नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में एक पूर्व आर्मी ऑफिसर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. तिहाड़ प्रशासन के मुताबिक चीन के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार मुकेश चोपड़ा ने जेल में ही खुदकुशी कर ली. वहीं परिजनों ने इसे हत्या का मामला बताया है.
तिहाड़ जेल के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक 6 नवंबर को मुकेश चोपड़ा को जेल लाया गया था. 7 नवंबर को सुबह करीब 10 बजे कैदियों को रूटीन प्रक्रिया के तहत जेल की डिस्पेंसरी में काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था. इसी दौरान मुकेश सीढ़ियों से ऊपर चढ़े और कूदकर जान दे दी. हालांकि जेल अधिकारियों का कहना है कि किसी ने उन्हें कूदते हुए नहीं देखा. जिसके बाद मुकेश को फौरन अस्पताल ले जाया गया. शाम करीब 7 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मुकेश चोपड़ा के भाई रंगेश चोपड़ा का कहना है कि वो 1998 से कनाडा में रह रहे थे. उनके पास अमेरिकी नागरिकता भी है. 31 अक्टूबर को वो भारत आए थे. परिवार के ज़्यादातर लोगों का जन्मदिन इसी महीने में होता है इसीलिए इस समय आये थे. 1 नवंबर को वो दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर गए. वहां उन्होंने एक सेमिनार अटेंड किया. ओपन लाइब्रेरी से उन्होंने कुछ किताबें लीं लेकिन गलती से किताबें इशू कराना भूल गए. इसके बाद लाइब्रेरियन की शिकायत पर मिलिट्री पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
अपने भाई पर चीन के लिए जासूसी करने के आरोपों को रंगेश चोपड़ा ने बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि मुकेश चोपड़ा अक्सर कैथे पैसिफिक एयरलाइन से आया करते थे जो कि वाया हांगकांग आती है. अक्सर घरवालों के लिए वो शॉपिंग हांगकांग से करते थे. परिवार का ये भी कहना है कि मुकेश कलेप्टोमेनिया से पीड़ित थे. जिसके चलते उन्हें आर्मी की नौकरी से 1983 में निकाल दिया गया था. उनके पास से एक कैमरा गायब मिला था जिसके बाद उन्हें डिसमिस कर दिया गया था. वहीं पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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