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शनिवार, 14 जून 2025

गाजियाबाद: टीला मोड़ में पन्नी में लिपटा मिला युवक का शव, कुत्तों ने नोचा, जांच जारी

 


गाजियाबाद

टीला मोड़ थाना क्षेत्र के इन्द्रप्रस्थ आवासीय कॉलोनी में शनिवार को एक बार फिर सनसनीखेज मामला सामने आया, जहां राहगीरों को एक युवक का शव पन्नी में लिपटा हुआ मिला। शव को कुत्ते नोच रहे थे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने कुत्तों को हटाकर शव को कब्जे में लिया।


पुलिस के अनुसार, मृतक की उम्र लगभग 30 वर्ष के आसपास प्रतीत हो रही है और शव कई दिन पुराना लग रहा है। प्रारंभिक जांच से आशंका जताई जा रही है कि युवक की हत्या किसी और जगह की गई है और शव को यहां लाकर फेंका गया है।


पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पहचान की कोशिश की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए टीला मोड़ पुलिस ने जांच तेज कर दी है।


गौरतलब है कि इसी क्षेत्र में 10 जून को भी एक महिला का शव सूटकेस में बरामद हुआ था, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है। पुलिस दोनों मामलों को लेकर सभी पहलुओं से जांच कर रही है और जल्द ही खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।


भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद फिर तैनात हुआ ट्रैफिक कर्मी, जांच के आदेश

 



गाजियाबाद।
ट्रैफिक विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर चुके सचिन दहिया को एक बार फिर उसी पद पर तैनात कर दिया गया है, जहां से उन्हें हटाया गया था। यह तैनाती कमिश्नरेट में नए पुलिस आयुक्त की नियुक्ति के बाद की गई है। मामले के सामने आने पर एडीसीपी ट्रैफिक ने जांच के आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक कार्यालय में तैनात मुंशी सचिन दहिया पर सीज किए गए वाहनों को छोड़ने के एवज में अवैध वसूली का आरोप था। इस शिकायत पर करीब डेढ़ साल पहले तत्कालीन पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने कार्रवाई करते हुए उन्हें ट्रैफिक कार्यालय से हटाकर चौराहे पर ड्यूटी पर भेज दिया था। उस वक्त सचिन दहिया कॉन्स्टेबल थे और हाल ही में हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नत हुए हैं।

अब आरोप है कि सचिन दहिया ने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करते हुए खुद को दोबारा उसी ट्रैफिक कार्यालय में तैनात करवा लिया। 15 दिन पहले ट्रैफिक कार्यालय में मेजर पद पर तैनात नीरज कुमार को हटाकर उनकी जगह सचिन दहिया की नियुक्ति कर दी गई।

एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद का कहना है कि नीरज कुमार को रूटीन प्रक्रिया के तहत हटाया गया था। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि सचिन दहिया पर पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। फिलहाल, पूरे मामले की जांच एसीपी ट्रैफिक को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सचिन दहिया को तत्काल प्रभाव से ट्रैफिक कार्यालय से हटा दिया जाएगा।

पत्रकार सोसाइटी घोटाला: आवास विकास अधिकारी ने खुद के नाम किया फ्लैट, विधायक ने मुख्यमंत्री और सहकारी समिति लखनऊ को लिखा पत्र, मांगा जवाब और की कार्रवाई की मांग

 



भ्रष्टाचार की पढ़िए पूरी खबर


गौतमबुद्ध नगर/गाजियाबाद, 14 मई 2025:

पत्रकार सोसाइटी नोएडा और मीडिया विलेज सहकारी आवास समिति, ग्रेटर नोएडा में एक चौंकाने वाला भ्रष्टाचार सामने आया है, जहां वर्तमान में गाजियाबाद में तैनात उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद (सहकारिता) के सहकारी अधिकारी अरिमर्दन सिंह गौर ने नियमों को ताक पर रखते हुए खुद के नाम पर फ्लैट बुक करवा लिया। यह मामला उजागर होने के बाद गाजियाबाद शहर से विधायक संजीव शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तत्काल जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सहकारी अधिकारी अरिमर्दन सिंह गौर


मामला ऊर्जा सहकारी आवासीय संस्था लिमिटेड, नोएडा और मीडिया विलेज सहकारी समिति, ग्रेटर नोएडा से जुड़ा है, जहां फ्लैट केवल पत्रकारों को आवंटित किए जाने थे। लेकिन सहकारी अधिकारी अरिमर्दन सिंह गौर द्वारा स्वयं के नाम पर प्लॉट प्राप्त किया गया, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। ज़िलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर ने इस मामले में दिनांक 24 जनवरी 2025 को पत्र संख्या 3944/एपीटीओ-एडीओएचएफ/2025 के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी।

विधायक संजीव शर्मा


विधायक संजीव शर्मा का आरोप है कि अरिमर्दन सिंह गौर ने न केवल खुद के नाम पर फ्लैट लिया, बल्कि अपने स्वजन—जैसे भाई-बहन व रिश्तेदारों—के नाम पर भी नियमों को दरकिनार करते हुए पत्रकार सोसाइटी और मीडिया विलेज सोसाइटी में फ्लैट बुक करवा दिए। इस प्रकरण की शिकायतें पहले भी की जा चुकी थीं, लेकिन कार्रवाई न होने से अधिकारी के हौसले और बुलंद हो गए।



विधायक ने यह भी बताया कि जिलाधिकारी की संस्तुति के बावजूद न तो अरिमर्दन सिंह गौर को उनके मूल विभाग में वापस भेजा गया, न ही कोई दंडात्मक कार्रवाई की गई। इसके चलते विधायक ने मांग की है कि अरिमर्दन सिंह गौर को तत्काल उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद, लखनऊ से हटाकर मूल विभाग सहकारिता में भेजा जाए, और गाजियाबाद, नोएडा व ग्रेटर नोएडा में उनकी तैनाती के दौरान की गई गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।


निष्कर्ष:

पत्रकारों के लिए बनाई गई सोसाइटी में इस तरह की अनियमितता न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि सरकारी तंत्र की जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। अब नजर इस पर है कि मुख्यमंत्री और शासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाते हैं।

शुक्रवार, 13 जून 2025

शॉर्ट सर्किट से मकान में लगी आग, परिवार सुरक्षित

 



इंदिरापुरम। कनावनी पुस्ता स्थित एक मकान में गुरुवार शाम उस समय हड़कंप मच गया जब प्रथम तल पर अचानक आग भड़क उठी। यह हादसा करीब 5:40 बजे हुआ। आग लगते ही आसपास के लोगों ने तत्परता दिखाते हुए घर में मौजूद परिवार के पांच से सात सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।


सूचना मिलते ही वैशाली फायर स्टेशन से दमकल वाहन मौके पर पहुंचे। दमकल कर्मियों ने हौज पाइप की मदद से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। इसके बाद स्थिति सामान्य हो सकी।


मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) राहुल पाल ने बताया कि आग दो मंजिला मकान की पहली मंजिल पर लगी थी। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह बिजली के तारों में स्पार्किंग से हुआ शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। मामले की विस्तृत जांच जारी है।


गुरुवार, 12 जून 2025

पित्त की थैली का ऑपरेशन बन गया जानलेवा: महिला की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा, जांच समिति गठित

 



गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में गुरुवार सुबह पित्त की थैली का ऑपरेशन कराने वाली 57 वर्षीय महिला की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को बुलाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सकीय समिति का गठन कर दिया गया है।


ऑपरेशन के एक दिन बाद बिगड़ी तबीयत


मूलरूप से विजयनगर की माता कॉलोनी निवासी किशनलाल की पत्नी अंगूरी देवी को पित्त की थैली में पथरी की शिकायत के बाद बुधवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था। सर्जन डॉ. महेंद्र कुमार द्वारा उसी दिन दोपहर में ऑपरेशन किया गया और फिर उन्हें महिला सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।


परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही अंगूरी देवी की तबीयत बिगड़ने लगी थी, लेकिन न तो कोई डॉक्टर देखने आया और न ही वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया। रात भर स्थिति और गंभीर होती चली गई और गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई।


अस्पताल प्रशासन ने परिजनों पर ही डाला जिम्मा


सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह का कहना है कि ऑपरेशन के बाद मरीज को पानी नहीं पिलाने की सख्त हिदायत दी जाती है, लेकिन परिजनों ने उन्हें पानी पिला दिया, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन एहतियातन जांच के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी बनाई गई है, जिसमें डॉ. संतराम वर्मा (फिजिशियन), डॉ. चरण सिंह (एनेस्थेटिस्ट) और डॉ. शेखर यादव (आर्थोपेडिक सर्जन) शामिल हैं। समिति को तीन दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।


पुलिस ने शांत कराया हंगामा


घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने परिजनों से बातचीत की और उन्हें समझाकर मामला शांत कराया। एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने बताया कि किसी ने अब तक तहरीर नहीं दी है, लेकिन स्थिति को देखते हुए पुलिस तैनात रही।


मामले को लेकर परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि अस्पताल प्रशासन पूरे घटनाक्रम की जांच का भरोसा दे रहा है।


गंगनहर में एक और हादसा: मुरादनगर में दोस्तों के साथ नहाने आया युवक डूबा, एक महीने में सातवीं मौत

 


गाजियाबाद के मुरादनगर में स्थित गंगनहर एक बार फिर हादसे का गवाह बनी हैगौतमबुद्धनगर के कचैड़ा वारसादबाद निवासी दीपक उर्फ देवकुमार, पिता मदन सिंह, रविवार रात करीब 9 बजे दोस्तों के साथ नहाने गया था, लेकिन गहरे पानी में डूब गया।


मदद की गुहार, लेकिन नहीं बच पाया


नहाते वक्त देवकुमार अचानक गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। उसने बचाने के लिए जोर-जोर से चिल्लाया। आसपास मौजूद लोगों ने मदद की कोशिश की, मगर तब तक वह तेज बहाव में समा चुका था।


सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन रात भर की तलाश के बावजूद युवक का कुछ पता नहीं चला। प्रशासन ने अब NDRF को भी मौके पर बुलाने के लिए पत्र भेजा है।



एक महीने में सातवीं मौत, नियम बेअसर


गंगनहर में डूबने की यह एक महीने में सातवीं मौत है, जो प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की पोल खोल रही है।


अब तक हुई अन्य घटनाएं:


3 जून: पंचवटी कॉलोनी, दिल्ली के सचिन की मौत


25 अप्रैल: हर्ष विहार, दिल्ली के जतिन की डूबकर मौत


23 अप्रैल: नंदग्राम, गाजियाबाद के बाशु की मौत


22 अप्रैल: हर्ष विहार के रोहित और शाहदरा के हिमांशु की मौत


1 अप्रैल: दिल्ली के जयदीप की डूबने से मौत



इन सभी घटनाओं के बावजूद गंगनहर में सुरक्षा के कोई प्रभावी इंतजाम नहीं किए गए हैं।


प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में


स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगनहर में नहाने पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है, लेकिन इसके बावजूद न कोई सख्ती है, न ही चेतावनी बोर्ड या निगरानी।


बार-बार हो रहे हादसों के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों ने मांग की है कि गंगनहर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं रोकी जा सकें।


ब्रेकिंग न्यूज़: गाजियाबाद में सूटकेस में मिली महिला की लाश की गुत्थी सुलझी — देवर और ससुर ने की थी गला दबाकर हत्या, शव बाइक से फेंका

 



गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर इलाके में सूटकेस में मिली महिला की लाश की पहचान दिल्ली के करावल नगर की रहने वाली कविता (26) के रूप में हुई है। पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए महिला के ससुर हरवीर और देवर सुमित व गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने घरेलू कलह के चलते कविता की गला दबाकर हत्या की और शव को बाइक से गाजियाबाद लाकर नहर किनारे फेंक दिया।



क्यों की गई हत्या?


पुलिस के मुताबिक कविता का पति सागर ईंट भट्ठे पर काम करता है। जब वह घर से बाहर रहता था, तब उसके ससुर और देवर उसे प्रताड़ित करते थे। पूछताछ में आरोपियों ने माना कि “कविता हमें पसंद नहीं थी, इसलिए उसे मार डाला।”


हत्या 9 जून की रात को की गई। पहले कविता का गला दबाया गया, फिर शव को चादर में लपेटकर सूटकेस में ठूंसा गया। उसके बाद सूटकेस को एक और चादर में लपेटकर बाइक से गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर स्थित नहर के पास फेंक दिया गया।



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CCTV और बाइक नंबर ने खोला राज


घटना के बाद पुलिस ने 10 किमी के दायरे में लगे CCTV कैमरे खंगाले, जिनमें एक बाइक पर दो लोग दिखाई दिए। पीछे बैठे व्यक्ति के पास वही हरा सूटकेस था, जैसा कि घटनास्थल पर मिला। फुटेज के आधार पर बाइक के नंबर से दिल्ली निवासी की पहचान हुई, जिससे पुलिस सीधी आरोपी तक पहुंची।


अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह 3:02 बजे आरोपी नहर किनारे सूटकेस फेंककर वापस दिल्ली लौट गए। लोनी बॉर्डर से दिल्ली की दूरी महज 2 किमी है, और आरोपियों ने सुनसान रास्ता इसलिए चुना क्योंकि रात में वहां गश्त नहीं होती।

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शव मिलने की कहानी


10 जून को लोनी बॉर्डर क्षेत्र में जब कुत्ते एक चादर से लिपटे सूटकेस को खींच रहे थे, तब स्थानीय लोगों ने बदबू और शक होने पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सूटकेस खोलकर देखा तो अंदर महिला की लाश थी, जो तोड़-मरोड़कर पैक की गई थी।



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तीनों आरोपी गिरफ्तार, पति निर्दोष


एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि कविता के पति सागर की हत्या में कोई भूमिका नहीं पाई गई, लेकिन उससे पूछताछ जारी है। ससुर हरवीर और देवर सुमित व गुड्डू को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।


फिलहाल मामले में हत्या की धारा सहित अन्य गंभीर धाराएं जोड़ी जा रही हैं, और जांच के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गई हैं। सर्विलांस की मदद से केस का खुलासा किया गया।



यह वारदात दिल्ली-एनसीआर में घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है।


गाजियाबाद: टीला मोड़ में पन्नी में लिपटा मिला युवक का शव, कुत्तों ने नोचा, जांच जारी

  गाजियाबाद । टीला मोड़ थाना क्षेत्र के इन्द्रप्रस्थ आवासीय कॉलोनी में शनिवार को एक बार फिर सनसनीखेज मामला सामने आया , जहां राहगीरों को एक य...