गाजियाबाद एसएसपी सुधीर सिंह ने इंदिरापुरम एसएचओ दीपक शर्मा व शिप्रा चौकी इंचार्ज संदीप कुमार को लाइन हाजिर कर दिया. अभी इस में भ्रष्टाचार की जांच एएसपी केशव कुमार कर रहे है. अभी और भी कई पुलिस कर्मी जांच के घेरे में है. भ्रष्टाचार शिप्रा चौकी इंचार्ज भी जुआरी को पकड़ने व उन्हें छोड़ने की एवज में लाखों रुपये वसूलने का आरोप लगा है. एसओजी की टीम की मुख्य भूमिका सामने आई है. एसएसपी सुधीर सिंह ने एसएचओ दीपक शर्मा व शिप्रा चौकी इंचार्ज संदीप कुमार को लाइन हाजिर किया गया. इसकी मामले की जांच एएसपी केशव कुमार कर रहे हैं. अभी आगे और पुलिस कर्मियों गाज पर गिर सकती है
गाजियाबाद जिले में पिछले दो माह में दो तीन भ्रष्टाचार के बड़े मामले सामने आये है. जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने प्रत्येक भाषण में भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार करते है. उस समय में गाजियाबाद जनपद के थाना प्रभारियों पर लगातार इनाम घोषित हो रहा है. जबकि पुलिस रातों रातों रात इनामी अपराधियों को मुठभेड़ में घायल कर देती है. क्या इन इनामी आरोपियों को भी मुठभेड़ में गिरफ्तार कर पाएगी. लगभग दो माह पहले थाना लिंक रोड प्रभारी पर भी पच्चीस हजार का इनाम घोषित किया गया था. उसके बाद उन्होंने चुपचाप अभी कुछ दिन पहले मेरठ कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दिया. उनके साथ सात पुलिस कर्मी और भी आरोपी थे. उन्होंने भी सरेंडर कर दिया है. अब कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जबकि गाजियाबाद आठ आरोपियों में से दो माह में भी किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई. अब ताजा मामला थाना इंदिरापुरम का है. जहाँ पहले तो हमेशा विवादित रहे इंस्पेक्टर दीपक शर्मा को प्रदेश के सबसे बड़े थाने का चार्ज दिया गया. उसके बाद भी उन्होंने भ्रष्टाचार का सबसे बडा काम करके एक सीएम योगी को चेलेंज दिया कि हम आपके कानून को नहीं मानते है दीपक शर्मा अपना कानून चलाते है और जहां इंचार्ज रहते है उनके मुताबिक़ थाना चलता है. बोलचाल में मधुर थाना प्रभारी पर अब दो दरोगा समेत पच्चीस हजार का इनाम घोषित किया गया है. तो क्या गाजियाबाद पुलिस अब इन तीन में से भी किसी को गिरफ्तार कर पाएगी या नहीं यहतो सवाल अभी अँधेरे में बना हुआ है. बता दें कि मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत के बाद भी गाजियाबाद पुलिस के थाना प्रभारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है. और सीएम भी इन हरकतों पर काबू न पाने वाले अधिकारीयों पर मेहरवान क्यों है ये भी समझ से परे है.
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