लखनऊ: अयोध्या विवादित ढांचा गिराए जाने के आपराधिक मामले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राजस्थान के पूर्व गवर्नर कल्याण सिंह को समन जारी कर 27 सितंबर को तलब किया है. स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव ने बार के सदस्यों की सूचना पर खुद संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया है. बीते नौ सितंबर को सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट से इस मामले में कल्याण सिंह को तलब करने की मांग की थी. सीबीआई ने कहा था कि कल्याण सिंह अब संवैधानिक पद पर नहीं हैं, लिहाजा उन्हें इस मामले में बतौर आरोपी समन जारी किया जाए. इस मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है, लेकिन राज्यपाल होने के नाते उन पर आरोप तय नहीं हो सका था.
सीबीआई की कल्याण सिंह को तलब करने की मांग के बाद विशेष अदालत ने एजेंसी से इस संदर्भ में प्रमाणित तथ्य प्रस्तुत करने को कहा था. 11 सितंबर को सीबीआई प्रमाणित तथ्य दाखिल नहीं कर सकी. उसने कहा कि अभी उसे इस संदर्भ में मुख्यालय से कोई लिखित सूचना प्राप्त नहीं हुयी है, लिहाजा उसे समय दिया जाए. 16 सितंबर को भी सीबीआई प्रमाणित तथ्य दाखिल करने मे असफल रही. साथ ही विशेष अदालत से एक बार फिर से समय की मांग की. 21 सितंबर को भी सीबीआई ने समय देने की मांग की.
हर दिन हो रही मामले की सुनवाई
30 मई, 2017 को इस आपराधिक मामले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट (अयोध्या प्रकरण) ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और विष्णु हरि डालमिया पर आईपीसी की धारा 120 बी (साजिश रचने) के तहत आरोप तय किया था. इसके बाद मामले में सुनवाई शुरू हुई. राज्यपाल होने के नाते कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सका था. सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जिनमें 16 आरोपियों की मौत हो चुकी है. अब इस मामले में 32 आरोपियों के खिलाफ दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है. अभियोजन की ओर से अब तक करीब 336 गवाह पेश किए जा चुके हैं.
19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पूरे करने का आदेश दिया था. हालाकि, अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह अवधि नौ माह के लिए बढ़ा दी है. छह दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुए थे.
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