 पक्षकार


मुस्लिम पक्ष की तरफ से 6 याचिकाएं मो. उमर, मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्ला, महफूज़ुर्रह्मान, हाजी महबूब और असद अहमद ने दायर की हैं. इन छह याचिकाकर्ताओं को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन हासिल है. एक याचिका जमीयत उलेमा ए हिंद से जुड़े मौलाना असद रशीदी की है.


 


हिंदू पक्ष की तरफ से हिंदू महासभा ने भी एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में अयोध्या में मुसलमानों को 5 एकड़ जमीन दिए जाने का विरोध किया गया है. इसके अलावा शिया वक्फ बोर्ड ने विवादित इमारत पर पहले सुन्नियों के नियंत्रण होने के फैसले को बदलने की मांग की है.


 


9 नए याचिकाकर्ता


 


पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद अय्यूब, केरल के राजनीतिक दल SDPI के साथ ही वकील प्रशांत भूषण के ज़रिए 40 सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी याचिका दाखिल कर पूरी विवादित ज़मीन रामलला को दिए जाने का विरोध किया है. इसके अलावा 6 और नई पुनर्विचार याचिकाएं जजों के सामने सूचीबद्ध हैं.


 


मुस्लिम पक्ष की मांग


 


मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं में कहा गया है :-


 


* 9 नवंबर को आया फैसला 1992 में मस्जिद ढहाए जाने को मंजूरी देने जैसा.
* 1949 में अवैध रूप से जिस मूर्ति को रखा गया उसी के पक्ष में फैसला सुनाया गया.
* अवैध हरकत करने वालों को ज़मीन दी गई.
* हिंदुओं का कभी वहां पूरा कब्ज़ा नहीं था.
* मुसलमानों को 5 एकड़ जमीन देने का फैसला पूरा इंसाफ नहीं कहा जा सकता.
* सुप्रीम कोर्ट 9 नवंबर के फैसले पर रोक लगाए. मामले पर दोबारा विचार करे.


 



हिंदू महासभा की याचिका


 


हिंदू महासभा की तरफ से दाखिल पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि बाहरी और भीतरी हिस्से पर हिंदू दावा मज़बूत होने के चलते जगह रामलला को मिली. इसके बदले में मुसलमानों को अलग से 5 एकड़ जमीन देने की ज़रूरत नहीं थी. कोर्ट को इसे निरस्त करना चाहिए. 1992 में बाबरी विध्वंस की घटना को 'अवैध' और 'ज़्यादती भरा' बताने वाली टिप्पणी को भी फैसले से हटाने की मांग हिंदू महासभा ने की है.


 


सुन्नी वक्फ बोर्ड को फैसला मंज़ूर


 


गौरतलब है कि मामले का मुख्य मुस्लिम पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड फैसले को स्वीकार करने की बात कह चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ ज़मीन देने को कहा था. मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी भी कह चुके हैं कि उन्हें कोर्ट का फैसला मंज़ूर है. वह इसे बदलने की मांग नहीं करेंगे.


 


कल बंद कमरे में होगा विचार


 


पुनर्विचार याचिका के लिए तय नियम के मुताबिक उस पर वही जज विचार करते हैं जिन्होंने मामले की सुनवाई कर फैसला दिया था. बंद चैंबर में जज याचिका को देख कर तय करते हैं कि क्या उसमें कोई ऐसा बिंदु उठाया गया है जिस पर उन्होंने अपने मुख्य फैसले में जवाब नहीं दिया था? क्या कोई ऐसी बात है जिस पर दोबारा विचार किए जाने की जरूरत है? अगर जजों को ऐसा लगता है तो वह मामले में की खुली अदालत में सुनवाई का आदेश देते हैं. ऐसे में सभी पक्षों को नोटिस जारी कर कोर्ट में बुलाया जाता है. दोनों पक्षों के वकील जिरह करते हैं.


 


अगर जजों को ऐसा लगता है कि पुनर्विचार याचिका में कोई भी ऐसी बात नहीं कही गई है, जिसके चलते दोबारा सुनवाई जरूरी हो. तो वह पुनर्विचार याचिका को खारिज करने का आदेश दे देते हैं.


 


एक नए जज बेंच में


 


सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली 5 जजों की बेंच के एक सदस्य चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अब रिटायर हो चुके हैं. ऐसे में पांच जजों का कोरम पूरा करने के लिए उनके बदले जस्टिस संजीव खन्ना को बेंच में शामिल किया गया है. ऐसे में कल मामले पर विचार करने वाली बेंच यह है- मौजूदा CJI एस ए बोबड़े, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एस अब्दुल नज़ीर और संजीव खन्ना. लिस्ट के मुताबिक दोपहर 1.40 पर पांचों जज एक साथ बैठेंगे.


 


निर्मोही की याचिका लिस्ट में नहीं


 


आज निर्मोही अखाड़ा ने भी रिव्यू पेटिशन दाखिल की है. कहा है कि हम राम मंदिर का रास्ता खोलने वाले फैसले का स्वागत करते हैं. उसमें बदलाव की मांग नहीं है. लेकिन कोर्ट मंदिर से जुड़े ट्रस्ट में हमारी भूमिका पर स्पष्टता दे. सुमित्रा भवन, सीता कूप जैसे मंदिरों को अपने नियंत्रण में देने की दरख्वास्त भी निर्मोही अखाड़ा ने की है. लेकिन आज ही दाखिल होने के चलते निर्मोही की याचिका कल विचार के लिए नहीं लगी है.


शनिवार, 7 दिसंबर 2019

जलाई गई उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की सफदरजंग अस्पताल में मौत

नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत हो गई है. पीड़िता ने रात 11 बजकर 40 मिनट पर दम तोड़ा. पीड़िता के 95 फीसदी जलने के बाद उसे उन्नाव से लखनऊ, फिर लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था. उसे बचाने की डॉक्टरों की सभी कोशिशें नाकाम रहीं. जेल से छूटे रेप के आरोपियों ने तीन दिन पहले उसे जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की थी.



दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत


दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर शलभ कुमार के मुताबिक, रात 8.30 बजे से ही पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी. पीड़िता को बचाने के लिए दवा की डोज बढ़ाई गई, लेकिन रात 11.40 मिनट दिल का दौरा पड़ने की वजह से उसने दम तोड़ दिया. हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि पीड़िता लगातार अपने भाई से कह रही थी कि आरोपियों को मत छोड़ना.


पेट्रोल डालकर लगाई थी आग


इससे पहले पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी. जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और रेप के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.


पुलिस के मुताबिक पीड़िता अधजली अवस्‍था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी. प्रत्‍यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्‍पताल रेफर किया गया. बाद में जिला अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया.


दिसंबर 2018 में अगवा कर किया था गैंगरेप


 


पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे गैंगरेप किया था. हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी.


शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

उन्नाव रेप पीड़ित को एयर लिफ्ट करके सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जल चुकी पीड़िता की हालत गंभीर


नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में रेप पीड़िता को जलाकर मारने की कोशिश के मामले में पीड़िता की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है. पीड़िता को लखनऊ से एयरलिफ्ट करके दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया है. पीड़िता अभी बर्न वॉर्ड में भर्ती है. डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता लगभग 90 फीसदी जल गई है.



सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है पुलिस


फिलहाल इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और तीन अन्य हिरासत में है. इन सभी से उन्नाव पुलिस पूछताछ कर रही है. योगी सरकार ने घोषणा की है कि पीड़िता के इलाज में आने वाला सारा खर्च सरकार वहन करेगी. और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत तमाम बड़े नेताओं ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था के नाम पर आड़े हाथों लिया है.


सड़क से लेकर संसद तक हंगामा


इस घटना पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा हो रहा है. राज्यसभा में भी इस मुद्दे को लेकर सांसदों ने मांग की कि ऐसे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए जिससे कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगे. पीड़िता के साथ रेप की घटना पिछले साल 2018 दिसंबर में हुई थी.


मामले में एफआईआर मार्च 2019 में दर्ज हुई थी. मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी 30 नवंबर को जमानत पर रिहा हुआ था और गुरुवार सुबह उसने अपने सहयोगियों के साथ पीड़िता को जलाकर मारने की कोशिश की. पुलिस के अनुसार वारदात उन्नाव जिले के बिहार थानाक्षेत्र के सिंदुपुर गांव की है.


 


तस्वीरें: जिस हाईवे पर किया था गैंगरेप और हत्या, उसी हाईवे पर ढेर हुए चारों आरोपी


  1. हैदराबाद गैंगरेप को चारों आरोपी मारे गए हैं. तेलंगाना पुलिस ने चारों आरोपियों का उसी हाईवे पर एनकाउंटर किया है, जहां इन लोगों ने महिला डॉक्टर से गैंगरेप किया था और उसे जलाकर मारा था.

  2. दरअसल पुलिस आज सबुह एक बस में इन लोगों को वारदात के रिकंस्ट्रक्शन के लिए वारदात की जगह पर ले गई थी.

  3. इसके बाद इन लोगों ने वहां से भागने की कोशिश की.

  4. भाग रहे चारों आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया.

  5. पुलिस केस की छानबीन और सबूत जुटाने के लिए वारदात की जगह पर 'वारदात कैसे घटी' या 'वारदात को कैसे अंजाम दिया गया' इसके लिए घटना का रिकंस्ट्रक्शन करती है.

  6. वारदात की जगह आरोपियों को भी ले जाया जाता है ताकि वह बताए कि उन्होंने वारदात को कैसे अंजाम दिया.

  7. पुलिस ये सब इसलिए करती है ताकि उसकी तरफ से केस मजबूत हो और वह अदालत में केस से जुड़े सभी पहलुओं को रख सके.

  8. आज सुबह इस एनकाउंटर के बाद पुलिस कमिश्नर ने घटना की जगह का दौरा भी किया.



नाना पाटेकर खिलाफ फिर कोर्ट में पहुंचीं तनुश्री दत्ता

मीटू आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं. दरअसल तनुश्री ने दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है. एक्ट्रेस ने ओशिवारा पुलिस स्टेशन द्वारा फाइल की गई B समरी रिपोर्ट के विरोध में अदालत के सामने एक याचिका दायर की है. गौरतलब है कि इसी रिपोर्ट के बाद नाना पाटेकर को अदालत से क्लीनचिट मिल गई थी.
इस याचिका में एक्ट्रेस ने आरोपी के नार्को टेस्ट की मांग की है. साथ ही इस याचिका में अदालत से मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को इस केस की जांच सौंपने का आग्रह किया गया है. पुलिस को जब आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कोई सबूत नहीं मिलता तो वह अदालत के सामने 'बी-समरी' रिपोर्ट पेश करती है.



बता दें कि इससे जुलाई में नाना को क्लीन चीट मिलने के बाद तनुश्री ने मुंबई पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था. लेकिन पुलिस जांच में नाना पाटेकर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई सबूत नहीं मिला. बाद में नाना को क्लीचिट दे दी गई.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने दिग्गज एक्टर नाना पाटेकर पर 2009 में फिल्म हॉर्न ओके प्लीज की शूटिंग के दौरान छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. जिसको लेकर बॉलीवुड में काफी विवाद भी हुआ था. 2018 में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में तनुश्री ने नाना पर गंभीर आरोप लगाने के बाद पुलिस केस किया था. मगर सबूतों के अभाव में नाना को क्लीनचिट मिल गई थी.

जिन्होंने हैदराबाद गैंगरेप के दरिंदों को मौत के घाट उतारा


नई दिल्ली: हैदराबाद में डॉक्टर के साथ की गई दरिंदगी के चारों आरोपियों को मौत के घाट उतारने वाले आईपीएस अधिकारी विश्वनाथ सज्जनार के चर्चे आज सभी की जुबान पर हैं. घटना के रिकंस्ट्रक्शन के लिए आरोपियों को वारदात की जगह ले जा रही थी, जहां से इन चारों लोगों ने भागने की कोशिश की और पुलिस का हथियार छीनकर फायरिंग करने की कोशिश की. इसके बाद सज्जनार ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया.


कौन हैं वी सी सज्जनार




सज्जनार मूल रूप से कर्नाटक के हुबली के निवासी है. उनका जन्म पगडी ओनी, हुबली में हुआ था. सज्जनार स्कूल और हाई स्कूल की पढ़ाई लॉयंस स्कूल हुबली हुई. सज्जना ने जे जी कॉलेज ऑफ कॉमर्स हुबली से बी- कॉम की पढ़ाई की और कौशली इंस्टीट्यूट से एमबीए किया. 1996 बैच के आईपीएस अफसर विश्वनाथ सज्जनार एन्काउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर हैं.



सज्जनार सायबराबाद पुलिस कमिश्नर हैं सायबराबाद पुलिस कमिश्नर बनने से पहले सज्जनार स्पेशल इंटलिजेंस ब्रांच के आईजी रहे चुके हैं और इसी इंटलिजेंस ब्रांच के डीआईजी के रूप में भी उन्होंने जिम्मेदारी संभाली है. सज्जनार ने वारंगल जिले के जनगांव में बतौर असिस्टेंट सूपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस के पद से अपने करियर की शुरुआत की.


सज्जनार के ताकतवर नेटवर्क की वजह से ही तेंलगाना में माओवादी, नक्सली गतिविधियों में कमी आई. बतौर आईजी सज्जनार के नेतृत्व में ही पुलिस टीम ने बड़े नक्सल लीडर नईमुद्दीन को मारकर नक्सली नेटवर्क की कमर तोड़ दी थी. सज्जनार इंटेलिजेंस विंग से पहले ऑक्टोपस और आर्थिक अपराध शाखा में बतौर एसपी कार्यरत रहे हैं.


पहले भी एक पीड़िता को दिलाया था इंसाफ


साल 2008 में वारंगल जिले में दो इंजीनियरिंग की छात्रा पर एक तरफा प्यार के चलते आरोपी श्रिनिवास राव और उसके दो साथी पी हरिकिशन, बी संजय ने एसिड अटैक किया था. पुलिस ने तीनों आरोपियों के गिरफ्तार किया. वी सज्जनार उस समय वारंगल एसपी थी और उन्होंने उन तीनों आरोपियों को भी एन्काउंटर में मार गिराया गया. कई लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए लेकिन जनता और सरकार उस वक्त भी सज्जनार के साथ खड़ी रही.सज्जनार के पुलिस कमिश्नर होने से लोगों में तुरंत न्याय की उम्मीद दुबारा जगने लगी. सज्जनार महिला और बाल सुरक्षा पर ज़्यादा ध्यान देते हैं. साथ ही कम्यूनिटी पुलिसिंग, सायबर क्राइम और ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग पर विशेष काम भी करते हैं.


हैदराबाद गैंगरेप: पुलिस की जबानी, जानें- आखिरकार किन हालातों में करना पड़ा चारों आरोपियों का एनकाउंटर

हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप और हत्या मामले के चारों आरोपियों का हैदराबाद पुलिस ने आज एनकाउंटर कर दिया. अब इस एनकाउंटर से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. रिक्रिएकशन के वक्त आरोपियों ने पुलिस से हथियार छिनकर फायरिंग की. जांच में लगे डीसीपी ने खुलासा किया है हथियार छीनकर फायरिंग करने के कारण पुलिस को इस एनकाउंटर को अंजाम देना पड़ा.



साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनर वे कहा कि आज तड़के सुबह 3 से सुबह 6 बजे के बीच चंदनपल्ली, शादनगर में चारो आरोपी मोहम्मद आरिफ, नवीन, शिवा और चेन्नेकशवुलु लिस मुठभेड़ में मारे गए. दल्द ही बाकी जानकारी भी दी जाएगी.




 



 


 


पीड़िता के परिवार ने कहा- बेटी को इंसाफ मिल गया


इस घटना के बाद पीड़िता के पिता और उसकी बहन मीडिया के सामने आए और कहा, ''आज हम सरकार और पुलिस के शुक्रगुजार हैं.'' पीड़िता की बहन ने कहा है कि आज हमारे साथ न्याय हो गया है. आज जो हुआ है वह अपराधियों के लिए एक उदाहरण है. वहीं पिता ने कहा है कि हमें 10 दिन बाद आखिरकार न्याय मिल गया. आज हमारी बच्ची को इंसाफ मिल गया है.


हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर की रात को चार ट्रक ड्राइवरों और क्लीनर ने मिलकर महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और पेट्रोल जलाकर मारने जैसे अपराध को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद से दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की मांग को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहे थे.


27 नवंबर को क्या हुआ था?
महिला डॉक्टर ने 27 नवंबर को घर से शाम 5.50 बजे निकलकर टोंदुपल्ली टोल गेट पर शाम 6 बजे स्कूटी पार्क की और अपने क्लीनिक के लिए कैब से निकली. इस बीच वहां खड़े एक ट्रक के साथ मौजूद चार लोगों ने यह साजिश रची. उसके वापस लौटने से पहले ही स्कूटर को पंक्चर कर दिया गया. जब वेटेरिनरी डॉक्टर वापस लौटी करीब 9 बजे तो उसने देखा कि स्कूटी पंकचर है. ऐसे में उसे मदद कि ज़रूरत थी.


महिला को घसीट कर ले गए थे आरोपी


उसने अपनी बहन को फोन कर बताया कि कुछ ट्रक वालों से उसे डर लग रहा है. इस बीच हाईवे पर युवती का मुंह बंद कर उसे ट्रक के पीछे ले जाया गया. वहीं पास में एक ग्राउंड है जहां उसे घसीट कर ले गए और इस घिनौने वारदात को अंजाम दिया. हैरानी वाली बात यह कि इस ग्राउंड में वॉचमैन का घर भी है लेकिन उसने भी इसे नोटिस नहीं किया.


घरवालों के मुताबिक, प्रियंका ने बुधवार को अपनी बहन को कॉल करके कहा था, ''मेरी स्कूटी टूट गई है. मुझे बहुत डर लग रहा है.'' जब प्रियंका के परिवार ने बाद में उससे संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल फोन बंद हो गया. जब प्रियंका घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद गांववालों ने ब्रिज के पास जले हुए शव को देखकर पुलिस को जानकारी दी. बाद में प्रियंका के पिता श्रीधर रेड्डी ने शव को पहचाना.


हैदराबाद गैंगरेप के चारों आरोपी मारे गए, भागने की कोशिश कर रहे चारों का पुलिस ने किया एनकाउंटर

हैदराबाद: हैदराबाद गैंगरेप को चारों आरोपी मारे गए हैं. तेलंगाना पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है. बताया जा रहा है कि पुलिस इन चारों लोगों को घटना के रिकंस्ट्रक्शन के लिए वारदात की जगह ले जा रही थी, जहां से इन चारों लोगों ने भागने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया.


चारों आरोपी 10 दिन के लिए पुलिस रिमांड में थे. 4 दिसंबर को इस केस की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट का भी गठन किया गया था. इन चारों आरोपियों का नाम शिवा, नवीन, केशवुलू और मोहम्मद आरिफ था.



पीड़िता के परिवार ने कहा- बेटी को इंसाफ मिल गया


इस घटना के बाद पीड़िता के पिता और उसकी बहन मीडिया के सामने आए और कहा, ''आज हम सरकार और पुलिस के शुक्रगुजार हैं.'' पीड़िता की बहन ने कहा है कि आज हमारे साथ न्याय हो गया है. आज जो हुआ है वह अपराधियों के लिए एक उदाहरण है. वहीं पिता ने कहा है कि हमें 10 दिन बाद आखिरकार न्याय मिल गया. आज हमारी बच्ची को इंसाफ मिल गया है


27 नवंबर की घटना से हिल गया था देश


बता दें कि हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर की रात को चार ट्रक ड्राइवरों और क्लीनर ने मिलकर महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और पेट्रोल जलाकर मारने जैसे अपराध को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद से दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की मांग को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहे थे.


 


क्या होता है घटना का रिकंस्ट्रक्शन?


 


बता दें कि पुलिस केस की छानबीन और सबूत जुटाने के लिए वारदात की जगह पर 'वारदात कैसे घटी' या 'वारदात को कैसे अंजाम दिया गया' इसके लिए घटना का रिकंस्ट्रक्शन करती है. वारदात की जगह आरोपियों को भी ले जाया जाता है ताकि वह बताए कि उन्होंने वारदात को कैसे अंजाम दिया. पुलिस ये सब इसलिए करती है ताकि उसकी तरफ से केस मजबूत हो और वह अदालत में केस से जुड़े सभी पहलुओं को रख सके.


बुधवार, 4 दिसंबर 2019

फांसी के फंदे पर लटकाने वाले ‘जल्लाद’ को कितने रुपए मिलते हैं जानिए

नई दिल्ली: भारत में कानून के मुताबिक किसी भी जघन्य अपराध के लिए कोर्ट अपराधी को फांसी की सजा सुना सकता है. अगर किसी अपराधी को फांसी की सजा मिली है तो उसके लिए कानून में अलग से प्रावधान किए गए हैं. फांसी की सजा पाने वाले शख्स के साथ साथ एक और शख्स की भूमिका बड़ी गहरी होती है और वो है जल्लाद, जो अपने हाथों से फांसी का फंदा भी तैयार करता है और अपराधी को उस फंदे पर लटकाता भी है. लेकिन क्या आपको बता है कि एक फांसदी के लिए 'जल्लाद' को कितने रुपए मिलते हैं? देश के सबसे बड़े जल्लाद पवन कुमार ने खुद इसका जवाब दिया है.


 


हर महीने मिलते हैं पांच हजार रुपए- जल्लाद




 



 


 


न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में जल्लाद पवन ने बताया है, ''मुझे उत्तर प्रदेश सरकार से हर महीने सिर्फ पांच हजार रुपए मिलते हैं. यह रुपये मेरठ जेल से हर महीने भेजे जाते हैं.'' हालांकि जल्लाद पवन से साफ किया कि एक फांसी देने के लिए मिलने वाली रकम इन पांच हजार रुपए से अलग होती है. उन्होंने बताया कि प्रशासन एक फांसी के लिए अलग से पैसे देता है.


एक फांसी देने के लिए मिलते हैं 25 हजार रुपए- जल्लाद


बकौल पवन, "पहले तो सस्ते के जमाने में फांसी लगाने के औने-पौने दाम मिला करते थे. आजकल एक फांसी लगाने का दाम 25 हजार रुपया है. यानी एक अपराधी को फांसी के फंदे पर लटकाने के 25 हजार और दो लटकाने के 50 हजार रुपए मिलते हैं.'' हालांकि जल्लाद पवन बताते हैं कि इन 25 हजार से जिंदगी नहीं कटनी. फिर भी खुशी इस बात की ज्यादा होती है कि चलो किसी समाज के नासूर को जड़ से खत्म तो अपने हाथों से किया."



निर्भया के मुजरिमों को फांसी देने पर जल्लाद ने क्या कहा है?


पवन ने कहा, "मैं तो एकदम तैयार बैठा हूं. निर्भया के मुजरिमों के डेथ-वारंट मिले और मैं तिहाड़ जेल पहुचूं. मुझे मुजरिमों को फांसी के फंदे पर टांगने के लिए महज दो से तीन दिन का वक्त चाहिए. सिर्फ ट्रायल करुंगा और अदालत के डेथ वारंट को अमल में ला दूंगा. मैं खानदानी जल्लाद हूं. इसमें मुझे शर्म नहीं लगती. मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद, दादा कालू राम जल्लाद, पिता मम्मू जल्लाद थे. मतलब जल्लादी के इस खानदानी पेशे में मैं अब चौथी पीढ़ी का इकलौता जल्लाद हूं."


जल्लाद पवन से कैसे और किससे सीखा फांसी देना?


पवन ने पहली फांसी दादा कालू राम जल्लाद के साथ पटियाला सेंट्रल जेल में दो भाईयों को दी थी. दादा के साथ अब तक जिंदगी में पांच खूंखार मुजरिमों को फांसी पर टांगने वाले पवन के मुताबिक, "पहली फांसी दादा कालू राम के साथ पटियाला सेंट्रल जेल में दो भाईयों को लगवाई थी. उस वक्त मेरी उम्र यही कोई 20-22 साल रही होगी. अब मैं 58 साल का हो चुका हूं." पवन के दावे के मुताबिक अब तक अपने दादा कालू राम के साथ आखिरी फांसी उसने बुलंदशहर के दुष्कर्म और हत्यारोपी मुजरिम को सन 1988 के आसपास लगाई थी. वह फांसी आगरा सेंट्रल जेल में लगाई गयी थी. उससे पहले जयपुर और इलाहाबाद की नैनी जेल में भी दो लोगों को दादा के साथ फांसी पर लटकवाने गया था. ऐसे मुजरिमों को पालकर रखना यानी नये मुजरिमों को जन्म लेने के लिए खुला मौका देना होता है."


 


दिल्ली: रोहिणी में महिला को गोली मारकर डॉक्टर ने की आत्महत्या, कार से मिले शव

नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-13 इलाके में आज सुबह एक कार में दो शव पाए गए. ये शव डॉक्टर ओमप्रकाश कुकरेजा व सुदीप्ता मुखर्जी के थे. पुलिस ने बताया कि डॉ. कुकरेजा ने पहले महिला को गोली मारी फिर खुद को गोली मारी है. 65 साल के डॉक्टर ओमप्रकाश कुकरेजा का रोहिणी में अस्पताल है. वहीं 55 साल की सुदीप्ता मुखर्जी अस्पताल की निदेशक थीं.


आज सुबह दोनों रोहिणी सेक्टर 13 में रंग रसायन अपार्टमेंट के नजदीक कार में मृत मिले. दोनों को गोली लगी हुई है. पुलिस ने बताया कि डॉक्टर ने महिला को गोली मारने के बाद खुद को गोली मारकर खुदकुशी की है.




रोहिणी के डीसीपी एस.डी. मिश्रा ने कहा, "डॉक्टर कुकरेजा का सुदीप्ता से कई सालों से प्रेम संबंध चल रहा था. सुदीप्ता अब शादी करने का दवाब डालने लगी थीं. डॉक्टर ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से सुदीप्ता के सीने पर गोली मारकर खुद को भी गोली मार ली."



पुलिस ने बताया कि डॉ. कुकरेजा का बेटा देहरादून में डॉक्टर है और वहां उनका एक अस्पताल है. डॉ. कुकरेजा ने खुदकुशी की है या इसे खुदकुशी में तब्दील करने की कोशिश की गई है, यह तो जांच का विषय है. फिलहाल डॉ. कुकरेजा व मुखर्जी के शव पोस्टमार्टम के लिए रोहिणी के बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल भेज दिए गए हैं. दिल्ली पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.


हरियाणा: नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को पुलिस ने पकड़ा

गुरुग्राम: युवा पीढ़ी रोजगार के लिए इधर- उधर भटक रही है, ऐसे में कोई भी नौकरी देने का झांसा देकर बेरोजगार लोगों को अपने झांसे में ला सकता है. ऐसा ही मामला हरियाणा के गुरूग्राम से सामने आया है. पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया जो कि लोगों को नौकरी देने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे.


गिरोह एक वैबसाइट जिसका नाम careerZapp.in है उसके जरिए इस वारदात को अंजाम देते थे. इससे पहले ये गिरोह CAREERBUZZ नाम की वेबसाइट से इसी कार्य को करते थे क्योंकि लंबे समय तक एक ही वेबसाइट यूज करने से फंसने के चांस ज्यादा होते हैं इसलिए इन शातिर चोरों ने वेबसाइट बदल दी. ये लोग वेबसाइट को इस तरह से अपडेट रखते थे जिससे लोगों को विश्वास हो जाता था कि ये लोग उन्हें नौकरी दिला ही देंगे.





फोन पर बात करके ये गिरोह वादा करता था कि उन्हें जॉब मिल जाएगी. लेकिन इसके लिए कुछ पैसा जमा करना होगा. हाल ही में पुलिस को ये सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी हुई है. जिसके बाद पुलिस ने गुरूग्राम के सेक्टर-49 के स्पेस टॉवर में एक ऑफिस में चल रहे कॉल सेंटर पर छापा मारा और उन्हें इसमें कामयाबी हाथ लगी. पुलिस को यहां से 02 लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड और नौकरी दिलवाने के नाम पर लोगों से धोखे से लूटी गई राशि के 1,50,730 रूपयों की नगदी बरामद हुई. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में और भी खुलासे हो सकते हैं.



प्याज की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि चोरों ने भी प्याज की चोरी करना शुरू कर दिया है!

 


मंदसौर: देशभर में बढ़ती प्याज की किमतों से लोगों का बुरा हाल है. चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. वहीं होटल मालिकों ने भी अब थाली में से प्याज को गायब कर दिया है. इस समय लोगों को प्याज से अनमोल कोई दूसरी चीज नहीं लग रही है. नौबत ये आ गई है कि चोरों ने भी अब प्याज को चुराना शुरू कर दिया है.


मामला नारायणगढ़ थाना इलाके के रिछा गांव का है. जहां किसान जितेंद्र धनगर के प्याज से भरे खेत पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया. जितेंद्र की माने तो लगभग 6 क्विंटल प्याज चोर ले गए. जिसकी बाजार में कीमत 30 हजार रुपये के लगभग आंकी जा रही है. जितेंद्र ने बताया कि पिछली बार प्याज की फसल में उसे काफी नुकसान हुआ था, इसलिए इस बार उसने नासिक से अच्छे प्याज के बीज खरीदे थे. उसे नहीं पता था कि उसकी इस बार की प्याज की फसल पर चोरों ने निगाहें गड़ा रखी हैं. जितेंद्र ने नारायणगढ़ थाने में प्याज की चोरी की रिपोर्ट लिखवाई है.





आपको बता दें कि अभी तक मंदसौर जिले में अफीम चोरी के ही मामले सुनने में आते थे लेकिन यह पहला मौका है कि किसी किसान के खेत से प्याज चोरी हुए हैं. मामले को लेकर एडिशनल एसपी मनकामना प्रसाद ने बताया कि नारायणगढ़ थाने में जितेंद्र ने खेत से प्याज चोरी होने की रिपोर्ट लिखवाई है. पुलिस जांच में जुट गई है. जल्द ही चोरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.



पटना में प्याज 90 के पार


वहीं बिहार की राजधानी पटना में प्याज के दाम 90 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. वहीं लोकसभा प्याज की बढ़ती कीमतों का मुद्दा लगातार उठ रहा है. प्याज पर पॉलिटिक्स चल रही है लेकिन सरकार ने पिछले महीने ही ये कहकर हाथ खड़े कर दिए कि कुदरत के कहर ने ऐसी स्थिति पैदा की है. बताया जा रहा है कि सरकार तुर्की से प्याज मंगा रही है.


 


अब घर बैठे मंगाएं डीजल, भारत पेट्रोलियम ने शुरू की नोएडा में सेवा


अभी तक आप ऑनलाइन या एप के जरिये खाना, मोबाइल, कपड़े आदि ऑर्डर देकर मंगाते थे। लेकिन अब आप घर बैठे डीजल भी मंगवा सकेंगे। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी भारतीय पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने नोएडा से मोबाइल पेट्रोल पंप की शुरुआत की है। दिल्ली-एनसीआर में यह पहला पेट्रोल पंप है जो घर बैठे डीजल उपलब्ध कराएगा। कंपनी ने यह सेवा नोएडा के शहीद रामेंद्र प्रताप सिंह पेट्रोल पंप (सेक्टर-95) से शुरू की है। 


बीपीसीएल के अनुसार, डीजल होम डिलवरी सेवा का लाभ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों में तैयार और बन रहे हाउसिंग सोसाइटी, मॉल, छोटे बड़े अस्पताल, बैंक, बड़े ट्रांसपोर्टर, कंस्ट्रक्शन साइट, इंडस्ट्री को मिलेगी। खास बात है कि इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। 

फिल नाऊ एप से बुकिंग
फिल नाऊ एप के जरिये उपभोक्ता घर बैठे डीजल मंगाने की बुकिंग कर सकते हैं। एप के जरिये डीजल मंगाने के लिए कम से कम 100 लीटर की बुकिंग करनी होगी। मोबाइल पेट्रोल पंप 4000 लीटर का फ्यूल टैंक होगा।

मोबाइल पेट्रोल पंप के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बीपीसीएल के सेल्स अधिकारी कीर्ति कुमार ने बताया कि अभी इस सेवा की शुरुआत इंडस्ट्रियल, मॉल, अस्पताल आदि के लिए शुरू की गई है। लेकिन, सरकार की योजना जल्द ही इसे आम लोगों के लिए भी शुरू करने की है। इस योजना का लक्ष्य पारदर्शी तरीके से डीजल की घर-घर डिलवरी करना है। 

इसकी सबसे अच्छी बात है कि इसमें कोई गड़बड़ी की संभावना नहीं है क्योंकि यह मोबाइल पेट्रोल पंप जियो फेसिंग तकनीक से जुड़ा है। इससे तय जगह पर ही रीफिलिंग की सुविधा मिलेगी। बीच में कहीं इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

इस तरह से रजिस्टर होगा
गूगल प्लेस्टोर व आईओएस से 'फिल नाऊ एप' को डाउनलोड करना होगा। इसके बाद यह एप लोकेशन ट्रैकिंग का विकल्प मिलेगा। इस विकल्प का चयन करने के बाद आपकी लोकेशन कंपनी के सर्वर के साथ जुड़ जाएगी। इसके बाद आप आसानी से डीजल के लिए ऑर्डर कर पाएंगे। 


दिल्लीः केजरीवाल का बड़ा एलान, 16 दिसंबर से 11 हजार स्पॉट्स पर मिलेगा फ्री वाई-फाई


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना बहुप्रतीक्षित चुनावी वादा पूरा करने का एलान किया है। बुधवार को बड़ा एलान करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 16 दिसंबर से दिल्ली के लोगों को फ्री वाई-फाई मिलेगा।


उन्होंने कहा कि फ्री वाई-फाई उपलब्ध कराने के साथ ही दिल्ली सरकार अपने चुनावी घोषणापत्र का आखिरी वादा भी पूरा कर देगी। इस तरह दिल्ली सरकार अपने सभी चुनावी वादे पूरी करने वाली पहली सरकार बन जाएगी।


उन्होंने कहा कि इसके लिए 11 हजार स्पॉट्स पर वाई-फाई लगाए जाएंगे। इससे खासतौर से छात्रों को बहुत लाभ होगा। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी फायदा होने की उम्मीद केजरीवाल ने जतायी है।

केजरीवाल ने कहा कि चार हजार हॉट-स्पॉट्स बस स्टैंड्स पर लगाए जाएंगे। सात हजार अन्य जगहों पर लगाए जाएंगे। हर विधानसभा में 100-100 हॉट-स्पॉट लगेंगे। 16 दिसंबर को पहले 100 हॉट-स्पॉट्स का उद्घाटन होगा। इसका कुल खर्च करीब 100 करोड़ है। यह रेंटल मॉडल पर आधारित होगा।

केजरीवाल ने बताया कि हर हफ्ते हॉट-स्पॉट्स की संख्या बढ़ती जाएगी और इस तरह छह महीने में 11 हजार हॉट-स्पॉट लगा दिए जाएंगे।


गाजियाबादः पत्नी और मैनेजर के साथ फांसी लगाने वाला था गुलशन, ऐन वक्त पर बदली योजना, जानें क्यों

गाजियाबाद के इंदिरापुरम के वैभव खंड में गुलशन नाम के एक कारोबारी ने मंगलवार तड़के अपने बच्चों की हत्या करने के बाद पत्नी परवीन और बिजनेस पार्टनर संजना के साथ आठवीं मंजिल से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। जब से यह घटना प्रकाश में आई है यह कौतुहल का विषय बन गई है। अब इस मामले में पुलिस ने जो खुलासा किया है उससे पता चलता है कि गुलशन परवीन और संजना के साथ फांसी लगाकर जान देने वाला था। लेकिन ऐन वक्त पर उसने अपनी योजना बदल दी और छलांग लगाकर खुदकुशी की। जानिए वो कौन सी वजह थी जिसके चलते उन्होंने फांसी का तरीका बदला.


दरअसल पुलिस को अपनी जांच के दौरान गुलशन के फ्लैट से पंखे से लटका एक फंदा मिला है। इसके आधार पर पुलिस ने बताया है कि तीनों फांसी लगाकर खुदकुशी करने वाले थे लेकिन फिर उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। इसकी बड़ी वजह थी फांसी लगाने के लिए तीन जगहों का न होना।



पुलिस ने बताया कि घर में सिर्फ एक ऐसी जगह थी जहां फंदा लटकाया जा सकता था। ऐसे में तीनों के मरने की योजना सफल नहीं होती इसलिए उन्होंने आत्महत्या का तरीका ही बदल दिया। उन्होंने फांसी लगाने के बजाय फ्लैट से कूदकर आत्महत्या कर ली। इसी के बाद उन्होंने बाल्कनी में तीन कुर्सियां रखीं।


कुर्सियों पर चढ़कर तीनों आठवीं मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट की बाल्कनी से नीचे कूद गए। गुलशन और संजना ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया लेकिन परवीन को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ घंटों बाद उसकी भी मौत हो गई।


बताया जा रहा है कि गुलशन ने आर्थिक तंगी के चलते बच्चों की हत्या कर आत्महत्या करने का कदम उठाया। बताया जा रहा है कि गुलशन की पैतृक संपत्ति के बंटवारे के दौरान उसे दो करोड़ रुपये मिले थे, जिससे उसने अपने साढू के साथ मिलकर बिजनेस किया। लेकिन इसमें घाटा हो गया और उसकी देनदारी बढ़ गई। गुलशन का साढू उसे पैसे वापस भी नहीं कर रहा था। इन्हीं सब बातों से परेशान होकर उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।


गाजियाबाद में 2450 जगहों पर होलिका दहन: सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस अलर्ट पर

  गाजियाबाद वसुंधरा सेक्टर 2b में होलिका दहन की तैयारी की तस्वीर  गाजियाबाद में होली पूजन और होलिका दहन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए ...