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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

चिन्मयानंद केस

 



यूपी पुलिस की एसआईटी ने बुधवार शाम को अचानक एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई. लगा आज स्वामी चिन्मयानंद पर कोई बड़ा खुलासा होने वाला है. मगर जैसे ही प्रेस काफ्रेंस खत्म हुई तो लगा कि मानो ये किसी पुलिस वाले की नहीं बल्कि किसी नेता की प्रेस कांफ्रेंस हो. सवाल स्वामी चिन्मायनंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, गिरफ्तार करने, सबूत जमा करने, पीड़ित लड़की की शिकायत करने को लेकर पूछे जा रहे थे. और उधर से जवाब कुछ यूं आ रहे थे. धैर्य रखिए. हर पहलू पर धैर्य के साथ जांच की जा रही है. सोशल मीडिया और समाज से अपील है कि वो मीडिया ट्रायल ना करें. मीडिया ट्रायल से डिफेंस मजबूत होता है. याद नहीं आता कि यूपी पुलिस ने रेप के किसी मामले में इससे पहले कभी ऐसा ज्ञान बांटा हो.


लड़की एसआईटी की नीयत को लेकर सवाल उठा रही है. शिकायत कर रही है कि उसके गुनहगार को पकड़ा क्यों नहीं जा रहा है? लड़की पीड़ित है. उसका हक बनता है शिकायत करने का. मगर ये क्या? जिन्हें लड़की को इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, एसआईटी के वही मुखिया धमका रहे हैं कि वो मीडिया की शिकायत लेकर प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के पास जाएंगे. शायद साहब को मीडिया में चल रही खबरें पसंद नहीं आ रहीं.


पीड़ित लड़की एसआईटी की नीयत को लेकर सवाल उठा रही है. शिकायत कर रही है कि उसके गुनहगार को पकड़ा क्यों नहीं जा रहा है? लड़की पीड़ित है। उसका हक बनता है शिकायत करने का. मगर ये क्या? जिन्हें लड़की को इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, एसआईटी के वही मुखिया धमका रहे हैं कि वो मीडिया की शिकायत लेकर प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के पास जाएंगे. शायद साहब को मीडिया में चल रही खबरें पसंद नहीं आ रहीं.




पीड़िता का कहना है कि ये कहा जा रहा था बहुत बड़ा आदमी है. प्रोसेस में टाइम लग रहा है.


बड़ा आदमी तो है. बड़ा तो इतना है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस आरती उतार रही है. नमस्ते प्रणाम चरण स्पर्श कर रही है. कह रही है हे चिन्मयानंद हम शर्मिंदा हैं जो हमारे रहते एक गुस्ताख लड़की आपके आनंद में विघ्न डालने की धृष्टता कर रही है.


जांच करने वाली एसआईटी के प्रमुख आईजी नवीन अरोड़ा कह रहे हैं कि एफआईआर मुकदमें के बारे में अभी नहीं बता सकता.


साहब कह रहे हैं अभी कुछ नहीं बता सकता. धैर्य रखिए. इंतजार कीजिए. अभी बता नहीं सकता कि स्वामी जी के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज होगी या नहीं. इसलिए गिरफ्तारी के बारे में भी नहीं सोचा है अभी.


पीड़िता का कहना है 'अब क्यों नहीं हो रहा वो (स्वामी चिन्मयानंद) गिरफ्तार. अब किस चीज का इंतजार किया जा रहा है.


ऐसे कैसे कर लेगी गिरफ्तार. ये लड़की न तो सरकार को समझती है. न कानून को. न प्रशासन को न पुलिस को. और समाज को तो बिल्कुल ही नहीं. कुछ भी बोले जा रही है.


एसआईटी चीफ नवीन अरोड़ा कह रहे हैं कि वीडियो की जांच होगी. फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही रेप के बारे में कहा जा सकता है.


पीड़िता का कहना है कि कानून प्रशासन किस चीज का इंतजार कर रहा है. चिन्मयानंद को अब तक अरेस्ट क्यों नहीं किया जा रहा है?


कोई समझाए इसे कि बलात्कार का आरोपी बाबा हो. बीजेपी का राज हो. बाबा बीजेपी की सरकार में मंत्री रहा हो. तो बलात्कार के आरोप उसके प्रताप में गिने जाते हैं. सरकार पांव पखारती है और पुलिस सलाम ठोकती है.


एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा कह रहे हैं कि सबूत फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है. मसाज का वीडियो भी.


पीड़िता का कहना है 'मुझे तो ऐसा लग रहा है कि सरकार इस बात का इंतजार करती है कि लड़की खुद मर जाए या परिवार को कुछ हो जाए.'


उत्तर प्रदेश की सरकार, उत्तर प्रदेश की पुलिस और उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे में आग लगा दी है. उसने अपना नारा बाबा बचाओ बना लिया है.


पीड़िता का साफ कहना है 'मुझे लग रहा है कि उसके खिलाफ कुछ न ढूंढ के उसको बचाने के लिए कुछ ढूंढा जा रहा है.'


यूपी सरकार तो अध्यात्म की पुरातन परंपरा का निर्वाह भर कर रही है. ये राजा का दायित्व है कि वो अपने संतों, साधुओं फखीरों की रक्षा करे. इसीलिए बेटी बचाओ और बाबा बचाओ में उसने बाबा बचाओ को अपना धर्म बना लिया है. बीजेपी के राज में बेटी चीख रही है कि तुम्हारा बाबा बलात्कारी है. तुम्हारा बाबा बलात्कारी है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी चिन्मयानंद से अपना पुराना भाईचारा निभा रही है.


एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा के मुताबिक 'आपको किसी ना किसी एजेंसी में फेथ करना पड़ेगा. अगर जांच गलत जा रही है तो कोर्ट मॉनिटर कर रही है. मीडिया ट्रायल से हम अपनी विवेचना को नहीं छोड़ेंगे.'


पीड़िता कहती है 'क्या ये इस चीज का इंतजार कर रहे हैं, तो मुझे ऐसे बता दें मैं मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ले रही हूं अपने आप को.'




एसआईटी का नाम स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम से बदलकर सुस्त इन्वेस्टीगेशन टीम कर देना चाहिए. या स्वामी इंटेलीजेंस टीम. जो स्वामी के लिए स्वामी के कहने पर स्वामी की सुविधा के हिसाब से काम करे.


पीड़िता बताती है 'अगर मान लो कोई नॉर्मल आम आदमी होता तो पहले ही 376 लगा देते. अरेस्ट हो जाता वो.'


यही तो बात है कि स्वामी सामान्य आदमी नहीं होता. और स्वामी चिन्मयानंद तो बिल्कुल नहीं. ये स्वामी बीजेपी का स्वामी है. ये स्वामी वाजपेयी मंत्रिमंडल का स्वामी है. ये स्वामी यूपी की सत्ता का स्वामी है. ऐसे स्वामियों पर बलात्कार की धारा जोड़ने में भी सरकार के हाथ थरथरा जाते हैं.


नवीन अरोड़ा कहते हैं 'हम सबको कई बार बयान के लिए बुला चुके हैं. बहुत धैर्यपूर्वक हर पहलू को देख रहे हैं.'


जबकि पीड़िता कहती है 'मुझे इस टाइम किसी पर भी भरोसा नहीं है जब तक कि वो अरेस्ट नहीं होगा'


बीजेपी सरकार को बेटी के भरोसे से क्या लेना देना. बाबा का भरोसा बचा रहना चाहिए. बाबा का भरोसा बचा रहेगा तो कानून बचा रहेगा. बाबा का भरोसा बचा रहेगा तो सरकार बची रहेगी. बाबा का भरोसा बचा रहेगा तो सभ्यता बची रहेगी. बाबा का भरोसा बचा रहेगा तो संस्कृति बची रहेगी. समाज बचा रहेगा. बेटियों का क्या है. बाबाओं के अखंड सत्ता के आगे छटपटाती रहेंगी.


पीड़िता बताती है 'बहुत ज्यादा गंभीर वीडियो हैं वो हम लोग एसआईटी को दे चुके हैं.'


ऐसा लगता है एसआईटी उस वीडियो को देखते हुए चिंतन में डूबी है कि चिन्मयानंद को बचाया कैसे जाए. जिन आरोपों पर कोई साधारण आदमी अगले घंटे जेल में होता, उन आरोपों में चिन्मयानंद हरि ओम हरि कर रहा है. इसी को कहते हैं बाबा राज केवलम.






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