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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

घर से भागकर लव मैरिज की, कोई काम नहीं मिला तो बन गये 'बंटी बबली'


बरेली: यूपी के बरेली में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस ने चोरी के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस का कहना है कि ये गिरोह शादी समारोह में मेहमान बनकर जाता था और वहां से गाड़ियों को चोरी करने की वारदात को अंजाम देता था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.


बरामद की चोरी की बाइक


पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि फरुखाबाद के रहने वाले अंशु कटियार ने घर से भागकर लव मैरिज की. उसे बाद वह और उसकी पत्नी बरेली आ गए और किराए पर कमरा लेकर रहने लगे. जब लड़के को रोजगार के लिए कोई काम नहीं मिला तो उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर चोरी की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया. पति-पत्नी दोनों मिलकर शादी समारोह में खड़ी बाइक को चोरी करने लगे. शादी समारोह में किसी को शक ना हो उसके लिए ये लोग शादी में बनठन कर जाते.


 


मौका देखकर ये लोग मास्टर चाबी से बाइक के लॉक को खोलकर बाइक चोरी कर फरार हो जाते. पुलिस ने शातिर ''बंटी बबली'' की इस जोड़ी के पास से 10 चोरी की बाइक और 15 बाइकों के पेपर सहित तमाम मास्टर चाबी और लॉक तोड़ने के उपकरण बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है दोनों से पूछताछ जारी है. पूछताछ में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.


हत्या के आरोपी के साथ दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने की पार्टी, यूपी पुलिस ने दबोचा


लखनऊ: चंद रुपयों के खातिर खूंखार अपराधियों को खुलेआम मौज-मस्ती करवाना खाकी का शौक बन चुका है. इसका जीता जागता नमूना तब देखने को मिला, जब कई सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देने वाले सोहराब को ऐशबाग के होटल श्री में मौज मस्ती करते हुए पकड़ा गया.


बुधवार रात मिली सूचना के आधार पर हुई इस कार्रवाई में सोहराब के साथ उसकी बहन यास्मीन और पत्नी शन्नो को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा विवेक मिश्रा और होटल के मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है. लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस के जवानों के खिलाफ एक रिपोर्ट दिल्ली पुलिस मुख्यालय को भेजी है.


हत्या और हत्या के प्रयास समेत कई मामलों में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद लखनऊ के कुख्यात अपराधी सोहराब को ऐशबाग के होटल श्री से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. 18 तारीख को दिल्ली पुलिस सोहराब को पहले फतेहगढ़ में पेशी पर ले गई थी, उसके अगले दिन उसे कानपुर लाया गया.


बुधवार को उसे लखनऊ लाया गया था. गैंगस्टर एक्ट में उसे यहां कोर्ट में पेश किया जाना था. दिल्ली पुलिस के साथ सोहराब ऐशबाग के होटल श्री में रुका था. होटल के तीन कमरों को सोहराब के गुर्गों ने बुक कराया था.


होटल के कमरा नंबर 201 में सोहराब ठहरा था, जहां उससे मुलाकात करने के लिए उसकी पत्नी और बहन पहुंची थी. वहीं होटल के कमरा नंबर 205 और 206 में दिल्ली पुलिस की 6 सदस्य टीम ठहरी थी. एसएसपी कलानिधि नैथानी की अगुवाई में लखनऊ पुलिस की टीम ने छापेमारी की तो होटल के अंदर से सोहराब उसकी पत्नी, बहन के साथ उसका एक गुर्गा गिरफ्तार किया गया.


एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि दिल्ली पुलिस के एक एएसआई, एक हेड कांस्टेबल और चार कॉन्स्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सभी को हिरासत में ले लिया गया है. बाद में दिल्ली पुलिस के सिपाहियों के ख़िलाफ़ लिखा-पढ़ी करके उन्हें वापस रवाना कर दिया गया. जबकि सोहराब, उसकी पत्नी, बहन के अलावा होटल के मैनेजर और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है.


 


साथ ही कलानिधि ने यह भी कहा कि दिल्ली से पुलिस की दूसरी टीम वहां जाएगी, जिसके बाद सोहराब को वापस तिहाड़ भेजा जाएगा.


ट्रेड फेयर में चोरों ने मचाया आतंक, 18 FIR दर्ज, 5 गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में लगा व्यापार मेला बुधवार को खत्म हो गया. ये मेला हर बार चोरों के निशाने पर होता है. मेले में हर साल हज़ारों की संख्या में भीड़ आती है और चोरों के निशाने पर इस मेले में आने वाले लोग तो होते ही हैं, साथ ही साथ वो स्टॉल भी होते हैं जो ट्रेड फेयर में लगे होते हैं. इस बार भी चोरों ने इस मेले को अपना निशाना बनाया. 14 नवंबर को शुरू हुए इस व्यापार मेले में अब तक चोरी की 18 FIR दर्ज हुई है जिसमें 14 E-FIR है.


हालांकि पुलिस की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस बार चोरी में 50 प्रतिशत तक कमी आई. उसकी एक वजह तो ये है कि इस बार प्रगति मैदान में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है और दूसरा इस बार दुकानों की स्टाल कम लगी थी. दिल्ली पुलिस को तमाम ऐसी सीसीटीवी फुटेज भी मिली जिसमें चोर चोरी करते नज़र आ रहे हैं. चोरी करने में पुरूष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल थी, चोरी के इन मामलों ने पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है,


ट्रेड फेयर के डीसीपी अजय तोमर के मुताबिक, इस बार ट्रेड फेयर में रोज़ करीब 25 से 30 हज़ार लोग आए. पूरे ट्रेड फेयर की सुरक्षा का ज़िम्मा दिल्ली पुलिस का था. लिहाजा दिल्ली पुलिस के जवानों से साथ साथ पैरा मिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया था. चोरों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस ने 97 सीसीटीवी कैमरे बाहर लगाए थे. चोरों से बचने के लिए दुकानदारों ने भी खुद सीसीटीवी कैमरे लगाए थे. हर साल 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाला व्यापार मेला बुधवार को खत्म हो गया.


रामविलास पासवान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तोड़ा कानून, आखें मूंद कर खड़ी रही पुलिस


पटना: बिहार की राजधानी पटना में मोटर व्हीकल एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं. ये कारनामा किसी और का नहीं बल्कि सत्ता में काबिज लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के कार्यकर्ताओं ने किया. बाइक पर सवार, सिर पर बिना हेलमेट और ट्रिपल लोडिंग के साथ लोजपा के कार्यकर्ता बेली रोड से होते हुए पुलिस के सामने से गुजरते नजर आए.


इस सबमें हैरानी की बात यह थी कि पुलिस पदाधिकारी खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते बाइक सवारों को रास्ता देते नजर आए. देखते ही देखते करीब 300 बाइक्स पटना हाईकोर्ट के पास से हो-हल्ला करते निकल गईं लेंकिन प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हे नहीं रोका.




जब इस मामले में वहां मौजूद पुलिस पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने सबसे पहले बाइक सवारों को बचाने की कोशिश की. फिर अपना बयान बदल कर उन्होंने कहा कि अभी चेकिंग अभियान नहीं चलाया जा रहा है. उसके बाद सफाई देते हुए कहा कि अकेले होने की वजह से वह 200-300 की संख्या में बाइक सवारों को रोक नहीं सकते थे.



लोजपा के स्थापना दिवस पर निकाली गई बाइक रैली-


 


आज लोजपा का 20वां स्थापना दिवस है. इसके मद्देनजर पटना के बापू सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस मौके पर लोजपा के कई कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकाली थी. जिसमें काफी संख्या में बाइक सवार युवा कार्यकर्ता लोजपा के झंडे और बैनर के साथ बाइक पर नजर आए.


आपको बता दें कि पूरे देश मे 1 सितंबर, 2019 को नया मोटर व्हकील एक्ट लागू किया गया था. इस एक्ट के लागू होने के बाद, इसके तहत भारी जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. पटना की बात करें तो करोडों की राशि में लोगों से जुर्माना वसूला जा चुका है.


रणदीप भाटी गैंग का शूटर उमेश पंडित पुलिस एनकाउंटर में गिरफ्तार, AK-47 बरामद


नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में एसटीएफ और पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन कर 50 हजार के ईनामी बदमाश उमेश पंडित को धर दबोचा. मुठभेड़ में बदमाश के पास से AK 47 बरामद की गई है. दिल्ली एनसीआर के थानों में इस बदमाश पर लूट हत्या के कई 15 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं. यह रणदीप भाटी गैंग का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है.




मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ और पुलिस को सूचना मिली कि 50 हजार का इनामी बदमाश अपने साथी के साथ किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है. जब पुलिस ने इसे रोकने का प्रयास किया तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में वो पकड़ा गया. वहीं इसका एक साथी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया. पुलिस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि बदमाश के पास एके-47 कहां से आई.



एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि एसटीएफ नोएडा यूनिट, बिसरख कोतवाली व नोएडा की सेक्टर 24 कोतवाली पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में 50 हजार के इनामी उमेश पंडित को गिरफ्तार किया गया है. उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था. उमेश मूल रूप से गाजियाबाद लोनी के राम पार्क एक्सटेंशन का रहने वाला है. उसके कब्जे से एके 47 के अलावा, पिस्टल व कार बरामद की गई है. वह अपने साथी से मिलने के लिए रिठौरी गांव आ रहा था.


जेल में बंद कुख्यात रणदीप भाटी के गिरोह का शूटर उमेश गिरोह के लिए रंगदारी वसूलता था. कुछ दिनों पहले उसने दादरी कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री में घुसकर रंगदारी मांगी थी. रंगदारी नहीं देने पर मारने की धमकी दी थी. इस पर 15 से अधिक मुकदमें दर्ज है. उस पर यूपी के अलावा दिल्ली में भी मुकदमें दर्ज है.


दिल्ली से भी वर्ष 2013 में उमेश पर 15 हजार का इनाम घोषित किया गया था. जिसके बाद दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने उसको गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उमेश जमानत पर बाहर आ गया था.


मंगलवार, 19 नवंबर 2019

नकली सोने-चांदी से मिलेगी निजात


नई दिल्ली: जब कभी भी आप सोने-चांदी के आभूषण खरीदने जाते हैं तो जेहन में यही ख्याल रहता है कि कहीं यह नकली तो नहीं है या फिर जितने कैरेट की कीमत आपने चुकाई है असल में सोना-चांदी उतनी गुणवत्ता का है भी या नहीं. लेकिन, अब नए साल के आगाज के साथ आपकी यह दुविधा दूर हो जाएगी. केंद्र सरकार 1 जनवरी 2020 से सोने-चांदी के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग करने जा रही है. यानि, 1 जनवरी 2020 से देश में सिर्फ हॉलमार्किंग वाले सोने-चांदी के आभूषण ही बिकेंगे.


कंज्यूमर अफेयर मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ''1 जनवरी 2020 से देश में सोने चांदी की ज्वैलरी की अनिवार्य हॉलमार्किंग को मंजूरी दे दी गई है. इस संबंध में जल्द ही नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा.'' सूत्रों का कहना है कि 5 श्रेणियों के लिए सरकार अनिवार्य हॉलमार्किंग करने जा रही है. 14, 16, 18, 20 और 22 कैरेट की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग को सरकार अनिवार्य करने जा रही है. इसके लिए मंत्रालय ग्राहकों को जागरुक करने के लिए कैंपेन भी चलाएगी.




जिससे ग्राहकों को हॉलमार्किंग वाले आभूषण खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि देश भर में 1 जनवरी से हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए तकरीबन 500 नए एसेसिंग सेंटर खोले जाएंगे. जहां पर आभूषण विक्रेता इनकी हॉलमार्किंग करवा सकेंगे. फिलहाल, देश भर में 700 से ज्यादा एसेसिंग सेंटर मौजूद हैं.सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में पूरे देश में एसेसिंग सेंटर खोलना मुमकिन नहीं होगा. इसलिए, दूरदराज और ग्रामीण इलाकों को एक साल का अतिरिक्त समय दिया जाएगा. यानि, इन इलाकों में 2021 से ही हॉलमार्किंग वाले आभूषण अनिवार्य रूप से मिलेंगे. सूत्रों का कहना है कि इस दौरान इन इलाकों के ज्वैलर्स पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी.



जानिए कैसे 19 हजार किलो नकली जीरा बरामद, गुजरात, राजस्थान और यूपी में कर रहे थे सप्लाई


नई दिल्ली: आप खाना बनाते समय खाने में जीरे का इस्तेमाल जरूर करते होंगे क्योंकि जीरा आपके खाने में स्वाद लाता है. ये खबर हर उस खाना बनाने वालों के लिए जरूरी है जो खाने में फ्लेवर के लिए जीरा डालते हैं. दरअसल, दिल्ली के बवाना थाने की पुलिस ने नकली जीरा बनाने वाले एक गैंग को धरदबोचा है और उनके पास से हजारों किलो नकली जीरे की बोरी बरामद की है.


पुलिस ने 5 ऐसे धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली में नकली जीरा बना रहे थे. बवाना थाने की पुलिस को सूचना मिली थी जिसमें पुलिस को पता चला कि नकली जीरा बनाया जा रहा है. इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और जहां जीरा बनाया जा रहा था वहां रेड कर 5 लोगों को गिरफ्तार किया. जब पुलिस ने उस जगह की तलाशी ली तो पुलिस के भी होश उड़ गए क्योंकि पुलिस को वहां से हजारों किलो नकली जीरा मिले.




डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि ये सभी उत्तरप्रदेश के शाजहांपुर के जलालाबाद के रहने वाले हैं और पिछले कई सालों से इस नकली जीरे को बनाने का काम कर रहे थे. पूछताछ में इन्होंने ये बताया कि इनके गैंग का मास्टरमाइंड लालू नाम का एक शख्स है जिसने ये नकली जीरे को बनाने का आईडिया इन्हें दिया था. लालू अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.



ऐसे तैयार होता है नकली जीरा-


अब आपको बताते है कि आखिर ये नकली जीरा कैसे तैयार किया जाता था और इस नकली जीरे को बनाने के लिए किन चीजों का ये शातिर इस्तेमाल करते थे. नकली जीरे को बनाने के लिए, ये लोग पत्थर के पाउडर, घास और गुड़ के शीरे का इस्तेमाल करते थे, इन तीनों चीजों को मिलाकर ये इस इस तरह नकली जीरा बनाते थे.


पूछताछ में इन्होंने बताया है कि इस नकली जीरे की सप्लाई गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कर रहे थे. ये नकली जीरा बनाकर आगे बेच देते थे और जिसे माल को आगे बेचना होता था वो असली जीरे में नकली जीरा मिलाकर उसे लोगों को बेचते थे. 80 किलो असली जीरे में 20 किलो नकली जीरा मिलाकर बेचा जाता था. पुलिस की मानें तो ये नकली जीरा 20 रुपये किलो में बेचा जाता था जबकि असली जीरे की कीमत 400 रुपये किलो है.


 


आउटर नॉर्थ दिल्ली के डीसीपी गौरव शर्मा के मुताबिक ये गैंग एक जगह ज्यादा दिन तक काम नहीं करता था. 20 से 30 दिन एक जगह काम करने के बाद ये अपना ठिकाना बदल लेते थे. पुलिस ने इनके पास से 19 हजार 400 किलो नकली जीरा, 5 हजार किलो से ज्यादा पत्थर का पाउडर, 1600 किलो घास और 1200 किलो से ज्यादा शीरा बरामद किया है. अब पुलिस इस गैंग के मेन मास्टरमाइंड को तलाश रही है साथ ही साथ ये भी पता करने में जुटी है कि ये गैंग अब तक इस नकली जीरे को किस तादाद में मार्किट में पहुंचा चुका है.


अमेज़न की 'प्रोजेक्ट ज़ीरो' सर्विस दिखाएगी नकली ब्रैंड को बाहर का रास्ता

नई दिल्लीः अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने के लिए अमेज़न ने अपना एक नया प्रोजेक्ट पेश किया है. जिसका नाम 'प्रोजेक्ट जीरो' है. कंपनी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट जीरो के तहत एक एडिशनल प्रोऐक्टिव मैकेनिज़्म और पावरफुल टूल को अपनाया जाएगा जिससे नकली लोगों को इस अमेज़न के प्लेटफॉर्म से हटाने में मदद मिलेगी.


 


यूरोप, जापान और यूएस में करीब 7000 ब्रैंड्स ने इस प्रोजेक्ट के तहत एनरोल करा दिया है. भारत की भी काफी कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया. इस मौके पर अमेज़न के वर्ल्डवाइड कस्टमर ट्रस्ट एंड पार्टनर सपोर्ट वाइस प्रेसीडेंट धर्मेश एम मेहता ने बताया इस लॉन्च के साथ ही भारत में हम लोग काफी ब्रैंड्स को देखकर उत्साहित हैं. इसमें छोटे, मीडियम और बड़े स्तर के मल्टी नेशनल ब्रैंड्स जुड़े हुए हैं ताकि नकली लोगों को हटाया जा सके.



शुक्रवार, 15 नवंबर 2019

थाना इंद्रापुरम दीपक शर्मा लाइन हाजिर क्यों हुए जानिए !



गाजियाबाद एसएसपी सुधीर सिंह ने इंदिरापुरम एसएचओ दीपक शर्मा व शिप्रा चौकी इंचार्ज संदीप कुमार को लाइन हाजिर कर दिया. अभी इस में भ्रष्टाचार की जांच एएसपी केशव कुमार कर रहे है. अभी और भी कई पुलिस कर्मी जांच के घेरे में है. भ्रष्टाचार शिप्रा चौकी इंचार्ज भी जुआरी को पकड़ने व उन्हें छोड़ने की एवज में लाखों रुपये वसूलने का आरोप लगा है. एसओजी की टीम की मुख्य भूमिका सामने आई है. एसएसपी सुधीर सिंह ने एसएचओ दीपक शर्मा व शिप्रा चौकी इंचार्ज संदीप कुमार को लाइन हाजिर किया गया. इसकी मामले की जांच एएसपी केशव कुमार कर रहे हैं. अभी आगे और पुलिस कर्मियों गाज पर गिर सकती है


गाजियाबाद जिले में पिछले दो माह में दो तीन भ्रष्टाचार के बड़े मामले सामने आये है. जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने प्रत्येक भाषण में भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार करते है. उस समय में गाजियाबाद जनपद के थाना प्रभारियों पर लगातार इनाम घोषित हो रहा है. जबकि पुलिस रातों रातों रात इनामी अपराधियों को मुठभेड़ में घायल कर देती है. क्या इन इनामी आरोपियों को भी मुठभेड़ में गिरफ्तार कर पाएगी. लगभग दो माह पहले थाना लिंक रोड प्रभारी पर भी पच्चीस हजार का इनाम घोषित किया गया था. उसके बाद उन्होंने चुपचाप अभी कुछ दिन पहले मेरठ कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दिया. उनके साथ सात पुलिस कर्मी और भी आरोपी थे. उन्होंने भी सरेंडर कर दिया है. अब कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जबकि गाजियाबाद आठ आरोपियों में से दो माह में भी किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई. अब ताजा मामला थाना इंदिरापुरम का है. जहाँ पहले तो हमेशा विवादित रहे इंस्पेक्टर दीपक शर्मा को प्रदेश के सबसे बड़े थाने का चार्ज दिया गया. उसके बाद भी उन्होंने भ्रष्टाचार का सबसे बडा काम करके एक सीएम योगी को चेलेंज दिया कि हम आपके कानून को नहीं मानते है दीपक शर्मा अपना कानून चलाते है और जहां इंचार्ज रहते है उनके मुताबिक़ थाना चलता है. बोलचाल में मधुर थाना प्रभारी पर अब दो दरोगा समेत पच्चीस हजार का इनाम घोषित किया गया है. तो क्या गाजियाबाद पुलिस अब इन तीन में से भी किसी को गिरफ्तार कर पाएगी या नहीं यहतो सवाल अभी अँधेरे में बना हुआ है. बता दें कि मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत के बाद भी गाजियाबाद पुलिस के थाना प्रभारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है. और सीएम भी इन हरकतों पर काबू न पाने वाले अधिकारीयों पर मेहरवान क्यों है ये भी समझ से परे है.


पूर्व आर्मी ऑफिसर की तिहाड़ जेल में संदिग्ध मौत, चीन के लिए जासूसी के लगे थे आरोप

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में एक पूर्व आर्मी ऑफिसर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. तिहाड़ प्रशासन के मुताबिक चीन के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार मुकेश चोपड़ा ने जेल में ही खुदकुशी कर ली. वहीं परिजनों ने इसे हत्या का मामला बताया है.


तिहाड़ जेल के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक 6 नवंबर को मुकेश चोपड़ा को जेल लाया गया था. 7 नवंबर को सुबह करीब 10 बजे कैदियों को रूटीन प्रक्रिया के तहत जेल की डिस्पेंसरी में काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था. इसी दौरान मुकेश सीढ़ियों से ऊपर चढ़े और कूदकर जान दे दी. हालांकि जेल अधिकारियों का कहना है कि किसी ने उन्हें कूदते हुए नहीं देखा. जिसके बाद मुकेश को फौरन अस्पताल ले जाया गया. शाम करीब 7 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.




सेना की पैराशूट रेजिमेंट में कैप्टन रहे 65 साल के मुकेश चोपड़ा को 1 नवंबर को चाइना के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया, उनसे दिल्ली पुलिस आईबी, रॉ और मिलिट्री इनटेलीजेंस के लोगों ने लंबी पूछताछ की लेकिन जब जासूसी के कोई सबूत नहीं मिले तो उन्हें मानेकशॉ सेंटर की लाइब्रेरी से चीन से जुड़े साहित्य की 9 किताबें चोरी करने के आरोप में 2 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन 7 नवंबर को उनकी तिहाड़ जेल में रहस्यमयी हालात में मौत हो गई.



 


मुकेश चोपड़ा के भाई रंगेश चोपड़ा का कहना है कि वो 1998 से कनाडा में रह रहे थे. उनके पास अमेरिकी नागरिकता भी है. 31 अक्टूबर को वो भारत आए थे. परिवार के ज़्यादातर लोगों का जन्मदिन इसी महीने में होता है इसीलिए इस समय आये थे. 1 नवंबर को वो दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर गए. वहां उन्होंने एक सेमिनार अटेंड किया. ओपन लाइब्रेरी से उन्होंने कुछ किताबें लीं लेकिन गलती से किताबें इशू कराना भूल गए. इसके बाद लाइब्रेरियन की शिकायत पर मिलिट्री पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.


 


अपने भाई पर चीन के लिए जासूसी करने के आरोपों को रंगेश चोपड़ा ने बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि मुकेश चोपड़ा अक्सर कैथे पैसिफिक एयरलाइन से आया करते थे जो कि वाया हांगकांग आती है. अक्सर घरवालों के लिए वो शॉपिंग हांगकांग से करते थे. परिवार का ये भी कहना है कि मुकेश कलेप्टोमेनिया से पीड़ित थे. जिसके चलते उन्हें आर्मी की नौकरी से 1983 में निकाल दिया गया था. उनके पास से एक कैमरा गायब मिला था जिसके बाद उन्हें डिसमिस कर दिया गया था. वहीं पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच कर रही है.


दिल्ली वक्फ बोर्ड की पहल से गरीबों को मिलेगी सौगात, हेल्थ डेस्क पर आओ, मुफ्त इलाज पाओ

दिल्ली: स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में महल्ला क्लीनिक के बाद अब एक और नई सुविधा दिल्लीवासियों को मिलनेवाली है. इस बार दिल्ली सरकार के बजाए वक्फ बोर्ड मैदान में आया है. समाज के गरीब तबके की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसने 'हेल्थ डेस्क' शुरू करने का फैसला किया है. समाज के वंचित तबकों को एक महीने के अंदर स्वास्थ्य सुविधा मिलने लगेगी. दिल्ली वक्फ बोर्ड 'हेल्थ डेस्क' की शुरूआत काका नगर से करेगा. हेल्थ डेस्क पर कई तरह की सुविधाएं मिलेंगीं. हेल्थ डेस्क पर आनेवालों को मुफ्त चिकित्सकीय सलाह के अलावा डायग्नोसिस और साधारण बीमारियों के इलाज का भी इंतजाम रहेगा.
खांसी, बुखार और साधारण बीमारियों के मरीजों को अन्य जगहों पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. सिर्फ गंभीर रूप से बीमार लोगों को सरकारी अस्पतालों में भेजा जाएगा. जहां उनके उचित इलाज को वक्फ बोर्ड के कर्मी सुनिश्चित करेंगे. बोर्ड का अपना एंबुलेंस भी होगा. जिनके जरिए लोगों को क्लीनिक तक लाया जाएगा.




 




वक्फ की संपत्तियों से हटेगा अतिक्रमण
दिल्ली वक्फ बोर्ड के सदस्य हिमाल अख्तर ने बताया कि क्लीनिक में सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक मरीजों को देखा जाएगा. डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ की बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. पहले सेंटर पर दो डॉक्टर अपनी सेवा देंगे. पहली क्लीनिक से मिले फीडबैक के आधार पर अन्य जगहों पर क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव है. इसके लिए वक्फ की संपत्तियों को चिह्नित किया जाएगा. जहां से अतिक्रमण हटाकर क्लीनिक स्थापित किया जाएगा.


पंचकूला हिंसा की आरोपी हनीप्रीत को बड़ी राहत, पुलिस के कमजोर केस के कारण कोर्ट ने हटाई राजद्रोह की धारा


पंचकूला: हरियाणा के पंचकूला हिंसा मामले में आरोपी और डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को बड़ी राहत मिली है. पंचकूला की अदालत ने पुलिस के कमजोर केस के कारण हनीप्रीत पर से राजद्रोह की धारा हटा दी. हालांकि उसके खिलाफ बाकी अन्य धाराओं के तहत केस चलते रहेंगे.


कोर्ट ने हनीप्रीत और 36 अन्य डेरा समर्थकों के खिलाफ आज धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120B के तहत आरोप तय किए. हनीप्रीत इस समय डेरा प्रमुख की सजा के बाद, 25 अगस्त 2017 में हरियाणा के पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में जेल में है.




देशद्रोह की धारा हटने से हनीप्रीत की जमानत का रास्ता साफ होना शुरू हो गया है. पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने बताया कि ऑर्डर की कॉपी मिलने के बाद अगली क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि हनीप्रीत ने पहले सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक कई बार जमानत के लिए याचिका दाखिल की है लेकिन उसे राहत नहीं मिली.



गुरमीत राम रहीम को दो महिलाओं के साथ रेप के मामले में अगस्त 2017 में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. जनवरी में एक विशेष सीबीआई अदालत ने भी गुरमीत राम रहीम सहित तीन और लोगों को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद सिरसा और पंचकूला में हिंसा हुई जिसमें 41 लोग मारे गए और 260 से अधिक घायल हो गए थे.


 


 


दिल्ली में वकीलों के रुख में दिखी नरमी


नई दिल्ली: दिल्ली में सोमवार से सभी अदालतो में वकीलों की हड़ताल जारी है. हड़ताल के चौथे दिन साकेत अदालत में वकीलों के रुख में कुछ नरमी देखने को मिली. वकीलों ने अदालत पहुच रहे लोगों का सफेद फूल देकर स्वागत किया. वकीलों का कहना था कि वे नहीं चाहते की आम पब्लिक परेशान हो. इसी के चलते आज से हर कोर्ट रूम में एक प्रॉक्सी वकील लगाया गया है जिससे अर्जेंट केस में सुनवाई हो सके.


कोर्ट के बाहर लगे पुलिस चौकी के बोर्ड को भी वकीलों ने वापिस लगाया. इतना ही नहीं करीब 6 दिन से पुलिस के साथ चली आ रही तल्खी बाद आज वकीलों कोर्ट के बाहर लगे पुलिस चौकी के बोर्ड को भी वापस लगा दिया. इस बोर्ड को सोमवार जो गुस्साए वकीलों ने तोड़ दिया था. सोमवार को हंगामे के दौरान वकीलों ने बाइक सवार एक पुलिस कर्मी की साकेत कोर्ट के ही बाहर पिटाई कर दी थी. जिसके वीडियो के वायरल होने के बाद ही दिल्ली पुलिसकर्मियों में रोष बेहद बढ़ गया था. और फिर हजारों पुलिस कर्मी पुलिस हेड क्वार्टर के बाहर प्रोटेस्ट पर बैठ गए थे.




 



 


हड़ताल अभी जारी रहेगी.


 


हालांकि साकेत कोर्ट के वकीलों का कहना है कि हड़ताल अभी जारी रहेगी. और अदालत प्रॉक्सी वकीलों के जरिये ही चलेगी. वकीलों की मांग है कि जिन पुलिस कर्मियों ने शनिवार को तीस हज़ारी में हंगामे के दौरान वकीलों पर गोली चलाई थी उनकी गिरफ्तारी के बाद ही ये अपनी हड़ताल वापस लेंगे.


70 लाख के गबन की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने किया सरेंडर, ये है पूरा मामला


गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचारियों को लेकर कड़ा रुख अपना लिया है. फरार पुलिस निरीक्षक और उसकी टीम पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया, जिसके कुछ देर बाद ही लक्ष्मी सिंह चौहान ने मेरठ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. एक छापेमारी के दौरान बरामद की गई राशि से 70.2 लाख रुपये के गबन का आरोप लगने के बाद चौहान अपनी टीम के साथ फरार चल रही थी. चौहान के साथ ही उनकी टीम में शामिल छह अन्य पुलिसकर्मियों पर भी 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.


लगभग एक महीने पहले दबोचे गए एटीएम लुटेरों से बरामद करीब डेढ़ करोड़ की रकम में से 70 लाख का गबन करने की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान को आखिरकार जेल जाना पड़ा. दरअसल, जिले की एंटी करप्शन कोर्ट द्वारा बुधवार को लक्ष्मी चौहान सहित सभी आरोपी छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी होने के बाद सभी ने अदालत में सरेंडर की अर्जी डाली थी. जिसके बाद लक्ष्मी चौहान एक कांस्टेबल सहित अदालत में पेश हुई, जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.


इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह पर एसएसपी नोएडा, वैभव कृष्ण द्वारा 25 हजार का इनाम रखा गया था. लक्ष्मी सिंह के साथ सिपाही धीरज भारद्वाज ने मेरठ में एंटी करप्शन की कोर्ट में सरेंडर किया है. इससे पहले एसएचओ लक्ष्मी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने लक्ष्मी सिंह समेत सभी आरोपी पुलिस कर्मियों की अग्र‍िम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था.


बैंक एटीएमों पर रुपये भरने का काम देख रही सीएमएस इन्फो-सिस्टम कंपनी पर छापा मारने के बाद अक्टूबर में चौहान को निलंबित कर दिया गया था.


छापेमारी के दौरान बरामद किए गए कुल रुपये में से चौहान और उसकी टीम ने कथित तौर पर 70.2 लाख रुपये ले लिए थे. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि चौहान दूसरी कार में रुपयों से भरा बैग रख रही हैं. पुलिस निरीक्षक को उसकी टीम के साथ निलंबित कर दिया गया था लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही वह फरार हो गए.



लक्ष्मी सिंह चौहान ने अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन उसे अदालत ने खारिज करते हुए आरोपियों की संपत्ति को जब्त करने के आदेश दे दिए.


पत्नी का कटा हुआ सिर लेकर थाने पहुंचा पति, हैरत में पड़ गए पुलिस वाले

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा से एक बेहद ही सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां जिले के एत्माद्दौला क्षेत्र में पत्नी का सिर काटकर फरार हुआ पति सोमवार को हरीपर्वत पुलिस थाना पहुंच गया. पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. पति को पत्नी का सिर हाथ में लेकर थाने पहुंचा देख पुलिस वाले भी हैरत में पड़ गये. इसके बाद हरीपर्वत थाना पर आला अधिकारी भी पहुंचे.



मामले पर पुलिस निरीक्षक अजय कौशल ने बताया कि आरोपी नरेश कुमार बघेल कछपुरा मेहताब बाग का निवासी है. पत्नी से उसकी नहीं बनती थी. आरोपी कछपुरा चौराहा पर टीवी की दुकान पर मैकेनिक था. उसे एक लड़का और तीन लड़कियां हैं. पुलिस ने उसका मेडिकल कराकर उसे जेल भेज दिया.




 



 


 


इसके बाद पुलिस अब मामले की हर एंगल से जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. फिलहाल अभी उससे और उसके पड़ोसियों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस मामले की तह में जाने की कोशिश कर रही है.


मर्दानी 2' से वापसी कर रहीं रानी मुखर्जी

बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी अपनी चर्चित फिल्म 'मर्दानी' के सीक्वल से 'मर्दानी 2' के साथ अपनी दमदार वापसी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. रानी को उम्मीद है कि पूरा देश इस फिल्म को देखें क्योंकि यह परेशान कर देने वाली सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. रानी का कहना है कि इसमें एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश है.


उन्होंने कहा, "मर्दानी 2' में एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश है और इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए पूरी योजना बनाई गई है. मैं प्रतिक्रियाओं से काफी खुश हूं और वाकई में इस बात से खुश हूं कि ट्रेलर से लोग सहमत हुए हैं."



फिल्म में रानी एक निर्भीक और प्रतिबद्ध पुलिस अफसर शिवानी शिवाजी रॉय के अपने किरदार को दोहरा रही हैं जिसमें रानी एक कम उम्र के, लेकिन कुख्यात अपराधी का डटकर सामना करती हैं.


फिल्म भारत में बलात्कार जैसी उस घृणित सामाजिक अपराध को संबोधित करती है जिसे अधिकतर कम उम्र के युवकों द्वारा अंजाम दिया जाता है.


रानी ने इस पर आगे कहा, "मैं उम्मीद करती हूं कि पूरा देश इस फिल्म को देखें क्योंकि यह कुछ परेशान कर देने वाली सच्ची घटनाओं से प्रेरित है जो हमारे आसपास घटी है और इसे एक व्यक्ति द्वारा अंजाम दिया गया है जिसकी आप उम्मीद तक नहीं कर सकते हैं कि वह इस हद तक किसी को चोट पहुंचा के लायक भी है. किशोरों द्वारा किए गए इस तरह के अपराध एक वास्तविकता है और इस पर गौर फरमाना सभी के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह उन सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है जो इस समाज के लिए बड़े पैमाने पर खतरा पैदा करती है."


आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्मित 'मर्दानी 2' इस बार राजस्थान की पृष्ठभूमि पर आधारित है. यह फिल्म 13 दिसंबर को रिलीज होगी.



 



अयोध्या पर फैसला देने वाले CJI रंजन गोगोई का कोर्ट में आखिरी दिन

नई दिल्ली: जस्टिस रंजन गोगोई आज भारत के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर आखिरी दिन कोर्ट में बैठे. उन्हें हमेशा ऐसे जज के तौर पर जाना जाएगा जो कड़े फैसले लेने में ज़रा भी नहीं चूका. सालों से लंबित अयोध्या विवाद का निपटारा हो या असम में NRC लागू करवाने, जस्टिस गोगोई ने अपनी छवि के मुताबिक काम किया. न खुद कोई मसला टाला, न सरकारी एजेंसियों को उसे लटकाने दिया.


3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें चीफ जस्टिस बने गोगोई का कार्यकाल लगभग 13 महीने का रहा. वह असम के मुख्यमंत्री रहे केशब चन्द्र गोगोई के बेटे हैं. उन्होंने 1978 में वकालत शुरु की. 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्थाई जज बने. 2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए. उनकी छवि एक बेहद सख्त और ईमानदार जज की है.




सुप्रीम कोर्ट में 9 साल से लंबित पड़ा अयोध्या विवाद जब उनकी बेंच में आया तो उसमें तेज़ी आ गई. चीफ जस्टिस गोगोई ने 5 जजों की बेंच का गठन किया और रोज़ाना सुनवाई शुरू कर दी. अपने कार्यकाल में जस्टिस गोगोई हमेशा बात को बेवजह लंबा खींचने वाले वकीलों को रोक दिया करते थे. लेकिन 40 दिन चली अयोध्या मामले की सुनवाई में उन्होंने सबको अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया. इस बात का ध्यान रखा कि किसी पक्ष को यह न लगे कि उसकी बात नहीं सुनी गई. अंत में फैसला दिया तो ऐसा कि वह सदियों के लिए मिसाल बन गया.


अदालती हलकों में इस बात की सराहना की जाती है कि इस संवेदनशील मामले में जस्टिस गोगोई के नेतृत्व में पांचों जजों ने साझा फैसला लिया. फैसला भी ऐसा कि किसी के साथ नाइंसाफी न हो. विवादित ज़मीन पर ज़्यादा मज़बूत दावा रखने वाले रामलला पक्ष को पूरी ज़मीन दी. लेकिन मुसलमानों के साथ पहले हुई ज़्यादती को स्वीकार किया. उसे दुरुस्त करने के लिए उन्हें 5 एकड़ जमीन दी. फैसले में लिखा कि भारत में सबका बराबर सम्मान है. यहां तक कि अपना दावा सही ढंग से साबित न कर पाने वाले विवाद के तीसरे पक्ष निर्मोही अखाड़ा को भी मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट में जगह दी.



फैसला सुनाने के समय को लेकर भी जस्टिस गोगोई सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल में नज़र आए. शुक्रवार 9 नवंबर को यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को मिलने बुलाया. सुरक्षा हालात का जायज़ा लिया. 10 नवंबर को फैसला दे दिया. असम में नागरिकता पहचान रजिस्टर (NRC) तैयार करवाने में उन्होंने बरसों की सरकारी हीला-हवाली को ठीक कर दिया. NRC बनाने की एक समय सीमा तय की, और सुनिश्चित किया कि इस सीमा में काम पूरा हो जाए. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के 2 वरिष्ठतम अधिकारियों आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच हुई तनातनी का मसला भी उन्होंने पूरी परिपक्वता के साथ निपटाया


जस्टिस गोगोई के चीफ जस्टिस बनने से पहले ही उनकी सख्त छवि उस वक्त उभरकर सामने आई थी, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू को अवमानना के एक मामले में कोर्ट में तलब कर लिया. जस्टिस काटजू ने केरल के सौम्या बलात्कार कांड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बेहद तल्ख लहज़े में आलोचना की थी. जस्टिस गोगोई ने इसे अदालत की अवमानना की तरह लिया और काटजू को कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी कर दिया. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट का कोई पूर्व जज कोर्ट में इस तरह से पेश हुआ हो. हालांकि, बाद में वकीलों की दरख्वास्त पर जस्टिस गोगोई ने काटजू को चेतावनी देकर जाने दिया.


12 जनवरी 2018 को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के रवैये पर सवाल उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों में जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल थे. हालांकि, बाद में उनके जस्टिस मिश्रा से बहुत अच्छे संबंध रहे.


चीफ जस्टिस के तौर पर काम संभालने के पहले दिन महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाने वाले जस्टिस गोगोई आज फिर राजघाट गए. आज वह सिर्फ कुछ मिनटों के लिए कोर्ट में बैठे. परंपरा के मुताबिक अगले चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े उनके साथ बैठे. इस दौरान जस्टिस गोगोई ने अपने सम्मान में कुछ कह रहे एक वकील को मुस्कुराते हुए धन्यवाद कहा. सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को चिट्ठी भेज कर उनकी भी सराहना की. कहा, "आपने कठिन मौकों पर ज़िम्मेदारी से काम किया. लोगों तक सही जानकारी पहुंचाई."


 


 


 


 





मंगलवार, 5 नवंबर 2019

11 घंटों के बाद खत्म हुआ दिल्ली पुलिस का धरना, अधिकारियों का दावा- सभी मांगें मानी गई


नई दिल्ली: दिल्ली में आज अजीबोगरीब स्थिति बन गई जब पुलिस के सैकड़ों कर्मचारी पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने लगे. पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन करीब 11 घंटों तक जारी रहा. शाम-शाम तक कई वरिष्ठ अधिकारी पुलिसकर्मियों के बीच पहुंचे और भीड़ को पुलिस मुख्यालय से हटा दिया.


इससे पहले पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने खुद प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी डटे रहे. उसके बाद कई वरिष्ठ अधिकारी पुलिसकर्मियों के बीच आए. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा ने प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से कहा कि आप वापस लौट जाएं. दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे.


क्यों हुआ धरना?
पुलिसकर्मी साकेत कोर्ट के बाहर सोमवार को अपने एक साथी पर हुए हमले का विरोध कर रहे थे और उन्होंने हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने अपनी मांगे रखते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों से मारपीट करने वाले वकीलों के लाइसेंस वापस लिए जाएं और पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन आदेश रद्द किए जाएं.


साकेत अदालत के बाहर सोमवार को वकीलों ने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी थी. घटना के एक वीडियो में, वकील बाइक पर सवार एक पुलिसकर्मी को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं. वकीलों में से एक को पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारते भी देखा गया.


पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच तनाव के हालात शनिवार से बनने शुरू हो गए थे जब पार्किंग को लेकर हुई झड़प में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे. इस बीच साकेत जिला न्यायालय के बाहर बाइक पर सवार एक वर्दीधारी पुलिसकर्मी को कुहनी और थप्पड़ मारने वाले एक वकील के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.


जब पुलिसकर्मी घटनास्थल से जा रहे थे, तब वकील ने उसके हेलमेट को उसकी बाइक पर दे मारा. प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मी पर हमला करने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


पटनायक का आश्वासन
प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा होने लगे तो यातायात धीमा पड़ गया. ऐसे में पटनायक अपने कार्यालय से बाहर आए और उन्होंने पुलिसकर्मियों को आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा. पटनायक ने कहा, ''हमें एक अनुशासित बल की तरह व्यवहार करना होगा. सरकार और जनता हमसे कानून व्यवस्था को कायम रखने की उम्मीद रखती है, यह हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है. मैं अनुरोध करता हूं कि आप लोग काम पर लौट जाएं.''


 


उन्होंने मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए पुलिसकर्मियों से कहा, ''बीते कुछ दिन हमारे लिए परीक्षा की घड़ी रहे हैं. न्यायिक जांच चल रही है और मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप प्रक्रिया में भरोसा बनाए रखें.'' दिल्ली पुलिस में 80,000 से अधिक कर्मी हैं. उसके बाद शाम तक कई वरिष्ठ अधिकारी आए और उन्होंने पुलिस कर्मियों से घर लौटने की अपील की.


 


'हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो'
प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने काली पट्टियां बांध रखी थीं और वे न्याय की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे. दिल्ली पुलिस के समस्त शीर्ष अधिकारी उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे थे. पुलिसकर्मियों ने तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था, ''पुलिस वर्दी में हम इंसान हैं,'' ''हम पंचिंग बैग नहीं हैं'' और ''रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत''. उन्होंने अपने वरिष्ठों से अनुरोध किया कि वर्दी का सम्मान बचाने की खातिर वे उनके साथ खड़े रहें.


 


इस टकराव से कई पुलिसकर्मियों को 1988 में हुई ऐसी ही घटना की याद ताजा हो आयी जब वकीलों और पुलिस में संघर्ष हुआ था और उस विवाद के केंद्र में पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी थीं. कई पुलिसकर्मी प्रदर्शन के दौरान बेदी के पोस्टर लिए हुए थे और नारे लगा रहे थे- ''किरण बेदी शेरनी हमारी'' और ''हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो.'' किरण बेदी इस समय पुदुचेरी की उप राज्यपाल हैं.


 


दिल्ली पुलिस के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी मधुर वर्मा ने सवाल करते हुए लिखा, ''मैं क्षमा चाहता हूं...हम पुलिस हैं...हमारा कोई वजूद नहीं है... हमारे परिवार नहीं हैं... हमारे मानवाधिकार नहीं हैं!!!'' वर्मा फिलहाल अरूणाचल प्रदेश के उप महानिरीक्षक हैं. आईपीएस एसोसिएशन ने भी इस हमले की निंदा की और ''अपमान'' तथा ''हमले'' का सामने करने वाले अपने साथियों के साथ एकजुटता दिखाई.


 


केंद्र सरकार दिल्ली की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ''हम दिल्ली के हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. एक न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच के नतीजे आने दीजिए.''


सोमवार, 4 नवंबर 2019

तीस हजारी हिंसा के विरोध में कई राज्यों के वकील लामबंद, आज करेंगे हड़ताल

 



  • राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ के वकीलों का दिल्ली के वकीलों को समर्थन

  • दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई थी हिंसक झड़प


दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा मामले को लेकर देश के कई हिस्सों में वकीलों का विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकीलों ने दिल्ली के वकीलों का समर्थन किया है. हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकीलों ने तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा के खिलाफ दिल्ली के वकीलों के समर्थन में सोमवार को हड़ताल करने और कामकाज ठप रखने का भी ऐलान किया है.


राजस्थान बार काउंसिल ने बयान जारी कर कहा कि दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के खिलाफ जिस तरह की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की, उसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हम वकीलों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं. दिल्ली पुलिस की फायरिंग में वकीलों को गंभीर चोट आई है. यह घटना दिल्ली पुलिस के क्रिमिनल व्यवहार का सबूत है.


 


दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यायिक जांच के लिए आदेश


वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच रिटायर जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में की जाएगी और 6 सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी. इस जांच में सीबीआई के डायरेक्टर, आईबी के डायरेक्टर, विजिलेंस डायरेक्टर या सीनियर अधिकारी मदद करेंगे. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को घायल वकीलों के बयान दर्ज करने और आरोपी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का भी निर्देश दिया है.


दिल्ली पुलिस भी जांच के लिए गठित करे कमीशन: HC


दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नर तीस हजारी हिंसा मामले की आंतरिक जांच के लिए स्वतंत्र कमीशन का भी गठन करें. यह आंतरिक जांच 6 सप्ताह में पूरी की जाए और रिपोर्ट सौंपी जाए. कोर्ट ने स्पेशल सीपी संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह को जांच पूरी होने तक स्थानांतरित करने के आदेश भी दिए हैं.


घायल वकीलों को मुआवजा देने का निर्देश


दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को घायल वकीलों का एम्स में इलाज कराने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार घायल वकील विजय वर्मा को 50 हजार रुपये और दो अन्य वकीलों को क्रमशः 15 हजार और 10 हजार रुपये का फौरन मुआवजा दे. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दलील दी कि तीस हजारी हिंसा मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है. साथ ही मामले की जांच क्राइम  ब्रांच की एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई है. हालांकि हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ.


अयोध्या मसले पर है पूरी तैयारी, माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ NSA के तहत होगी कार्रवाई- डीजीपी ओपी सिंह

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 17 नंवबर से पहले फैसला आ सकता है. फैसले के वक्त कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि शरारती तत्वों से निपटने के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह से तैयार है और अगर जरूरत पड़ी तो उन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे.



ओपी सिंह ने कहा कि हमारा इंटेलीजेंस पूरी तरह सक्रिय है. हमने सभी पुलिस अधीक्षकों और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है कि समुदाय से जनता से संपर्क बनाए रखें. किसी भी परिस्थिति में किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं होगी. हमारे वालंटियर्स और पुलिसकर्मी चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए हैं.



 




बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली थी. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इस पर सुनवाई की है और ज्यादा संभावना है कि यह पीठ 15 नवंबर तक फैसला सुना देगी. चीफ जस्टिस गोगोई ने दो अलग-अलग केस की सुनवाई के दौरान अयोध्या मामले में फैसला लिखने में अपनी व्यस्तता की ओर इशारा कर चुके हैं.




मामले की सुनवाई करने वाली बेंच (पीठ) के अध्यक्ष चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. 16 नवंबर को शनिवार है और 17 नवंबर को रविवार है. ऐसे में फैसला इन दो तारीखों से पहले आ सकता है.



पैनकार्ड नहीं है तो रुक जाएंगे आपके ये जरूरी काम


नई दिल्लीः पैन कार्ड या पर्मानेंट अकाउंट नंबर एक जरूरी डॉक्यूमेंट हो गया है. टैक्स चोरी और काले धन पर नज़र रखने के लिए सरकार ने इसे बहुत सारी सेवाओं में अनिवार्य कर दिया है. फाइनेंशियल लेनदेन से लेकर प्रॉपर्टी खरीदने, विदेश जाने टिकट बुकिंग के लिए भी अब पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है. बैंक खातों से जुड़े काम, इनकम टैक्स भरने के लिए भी पैन नंबर की जरूरत पड़ती है. तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो जरूरी काम जहां आपको पड़ेगी पैन कार्ड की जरूरत...




    1. बैंक में अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है. इसके साथ ही अगर आप फिक्स डिपॉजिट करवाना चाहते हैं तब भी आपको पैन कार्ड देना होगा. नए नियमों के मुताबिक बिना पैन कार्ड के ये दोनों ही काम अब मुश्किल हो गए हैं.





    1. किसी भी बैंक में अब 50 हजार रुपये या उससे अधिक पैसा जमा कराने के लिए भी पैन कार्ड देना होगा. डेबिट या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते समय भी पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी.





    1. 50,000 से अधिक मूल्य के म्यूचुअल फंड, डिबेंचर, बॉन्ड खरीदने के लिए पैन कार्ड देना होगा. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए भी पैन जरूरी है.





    1. हर किसी का सपना होता है कि उसके पास अपनी गाड़ी हो. लेकिन अब उस सपने को पूरा करने के लिए भी पैन कार्ड जरूरी है.
      अगर आप गाड़ी खरीद रहे हैं या बेच रहे हैं तो आपको पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी.





    1. अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और आपने अभी तक पैन कार्ड नहीं बनवाया है तो रूक जाइए. बिना पैन कार्ड के आप पापर्टी नहीं खरीद पाएंगे.





    1. अगर आप विदेश जाने का मन बना रहे हैं और उसके लिए हवाई टिकट बुक करने जा रहे हैं तो भी पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी.





    1. अगर आप शेयर मार्केट में इंवेस्ट करना चाहते हैं तो आपको पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी. एक निश्चित अमाउंट से ज्यादा राशि के स्टॉक खरीदने के लिए शायद आपको पैन कार्ड के बिना दिक्कत हो सकती है.



 




    1. होटल या रेस्तरां में 50,000 से अधिक पेमेंट के लिए आपको पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी.



 


 


ऑनलाइन पैन कार्ड बनाने की प्रक्रिया है बेहद आसान 


 


ऑनलाइन पैन कार्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद आसान है. इसके लिए आपके ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. एप्लिकेशन सब्मिट करने के लिए आपको PAN Services Unit की वेबसाइट पर कई डॉक्यूमेंट अपलोड करने की जरूरत पड़ेगी.


 


फॉर्म भरने के साथ ही आपको अपने सारे डॉक्यूमेंट को सारे डॉक्यूमेंट को इनकम टैक्स ऑफिस के पास पोस्ट करना होगा. तभी आवेदन की प्रक्रिया पूरी होगी. वेबसाइट पर फॉर्म भरने के बाद आप अपने एप्लिकेशन को पैन कार्ड ऑफिस भेज दें. यह प्रोसेसर पूरा होने के बाद कार्ड को आपके घर के पते पर भेज दिया जाता है. इस दौरान अगर आपको कहीं कोई दिक्कत आती है तो आप हेल्पलाइन नंबर (18001801961) का इस्तेमाल कर सकते हैं.


 


कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी


 


पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, फोटो वाला राशन कार्ड, आर्म्स लाइसेंस, केंद्र सरकार या राज्य सरकार या किसी पीएसयू द्वारा जारी किया गया फोटो पहचान पत्र, तस्वीरों वाला पेंशन कार्ड, सेंट्रल गवर्मेंट हेल्थ सर्विस स्कीम कार्ड या एक्स सर्विसमेन कॉन्ट्रिब्यूट्री हेल्थ स्कीम फोटो कार्ड, सांसद या विधायक या पार्षद या गैजेटेड अफसर द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ पहचान पत्र का सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया जा सकता है.


 


ऐसे ऑनलाइन अप्लाई करें


 


1. सबसे पहले आपको इनकम टैक्स के पैन सेवा (सर्विस युनिट) से जुड़ी वेबसाइट पर क्लिक करना होगा. वेबसाइट का लिंक है नीचे दिया गया है- https://tin.tin.nsdl.com/pan/


 


2. इस पर क्लिक करते ही पैन कार्ड के लिए अप्लाई करने वाला होम पेज खुल जाएगा. यहां आपको कई ऑप्शन मिलेंगे. जैसे- नए पैन कार्ड के लिए एप्लिकेशन फॉर्म, अप्लाई किए गए पैन कार्ड की वर्तमान स्थिति का जायजा, पुराने/खो गए पैन कार्ड की फिर से प्राप्ति और पैन कार्ड में दी गई जानकारियों में सुधार. यहां आप आपनी सुविधा के अनुसार अपना ऑप्शन चुन सकते हैं.


 


3. नए पैन कार्ड के लिए अप्लाई करते समय आपको फॉर्म 49-ए भरना पड़ेगा. आप इस वेबसाइट पर जाकर इस फॉर्म को भर सकते हैं. सारी जानकारियां भरकर फॉर्म को जमा करना होगा.


 


4. फॉर्म ऑनलाइन जमा हो जाने के बाद आपके सामने एक 15 अंको का एक्नॉलेजमेंट नंबर आएगा. आपको यह नंबर संभाल कर रखना होगा.


 


5. इस एक्नॉलेजमेंट फॉर्म को आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में भेजना पड़ेगा. इसे भेजने के पहले आपको इसके साथ कुछ और डॉक्यूमेंट्स लगाने होंगे. इनमें आपके पते से जुड़ा कोई एक डॉक्युमेंट और आपकी पहचान से जुड़ा कोई एक डॉक्युमेंट आपको एक्नॉलेजमेंट फॉर्म के साथ लगाना होगा. इस बात का ध्यान आपको खास तौर पर रखना होगा कि आपका नाम एक्नॉलेजमेंट फॉर्म पर ठीक वैसे ही लिखा हो जैसा कि आपके बाकी के डॉक्यूमेंट्स में लिखा है.


दिल्ली में ऑड-ईवन का विरोध कर रहे विजय गोयल ने ईवन दिन पर चलाई ऑड नंबर की कार, कटा चालान



राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण ने जीना मुहाल कर दिया है. दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए ऑड ईवन लागू किया है. मतलब आज से 15 नवंबर तक सड़कों परआधी गाड़ियां ही चलेंगी.


बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल का दिल्ली पुलिस ने चार हजार रुपए का चालान काट दिया है. विजय गोयल ऑड-ईवन योजना का विरोध कर रहे थे. वह आज अपने घर से ऑड नंबर की गाड़ी से निकले थे. जबकि आज ईवन नंबर की कारों का दिन है.


विजय गोयल अपने घर से आज ऑड नंबर की कार से निकले. जबकि आज ईवन नंबर की कार का दिन है. गोयल ने पहले ही एलान कर दिया था कि वह दिल्ली में लागू ऑड-ईवन योजना का विरोध करेंगे.विजय गोयल ने कहा है कि कल मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चौंकाने वाले खुलासे करूंगा. केजरीवाल ने दिल्ली में सिर्फ 50 लाख मास्क बांटे हैं. जबकि जनता दो करोड़ है. केजरीवाल विज्ञापन देकर अपनी कमियां छुपा रहे हैं. केजरीवाल खांसना बंद हो गए हैं. अब पूरी दिल्ली खांस रही है.विजय गोयल ने कहा है कि ऑड-ईवन का पिछली बार भी कोई फायदा नहीं हुआ. सिसोदिया ने कहा है कि पराली से सिर्फ दो फीसदी प्रदूषण हुआ है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सिर्फ विज्ञापन छापे हैं. कोई काम नहीं किया.बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा है, ऑड-ईवन सिर्फ चुनावी ड्रामा है. केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच सालों में प्रदूषण पर कोई काम नहीं किया है. ये मेरा चैलेंज है. उन्होंने कहा कि अगर प्रदूषण पराली से हो रहा है तो दिल्ली में ऑड-ईवन लागू करने की क्या जरूरत है. मुझे दुख है कि मैं इस योजना का विरोध कर रहा हूं.मनोज तिवारी ने कहा है कि अपनी गलतियों को छिपाने के लिए केजरीवाल पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जिन राज्यों में पराली जलाई जाती है, वहां तो गैस चैंबर नहीं बना है.दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि केजरीवाल के समय में जितना प्रदूषण फैला है उतना कभी नहीं फैला. केजरीवाल ने सिर्फ अपना चेहरा चमकाने के लिए जनता का पैसा खर्च किया है. आज सड़कों पर धूल है. उन्होंने कहा है कि केजरीवाल ने दिल्ली को गैस चैंबर बना दिया है. मोदी जी ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस बनाकर पहले ही काफी प्रदूषण कम कर दिया है.


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