प्रयागराज: सपा सांसद मोहम्मद आज़म खान को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आज़म खान के खिलाफ किसानों की ज़मीन कब्ज़ा करने के मामले में दर्ज उनतीस मुकदमों के अमल पर रोक लगा दी है. पुलिस या कोई भी दूसरी जांच एजेंसी इन मुकदमों में हाईकोर्ट की रोक जारी रहने तक आज़म व दूसरे आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकती है.
इन उनतीस मुकदमों में आज़म खान फौरी तौर पर गिरफ्तार भी नहीं हो सकेंगे. अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार से डिटेल्स हलफनामा मांगा है. इतना ही नहीं अदालत ने बीजेपी नेता और आज़म के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी जयाप्रदा को नोटिस जारी कर उनसे भी जवाब तलब कर लिया है. आज़म खान ने अपनी अर्जी में जयाप्रदा को भी पक्षकार बनाया था.
इन मामलों में आज़म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले किसानों ने भी हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर रखी थी. किसानों के एतराज के बावजूद एफआईआर के अमल होने पर रोक के अदालत के फैसले को आज़म को मिली बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. आज़म के खिलाफ यह सभी आपराधिक मुक़दमे जुलाई महीने में दर्ज किये गए थे. इनमें से सत्ताइस एफआईआर किसानों ने दर्ज कराई थीं, जबकि दो राजस्व विभाग के अफसरों ने. आज़म खान ने इन एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ यह सभी मामले सरकार के दबाव में सियासी बदले की भावना से दर्ज कराए जा रहे हैं. किसानों ने इस मामले में कैविएट भी दाखिल की थी.
इस मामले की सुनवाई पिछले दो दिनों से जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजू रानी चौहान की डिवीजन बेंच में चल रही थी. अदालत ने आज दिए गए इंटरिम आर्डर में आज़म को फौरी तौर पर राहत दी और उनतीस एफआईआर के अमल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी. अदालत ने यूपी सरकार व बीजेपी नेता जयाप्रदा से जवाब भी मंगा है. हाईकोर्ट इस मामले में अब चौबीस अक्टूबर को फिर से सुनवाई करेगा. आज़म खान के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में अस्सी से ज़्यादा मुक़दमे दर्ज हुए हैं. आज मिली राहत के आधार पर वह बाकी मामलों में भी राहत की उम्मीद के साथ जल्द ही अर्जी दाखिल कर सकते हैं.
आपको बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी को किसानों की जमीने कब्जाकर बनवाने का आरोप आजम खान पर है. यही नहीं हमसफर गेस्टहाउस के लिए भी सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जे का आरोप है. पेड़ काटने से लेकर बिजली चोरी तक के आरोपों से आजम खान और उनका परिवार घिरा है.
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